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पंद्रह कंपनियों के शेयरों में वायदा विकल्प कारोबार 31 से

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बीएसई और एनएसई अगले सप्ताह से इंडियन बैंक और इंटर ग्लोब एविएशन सहित 15 कंपनियों के शेयरों में वायदा एवं

नई दिल्ली। बीएसई और एनएसई अगले सप्ताह से इंडियन बैंक और इंटर ग्लोब एविएशन सहित 15 कंपनियों के शेयरों में वायदा एवं विकल्प कारोबार की शुरुआत करेंगे। जिन कंपनियों में इस कारोबार की शुरुआत होगी उनमें पीवीआर, इक्विटास होल्डिंग्स, रिलायंस डिफेंस एण्ड इंजीनियरिंग, मुथूट फाइनेंस, कैपिटल फस्र्ट, सुजलान एनर्जी, इंफीबीम इंकापर्ोेशन, एस्काटर्स, उज्जीवन फाइनेंशियल विकल्प कारोबार सविर्सिज, पिरामल एंटरप्राइजिज, श्री सीमेंट्स और मैक्स फाइनेंसिशल सर्विसेज शामिल हैं।
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राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का कांग्रेस ने किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट का आदेश बदलवाने के लिए कानूनी विकल्प तलाशने का एलान

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, इस मसले पर सोनिया गांधी से अलग है कांग्रेस पार्टी की राय, पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या देश की संप्रभुता से जुड़ा मामला.

राजीव गांधी के हत्यारों की रिहाई का कांग्रेस ने किया विरोध, सुप्रीम कोर्ट का आदेश बदलवाने के लिए कानूनी विकल्प तलाशने का एलान

कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करके पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के 6 हत्यारों की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट फैसले का विरोध किया. (Photo: Screenshot of Congress PC)

Rajiv Gandhi Assassination Case: Congress Opposses SC order to release 6 convicts: पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा काट रहे सभी 6 हत्यारों की रिहाई के सुप्रीम कोर्ट के आदेश का कांग्रेस पार्टी ने कड़ा विरोध किया है. कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा है कि पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश को बदलवाने के लिए सभी संभव कानून में मौजूद सभी विकल्प आजमाएगी. कांग्रेस ने यह भी कहा है कि इस मामले में उसकी राय पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी से अलग है. कांग्रेस ने कहा कि एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या का अपराध देश की संप्रभुता पर हमला है और ऐसे मामले में सुप्रीम कोर्ट को अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करके रियायत नहीं देनी चाहिए थी.

सुप्रीम कोर्ट का आदेश निराश करने वाला : सिंघवी

कांग्रेस ने कहा कि राजीव गांधी के जेल में बंद सभी हत्यारों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट का आदेश निराश करने वाला है. सिंघवी ने यह भी कहा कि इस मामले में कांग्रेस पार्टी की राय पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और दिवंगत राजीव गांधी की पत्नी सोनिया गांधी से अलग है. सिंघवी ने शुक्रवार को इस मसले पर बुलाई गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “इस कदम ने देश की अंतरात्मा को हिलाकर रख दिया है और तमाम राजनीतिक हलकों में इसकी आलोचना करते हुए गंभीर चिंता का इजहार किया गया है.”

इस मसले पर कांग्रेस पार्टी की राय सोनिया गांधी से अलग

सिंघवी से जब यह पूछा गया कि सोनिया गांधी और प्रियंका गांधी तो राजीव गांधी के हत्यारों को माफ करने की बात कह चुकी हैं, फिर इस मामले में कांग्रेस का रुख उनसे अलग क्यों है, तो कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा, “सोनिया गांधी की अपनी निजी राय हो सकती है. लेकिन उनके प्रति पूरा सम्मान रखने के बावजूद पार्टी उनसे सहमत नहीं है और हम इस मामले में अपनी राय साफ तौर पर जाहिर कर रहे हैं.”

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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दुनिया में गलत संदेश गया : सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश से दुनिया में यह संदेश गया है कि हमने इन हत्यारों के अपराध की गंभीरता को भुलाकर उन्हें राहत दी है. उन्होंने ठंडे दिमाग से एक बड़ी साजिश के तहत देश के एक पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की थी. हमारा मानना है कि देश के पूर्व या तत्कालीन प्रधानमंत्री की हत्या का सीधा असर देश की संप्रभुता, एकता, अखंडता और पहचान पर पड़ता है. शायद यही वजह है कि केंद्र सरकार ने इस मामले में कभी भी राज्य सरकार की राय को नहीं माना. गौरतलब है कि तमिलनाडु की राज्य सरकार हत्यारों की सजा माफी के पक्ष में रही है और उसने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है.

पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या देश की संप्रभुता पर हमला : सिंघवी

सिंघवी ने यह सवाल भी उठाया कि अदालत ने इस अपराध की प्रकृति, गंभीरता और सबूतों को जानते हुए भी इतने निंदनीय, भयानक और जघन्य अपराध को अंजाम देने वाले अपराधियों को राहत देने का आदेश क्यों दिया? कांग्रेस ने कहा कि भारत सरकार के एक पूर्व प्रमुख की हत्या देश की संप्रभुता की बुनियाद पर हमला है, लिहाजा इस मामले में सर्वोच्च न्यायालय के विशेषाधिकार का इस्तेमाल करके राहत देना सही नहीं था.

सभी कानूनी विकल्प आजमाएंगे : सिंघवी

सिंघवी ने कहा कि कांग्रेस पार्टी सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले में बदलाव करवाने के लिए सभी कानूनी उपायों का इस्तेमाल करेगी. उन्होंने कहा कि ऐसा करना सिर्फ देश की जनता के प्रति ही नहीं, बल्कि सुप्रीम कोर्ट और उसकी विरासत के प्रति भी हमारा कर्तव्य है. सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के उन सभी 6 गुनहगारों को रिहा करने का आदेश दिया विकल्प कारोबार है, जो उम्र कैद की सजा काट रहे थे. शुक्रवार को सुनाए इस आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय इसी साल मई में भी राजीव गांधी के एक और हत्यारे को रिहा कर चुका है. इन सभी मुजरिमों को राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए उनकी बाकी सजा माफ कर दी है.

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी की हत्या के उन सभी 6 गुनहगारों को रिहा करने का आदेश दिया है, जो उम्र कैद की सजा काट रहे थे. शुक्रवार को सुनाए इस आदेश से पहले सर्वोच्च न्यायालय इसी साल मई में भी राजीव गांधी के एक और हत्यारे को रिहा कर चुका है. इन सभी मुजरिमों को राजीव गांधी की हत्या के जुर्म में उम्रकैद की सजा मिली थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए उनकी बाकी सजा माफ कर दी है. लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरुंबुदूर में एक चुनावी सभा के दौरान देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आत्मघाती हमले में बड़ी बेरहमी से हत्या कर दी थी. सुप्रीम कोर्ट ने जिन 6 अपराधियों की बाकी सजा माफ की है, वे सभी इस हत्याकांड के गुनहगार हैं और उम्रकैद की सजा काट रहे थे.

सेबी ने जिंस वायदा में विकल्प कारोबार की अनुमति दी

सेबी ने जिंस वायदा में विकल्प कारोबार की अनुमति दी

नई दिल्ली , ( भाषा ) । बाजार नियामक सेबी ने जिंसों के वायदा कारोबार में विकल्प की भी आज अनुमिति दे दी। इसका मकसद बाजार को मजबूत बनाना है। लेकिन शुरू में प्रत्येक बाजार को केवल एक जिंस के वायदा कारोबार में विकल्प शुरू करने की अनुमिति होगी। साथ ही नियामक ने शेयर बाजार से मजबूत जोखिम प्रबंधन उपाय करने को कहा है। कड़े योग्यता मानदंड रखते हुए भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ःसेबीः ने कहा कि उन्हीं वस्तुओं के वायदा अनुबंध में विकल्प कारोबार की अनुमति होगी जो पिछले 12 महीने के व्यापार कारोबार मूल्य के संदर्भ में शीर्ष पांच में शामिल है। इसके अलावा , ऐसे जिंस के वायदा अनुबंध का औसत दैनिक कारोबार पिछले एक साल में कृषि और कृषि प्रसंस्कृत जिंसों के लिये कम - से - कम 200 करोड़ रुपये तथा अन्य जिंसों के लिये 1000 करोड़ रुपये होना चाहिए। बाजार नियामक ने एक परिपत्र में कहा , ss जिंस डेरिवेटिव्स एक्सचेंज अगर विकल्प अनुबंध में कारोबार शुरू करना चाहते हैं , उन्हें ऐसे अनुबंध शुरू करने से पहले सेबी की मंजूरी लेनी होगी। ss एक्सचेंज लंबे समय से यह मांग कर रहे थे कि जिंसों में विकल्प कारोबार की अनुमति मिलनी चाहिए। सेबी ने पिछले साल विकल्प कारोबार की अनुमति देने पर सहमति जतायी थी लेकिन कुछ कानूनी जरूरतें रास्ते में बाधा थी। गहन विचार - विमर्श के बाद सेबी ने अंततः सीधे किसी जिंस को मंजूरी देने के बजाए जिंसों विकल्प कारोबार के वायदा अनुबंध में विकल्प कारोबार की अनुमति देने का फैसला किया। विकल्प अनुबंध एक डेरिवेटिव उत्पाद है जो निवशकों को निश्चत कीमत या तारीख पर बिना किसी बाध्यता के खरीदने का अधिकार देता है। दूसरी तरफ वायदा अनुबंध के तहत संबंधित जिंस या अन्य वित्तीय उत्पाद की खरीद या बिक्री भविष्य में पहले से निर्धारित कीमत और समय पर होती है।

अब अलग-अलग ITR फॉर्म भरने की झंझट से मिलेगी मुक्ति, एक ही फॉर्म करेगा सारे काम

सभी करदाताओं को राहत पहुंचाने की दिशा में केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। विकल्प कारोबार इस संबंध में वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को करदाताओं के लिए एक समान आयकर रिटर्न (ITR) फॉर्म लाने का प्रस्ताव रखा है। यानि अब करदाताओं को अलग-अलग ITR फॉर्म भरने की झंझट से मुक्ति मिल जाएगी। केवल इतना ही नहीं, इसमें डिजिटल असेट्स से होने वाली आय को भी अलग से दर्ज किए जाने का प्रावधान होगा।

CBDT ने दी जानकारी

वित्त मंत्रालय के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक बयान में कहा है कि ट्रस्ट एवं गैर-लाभकारी संगठनों को छोड़कर बाकी सभी करदाता इस प्रस्तावित नए ITR फॉर्म के माध्यम से अपने रिटर्न जमा कर सकते हैं। इस नए फॉर्म पर हितधारकों से 15 दिसंबर तक टिप्पणियां मांगी गई हैं।

अभी तक इस्तेमाल किए जाते रहे हैं ये ITR फॉर्म…

वर्तमान में छोटे एवं मझोले करदाताओं के लिए आईटीआर फॉर्म 1 (सहज) और आईटीआर फॉर्म 4 (सुगम) के जरिए आयकर रिटर्न जमा किए जाते हैं। सहज फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपए तक की सालाना वेतन आय वाला व्यक्ति कर सकता है जबकि सुगम फॉर्म का इस्तेमाल 50 लाख रुपए तक की आय वाले व्यक्तियों, हिंदू अविभाजित परिवारों एवं फर्मों के लिए निर्धारित विकल्प कारोबार है।

आईटीआर-2 फॉर्म का इस्तेमाल आवासीय संपत्ति से आय अर्जित करने वाले लोग कर सकते हैं जबकि आईटीआर-3 फॉर्म कारोबार एवं पेशे से लाभ अर्जित करने वाले लोगों के लिए है। आईटीआर-5 और 6 फॉर्म सीमित दायित्व भागीदारी (LLP) एवं कारोबारों के लिए निर्दिष्ट हैं जबकि आईटीआर-7 फॉर्म का इस्तेमाल ट्रस्ट कर सकते हैं।

नए ITR का क्या होगा मकसद ?

आयकर विभाग के नियामकीय संगठन CBDT ने कहा कि आईटीआर-1 एवं आईटीआर-4 आगे भी बने रहेंगे लेकिन व्यक्तिगत करदाताओं के पास इस साझा आईटीआर फॉर्म के माध्यम से भी रिटर्न जमा करने का विकल्प होगा। सीबीडीटी ने कहा, ‘आईटीआर-7 फॉर्म को छोड़कर बाकी सभी रिटर्न वाले फॉर्म को मिलाकर एक साझा आईटीआर फॉर्म लाने का प्रस्ताव है। नए आईटीआर का मकसद व्यक्तियों एवं गैर-कारोबारी करदाताओं के लिए रिटर्न जमा करने को सुगम बनाने और इसमें लगने वाले समय को कम करना है।’

सीबीडीटी ने कहा है कि सभी हितधारकों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार इस साझा आईटीआर को अधिसूचित कर दिया जाएगा और आयकर विभाग इसके ऑनलाइन उपयोग की भी जानकारी देगा।

नहीं रहेगा पुराने फॉर्म का विकल्प

ऐसे में नया फॉर्म आने के बाद ITR-2, 3, 5 एवं 6 फॉर्म के जरिए रिटर्न जमा करने वाले करदाताओं के पास अब पुराने फॉर्म का विकल्प नहीं रह जाएगा। वहीं, एक खबर ये भी है कि वित्त मंत्रालय ने कंपनियों द्वारा आकलन वर्ष 2022-23 के लिए ITR दाखिल करने की समयसीमा बुधवार को बढ़ाकर सात नवंबर कर दी। जिन कंपनियों को अपने खातों का ऑडिट कराना जरूरी है, उनके लिए ITR दाखिल करने की विकल्प कारोबार आखिरी तारीख इससे पहले 31 अक्टूबर थी।

ITR दाखिल करने की समयसीमा भी बढ़ाई गई

केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने एक अधिसूचना में कहा विकल्प कारोबार कि पिछले महीने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा बढ़ाई गई थी, इसलिए ITR दाखिल करने की समयसीमा भी बढ़ा दी गई है। CBDT ने कहा, ‘आकलन वर्ष 2022-23 के लिए अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के तहत आय का ब्योरा देने की तिथि बढ़ा दी गई है। यह पहले 31 अक्टूबर थी। इसे अब बढ़ाकर सात नवंबर, 2022 कर दिया गया है।’ पिछले महीने सीबीडीटी ने ऑडिट रिपोर्ट दाखिल करने की समयसीमा सात दिन बढ़ाकर सात अक्टूबर कर दी थी।

जीएसटी के तहत रचना योजना कारोबार वाले व्यवसायों पर लागू है?

Key Points

  • जीएसटी के तहत रचना योजना1.5 करोड़ रूपये (पूर्वोत्तर राज्यों के मामले में 75 लाख रूपये )।

Additional Information

  • रचना योजना के तहत कारोबार करने वालों के लिए और अधिक आरामदायक नियम हैं।
    • यह छोटे विकल्प कारोबार करदाताओं के लिए अनुपालन को आसान बनाने और अनुपालन लागत को कम करने के लिए जीएसटी के तहत कर की एक वैकल्पिक विधि है।
    • योजना का विकल्प चुनने वाले लोग हर महीने सामान्य दर पर कर का भुगतान करने के बजाय, हर तिमाही में समतल की उम्र में कर का भुगतान कर सकते हैं।
    • एक सेवा प्रदाता योजना का विकल्प चुन सकता है यदि उसका कर योग्य कारोबार। विकल्प कारोबार 50 लाख तक है।
    • अंतर-राज्य आपूर्ति, आइसक्रीम, पान मसाला और तंबाकू के निर्माताओं और ई-कॉमर्स खिलाड़ियों के साथ व्यवसाय रचना योजना का विकल्प नहीं चुन सकते हैं।
    • यह मूल्य वर्धित कर है।
    • यह एक गंतव्य-आधारित कर है यानी इसे उपभोग के स्थान पर लगाया जाएगा।
    • दोहरी जीएसटी अर्थात केंद्रीय जीएसटी (सीजीएसटी) और राज्य जीएसटी (एसजीएसटी)
    • अंतर-राज्य आपूर्ति पर कर एकीकृत माल और सेवा कर (IGST) है।
    • इसे 2014 में लोकसभा में 122 वें संवैधानिक संशोधन विधेयक के रूप में पेश किया गया था।
    • यह 101 वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम, 2016 के रूप में पारित किया गया था।
    • अनुच्छेद 279A जीएसटी को प्रशासित करने के लिए एक GST परिषद प्रदान करता है।
      • परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री करते हैं।
      • 15 अप्रैल, 2021 तक वित्त मंत्री - श्रीमती. निराला सीतारमण

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      Last updated on Sep 29, 2022

      The Military Training Directorate, Indian Army is soon going to release a new notification for the ACC Exam 2022. The vacancies for विकल्प कारोबार the Army Cadet College (ACC) are released twice in a year. The ACC exam is conducted to recruit soldiers and train them विकल्प कारोबार to become commissioned officers in the Indian Army. Candidates can avail of a maximum of 03 chances of entry for ACC. The selection process consists of two stages. Stage 1 will be the Written Test and Stage 2 will be SSB Interview and Medical Test. Candidates can refer to the ACC Exam Previous Year Papers to know the type of questions asked in the exam and boost their preparation.

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