लाभ 70% प्रति माह

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लाभ 70% प्रति माह
नई दिल्ली, 05 फरवरी, 2019 : गेल (इंडिया) लिमिटेड ने गत लाभ 70% प्रति माह वित्तीय वर्ष की समान तिमाही की तुलना में वित्तीय वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही में कर पश्चात लाभ (पीएटी) में 33% की वृद्धि दर्ज की है । यह वृद्धि प्राकृतिक गैस (एनजी) विपणन, प्राकृतिक गैस संरचरण, तरल हाइड्रोकार्बन (एलएचसी) तथा एलपीजी संचरण खंड में बेहतर निष्पादन के कारण हुई है । गत वित्तीय वर्ष की समान तिमाही की तुलना में 31 दिसंबर, 2018 को समाप्त तिमाही में कंपनी का कर पश्चात लाभ (पीएटी) 1,262 करोड़ से बढ़कर 1,681 करोड़ रुपए हुआ । तीसरी तिमाही के लिए गेल का कर पूर्व लाभ (पीबीटी) 35% की वृद्धि के साथ 2,507 करोड़ रुपए हुआ जो गत वित्तीय वर्ष की समान तिमाही में 1,858 करोड़ रुपए था ।
वर्ष दर वर्ष आधार पर वित्त वर्ष 2018-19 की तीसरी तिमाही के निवल लाभ में वृद्धि प्राकृतिक गैस विपणन की मात्र में 9%, एलपीजी संचरण में 11% तथा तरल हाइड्रोकार्बन बिक्री में 5% की वृद्धि के समर्थन से संभव हुई है । नौ माह के आधार पर वित्तीय वर्ष 2017-18 की समान अवधि की तुलना में गेल का कर पश्चात लाभ 36% की महत्वपूर्ण बढ़ोतरी के साथ 4,903 करोड़ रुपए हुआ है ।
श्री बी.सी. त्रिपाठी, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, गेल ने कहा कि इस क्षेत्र में बेहतर मार्जिन के कारण एलएचसी सेगमेंट ने गत तिमाही की तुलना में तीसरी तिमाही में उल्लेखनीय बेहतर निष्पादन किया । तथापि, इस तिमाही में प्राकृतिक गैस कारोबार एवं पेट्रोकेमिकल सेगमेंट में मार्जिन दबाव में था । इसके अलवा, नौ माह के आधार पर व्यापार के सभी क्षेत्रों में बेहतर भौतिक निष्पादन के समर्थन से गत वित्तीय वर्ष की तुलना में कंपनी की वार्षिक कर पश्चात लाभ में वृद्धि हुई है ।
श्री त्रिपाठी ने अवगत कराया कि पाता स्थित गेल का पेट्रोकेमिकल यूनिट ने मूल्य वर्धित मेटेलोसिन फिल्म ग्रेड का उत्पादन के लिए भारत में पहला स्थान प्राप्त कर इतिहास रचा है । देश-व्यापी लाभ 70% प्रति माह बिक्री इस क्षेत्र में सफल प्रायोगिक परीक्षण के पश्चात गुणवत्ता के प्रति जागरूक ग्राहकों के लिए शुरू हुई है । गेल का यह कदम न केवल एक विश्वसनीय और स्वदेशी आपूर्ति स्रोत घरेलू उपभोक्ताओं को प्रदान करेगा, बल्कि प्रारंभिक अनुमान के अनुसार, भारत के लिए वार्षिक रूप से 100 मिलियन यूएसडी से अधिक की विदेशी मुद्रा बचत में सहायता करेगा।
उन्होंने कहा कि गेल को वर्ष 2018-19 के दौरान लगभग 7,000 करोड़ रुपए का पूंजीगत परिव्यय प्राप्त करने का अनुमान है जिसमें गत वर्ष की तुलना में 70% से अधिक की वृद्धि हुई है । विख्यात प्रधानमंत्री ऊर्जा गंगा परियोजना का पहला फेज़ इस माह के अंत तक पूरा हो जाएगा ।
कंपनी ने वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिए 6.25/- रुपए प्रति इक्विटी शेयर (अंकित मूल्य 10/- रुपए प्रति शेयर) के लिए अंतरिम लाभांश की घोषणा भी किया है ।
यूपी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना 2022 लाभ, ऑनलाइन आवेदन
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यूपी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना ऑनलाइन आवेदन
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के द्वारा शुरू की गयी योजना में बेसहारा गोवंश का पालन करने वाले किसानों को 30 रूपए प्रतिदिन प्रति पशु की राशि दी जाएगी। पूरी जानकारी के लिए नीचे दी गयी इमेज को देखें :-
निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना को मंजूरी दे दी है। इस योजना के अनुसार निराश्रित बेसहारा अवारा पशु गोवंश का पालन करने वाले किसानों को 30 रूपए प्रति दिन के हिसाब से पैसे दिए जायेंगे। इस योजना के तहत किसान भाई आवारा निराश्रित बेसहारा पशुओं का पालन पोषण करके रोजगार प्राप्त कर सकते है और इससे पैसे कमा सकते है। इसके साथ ही रस्ते में घूमने वाले आवारा जानवरों को आवास भी मिल जायेगा।
यूपी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना
यूपी सरकार निराश्रित गोवंश के संरक्षण केंद्र, गोवंश वन्य विहार, पशु आश्रय गृहसंचालित कर सकती है। 2012 जनगणना के मुताबिक प्रदेश में 205.66 लाख गोवंश है। इनमें 10-12 लाख निराश्रित गोवंश है। इस योजना में एक अरब नौ करोड़ 50 लाख रूपए खर्च होंगे। अगर किसान 10 पशुओं को को सहारा देता है तो प्रतिदिन के हिसाब से वह 300 रूपए कमा सकता है और हर महीना 9 हज़ार की अतिरिक्त आय किसान को मिलेगी। उत्तर प्रदेश की इस योजना से प्रधानमंत्री के 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के सपने को मदद मिलेगी। सरकार के अनुसार उत्तर प्रदेश में 523 पंजीकृत गौशालाओं को राज्य सरकार द्वारा संरक्षित गोवंश के 70% की संख्या को आधार मानकर 30 रूपए प्रति गोवंश 365 दिनों के लिए अनुदान दिया जा रहा है। यह योजना किसानों व पशुपालकों को आर्थिक रूप से स्वावलम्बी भी बना सकेगी।
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सीएम निराश्रित गाय सहभागिता योजना क्रियान्वयन
योजना के तहत कुल 66,257 गाय दी गई हैं, जिनमें से 1071 गायों को कुपोषित बच्चों के 1069 परिवारों में वितरित किया गया है। मिर्जापुर के टांडा फॉल में एक गाय आश्रय में एक कार्यक्रम के दौरान, सीएम आदित्यनाथ ने कहा कि यह योजना the समाज के साथ-साथ देश के भविष्य को उज्ज्वल बनाने ’की प्रक्रिया का एक हिस्सा थी।
“यह योजना समाज के साथ-साथ राष्ट्र के भविष्य को उज्ज्वल करने की प्रक्रिया का एक हिस्सा है। हमने एक व्यवस्था की है कि सभी बेसहारा गायों को गाय आश्रय में लाया जाएगा और अगर कोई किसान गाय रखने के लिए तैयार है, तो उसे रखरखाव शुल्क के रूप में 900 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे। हर महीने इस प्रणाली की समीक्षा भी की जाएगी।
यूपी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के लाभ
- पशुओं की ईयर टैनिंग भी की जाएगी जिससे किसी भी प्रकार के भ्रष्टाचार की सम्भावना कम हो जाएगी।
- पशुपालकों, किसानों द्वारा आवारा पशुओं आसरा देने निराश्रित पशुओं द्वारा सदल दुर्घटनाओं में भी कमी आएगी।
- पशुपालकों किसानों द्वारा आवारा पशुओं को आसरा देने में खेती में होने वाले नुकसान को भी खत्म किया जा सकता है जो आवारा पशु खेत चार जाते थे वो अब नहीं होगा।
- इसके अलावा तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर समिति का गठन होगा। स्थानीय समिति प्रगति से बीडीओ व एसडीएम को अवगत कराएगी।
- डीएम दफ्तर में पूरा ब्यौरा होने की वजह से लाभ 70% प्रति माह किसान व पशुपालक जीतें भी निराश्रित पशुओं को इस योजना के अंतर्गत लिया जायेगा वह गोवंश को बेच नहीं पाएंगे। ऐसा करने सरकार कार्यवाही करेगी।
- जो भी लोग इसमें भाग लेंगे उनको प्रति गोवंश 30 रूपए प्रतिदिन के हिसाब से सहायता दी जाएगी।
ऐसा माना जा रहा है कि इस योजना की शुरुआत बुंदेलखंड से शुरू किया जा सकता है जहां आवारा पशुओं की समस्या विकराल रूप ले चुकी है। छुट्टा जानवर होने की वजह से पूरे राज्य में किसानों की फसल को नुकसान होता है और ये सड़कों पर हादसे का कारण भी बनते है।
निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन
इस योजना के ऑनलाइन आवेदन अभी शुरू नहीं हुए है लेकिन इसका पोर्टल बना दिया गया है। इसके अलावा तहसील, ब्लॉक व जिला स्तर पर समिति का गठन होगा। स्थानीय समिति प्रगति से बीडीओ और एसडीएम को अवगत कराएगी।
आधिकारिक वेबसाइट | यहां क्लिक करें |
फ़ोन नंबर | 0522-2740482 |
ईमेल आईडी | [email protected] |
गाइडलाइन्स | यहां क्लिक करें |
अगर आपको यूपी निराश्रित बेसहारा गोवंश सहभागिता योजना से सम्बंधित कोई भी प्रश्न पूछना हो तो आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है , हमारी टीम आपकी मदद करने की पूरी कोशिश करेगी। अगर आपको हमारी ये जानकारी अच्छी लगी हो तो आप इसे अपने दोस्तों को भी शेयर कर सकते है ताकि वो भी इस योजना का लाभ उठा सके।
Amazon Mega Home Monsoon Sale: 70% तक सस्ते मिलेंगे AC, फ्रिज, वाशिंग मशीन सहित दूसरे प्रॉडक्ट्स
घर के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की प्लानिंग है, तो अमेजन आपके लिए खास मौका लाया है. ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन इस मानसून सीजन में मेगा होम मानसून सेल लेकर आयी है. 11 जुलाई तक चलनेवाली इस सेल के दौरान अमेजन होम अप्लायंसेज, किचन अप्लायंसेज, कुकवेयर, डाइनिंग, फर्नीचर, टॉयज पर 70 प्रतिशत तक की छूट, कई आकर्षक ऑफर्स और डील्स का फायदा उठाया जा सकता है. आइए जानें इस सेल से जुड़ी सभी डीटेल्स-
Amazon Mega Home Monsoon Sale: घर के लिए कोई इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदने की प्लानिंग है, तो अमेजन आपके लिए खास मौका लाया है. ई-कॉमर्स वेबसाइट अमेजन इस मानसून सीजन में मेगा होम मानसून सेल लेकर आयी है. 11 जुलाई तक चलनेवाली इस लाभ 70% प्रति माह सेल के दौरान अमेजन होम अप्लायंसेज, किचन अप्लायंसेज, कुकवेयर, डाइनिंग, फर्नीचर, टॉयज पर 70 प्रतिशत तक की छूट, कई आकर्षक ऑफर्स और डील्स का फायदा उठाया जा सकता है. आइए जानें इस सेल से जुड़ी सभी डीटेल्स-
अमेजन की मेगा होम मॉनसून सेल 11 जुलाई, 2021 तक लाइव रहेगी. ग्राहकों को SBI बैंक क्रेडिट कार्ड पर 10 प्रतिशत तक की छूट Upto 1250 रुपये और क्रेडिट कार्ड EMI पर 5000 रुपए तक की मिनिमम ट्रांजैक्शन पर 10 प्रतिशत Upto 1750 रुपये की तक की छूट मिलेगी. इस सेल में शॉपिंग करनेवाले यूजर्स जिन ऑफर्स का फायदा उठा सकते हैं, आइए जानें उनके बारे में.लाभ 70% प्रति माह
फुली ऑटोमैटिक टॉप लोड वाशिंग मशीन की कीमत 9,999 रुपये से शुरू है, वहीं इसकी नो-कॉस्ट EMI 941 रुपये प्रतिमाह से शुरू होती है. इसी के दूसरे टॉप ब्रांड्स जैसे सैमसंग, एलजी, व्हर्लपूल, वाई-फाई एनेबल सैमसंग, एलजी की स्मार्ट वाशिंग मशीन पर भी 30 प्रतिशत तक की छूट का लाभ लाभ 70% प्रति माह पा सकते हैं.
Whatsapp पर चैटिंग के साथ मिलेगा शॉपिंग का मजा, Flipkart और Amazon से दो-दो हाथ करने को तैयार Facebook
अमेजन इस मानसून सेल में रसोई और होम अप्लायंसेज पर 60 प्रतिशत तक की छूट दे रहा है. LG, सैमसंग, व्हर्लपूल, हायर, गोदरेज और दूसरे कई टॉप ब्रांड्स के रेफ्रिजरेटर की खरीद पर 35 प्रतिशत तक की छूट पा सकते हैं. इसके अलावा, AmazonBasics एयर कंडीशनर की खरीद पर 60% तक की छूट, गीजर की खरीद पर 35% तक की छूट और यूरेका फोर्ब्स के वाटर प्यूरीफायर और डायसन इंडिया के एयर प्यूरीफायर पर 45% तक की छूट दे रही है.
स्पोर्ट्स और ऑटोमोबाइल के टॉप ब्रांड गार्मिन, लाइफ लॉन्ग, प्रोटोनर, जील जैसे ब्रांड्स पर भी ऑफर्स मिलेंगे. फिटनेस और स्पोर्ट्स पर 60 प्रतिशत तक की छूट, ट्रेडमिल, बाइक और घरेलू जिम प्रॉडक्ट्स पर 50 प्रतिशत तक की छूट, बैडमिंटन, क्रिकेट, फुटबॉल और अन्य इनडोर और आउटडोर स्पोर्ट्स पर 60 प्रतिशत तक और प्रेशर वाशर पर 45 प्रतिशत तक की छूट पायी जा सकती है.
एनर्जी रेफ्रिजरेटर की शुरुआती कीमत 13,490 रुपये है, कनवर्टेबल रेफ्रिजरेटर 21,790 रुपये से शुरू हो रहे हैं, एक्सचेंज पर साइड-बाय-साइड रेफ्रिजरेटर पर 12,000 रुपये तक की बचत. उषा, बजाज, हैवेल्स सहित टॉप ब्रांड के मिक्सर ग्राइंडर पर 60 प्रतिशत तक की छूट मिल रही है. ग्राहक गीजर पर 35 प्रतिशत तक और Dyson के एयर प्यूरीफायर और यूरेका फोर्ब्स के वाटर प्यूरीफायर पर 45 प्रतिशत तक की छूट का फायदा उठा सकते हैं.
Amazon से मंगाया Toy Truck, पैकेट से निकला Parle G बिस्किट, ग्राहक बोला- अब लाभ 70% प्रति माह चाय बनानी पड़ेगी
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Six years of demonetization : नोटबंदी के 6 साल बाद 76% लोगों को पसंद है नकद लेनदेन, यहां जानें सर्वे में क्या हुआ खुलासा?
Six years of demonetization : नोटबंदी के 6 साल बाद 76 फीसदी लोगों को नकद लेनदेन पसंद है. लोकल सर्कल सर्वे में पाया गया कि संपत्ति लेनदेन 2021 के सर्वेक्षण में मूल्य प्रति लेनदेन के दृष्टिकोण से नकद उपयोग के शीर्ष क्षेत्र के रूप में उभरा. पिछले लाभ 70% प्रति माह 7 वर्षों में संपत्ति खरीदने वाले सर्वेक्षण में से 44% ने कहा कि नकद लेनदेन का हिस्सा था.
Updated: November 8, 2022 9:54 AM IST
Six years of demonetization : काले धन के प्रचलन को रोकने के लिए छह साल पहले केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने नोटबंदी करने की घोषणा की थी. समानांतर अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ने से रोकने के लिए उठाए गए बड़े कदम, लॉन्ग टर्म में लड़खड़ाने की संभावना नजर आ रही है, क्योंकि कई सर्वेक्षणों से पता चलता है कि केंद्र के ‘कैश-लेस’ अर्थव्यवस्था बनाने के प्रयास के बावजूद, लोगों के हाथों में मुद्रा केवल पिछले छह वर्षों में बढ़ी है.
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अर्थव्यवस्था में डिजिटल लेनदेन में बढ़ोतरी दर्ज की गई है, फिर भी नकद लेनदेन में 44 फीसदी की वृद्धि लाभ 70% प्रति माह हुई है. विशेष रूप से रियल एस्टेट सौदों में, एक सर्वेक्षण से पता चला है. सर्वेक्षण में यह भी सामने आया है कि 76 फीसदी लाभ 70% प्रति माह लोग नकदी का इस्तेमाल किराने का सामान खरीदने, बाहर खाने और खाना पहुंचाने के लिए करते हैं. नकद उपयोग के अन्य सामान्य क्षेत्रों में घर की मरम्मत, सौंदर्य सेवाएं आदि शामिल हैं.
क्या हैं सर्वे के टूल्स?
स्थानीय सर्किल ने नकदी के उपयोग को बेहतर ढंग से समझने के लिए विमुद्रीकरण के बाद छठे साल में सर्वेक्षण किया. सर्वेक्षण को भारत के 342 जिलों में स्थित नागरिकों से 32,000 से अधिक प्रतिक्रियाएं मिलीं. उत्तरदाताओं में 68 फीसदी पुरुष थे, जबकि 32 फीसदी उत्तरदाता महिलाएं थीं. 44% उत्तरदाता टियर 1 से थे, 34% टियर 2 से थे और 22% उत्तरदाता टियर 3, 4 और ग्रामीण जिलों से थे.
क्या निकला सर्वे से निष्कर्ष?
लोकलसर्किल द्वारा किए गए सर्वेक्षण के अनुसार, संपत्ति लेनदेन 2021 के सर्वेक्षण में मूल्य प्रति लेनदेन के दृष्टिकोण से नकद उपयोग के शीर्ष क्षेत्र के रूप में उभरा. पिछले 7 वर्षों में संपत्ति खरीदने वाले सर्वेक्षण में से 44% ने कहा कि नकद लेनदेन का हिस्सा था.
विशेष रूप से, नवंबर 2021 में लोकलसर्किल सर्वेक्षण की तुलना में स्थिति में सुधार हो सकता है, जब 70% उत्तरदाताओं ने पिछले 7 वर्षों में अर्जित संपत्ति के लेनदेन के हिस्से के रूप में नकद भुगतान करने की बात स्वीकार की थी. 16% के मुकाबले जिन्होंने 2021 में नकद में आधी से अधिक राशि का भुगतान करने की बात स्वीकार की, नए सर्वेक्षण से पता चलता है कि नए सर्वेक्षण में ऐसे मामलों का प्रतिशत गिरकर 8% हो गया है.
इसके अलावा, अन्य क्षेत्रों में से एक ओर जहां 2021 के सर्वेक्षण में लोगों द्वारा नकदी का उपयोग अधिक होने की सूचना दी गई थी, वह घर की मरम्मत, घरेलू कर्मचारियों के वेतन, सौंदर्य सेवाओं के लिए था. सर्वेक्षण में शामिल 76% परिवारों ने यह भी कहा कि उन्होंने पिछले 12 महीनों में किराने का सामान, बाहर खाने और भोजन वितरण लेनदेन के लिए नकदी का इस्तेमाल किया
इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि कई लोगों को अभी भी डिजिटल भुगतान प्रणाली को स्थानांतरित करना या अपनाना है, शायद इसलिए कि किसी स्टोर से फल, सब्जियां या किराने की कुछ वस्तुओं की खरीद के लिए नकद भुगतान करना अधिक सुविधाजनक है, या वाउचर भुगतान सहित अन्य कारणों से.
नेशनल लाभ 70% प्रति माह पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी दिलीप असबे ने जुलाई में एक आधिकारिक कार्यक्रम में कहा कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) जैसी सेवाओं का उपयोग करने वाले लोगों का कुल ब्रह्मांड अभी भी 250 मिलियन या आबादी का लगभग पांचवां हिस्सा है.
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