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शेयर खरीदने के लाभ

शेयर खरीदने के लाभ
अंत में : नौसिखिया के लिए शेयर बाजार सीखना सबसे अच्छा निवेश है ! थोड़े पैसे से अभ्यास करें और लंबे समय तक बहुत अच्छा पैसा कमाना सीखें!

शेयर क्या है और शेयर कितने प्रकार के होते हैं (What Is Share In Hindi)

Share Kya Hai In Hindi: शेयर मार्केट के बारे में तो आपने सुना ही होगा. आज एक इस लेख में हम शेयर बाजार की सबसे छोटी इकाई शेयर के बारे में आपको बताने वाले हैं. इस लेख में हम आपको शेयर से जुडी अनेक सारी बेसिक जानकारी देने वाले हैं.

आज के इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की Share क्या है, शेयर कितने प्रकार के होते हैं, शेयर क्यों जारी किये जाते हैं, शेयर कैसे बनते हैं, शेयर कैसे खरीदें और शेयर खरीदने के फायदे नुकसान क्या हैं.

स्टॉक मार्केट (Share Market) में निवेश करने से पहले किसी को क्या सावधानी रखनी चाहिए?

  • ट्रेडिंग में अपने अनुभव के लिए मैंने हमेशा देखा है कि जब लोग तेजी के दिन स्टॉक खरीदते हैं तो वे उच्च जोखिम के लिए कम रिटर्न कमाते हैं। जब भी आप किसी स्टॉक को खरीदने का ऑर्डर देते हैं तो उसे कम से कम 1% के अंतराल के साथ छोटे लॉट में रखें ताकि आप कीमत का औसत निकाल सकें।
  • शेयर बाजार में निवेश करने का सबसे अच्छा समय सुबह 9:30 बजे से पहले है क्योंकि जब ज्यादातर लोग बाजार को आंकने की कोशिश कर रहे हैं तो आप पहले से ही बाजार का हिस्सा होंगे और अंत में या तो राजा बन जाएंगे या आपको कुछ पूंजी का नुकसान हो सकता है।
  • अगर आप किसी शेयर को लंबी अवधि के लिए खरीदना चाह रहे हैं तो सही समय वह होगा जब बाजार लगातार 2 से 3 दिनों के लिए नकारात्मक हो उस समय आपको सबसे सस्ते दाम पर स्टॉक मिलेगा।
  • यदि आप लंबी अवधि के निवेशक हैं, तो अच्छी कंपनियों के शेयर सर्वोत्तम कीमतों पर उपलब्ध हैं। लेकिन आपको धैर्य की जरूरत है और इस समय अपनी पूंजी का 50% निवेश करें और शेयर खरीदने के लाभ बाकी निवेश की प्रतीक्षा करें।

कमाई के दो दर्शन का अध्ययन

लंबी अवधि के लिए निवेश: निवेश अवधि के रूप में 3-4 साल से 7 साल तक होना चाहिए। धन सृजन निवेश का उद्देश्य है, हम इस उद्देश्य के लिए मौलिक विश्लेषण का उपयोग करते हैं।

विभिन्न शैलियाँ :

  • मूल्य निवेश,
  • विकास निवेश,
  • उपज निवेश,
  • संरचित निवेश,
  • वैकल्पिक निवेश आदि

शॉर्ट टर्म : कुछ मिनटों से लेकर कुछ महीनों तक ट्रेडिंग को शॉर्ट टर्म ट्रेडिंग कहते है। आय सृजन व्यापार का उद्देश्य है, हम इस उद्देश्य के लिए तकनीकी विश्लेषण का उपयोग करते हैं।

विभिन्न शैलियाँ :

  • डे ट्रेडिंग,
  • बीटीएसटी,
  • स्विंग ट्रेड,
  • पोजिशनल ट्रेडिंग,
  • और स्केलिंग।

2022 में 5 से 10 साल के लिए निवेश करने के लिए 10 स्टॉक कौन से हैं ?

यदि आप ज्यादा रिस्क लेना नहीं चाहते है, तो आपको उन कंपनियों में निवेश करना चाहिए जो मौलिक रूप से मजबूत हैं। कंपनी का प्रबंधन शीर्ष श्रेणी का होना चाहिए और कंपनी का लाभ सालाना आधार पर बढ़ रहा है, अगर कंपनी को लाभ हो रहा है तो स्टॉक ऊपर की ओर जायेगा और आपको भी लाभ मिलेगा।

यदि आप शेयर बाजार के एक्सपर्ट है, तो मेरा मानना है कि आपको उभरती हुई कंपनी में जाना चाहिए। लेकिन हमेशा याद रखें कि उभरती हुई कंपनी अधिक जोखिम वाली कंपनी होती है, लेकिन अच्छा रिटर्न भी देती है।

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ईपी बायोकंपोजिट्स (EP Biocomposites) इसी महीने शेयर बाजार में लिस्ट हुई है। लिस्टिंग के बाद से ही कंपनी के शेयर उड़ान भर रहे हैं। कंपनी के निवेशकों के लिए एक बड़ी अपडेट आई है। इस मल्टीबैगर आईपीओ वाले शेयरों पर एक विदेशी निवेशक ने बड़ा दांव खेला है। इंस्टीयूशनल इंवेस्टर्स नाव कैपिटल वीसीसी- नाव कैपिटल एमर्जिंग फंड (Nav Capital VCC- Nav Capital Emerging Star Fund) ने भी इस कंपनी के शेयर खरीदे हैं। जैसे ही यह खबर गुरुवार को बाहर आई कंपनी के शेयरों में अपर सर्किट लग गया।

शेयर मार्केट में शेयर के अलाावा आप क्या खरीद और बेच सकते शेयर खरीदने के लाभ हैं

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। शेयर मार्केट में कई फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट खरीदे और बेचे जाते हैं जैसे शेयर/स्टॉक, डेरिवेटिव्स, बॉण्ड और म्युचुअल फंड। चेक भी एक फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट है पर इसकी खरीद-बिक्री शेयर बाजार में नहीं होती है। अलग-अलग बजट, अलग-अलग उम्र और जोखिम लेने की क्षमता और निवेश की अवधि के अनुसार सभी के लिए फाइनैंशियल इंस्ट्रूमेंट उपलब्ध हैं।

यदि आप खुद जानकारी रखते हैं या जानकार बनने के इच्छुक हैं और आपके पास शेयर बाजार का ध्यान रखने के लिए पर्याप्त समय है तो शेयर/स्टॉक में पैसे लगा सकते हैं। यदि किसी अन्य रोजगार में हैं तो आपके लिए म्युचुअल फंड बेहतर होगा जो जानकार और अनुभवी लोगों के माध्यम से निवेश करने का अधिक सुरक्षित जरिया है। इसी तरह बॉण्ड एक सुनिश्चित दर से आमदनी का जरिया है। लेकिन इन सबसे अधिक आमदनी के लिए आज कल डेरिवेटिव्स का चलन बढ़ रहा है। हालांकि इसमें जोखिम भी ज़्यादा है।

शेयर /स्टॉक

किसी भी शेयर में पूरे दिन उतार-चढ़ाव लगा रहता है। और यह सिलसिला कभी रुकता नहीं है। लोग अपने आर्थिक लक्ष्य और जोखिम लेने की क्षमता के अनुसार एक दिन से लेकर सालों-साल के लिए शेयर खरीद सकते हैं। उसके दाम में लगातार हो रहे अंतर का लाभ उठा कर मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर मार्केट की भाषा में ब्लूचिप स्टॉक खरीद कर लोग आने वाली पीढ़ियों के लिए रख देते हैं जो अक्सर बहुत अच्छा निवेश साबित होता है।

What is Asset Allocation? (Jagran File Photo)

म्युचुअल फंड

म्युचुअल फंड मोटे तौर पर इसके बहुत से हिस्सेदारों की शेयर खरीदने के लाभ पूंजी मिला कर अच्छी कंपनी के शेयर में लगाई जाती है। लेकिन किस कंपनी में और कितनी अवधि के लिए पैसा लगेगा यह निर्णय आपकी ओर से म्युचुअल फंड के जानकार लेते हैं। मुमकिन है इसमें रिटर्न कुछ कम मिले पर नुकसान भी बहुत कम होने का भरोसा रहता है।

बॉण्ड में पैसा लगाने से मुनाफा कम हो सकता है पर निर्धारित तिथि पर एक सुनिश्चित दर से आमदनी का भरोसा जरूर रहता है। हालांकि ब्याज दर घट-बढ़ सकती है पर स्टॉक मार्केट में बॉण्ड जारी करने की तिथि में घोषित ब्याज दर से कम नहीं होगी। अब इतनी सुरक्षा होगी तो मुनाफा कम होना लाजिमी है।

डेरिवेटिव्स

डेरिवेटिव्स आसान शब्द में बयाना देकर पूरा माल उठा लेने का खेल है जो अनजान लोगों के लिए बहुत खतरनाक है। डेरिवेटिवस के तहत किसी स्टॉक के ‘फ्यूचर’ और ‘ऑप्शन’ आते हैं। इसमें एक तय समय पर या उससे पहले खरीदने या फिर बेचने की जिम्मेदारी होती है। इसके तहत आपको किसी शेयर मसलन टीसीएस के 150 शेयरों का एक पूरा लॉट (फ्यूचर या ऑप्शन) लेना होता है जिसके लिए बयाना के तौर पर केवल 1 लाख रु. या ऑप्शन में तो उससे बहुत कम देने होंगे जबकि टीसीएस के 150 शेयरों का बाजार भाव फिलहाल लगभग 4.5 लाख रु. का होगा। लेकिन यह फ्यूचर तय समय पर या पहले बेचना (या खरीदना) होगा चाहे नफा हो या नुकसान।

इसी तरह आप्शन में भी बहुत कम रकम देकर पूरे 150 शेयर का लाभ ले सकते हैं पर नुकसान भी बहुत अधिक होगा। इसलिए डेरिवेटिवस में पड़ने से पहले जोखिम की थाह लें और फिर कदम बढ़ायें। एक बार इरादा पक्का कर लिया तो बेहतर होगा शुरुआत करेंसी डेरिवेटिव्स से करें। इसमें भारतीय रुपये के साथ अमेरिकी डालर, यूरो, पाउंड और जापानी येन की जोड़ी ट्रेड की जाती है। खरीदने और बेचने की लागत बहुत कम होती है इसलिए आजमाने में ज्यादा नुकसान का खतरा नहीं है। हमेशा ध्यान रखें कि शेयर बाजार में सुरक्षित रहना आमदनी सुनिश्चित करना है।

LIC के पॉलिसीहोल्डर्स को IPO में क्या फायदे मिलेंगे, कौन कर सकता है अप्लाई, किन चीजों की होगी जरूरत; जानें

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LIC के पॉलिसीहोल्डर्स को IPO में क्या फायदे मिलेंगे, कौन कर सकता है अप्लाई, किन चीजों की होगी जरूरत; जानें

देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी लाइफ इंश्योरेंस कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया अगले हफ्ते अपना इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग लेकर आ रही है. 4 मई को देश का सबसे बड़ा आईपीओ रिलीज किया जा रहा है. इसकी लिस्टिंग 17 मई, 2022 को होगी. 21,000 करोड़ का ये आईपीओ देश का सबसे बड़ा इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग होगा. खास बात यह है कि ऐसा पहली बार हो रहा है, जब कोई कंपनी अपने आईपीओ में अपने ग्राहकों के लिए भी अलग से शेयरों का कोटा रख रही है. एलआईसी ने अपने पॉलिसीहोल्डर्स के लिए भी शेयरों का एक हिस्सा अलग रखा है.

कितना रहेगा प्राइस, पॉलिसीहोल्डर्स को कितना मिल रहा है डिस्काउंट

इसका प्राइस बैंड 902-949 रुपये के बीच में रहेगा. सरकार एलआईसी में अपना 3.5 फीसदी हिस्सा या 22.13 करोड़ शेयर बेच रही है. इससे शेयर खरीदने के लाभ सरकार 20,557.23 करोड़ रुपये इकट्ठा करेगी. आईपीओ के तहत 15,81,249 शेयर कर्मचारियों के लिए और 2,21,37,492 शेयर पॉलिसीधारकों के लिए आरक्षित हैं. LIC पॉलिसीधारकों को 60 रुपये तथा खुदरा निवेशकों व LIC के कर्मचारियों को 45 रुपये प्रति शेयर की छूट दी जाएगी.

एक पॉलिसीहोल्डर की हैसियत से आप आईपीओ में अधिकतम 2 लाख रुपये तक का निवेश कर सकते हैं.

कौन कर सकता है अप्लाई

अगर आपके पास एलआईसी की महज एक पॉलिसी ही है, तो भी आप इस आईपीओ में निवेश करने के पात्र माने जाएंगे. इसके तहत बस भारतीय नागरिकता रखने वाले निवेशक ही अप्लाई कर सकते हैं. अगर आपके पास जॉइंट पॉलिसी है, तो दोनों होल्डर्स में से बस एक ही शेयर खरीद पाएगा.

वहीं, अगर मान लीजिए कि आप रेगुलर पेंशन पा रहे इमीडिएट पेंशन पॉलिसीहोल्डर हैं, तो आप भी इसमें अप्लाई कर सकते हैं, लेकिन अगर आपका स्पाउज़ इमीडिएट पेंशन पॉलिसीहोल्डर था और उसके निधन के बाद आपको पॉलिसी के बेनेफिट्स मिल रहे हैं, तो आप इस स्थिति में अप्लाई नहीं कर सकते.

कौन नहीं कर सकता है अप्लाई

अगर आपको किसी ने अपनी एलआईसी पॉलिसी में नॉमिनी बनाया है, यानी आप नॉमिनी हैं, डायरेक्ट बेनेफिशियरी नहीं, तो आप इस आईपीओ में निवेश नहीं कर सकते. वहीं किसी पॉलिसीहोल्डर की मृत्यु के बाद उसके डेथ क्लेम के बेनेफिशियरी की भी आईपीओ में निवेश करने की पात्रता नहीं है. इस कोटे में ग्रुप पॉलिसी वाले लोग भी सब्सक्राइब नहीं कर सकते.

एलआईसी आईपीओ में निवेश करने के लिए पॉलिसीहोल्डर्स के पास दो चीजें एकदम रेडी होनी चाहिए. पहली- आपके पैन कार्ड की डिटेल्स पॉलिसी रिकॉर्ड में अपडेटेड होनी चाहिए. दूसरा आपके पास डीमैट अकाउंट होना चाहिए. डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. अगर आपके पास अपने नाम पर नहीं, बल्कि जॉइंट डीमैट अकाउंट है तो भी आप तभी पात्र माने जाएंगे, अगर आप उस अकाउंट के प्राइमरी होल्डर हों.

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