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ब्रोकर शुल्क

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शेयर बाजार में लगाया ब्रोकर शुल्क है पैसा? क्‍या ब्रोकर बंद कर सकता है आपका डीमैट अकाउंट

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शेयर बाजार में निवेश के लिए डीमैट अकाउंट होना जरूरी है. बिना इसके ट्रेडिंग नहीं की जा सकती है. कई बार डीमैट अकाउंट के ट्रांजैक्‍शन में दिक्‍कतें या उसमें रुकावटें आती हैं. ऐसे में आपके मन में यह सवाल आता होगा कि कहीं ब्रोकर आपका डीमैट अकाउंट बंद तो नहीं कर देगा. आमतौर पर, निवेशक या उसकी ब्रोकरेज फर्म ब्रोकरेज अकाउंट बंद कर सकती है. डीमैट अकाउंट बंद करना आसान है. आइए समझते हैं कब और किन हालातों में ऐसा हो सकता है.

सेबी शेयर ब्रोकरों के लिए लेकर आया समाधान योजना

नयी दिल्ली, 28 नवंबर (भाषा) पूंजी बाजार नियामक सेबी ने प्रवर्तन प्रक्रियाओं का सामना कर रहे शेयर ब्रोकरों के लिए एक विवाद समाधान योजना लाने का फैसला किया है। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सार्वजनिक सूचना में कहा है ब्रोकर शुल्क कि प्रवर्तन कार्रवाई का सामना कर रहे और बीएसई पर अचल स्टॉक संपत्तियों में लेनदेन से रोके गए 150 शेयर ब्रोकरों के लिए समाधान योजना लाने का फैसला किया गया है। योजना के दायरे में आने वाले शेयर ब्रोकर शर्तों का पालन कर इसका लाभ उठा सकते हैं। ब्रोकर शुल्क यह समाधान योजना 19 दिसंबर को शुरू होगी और 19

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने सार्वजनिक ब्रोकर शुल्क सूचना में कहा है कि प्रवर्तन ब्रोकर शुल्क कार्रवाई का सामना कर रहे और बीएसई पर अचल स्टॉक संपत्तियों में लेनदेन से रोके गए 150 शेयर ब्रोकरों के लिए समाधान योजना लाने का फैसला किया गया है।

योजना के दायरे में आने वाले शेयर ब्रोकर शर्तों का पालन कर इसका लाभ उठा सकते हैं। यह समाधान योजना 19 दिसंबर को शुरू होगी और 19 जनवरी, 2023 इसकी अंतिम तारीख होगी।

सेबी ने इच्छुक ब्रोकरों के लिए ऑनलाइन आवेदन करने का प्रावधान कर समाधान योजना को सुगम बनाने की कोशिश की है। समाधान राशि के तौर पर अधिकांश ब्रोकरों को मात्र एक लाख रुपये का शुल्क ही देना होगा।

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प्रत्यक्ष योजना/नियमित योजना क्या है?

प्रत्यक्ष योजना/नियमित योजना क्या है?

सब म्यूच्यूअल फंड स्कीमें योजनाओं में दो विकल्प प्रदान करती हैं- प्रत्यक्ष और नियमित| प्रत्यक्ष योजना में, निवेशक AMC के साथ सीधे निवेश करता ब्रोकर शुल्क है जिसमें लेन-देन की प्रक्रिया में कोई वितरक शामिल नहीं होता| नियमित योजना में, निवेशक किसी मध्यस्थ जैसे वितरक, ब्रोकर या बैंकर की मदद से निवेश करता है और इन्हें AMC वितरण शुल्क देती है, जो योजना पर आवेशित कर दिया जाता है|

अतः, प्रत्यक्ष योजना का व्यय अनुपात कम रहता है क्योंकि कोई वितरण शुल्क इसमें निहित नहीं है जबकि नियमित योजना का व्यय अनुपात थोडा अधिक होता है क्योंकि इसमें वितरक को दिया जाने वाला कमीशन भी शामिल रहता ह

म्यूच्यूअल फंड स्कीमों के प्रबंधन में लागत और व्यय एक अपरिहार्य हिस्सा है, फंड प्रबंधन खर्च, बिक्री और वितरण खर्च, अभिरक्षक और रजिस्ट्रार शुल्क/ फी आदि| ये समस्त व्यय, फंड के व्यय अनुपात द्वारा उठाये जाते हैं| ये समस्त व्यय, नियामक SEBI द्वारा निर्धारित सीमा के भीतर रहते हैं|

अतः,अगर ब्रोकर शुल्क ब्रोकर शुल्क निवेशक प्रत्यक्ष योजना के अंतर्गत सीधे निवेश करता है, उसे व्यय में कटौती के चलते मामूली ऊंचे प्रतिफल मिल सकते हैं लेकिन उसके पास वितरण या उनसे सम्बंधित सेवाओं की सुविधायें भी नहीं रहती जो किसी मध्यस्थ के रहते उसे मिलती ब्रोकर शुल्क हैं|

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