शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें

क्या बिज़नस टीवी के कार्यक्रम देखकर शेयर मार्किट में निवेश या ट्रेड किया जा सकता है?
किसी भी व्यापार में सूचना का महत्व सबसे ज्यादा होता है। जैसे अगर सब्जी के व्यापारी को पता चल जाए कि प्याज के निर्यात पर पाबंदी लगने वाली है, तो वो अपने प्याज का स्टॉक जल्दी बेचने की कोशिश करेगा। क्योंकि पाबंदी लगते ही कीमत शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें गिरने की आशंका रहेगी। यह बात शेयर बाजार पर भी फिट बैठती है। अगर आप गौर से देखें तो पाएंगे कि किसी शेयर के अचानक चढ़ने या गिरने की एक बड़ी वजह किसी खास खबर से जुड़ी होती है। इसकी ताजातरीन मिसाल है- टेक महिंद्रा। भारत की पांचवीं सबसे बड़ी आईटी कंपनी टेक शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें महिंद्रा ने अमेरिका की एलसीसी कंपनी का अधिग्रहण 1400 करोड़ रुपये में किया है। ये खबर 20 नवंबर को आई।
19 नवंबर को ये शेयर 2584 रुपये में बिक रहा था। 20 नवंबर को अधिग्रहण की खबर की आहट से शेयर का भाव चढ़ना शुरू हो गया। 20 नवंबर को टेक महिंद्रा की कीमत 2700 को पार कर गई। जब यह खबर अखबारों, वेबसाइट और टीवी के जरिए आम लोगों और निवेशकों तक पहुंची तो जबरदस्त हलचल मची और 21 नवंबर की सुबह टेक महिंद्रा का शेयर अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गया। टेक महिंद्रा ने इस खबर के सहारे 2734 का शिखर छुआ। हालांकि वह इस बुलंदी पर टिक नहीं सका और 21 नवंबर को पिछले दिन के मुकाबले थोड़ा सा गिरकर 2676.35 रुपये पर बंद हुआ। सवाल है कि इस खबर से किन निवेशकों और ट्रेडर्स को फायदा हुआ। जाहिर है कि जिन लोगों को इस खबर की भनक लग गई होगी, जिन लोगों ने टेक महिंद्रा का शेयर 19 नवंबर को खरीद लिया होगा, उन्होंने दो ट्रेडिंग सेश? में एक शेयर पर करीब 140 रुपये की कमाई कर ली। 2600 रुपये की पूंजी पर अगर दो दिन में 140 रुपये यानी करीब पांच फीसदी का फायदा हो जाए तो इससे आकर्षक बात निवेशक के लिए और क्या हो सकती है। लेकिन वस्तुत: मोटा मुनाफा कमाना इतना सरल नहीं है जितना देखने में लग रहा है। जरा सोचिए, यह खबर आम निवेशक या ट्रेडर तक कैसे पहुंची? जाहिर है कि जब सूचना के सार्वजनिक माध्यम जैसे, अखबार, टीवी, वेबसाइट के जरिए। जिन माध्यमों से आप रोजर्मरा की तमाम खबरें हासिल करते हैं, शेयर बाजार की खबर देने के लिए भी आम निवेशक के पास वही उपकरण हैं।
लेकिन शेयर मार्केट में इससे काम नहीं चलता है। ट्रेडिंग के लिए इस प्रकार मिली सूचनाएं ज्यादातर मौकों पर काम नहीं आती हैं। वजह यह है कि जब तक किसी शेयर से जुड़ी कोई सकारात्मक या नकारात्मक खबर टीवी या वेबसाइट तक पहुंचती है, उससे पहले ही शेयर मार्केट के बड़े खिलाड़ी अपना दांव चल चुके होते हैं। ज्यादातर मामलों में ऐसा ही देखा गया है। खबरों का फायदा उन्हें होता है जिनके पास खबर सबसे पहले पहुंचती है। इसे ऐसे समझिए कि जिन निवेशकों को सबसे पहले पता लगा कि टेक महिंद्रा अमेरिकी कंपनी का अधिग्रहण करने वाली है, उन्होंने इस शेयर मे जमकर खरीदारी की होगी। उन्हें यह शेयर सस्ते में मिल गया। क्योंकि उस वक्त तक ये सूचना ज्यादा लोगों तक नहीं पहुंची होगी और बड़े पैमाने पर खरीदारी का दौर शुरू नहीं हुआ। उनकी खरीदारी के सहारे शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें शेयर चढ़ा, फिर यह खबर जब सार्वजनिक माध्यमों के जरिए आम लोगों तक पहुंची तो आम निवेशक और ट्रेडर्स भी आकर्षित हुए। उन्होंने भी इस खबर से फायदा उठाने की कोशिश की। उन्होंने भी खरीदारी की लेकिन उन्हें यह शेयर उस भाव पर नहीं मिला जिस भाव पर पहले सूचना पाने वालों ने इसे खरीदा था। हर बीतते घंटे के साथ यह शेयर महंगा होता चला गया। स्वाभाविक है कि जिन लोगों को खबर देर से मिली और उन्होंने इस खबर के आधार पर शेयर खरीदने की कोशिश की, वह घाटे में रहे।
शेयर बाजार में रिटेल ट्रेडर की यही त्रासदी है। उस तक सूचनाएं देर से पहुंचती हैं। उससे पहले बड़े खिलाड़ी अपना खेल खेल चुके होते हैं। बड़े शिकारी अपना जाल बिछा चुके होते हैं। उसमें फंसते हैं खुदरा निवेशक, क्योंकि उनके पास सूचना अक्सर देर से पहुंचती है।
अब आप पूछ सकते हैं कि ऐसे में खुदरा निवेशक और ट्रेडर क्या करें क्योंकि सामान्य रूप से हम और आप खबरों के लिए टीवी, इंटरनेट और अखबारों पर ही आर्शित होते हैं। लेकिन कई बार ऐसा होता है कि खबर टीवी पर प्रसारित होने से पहले शेयर बाजार में सक्रिय ऑपरेटर्स के पास पहुंच जाती है और जब आप टीवी पर किसी खबर को देखकर सोचते हैं कि इस शेयर को खरीदा जाए, उस वक्त तक वह शेयर 3-4 फीसदी चढ़ चुका होता है, आप सोचने लगते हैं कि अभी तो इस शेयर से जुड़ी खबर की ब्रेकिंग न्यूज ही चल रही है फिर कुछ ही मिनट में यह इतना कैसे उछल गया। तो जनाब याद रखिए कि शेयर बाजार की ज्यादातर खबरें क्रिकेट मैच की तरह नहीं होती कि आप उसे लाइव देखें। यहां कौन सी खबर किस वक्त, किस रूप और कितनी मात्रा में आपके सामने आती है, इसके पीछे बहुत गुणा-भाग होता है। इसलिए हमारी सलाह है कि छोटे और खुदरा निवेशकों को टीवी या वेबसाइट पर खबर देखकर अंधाधुंध ट्रेडिंग नहीं करनी चाहिए। पहले खबरों को जांचें परखें, उसके असर की समीक्षा करें, इसके बाद ही उस शेयर को खरीदने या बेचने का फैसला करें।
1. क्या टीवी देखकर ट्रेडिंग करते हैं?
2. क्या आप बिजनेस न्यूज चैनलों की बात पर आंख बंद कर भरोसा करते हैं?
3. क्या आप शेयर से जुड़ी खबर को देखते ही उसे खरीदने को लपकते हैं?
4. क्या बिजनेस वेबसाइटों पर प्रकाशित खबर के आधार पर ट्रेडिंग करते हैं
5. क्या आप जानते हैं कि आपसे पहले कितने हजार निवेशकों ने उस खबर से फायदा उठाया है
6. क्या आप जानते हैं कि किसी न्यूज के आधार पर ट्रेडिंग करने के कितने साइ़ड इफेक्ट हो सकते हैं
7. इस लेख को पढ़िए और इन सभी सवालों को गहराई से समझिए।
Digital Gold Investment: सिर्फ 1 रुपये में खरीदें 24K गोल्ड, जानिए सभी डिटेल
Digital Gold Investment: गोल्ड ईटीएफ, बॉन्ड और गोल्ड फंड डिजिटल सोने में निवेश करने के तीन मुख्य तरीके हैं। सरकार समर्थित प्रतिभूतियों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रूप में जाना जाता है। जिसे ग्राम में मापा जाता है।
Digital Gold Investment: सोने को एक सुरक्षित निवेश के रूप में माना जाता है। खासकर वित्तीय बाजार में उतार-चढ़ाव के समय। इस तथ्य के कारण कि गोल्ड का स्टॉक और विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियों के साथ विपरीत संबंध है। जब धातु की कीमत बढ़ती है, शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें तो अन्य प्रतिभूतियों के मूल्य में गिरावट आती है। निवेशक अपना पैसा गोल्ड में जमा करना शुरू कर रहे हैं, क्योंकि शेयर मार्केट व घरेलू मुद्रा मजबूत डॉलर और बढ़ती मुद्रास्फीति के दबाव में हैं। डिजिटल युग में सोने में निवेश करने के कई तरीके हैं। फिजिकल सोने के अलावा डिजिटल गोल्ड में पैसा जमा करना एक लोकप्रिय निवेश विकल्प है
डिजिटल गोल्ड में निवेश के तरीके
वहीं गोल्ड ईटीएफ, बॉन्ड और गोल्ड फंड डिजिटल सोने में निवेश करने के तीन मुख्य तरीके हैं। सरकार समर्थित प्रतिभूतियों को सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के रूप में जाना जाता है। जिसे ग्राम में मापा जाता है। कस्टोडियन संस्थानों की तिजोरियों में रखे गए सोने का उपयोग गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड को वापस करने के लिए किया जाता है। 1 ग्राम सोने के मूल्य का आवंटन हर इकाई का मूल्य निर्धारित करता है।
ऑनलाइन खरीद सकते हैं गोल्ड
24 कैरेट सोना डिजिटल भी खरीदा जा सकता है। जिसके लिए भौतिक कब्जे की आवश्यकता नहीं होती है। लेन-देन के लिए एक डिजिटल चालान विक्रेता द्वारा प्रदान किया जाएगा। जब आप ऑनलाइन भुगतान का उपयोग करते डिजिटल सोना खरीदते हैं।
एक रुपये से निवेश कर सकते शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें हैं
डिजिटल गोल्ड का निवेश 1 रुपये से शुरू किया जा सकता है। घर बैठे डिजिटल सोना खरीद या बेच सकते हैं। हालांकि अधिकांश प्लेटफॉर्म डिजिटल गोल्ड में निवेश के लिए दो लाख रुपये की सीमा है। आप डिजिटल आइटम कुछ ही क्लिक में आसानी से खरीद सकते हैं। इसके अतिरिक्त, इसे ब्रोकर या डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट के बिना भी कर सकते हैं।
स्टॉक मार्केट के स्टर्ट-अप अडवाइज़री मंडी ने लॉन्च किया निवेश प्लेटफॉर्म ‘इन्वेस्ट 19’
यूटिलिटी डेस्क. निवेश के रूप में अच्छे शेयर खरीदना हमेशा विवेकपूर्ण होता है। इसलिए अडवाइज़री मंडी आपके लिए विकास और आय का बेहतरीन संयोजन लेकर आए हैं। जल्द ही यह अपने उपयोगकर्ताओं को बचत और निवेश के लिए प्लेटफॉर्म प्रदान करेगा। अडवाइज़रीमंडी डॉट कॉम- जो निवेशकों और कारोबारियों के लिए भारत का सबसे बड़ा आधुनिक तकनीक-उन्मुख निवेश मंच है, अपने नए उद्यम इन्वेस्ट 19 का लॉन्च करने जा रहा है। भारत में बचत और निवेश के रूझानों को गति प्रदान करना इसका मुख्य उद्देश्य है, क्योंकि देश में बचत और निवेश को बढ़ावा देना समय की मांग है। ऐसे में यह मंच वित्तीय प्रतिभूतियों में लोगों द्वारा निवेश के तरीके और उनकी सोच में बदलाव ला सकता है। यह प्लेटफाॅर्म निवेश के अनुभव को ऑनलाईन शॉपिंग की तरह सहज बनाने के लिए तत्पर है।
जैसा कि नाम से ज्ञात होता है ‘इन्वेस्ट 19’ एक ऐसा निवेश केन्द्र होगा जो लोगों को उनकी निवेश क्षमता, जोखिम लेने की क्षमता और निवेश के समय के आधार पर निवेश के विकल्प उपलब्ध कराएगा। यह अगली पीढ़ी का टेक्नोलॉजी प्लेटफॉर्म है जो एआई और डेटा साइन्स का संयोजन है और प्रविष्टि स्तर के निवेशकों के लिए निवेश को आसान बनाता है, उन्हें निवेश के लिए बेहतर फैसला लेने में मदद करता है। अब तक ज़्यादातर लोग स्टॉक मार्केट से दूरी बनाकर रखते थे, हालांकि निवेश के इस विकल्प ने इन सालों के दौरान मुद्रास्फीती के अनुसार समायोजित रिटर्न दिया है। निवेश का कोई भी विकल्प जो मुद्रास्फीती के अनुसार समायोजित रिटर्न न दे सके, वह अच्छा विकल्प नहीं है। यह विकल्प लम्बी अवधि में अच्छा रिटर्न देता है।
इन्वेस्ट 19 के लॉन्च के बारे में बात करते हुए महक तोमर, सीईओ, इन्वेस्ट 19 डॉट कॉम ने कहा, ‘‘इन्वेस्ट 19 सम्पत्ति प्रबंधन केलिए स्टॉक की स्वीकार्यता बढ़ाने में कारगर साबित होगा। स्टॉक में निवेश का यह नया प्लेटफॉर्म निवेश को आसान बनाएगा और निवेशकों के भावी वित्तीय लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘स्टॉक की बात करें तो भारतीय निवेशकों की भागीदारी बेहद कम मात्र 2.5 फीसदी है, जबकि चीन और यूएसए की भागीदारी 10-15 फीसदी है। इसका अर्थ यह है शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें कि 2-2.5 फीसदी से भी कम भारतीय परिवार स्टॉक में निवेश करते हैं। इसीलिए हमने इन्वेस्ट 19 की शुरूआत का फैसला लिया, जो सुनिश्चित कर सकता है कि हर व्यक्ति अपनी भावी वित्तीय उद्देश्यों को पूरा कर सके।’’
‘‘यह उद्यम उद्योग जगत को प्रोत्साहन देगा तथा इनोवेशन, स्मार्ट निवेश प्रथाओं, सम्पत्ति प्रबंधन के माध्यम से स्टॉकब्रोकर्स, सम्पत्ति प्रबंधन कंपिनयों और अनुसंधान सदनों के लिए मददगार साबित होगा। साथ ही प्रविष्टी स्तर के निवेशकों के लिए निवेश को सुगम बनाएगा।’’ श्रीमति तोमर ने कहा।
इस अवसर पर कोशलेन्द्र सिंह सेंगर (संस्थापक एवं सीईओ), अडवाइज़री मंडी डॉट कॉम ने कहा, ‘‘हाल ही में हमने स्विट्ज़रलैण्ड के ईएसटी ग्रुप से शेयर मार्केट में निवेश के तरीकें 36 मिलियन डॉलर जुटाए हैं। कंपनी ने भारतीय बाज़ार में नई वित्तीय प्रणाली के निर्माण के लिए ईएसटी ग्रुप के साथ सामरिक साझेदारी भी की है।’’
उन्होंने कहा ‘‘अडवाइज़री मंडी डॉट कॉम और ईएसटी ग्रुप देश में, खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता बढ़ाने के लिए प्रयासरत हैं। यह वित्तीय प्रणाली उद्योग जगत के सभी हितधारकों यानि निवेशकों, स्टॉकब्रोकर्स और अनुसंधान सदनों की समस्याओं को हल करने में मददगार साबित होगी।’’
इंडेक्स फंड में निवेश करने के लाभ
अब म्यूचुअल फंड में निवेश के तरीके तेजी से बदल रहे हैं। एक्टिव फंड्स में भारतीय निवेशकों की दिलचस्पी लगातार कम हो रही है। इनके प्रबंधन में मैनेजर की सक्रिय भूमिका होने से लागत ज्यादा होती है। दूसरी तरफ पैसिव स्कीम्स में फंड मैनेजर सक्रिय भूमिका नहीं निभाते, लिहाजा उनकी लागत कम होती है। अब दोनों तरह की स्कीम्स में रिटर्न का अंतर कम रह गया है इसलिए पैसिव स्कीम्स की लोकप्रियता बढ़ने लगी है। यही वजह है कि 2020 के मुकाबले 2021 में पैसिव फंड के AUM (एसेट अंडर मैनेजमेंट ) में 57% बढ़ोतरी हुई। खास तौर पर इंडेक्स फंड में न सिर्फ निवेशकों की दिलचस्पी बढ़ी है, बल्कि म्यूचुअल फंड हाउस भी इन्हें ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। इस कारण लगातार फण्ड हाउस इंडेक्स फण्ड लांच कर रहे है
इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि इंडेक्स फंड का पोर्टफोलियो बनाना बहुत सरल होता है। इसमें वही शेयर होते हैं, जो सेंसेक्स और निफ्टी जैसे स्टॉक एक्सचेंज के इंडेक्स में होते हैं। उदाहरण के लिए यदि किसी म्यूचुअल फंड हाउस ने निफ्टी 50 इंडेक्स फंड लॉन्च किया है ,तो इसमें निफ्टी के ही टॉप 50 शेयर होंगे। और आप उसमें निवेश करेंगे।
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ढेर सारे शेयरों में एक साथ निवेश
यदि बीएसई 500 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले किसी इंडेक्स फंड में निवेश करते हैं तो पूरा निवेश बीएसई की टॉप-500 कंपनियों में होगा । यदि निफ्टी 100 इंडेक्स को ट्रैक करने वाले फंड में निवेश करते हैं तो असल में आप एनएसई के टॉप-100 शेयरों में एक साथ निवेश कर रहे होते हैं।
निवेश की कम लागत का फायदा
इंडेक्स फंड का एक्सपेंस रेश्यो 0.02-0.2% होता है। यानी आप यदि किसी ऐसे फंड में आप 1 लाख रूपये का निवेश करते हैं तो इसकी लागत सिर्फ 20-200 रुपए बैठेगी। दूसरे एक्टिव फंड का एक्सपेंस रेश्यो 0.5-1.0% होने से इनमें 1 लाख रुपए के निवेश पर 500-1,000 रुपए खर्च करने होंगे।यह एक्सपेंस रेश्यो थीमेटिक फण्ड के केस में तो 2 % तक जाता है
रणनीति में पारदर्शिता
भारी उतार-चढ़ाव वाले मौजूदा दौर में निवेशक रिटर्न के साथ-साथ पोर्टफोलियो में पारदर्शिता भी चाहते हैं। इंडेक्स फंड में उन्ही कंपनियों के शेयर शामिल करने की अनुमति होती है जो संबंधित इंडेक्स में लिस्टेड होती हैं। ऐसे में निवेशकों को पता होता है कि उनका पैसा किन शेयरों में लगाया जा रहा है। इस कारण आप ख़राब कंपनियों में निवेश करने से आटोमेटिक बच जाते हैं।
सेक्टोरल इन्वेस्टिंग
सभी सेक्टरों के शेयर एक साथ बेहतर रिटर्न नहीं देते। दो साल शानदार रिटर्न देने वाले आईटी कंपनियों के शेयरों में इन दिनों लगातार गिरावट जारी है। दूसरी तरफ FMCG और ऑटो शेयर अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं। ऐसे में निवेशक अच्छी संभावना वाले पसंद के सेक्टोरल इंडेक्स में निवेश कर सकते हैं
थीम आधारित निवेश
कुछ साल से क्लाउड कम्प्यूटिंग, इलेक्ट्रिक व्हीकल और न्यू इकोनॉमीज जैसे थिमैटिक इन्वेस्टमेंट का चलन है। फंड मैनेजर भी ऐसे विषय या थीम पर नजर बनाये रखते हैं जो भविष्य में स्थिरता और तेज ग्रोथ दिखाने में सक्षम हों। इंडेक्स फंड निवेश में ऐसे थिमैटिक इनोवेशन का लाभ उठाने का मौका देते हैं। और लगातार ऐसे थीम आधारित इंडेक्स फण्ड लांच करते रहते है जैसे आईटी इंडेक्स फण्ड , फार्मा इंडेक्स फण्ड आदि
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By ANKIT SACHAN
मेरा नाम अंकित सचान है और मूलतः मैं कानपुर उत्तर प्रदेश जिले के घाटमपुर तहसील से सम्बन्ध रखता हूँ मैंने B.tech Electrical Engineering की शिक्षा उत्तर प्रदेश के सरकारी Engineering कॉलेज (Bundelkhand Institute of Engineering & Technology Jhansi ) ली है तदुपरांत मैंने प्राइवेट सेक्टर को चुना और अपनी नौकरी शुरू की अब तक मैँने २ कंपनियों में नौकरी की है मैंने Ramky Enviro Engineers Ltd में 8 वर्ष तथा PI Industries में 2 साल से काम कर रहा हूँ
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