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क्या है क्रिप्टो करैंसी

क्या है क्रिप्टो करैंसी

Cryptocurrency Rates Today 13 November: कैसा है क्रिप्टो के बाजार का हाल और भारत में क्या चल रहे हैं रेट, जानें यहां

Cryptocurrency Rates Today 13 November: क्रिप्टोकरेंसी के रेट में पिछले एक दिन से बड़ी गिरावट देखी जा रही है. यहां आज आप भारत में क्रिप्टोकरेंसी के क्या रेट चल रहे हैं, वो जान सकते हैं.

By: ABP Live | Updated at : 13 Nov 2022 02:06 PM (IST)

Edited By: Meenakshi

क्रिप्टोकरेंसी (फाइल फोटो) ( Image Source : Getty )

Cryptocurrency Rates Today 13 November: दुनिया की प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी आज सुबह के शुरुआती ट्रेड में तो हरे निशान में ट्रेड कर रही थीं पर इनके कारोबार में एक दिन में बड़ी गिरावट देखी गई है. कल से लेकर आज तक ग्लोबल क्रिप्टो मार्केट के मार्केट कैप में 0.69 फीसदी की गिरावट देखी गई है और ये 848.55 अरब डॉलर पर आ गया है. वहीं कुल मिलाकर क्रिप्टो मार्केट का वॉल्यूम 42.69 फीसदी गिरकर 55.22 अरब डॉलर पर आ गया क्या है क्रिप्टो करैंसी है.

कॉइनमार्केट कैप के मुताबिक भारत में बिटकॉइन का रेट 15 लाख के आसपास घूम रहा है जिसका कुल क्रिप्टो में हिस्सा 38.17 फीसदी है और इसके एक दिन के दाम देखें तो ये 0.23 फीसदी चढ़ गया है. हालांकि क्रिप्टोकरेंसी बाजार को लेकर रुख संशय का ही बना हुआ है क्योंकि एफटीएक्स एक्सचेंज ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए आवेदन डाल दिया है और इससे क्रिप्टो मार्केट के जोखिम को लेकर फिर से चर्चा हो रही हैं.

भारत में क्रिप्टोकरेंसी के रेट देखें-

बिटकॉइन
बिटकॉइम के दाम इस समय 0.98 फीसदी की गिरावट के साथ 14,85,000 रुपये प्रति कॉइन पर कारोबार कर रहे हैं.

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इथेरियम
इथेरियम के दाम इस समय 1,11,002.9 रुपये पर हैं और ये 0.12 फीसदी की गिरावट पर कारोबार कर रहा है.

टीथर
टीथर के दाम देखे तो इस समय 87.61 रुपये पर हैं और इसमें 0.74 फीसदी की गिरावट दर्ज की जा रही है.

कारडनो
कारडनो के रेट 2.97 फीसदी की गिरावट के साथ 32.00 रुपये पर बने हुए हैं.

बिनांस कॉइन
बिनांस कॉइन के रेट में 1.97 फीसदी की गिरावट है और ये 24,899 रुपये प्रति कॉइन पर चल रही है.

XRP
XRP के रेट में 4.78 फीसदी का नुकसान है और ये 31.60 रुपये पर कारोबार कर रहा है.

पोल्काडॉट
पोल्काडॉट के दाम में 2.38 फीसदी की गिरावट देखी जा रही है और ये 525.02 रुपये पर ट्रेड कर रही है.

डॉजकॉइन
डॉजकॉइन में आज 4.58 फीसदी की गिरावट के बाद 7.93 रुपये प्रति टोकन पर कारोबार देखा जा रहा है.

क्यों आ रही है क्रिप्टोकरेंसी के मार्केट में गिरावट
FTX में लिक्विडिटी की समस्या के कारण क्रिप्टो मार्केट में पिछले कुछ हफ्तों में करीब 2 ट्रिलियन डॉलर की गिरावट दर्ज की गई है. इसके साथ ही पिछले कुछ समय में दुनियाभर के कई केंद्रीय बैंकों ने अपने मौद्रिक नीति को कठोर किया है. इसका बुरा असर क्रिप्टोकरेंसी मार्केट पर भी पड़ रहा है और बिटकॉइन समेत कई बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट देखी जा रही है.

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Published at : 13 Nov 2022 01:57 PM (IST) Tags: Cryptocurrency Rate Cryptocurrency Rates Today Cryptocurrency News Crypto News हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

क्या देश में क्रिप्टो अब कानूनी हो गया? 30% टैक्स के बाद अगर आप भी इसे लीगल मान रहे हैं तो जानिए क्या है हकीकत

Cryptocurrency in India: वित्तमंत्री के बजट भाषण के बाद इतना तो साफ हो गया है कि भारत में अब वर्चुअल एसेट (Virtual Asset) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. इतना ही नहीं, क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा.

Cryptocurrency: हम जिसे क्रिप्टोकरेंसी मान रहे हैं और वित्तमंत्री ने जिसे Virtual asset कहा उससे होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. बजट 2022 में यही एक प्वाइंट था, जिसने सबका ध्यान खींचा. बजट में ऐलान के बाद क्रिप्टो में निवेश करने वाले निराश हुए होंगे और इसके कारोबार से जुड़े कुछ लोग खुश भी हुए होंगे. खुशी इसलिए क्योंकि, कई लोग ये दावा कर रहे हैं कि अब क्रिप्टोकरेंसी देश में लीगल हो गई है. ये इस बात से भी साफ होता है कि बजट में ऐलान के ठीक बाद क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज WazirX, Coinswitchkuber की तरफ से रिएक्शन आए कि सरकार यह कदम अच्छा है. लेकिन, यहां थोड़ा सा कन्फ्यूजन है. पहले समझते हैं कि वित्तमंत्री ने क्या कहा और उसका इंटरप्रिटेशन करने वाले कहां चूक कर रहे हैं.

डिजिटल करेंसी नहीं एसेट पर लगा है टैक्स

सबसे पहले तो ये समझिए सरकार ने जो टैक्स लगाया है वो डिजिटल एसेट या यूं कहें क्रिप्टोकरेंसी (Cyrptocurrency) जैसे बिटकॉइन पर लगा है, जो फिलहाल लीगल नहीं है. गौर करने की बात ये है कि सरकार इसे करेंसी नहीं मान रही है. तो अब भारत में डिजिटल एसेट (Cryptocurrency) से होने वाली कमाई पर 30% टैक्स लगेगा. मतलब अब अगर कोई व्यक्ति किसी डिजिटल एसेट (Digital Asset) में निवेश करके 100 रुपए का मुनाफा कमाता है, तो उसे 30 रुपए टैक्स के रूप में सरकार को देने होंगे.

ट्रांजैक्शन पर TDS भी वसूलेगी सरकार

क्रिप्टोकरेंसी के हर एक ट्रांजैक्शन (Transaction) पर अलग से 1% TDS (Tax deduction at source) सरकार को देना होगा. मान लीजिए, किसी ने कोई क्रिप्टोकरेंसी खरीदी हुई है. ये उसका निवेश है. मतलब उसका ये Asset हुआ. अब अगर खरीदने वाला इस एसेट को किसी और को ट्रांसफर करता है, तो उसे अलग से उस Asset की कुल कीमत पर 1% के हिसाब से TDS चुकाना होगा. TDS किसी Source पर लगाया जाता है. जैसे आपको हर महीने मिलने वाली तनख्वाह पर सरकार जो टैक्स लेती है, वो TDS होता है. कुल मिलाकर सरकार डिजिटल करेंसी को एक इनकम सोर्स मान रही है. इसकी कमाई पर 30% टैक्स भी लगा दिया गया है.

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तो क्या क्रिप्टो करेंसी लीगल हो गई?

बजट में हुए इस ऐलान के बाद ज्यादातर लोगों के मन में ये सवाल है कि क्या सरकार ने डिजिटल करेंसी पर टैक्स लगा कर इसे लीगल कर दिया है? जवाब है- नहीं. इसे ऐसे समझिए, सरकार सिर्फ उस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लीगल यानी वैध मानती है, जिसे Reserve Bank of India-RBI जारी करता है या करेगा. मतलब अभी जो Bitcoin जैसी Crypto Currency हैं, वो वैध नहीं है. बजट भाषण के बाद पत्रकारों से सवाल-जवाब में वित्तमंत्री ने साफ किया कि क्रिप्टो की वैधता को लेकर सरकार में चर्चा जारी है लेकिन अब तक कोई फैसला नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क के बाहर जो भी क्रिप्टोकरेंसी हैं, वे करेंसी नहीं हैं. अगर कोई आपसे कहे कि ये लीगल हो गई हैं तो जब तक सरकार नहीं कहती, मानिएगा नहीं. यहां पर गौर करने की बात ये भी है कि सरकार अप्रैल से शुरू होने वाले कारोबारी साल में अपनी डिजिटल करेंसी लाने की भी तैयारी में है जिसका जिक्र वित्तमंत्री ने अपने भाषण में किया. जाहिर है ये करेंसी पूरी तरह लीगल होगी.

क्रिप्टो पर कन्फ्यूजन फैला क्यों?

वर्चुअल एसेट पर 30 परसेंट टैक्स का एलान होते ही कई लोगों ने ये मान लिया कि जो चीज टैक्स के दायरे में आ गई वो तो लीगल हो गई. जबकि ऐसा नहीं है. इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक आपकी आय कहीं से भी हो, सरकार उस पर टैक्स वसूलती है. इससे आपके आय के लीगल होने क्या है क्रिप्टो करैंसी की गारंटी नहीं मिल जाती. टैक्स एक्सपर्ट वेद जैन (Tax Expert Ved Jain) के मुताबिक, इनकम टैक्स प्रोविजन में साफ है कि आपकी कहीं से भी कमाई हुई है, उस पर टैक्स स्लैब के मुताबिक टैक्स की देनदारी बनेगी. चाहे इनकम सोर्स वैध हो या फिर अवैध. सुप्रीम कोर्ट ने भी काफी वक्त पहले स्मगलिंग बिजनेस के मामले में ऐसा ही फैसला सुनाया था. इसलिए ऐसी कोई एसेट पर लगने वाले टैक्स को लीगल कहना सही नहीं है.

वर्चुअल एसेट से वित्तमंत्री का मतलब क्या है?

आसान तरीके से समझें तो आप जो सोना खरीदते हैं या जो घर खरीदते हैं, वो आपकी Assets होती है. मतलब आपकी सम्पत्ति, ना कि ये करेंसी है. ठीक इसी तरह Crypto Currency भारत सरकार के लिए एक Asset होगी और इस पर लोगों से टैक्स वसूला जाएगा. अगर आप ये सोच रहे हैं कि Bitcoin, Ethereum, Tether, Ripple जैसी डिजिटल करेंसी को लीगल माना गया है तो तकनीकी तौर पर बिल्कुल सही नहीं है. हालांकि, लोग इसमें निवेश कर सकेंगे.

इस टैक्स के पीछे क्या है सरकार की मंशा

सरकार के प्रतिनिधियों ने ये भी बताया कि देश में क्रिप्टोकरेंसी ट्रांजैक्शन साल 2017 से ही सरकार के राडार पर है. इस पर टैक्स लगाने से सरकारी खजाने में मोटी रकम पहुंचनी तय है. अभी अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, Netherlands और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों में वर्चुअल करेंसी (Virtual Currency) पर वहां की सरकारें टैक्स लगाती हैं. सरकार के इस फैसले के पीछे एक बड़ी वजह ये हो सकती है कि, हमारे देश में जितने लोगों ने CryptoCurrency में निवेश किया है, वो देश की आबादी का लगभग 8% हैं. RBI के आंकड़ों के मुताबिक, इन लोगों ने अपने 70 हजार करोड़ रुपए इस समय ऐसी Virtual Currency में लगाए हुए हैं. पूरी दुनिया में CryptoCurrency में ट्रेड करने के मामले में भारतीय सबसे आगे हैं. सरल शब्दों में कहें तो ये 30 प्रतिशत टैक्स, सीधे तौर पर 70 हजार करोड़ रुपए के निवेश को एक गारंटी देगा और हो सकता है क्या है क्रिप्टो करैंसी कि भारत में इसका इस्तेमाल बढ़ जाए.

गिफ्ट पर भी लगेगा टैक्स, ऐसे होगा कैलकुलेट

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने वर्चुअल एसेट्स (Virtual Assets) के ट्रांजैक्शन से हुई कमाई पर 30% टैक्स लगाने का प्रस्ताव किया. क्रिप्टोकरेंसी गिफ्ट करने को भी ट्रांजेक्शन माना जाएगा. मतलब अगर आप क्रिप्टोकरेंसी किसी को गिफ्ट में देते हैं तब भी 30 फीसदी टैक्स की देनदारी बनेगी. गिफ्ट किए जाने के मामले में उस समय की वैल्यू पर टैक्स लगेगा. इस वैल्यू को Recipient का इनकम माना जाएगा और उसे वैल्यू पर टैक्स देना होगा.

कब से लगेगा नया टैक्स?

एक और बात जो नोटिस करने वाली है कि ये नया टैक्स आने वाले कारोबारी साल यानी 1 अप्रैल से लागू होगा. यानी क्रिप्टो में कारोबार करने वालों के पास फिलहाल 31 मार्च तक की मोहलत है. वित्त मंत्री ने यह भी प्रस्ताव किया कि डिजिटल एसेट्स के दायरे में क्रिप्टोकरेंसी के अलावा NFT समेत सारे टोकन आते हैं, जो सेंट्रल बैंक के फ्रेमवर्क में नहीं हैं. वित्त मंत्री ने यह भी बताया कि रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी आने आने वाली है. ये सारे बदलाव बजट पर कैबिनेट की मुहर लगने के बाद 1 अप्रैल 2022 से लागू हो जाएंगे.

क्रिप्टो करेंसी क्या है Crypto currency meaning in Hindi.

क्या आपने कभी सोचा है क्रिप्टो करेंसी क्या है और कैसे काम करती है ? क्या आपके मन में कभी ख्याल आया डिजिटल करेंसी क्या है? तभी तो आप हमारे वेबसाइट पर आए हो. आज के इस पोस्ट में हम जानेंगे क्रिप्टो करेंसी भारत मे कैसे निवेश करे और देखेंगे क्रिप्टो-करेंसी क्या है, और अगले पोस्ट में हम यह देखेंगे क्रिप्टो करेंसी कहां से खरीदें.

अधिक जानकारी के लिए आप क्रिप्टो करेंसी विकिपीडिया पे पढ़ सकते हैं.

तो चलिए देखते हैं Crypto currency meaning in Hindi.

नमस्कार दोस्तों, आजकल बहुत सारे लोगों के muh से आप लोग क्रिप्टो करेंसी, बिटकॉइन,एथेरि यम या ऐसी बहुत सारी चीजों का नाम सुन रहे होंगे; और आप सुन रहे होंगे कि लोग रातो रात बहुत ज्यादा अमीर बन रहे हैं। बहुत ज्यादा पैसा कमा रहे हैं। तो आज हम लोग बहुत ही आसान भाषा में समझने वाले हैं कि क्रि प्टो करेंसी क्या है? इसमें आपको पैसे लगाने चाहिए या नहीं? और आपको पता होना चाहिए कि यह लीगल है या नहीं? क्रिप्टो me इन्वेस्ट कैसे किया जाता है? ये सब बहुत ही सिपंल में समझने वाले इसलिए ये आर्टि कल लास्ट तक जरूर पढे।

Table of Contents

क्रिप्टो करेंसी क्या है

क्रिप्टो-मुद्रा या क्रिप्टो एक डिजिटल संपत्ति है जिसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड को एक कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस के रूप में मौजूदा बहीखाता के रूप में संग्रहित किया जाता है, जो क्रिप्टोकरेंसी के रूप में मजबूत क्रिप्टोग्राफी का उपयोग करके सुरक्षित रिकॉर्ड को नियंत्रित करता है। अतिरिक्त सिक्कों का निर्माण, और सिक्के के स्वामित्व के हस्तांतरण की पुष्टि करना। यह आमतौर पर भौतिक रूप में मौजूद नहीं होता है (जैसे पेपर मनी) और आमतौर पर एक केंद्रीय प्राधिकरण द्वारा जारी नहीं किया जाता है। क्रिप्टोकरेंसी आमतौर पर केंद्रीयकृत डिजिटल मुद्रा और केंद्रीय बैंकिंग प्रणालियों के विपरीत विकेंद्रीकृत नियंत्रण का उपयोग करती है। जब किसी क्रिप्टोक्यूरेंसी को एक जारीकर्ता द्वारा जारी या जारी किए जाने से पहले खनन या बनाया जाता है, तो इसे आमतौर पर केंद्रीकृत माना जाता है। जब विकेन्द्रीकृत नियंत्रण के साथ लागू किया जाता क्या है क्रिप्टो करैंसी है, तो प्रत्येक क्रिप्टोक्यूरेंसी वितरित लेज़र तकनीक के माध्यम से काम करती है, आमतौर पर एक ब्लॉकचेन, जो एक सार्वजनिक वित्तीय लेनदेन डेटाबेस के रूप में कार्य करता है।

मान के चलो इस दुनि या में लगभग 198 जितनी कंट्री और सभी देशों की अपनी अलग अलग करेंसी होती है

तो पूरी दुनिया में कुल 198 जितनी अलग अलग करेंसी हुई। Same ऐसे ही क्रिप्टो भी एक प्रकार की करेंसी ही हैं, जिसे कहते हैं डिजि टल करेंसी। दुनि या के अलग-अलग देशों के अपने पैसों को हम करेंसी (मुद्रा) कहते हैं।

जैसे कि अगर इंडि या में रहते हैं तो यहां के पैसों को हम रुपया के नाम से जानते है। वैसे ही अमेरि का के पैसों को डॉलर, यूरोप के पैसों को यूरो के नाम से जानते है। ये रुपया, डॉलर, यूरो यह सब करेंसी ही है, पर इसका हम ऑफलाइन फिजिकली यूज कर सकते हैं। लेकिन क्रिप्टो करेंसी एक डिजिटल करेंसी है जिसे हम फिजिकल यूज नहीं कर सकते।

काफी देशों में खरीदने बेचने में और इंटरनेशनल कार्यों में भी cryptocurrency का use कर रहे हैं। ये सुरक्षि त और ऑनलाइन होने की वजह से आने वाले समय में इसकी बहुत बड़ी मार्केट बन सकती हैं।

Crypto currency meaning in Hindi

अब जान लेते हैं की क्रि प्टो करेंसी को हिन्दी में क्या कहते हैं? Crypto का meaning Hindi में सीक्रेट या गुप्त और Currency का मतलब मुद्रा। होता हैं। यानी कि Cryptocurrency Meaning in Hindi सिक्रेट मुद्रा या गुप्त मुद्रा होता है। क्रि प्टो करेंसी एक वर्चुअल करेंसी होती है, यह भौति क रूप में उपलब्ध नहीं होती है; यान कि इसे हम अन्य करेंसी की तरह (नोट और सि क्कों) हाथ में नही ले सकते और ना ही उसे अपनी जेब में रख

सकते हैं। क्योंकि यह सि र्फ इंटरनेट पर ही हमारे डि जि टल वॉलेट में डि जि टल रूप में ही स्टोर होती है। इसका

क्रिप्टोकरेंसी बनाम सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी, जानें क्या है इनमें अंतर और क्या है नफा-नुकसान

भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.

भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) डिसेंट्रलाइज्ड है और भारत में किसी भी नियामक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नहीं की गई है. च . अधिक पढ़ें

  • News18Hindi
  • Last Updated : December 02, 2021, 13:03 IST

Cryptocurrency News Today: भारत में इन दिनों क्रिप्टोकरेंसी को लेकर खूब घमासान मचा हुआ है. दुनिया में सबसे ज्यादा भारत में क्रिप्टो का कारोबार होने के बाद इस डिजिटल करेंसी (Digital Currency) को लेकर ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है. सरकार इसे असुरक्षित मानते हुए इसके नियमन को लेकर संसद में बिल लाने की तैयारी कर रही है. लेकिन क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency) के बढ़ते चलन को देखते हुए सरकार खुद अपनी डिजिटल करेंसी सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) लाने की कवायद में जुटी हुई है.

आखिर क्यों है क्रिप्टो पर इतना विवाद और क्या है सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC), इन मुद्दों पर विस्तार से बात कर रही हैं फाइनेंशियल एडवाइजर ममता गोदियाल. ममता गोदियाल (Mamta Godiyal) का बैंकिंग सेक्टर में लंबा अनुभव रहा है. अब वह निजी तौर पर पर्सनल फाइनेंस को लेकर लोगों को खासकर महिलाओं को जागरुक कर रही हैं. क्रिप्टोकरेंसी को लेकर उनसे लंबी चर्चा हुई. बातचीत में उन्होंने क्रिप्टोकरेंसी और भारत सरकार की सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी के बारे में कई पहलुओं पर रोशनी डाली.

क्रिप्टोकरेंसी (Cryptocurrency)
यह एक कोड से बनाई गई डिजिटल संपत्ति है. इसे एक्सचेंज के माध्यम के रूप में काम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें व्यक्तिगत सिक्का स्वामित्व रिकॉर्ड एक डिजिटल लेजर, कम्प्यूटरीकृत डेटाबेस में स्टोर किए जाते हैं, जो लेनदेन के रिकॉर्ड को सुरक्षित करने के लिए मजबूत क्रिप्टोग्राफी का इस्तेमाल करते हैं. अतिरिक्त डिजिटल सिक्कों के निर्माण को कंट्रोल करने और सिक्का स्वामित्व के हस्तांतरण को सत्यापित करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है. पहली विकेन्द्रीकृत क्रिप्टोक्यूरेंसी बिटक्वाइन वर्ष 2009 में बनाया गया था.

क्रिप्टोकरेंसी डिसेंट्रलाइज्ड है और भारत में किसी भी नियामक प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित नहीं की गई है. चूंकि इस संबंध में कोई दिशानिर्देश, नियम और विनियम नहीं हैं, इसलिए निवेशक क्रिप्टोकरेंसी में अपने जोखिम पर निवेश कर रहे हैं.

असल में भारत में क्रिप्टोकरेंसी में लगातार बढ़ते निवेशकों और इसका जोखिम सरकार के लिए चिंता का विषय है.

भारत में क्रिप्टो मालिकों की संख्या 10.07 करोड़ है जो दुनिया भर में सबसे अधिक है. हालांकि, जब क्रिप्टो को लेकर जानकारी और जागरूकता की बात आती है, तो भारत में इसका स्कोर 10 में से 4.39 है जो कि बहुत अच्छा नहीं है. क्यूंकि हम अपनी मेहनत की कमाई को ऐसे बाजार में निवेश कर रहे हैं जो किसी कानून द्वारा संरक्षित नहीं है.

जैसा कि, हम नीचे दी गई तालिका से देख सकते हैं कि क्रिप्टो मालिकों के विशाल आधार के बावजूद, भारत क्रिप्टो मालिकों के मामले में कुल जनसंख्या के प्रतिशत के रूप में 7.30 प्रतिशत के रूप में पांचवें स्थान पर है. यूक्रेन इस सूची में पहले स्थान पर है, जिसमें क्रिप्टो के मालिक कुल जनसंख्या का 12.73 प्रतिशत है, इसके बाद रूस का स्थान है.

cryptocurrency

वर्तमान हालात पर नजर डालें तो, सरकार शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में ‘द क्रिप्टोक्यूरेंसी एंड रेगुलेशन ऑफ ऑफिशियल डिजिटल करेंसी बिल 2021’ (The Cryptocurrency and Regulation of Official Digital Currency Bill 2021) पेश करने जा रही है. इस घोषणा के बाद भारत में क्रिप्टो बाजार में दहशत फैल गई और बड़ी हलचल भी देखने को मिली.

30 नवंबर को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने राज्यसभा में प्रश्नकाल सत्र के दौरान क्रिप्टोकुरेंसी पर कहा, “यह एक जोखिम भरा क्षेत्र है और पूर्ण नियामक ढांचे में नहीं है. इसके विज्ञापनों पर प्रतिबंध लगाने पर कोई निर्णय नहीं लिया गया था. आरबीआई (RBI) और सेबी (SEBI) के माध्यम से जागरुकता पैदा करने के लिए कदम उठाए गए हैं. सरकार जल्द ही एक विधेयक पेश करेगी.”

अब सरकार इसे लेकर क्या रणनीति बना रही है इसके लिए हमें क्रिप्टोकुरेंसी विधेयक 2021 के आने तक इंतजार करना होगा.

सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (Central Bank Digital Currency)
यह फिएट मनी का एक डिजिटल रूप है. जो मुद्रा चलन में है उसे फिएट मनी कहा जाता है. यह वर्चुअल करेंसी और क्रिप्टोकुरेंसी से अलग है. CBDC पर पूरी तरह से सरकार का नियंत्रण होगा. सरकार के नियंत्रण में होने से इसके जोखिम कम हो जाएंगे.
– क्रिप्टोक्यूरेंसी के विपरीत सीबीडीसी केंद्रीकृत मुद्रा होगी.
– इसकी मदद से लोग बैंक, क्लियरिंग हाउस आदि बिचौलियों के भरोसे सीधे पैसा भेज सकेंगे.
– यह बिल्कुल कागजी मुद्रा की तरह है.
– बैंक ऑफ इंग्लैंड सीबीडीसी की शुरुआत की संभावनाओं पर वैश्विक चर्चा शुरू करने वाले पहले संगठनों में से एक था.
– सेंट्रल बैंक ऑफ स्वीडन इसके कार्यान्वयन पर विचार करने के सबसे करीब है.

(ये लेखक के अपने विचार हैं. पाठकों से अनुरोध है कि निवेश करने से पहले पूरी तरह से शोध करें क्योंकि यह मालिक के जोखिम के अधीन है.)

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