शुरुआती लोगों के लिए अवसर

एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें

एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें
अब आप सोचेंगे कि अभी तो महीना भी पूरा नहीं हुआ और लोन की ईएमआई कटनी शुरु हो गई, ऐसा क्यों? तो इसका उत्तर है यह प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) के रुप में पैसा कटा है। अब आप कहेंगे कि फिर EMI और प्री ईएमआई pre emi meaning in hindi) में अंतर क्या हुआ? तो इसका उत्तर है – ईएमआई के रुप में जो पैसा कटता है उसपर ब्याज भी लगता है जबकि प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) के रुप में कटने वाला पैसे पर किसी भी तरह का ब्याज नहीं लगता है। प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) की धनराशि रेगुलर ईएमआई से कम होती है। प्री-ईएमआई कैलकुलेटर लोन के लिए कारकों कैसे प्रभावित कर सकता है।

भारत में चावल का व्यापार कैसे करें ?

किसी भी बिज़नेस के अंदर एक बिज़नेस प्लान का बहुत बड़ा रोल होता है, इसीलिए एक बिज़नेस प्लान बनाए। बिज़नेस प्लान के अंदर शहर के अंदर जितने भी रिटेलर और होलेसलेर है उनके बारे में लिखे ताकि बाद में आप उन्हें आसानी से टारगेट कर सके।

5. इन्वेस्टमेंट (Investment)

अब बात आती है कि इस बिज़नेस के अंदर कितना पैसा लगाना होगा, तो इस बिज़नेस में पैसा लगाने की कोई भी सीमा नही है इस बिज़नेस के अंदर आप कितना भी पैसा लगा सकते हो क्यों कि भारत के अंदर चावल की एक हज़ार से भी ज्यादा वराइटी उपलब्ध है।

शुरुआत के अंदर आप कुछ अच्छी वराइटी के साथ इस बिज़नेस की शुरआत कर सकते है, अगर आप इस बिज़नेस को छोटे से छोटे स्तर पर भी शुरू करना चाहते हो तो आपको कम से कम 4 से 5 लाख तक कि इन्वेस्टमेंट करनी होगी।

6. चावल खरीदे (Buy Rice)

चावल दो कैटेगरी के होते है एक बासमती और दूसरा अबासमती, तो आप एक कैटेगरी पकड़ कर उस पर काम कर सकते है।

कैश में करने जा रहे हैं भुगतान! इन बातों का रखें खास ध्यान, भरना पड़ सकता है जुर्माना

Cash Payment: आयकर कानून के तहत नकद लेन-देन की जो अधिकतम सीमा तय की गई है, उससे अधिक का भुगतान अगर आप कैश में करते हैं तो आपको परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.

कर्ज की स्थिति में मात्र 20000 रुपये तक नकद में लेन-देन कर सकते हैं.

सरकार देश में कालेधन पर रोक लगाने और डिजिटल माध्यम से लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए नकद लेन-देन या भुगतान की सीमा को कम करने पर जोर देती रही है. हाल में एक तय सीमा से अधिक कैश भुगतान को लेकर केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने लोगों के लिए चेताया भी था. आयकर कानून के तहत नकद लेन-देन की जो अधिकतम सीमा तय की गई है, उससे अधिक का भुगतान अगर आप कैश में करते हैं तो आपको परेशानी का सामना भी करना पड़ सकता है.

एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें

Author Image

Indira Gandhi Institute of Development Research

Author Image

Indira Gandhi Institute of Development Research

जब भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर आई, तो ऑक्सीजन, चिकित्सा उपकरणों और जीवन रक्षक दवाओं की कमी के कारण स्वास्थ्य संकट और बढ़ गया। एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें इस लेख में, सी वीरामणि और अन्वेषा बसु तर्क देते हैं कि भारत सरकार के आत्मनिर्भर या आत्‍मनिर्भरता के रुख के विपरीत, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भरोसा करना अप्रत्याशित स्वास्थ्य झटकों का सामना करने के लिए एक बेहतर रणनीति है।

भारत जब पिछले साल कोविड-19 महामारी की पहली लहर की चपेट में था, तो सरकार ने उस समय के स्वास्थ्य संकट से निपटने के लिए एक रामबाण के रूप मे तथा साथ ही साथ विकास के एक नए मंत्र के रूप में "आत्‍मनिर्भर भारत" के अपने दृष्टिकोण की घोषणा की। इस कदम में यह तर्क निहित था कि महामारी के दौरान स्वास्थ्य चुनौतियों से निपटने के लिए घरेलू आपूर्ति श्रृंखला अधिक विश्वसनीय और आसानी से उपलब्‍ध होगी। इसके अलावा, यह तर्क भी दिया गया कि आयात पर न्यूनतम निर्भरता देश में औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के हित में है। ये दृष्टिकोण तर्कसंगत आर्थिक सोच और व्यापक रूप से स्वीकृत इस सिद्धांत के खिलाफ हैं कि आपूर्ति श्रृंखलाओं का विविधीकरण एक अच्छी जोखिम-प्रबंधन रणनीति का अनिवार्य घटक है। दरअसल, भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के रूप में हाल ही में आई स्वास्थ्य आपदा आत्मनिर्भरता की आलंकारिक व्‍याख्‍या की खामियों को उजागर करती है। इस लेख में, हम चर्चा करते हैं कि घरेलू के बजाय वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाओं पर भरोसा करना, अप्रत्याशित स्वास्थ्य झटकों का सामना करने के लिए एक बेहतर रणनीति क्यों है।

महामारी के दौरान वैश्विक बनाम घरेलू आपूर्ति श्रृंखला

एक महामारी से हर देश के प्रभावित होने की संभावना रहती है, लेकिन अलग-अलग देशों में इसका प्रकोप अलग-अलग समय पर चरम पर होता है। इसलिए, जब भारत में महामारी का वक्र चरम पर है, तो इस वक्र को पहले ही समतल कर चुके देश जीवन रक्षक दवाओं, चिकित्सा उपकरणों और ऑक्सीजन के स्रोत के रूप में काम आ सकते हैं। सामान्य तौर पर, वैश्विक आपूर्ति श्रृंखलाएं घरेलू आपूर्ति श्रृंखलाओं की तुलना में अधिक मजबूत होती हैं, सिवाय एक अत्यधिक असंभावित परिदृश्य को छोड़कर जिसमें एक बीमारी सभी देशों को एक साथ और समान तीव्रता से प्रभावित करती है (गोल्डबर्ग 2020)। चूँकि अंतर्राष्ट्रीय आवागमन की तुलना में राष्ट्र के भीतर आवागमन अधिक आसान होता है इसलिए एक महामारी और उसके बाद की लहरें एक राष्‍ट्र से दूसरे राष्‍ट्र में फैलने की तुलना में देश के भीतर अधिक आसानी से और तेजी से फैलती हैं। इसलिए, लॉकडाउन और सामान की आवाजाही पर प्रतिबंध देशों के बीच की तुलना में देश के भी‍तर अधिक समकालिक होंगे।

कोविड-19 के दौरान की आपूर्ति श्रृंखलाओं में वैश्विक पारस्‍परिक-निर्भरता

चीन से आधिकारिक सीमा शुल्क डेटा के आधार पर हमारी गणना के अनुसार, जैसे ही चीन में महामारी से प्रेरित लॉकडाउन हटा, देश के कोविड-19 उत्पादों के निर्यात ने आसमान छू लिया जिसने अन्य देशों में इनकी कमी को दूर किया। चीन के कोविड-19 उत्पादों का निर्यात लॉकडाउन-पूर्व की अवधि (अप्रैल-दिसंबर 2019) के दौरान 43 अरब अमेरिकी डॉलर से लगभग 200% बढ़कर लॉकडाउन के बाद की अवधि (अप्रैल-दिसंबर 2020) के दौरान 125 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक हो गया। सबसे महत्वपूर्ण उत्पादों जैसे कि सुरक्षात्मक वस्त्रों (491%), परीक्षण किट (461%), ऑक्सीजन थेरेपी उपकरण, और पल्स ऑक्सीमीटर (135%) में वृद्धि दर सबसे अधिक थी।

अनुभवजन्य साक्ष्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि कोविड-19 (आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी), 2020) से संबंधित चिकित्सा उत्पादों में आपूर्ति श्रृंखलाओं की वैश्विक पारस्‍परिक निर्भरता उच्च स्तर पर है, जिसमें यह देखा गया कि कोई एक देश किसी एक कोविड-19 उत्पाद का शीर्ष उत्पादक हो सकता है, लेकिन किसी दूसरे उत्‍पाद का आयातक भी हो सकता है। इसी तरह, वैक्सीन का उत्पादन, वितरण और प्रशासन विभिन्न देशों में उपलब्ध संसाधन की एक श्रृंखला जिसमें सक्रिय सामग्री, शीशियों, सीरिंज, कोल्ड बॉक्स, ड्राई आइस, फ्रीजर आदि शामिल है, तक पहुंच पर निर्भर हैं (ओईसीडी, 2021)। जैसा कि विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) की रिपोर्ट में कहा गया है, "एक विशिष्ट वैक्सीन निर्माण संयंत्र लगभग 30 विभिन्न देशों में लगभग 300 आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त 9,000 विभिन्न सामग्रियों का उपयोग करेगा" (डब्ल्यूटीओ, 2020)।

प्री-ईएमआई लोन का विकल्प कौन सकता है ?

ऐसे बहुत से लोग होते हैं जिनके पास इतना धन नहीं होता कि वह एक समय में ही दो EMI को भर सके। ऐसे में अगर किसी भी तरह के नुकसान से बचने के लिए प्री ईएमआई का विकल्प बेहतर होता है। प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) की रकम तभी कटती है जब लोन का पैसा बैंक खाता में आ जाता है यानी जो पैसा लोन के रुप में मिलता है उसी में से प्री ईएमआई की रकम कटती है। यानी ग्राहक को अपनी पाकेट से पैसा नहीं देना होता है।

ZipLoan कंपनी कारोबारियों की आर्थिक जरूरतों को समझते हुए बिजनेस लोन की प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) का विकल्प सभी कारोबारियों को उपलब्ध कराती है। यानी आपके बैंक खाता में पैसा चला जाता है तभी प्री ईएमआई कटती है। प्री ईएमआई (pre emi meaning in hindi) का विकल्प चुनना सभी कारोबारियों के लिए बेहतरीन विकल्प साबित होता है।

ईएमआई कैलकुलेटर कैसे काम करता है? – How an EMI Calculator Works?

किसी भी तरह की EMI की कैलकुलेशन EMI कैलकुलेटर के जरिए की जा सकती है। ZipLoan कंपनी में यह सुविधा ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से उपलब्ध है। ये कैलकुलेटर आपको अंतिम रिजल्ट देते हैं यानी आप अपनी ईएमआई खुद से कैलकुलेट कर सकते हैं। ईएमआई कैलकुलेट करने में सिर्फ 4 से 5 मिनट का समय लगता ही।

आइए देखते हैं कि EMI निर्धारित होने किन कारकों का महत्वपूर्ण योगदान होता है:

  • लोन की रकम: EMI में के लिए यह मूल है। मंथली EMI अधिक होगी या कम यह बात लोन की रकम पर ही निर्भर होता है। अगर लोन की रकम अधिक है तो ईएमआई अधिक होगी और लोन की रकम कम होगी तो मंथली ईएमआई कम होगी।
  • लोन चुकाने का समय: लोन चुकाने का समय से मतलब उस समय यानी अवधि से है जिसमे लिया गया लोन चुकाने की बात तय होती है। अगर लोन चुकाने का समय अधिक होगा तो मंथली EMI कम होगी और लोन चुकाने का समय कम होगा तो मंथली अधिक होगा।
  • ब्याजदर: ब्याज दर को इंग्लिश में इंटरेस्ट रेट भी कहा जाता है। ब्याज दर वह होती है जो लोन की रकम पर लगती है। इसे बिल्कुल सिंपल तरीके से समझिए जब बैंक या फाइनेंसियल कंपनी किसी को लोन देती है तो लोन पर ब्याज लेती है। ब्याज दर कई प्रकार की होती है जैसे – फ्लोटिंग / हाइब्रिड / फिक्स्ड रेट। ब्याज दर की राशि कंपनी और बैंक के नियमों के एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें अनुसार बदलती रहती है।

लोन ईएमआई को प्रभावित करने वाले कारक – Factors Affecting Loan EMI

कई कारकों होते एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें हैं जिसके कारण लोन की ईएमआई में समय के साथ बदलाव होता रहता है:

सिबिल स्कोर: बिजनेस एक सीमा के भीतर व्यापार कैसे करें लोन की EMIतय होने में सिबिल स्कोर यानी क्रेडिट स्कोर की भूमिका अहम होती है। अगर कारोबारी का सिबिल स्कोर 700 से अधिक हुआ तो लोन चुकाने के लिए अधिक समय मिलता है, जिसके कारण लोन की ईएमआई कम होती है।

गिरवी/कोलैटरल: लोन दो तरह का होता है। प्रॉपर्टी गिरवी रखने के बदले और बिना कुछ गिरवी रखे बिजनेस लोन। जब प्रॉपर्टी गिरवी रखने के बदले लोन लिया जाता है तो उसकी मंथली EMI कम होती है वहीं जब बिना प्रॉपर्टी गिरवी रखे बिजनेस लोन लिया जाता है तो उसकी मंथली EMIअपेक्षाकृत अधिक होती है।

प्रॉपर्टी पर लोन के FAQS

अगर आपको बिज़नेस या पर्सनल कारणों से उच्च राशि की फाइनेंसिंग की आवश्यकता है, तो बजाज फिनसर्व से प्रॉपर्टी पर लोन एक उपयुक्त फाइनेंसिंग समाधान है. फाइनेंशियल साधन की उपयुक्तता न केवल उच्च राशि के कारण है बल्कि 18 वर्षों तक की सुविधाजनक पुनर्भुगतान अवधि के विकल्प के कारण भी है.

सही अवधि कैसे चुनें

  • अपने वर्तमान फाइनेंशियल दायित्वों का विश्लेषण करें
  • प्रत्यक्ष मासिक बजट को रिव्यू करें
  • फाइनेंशियल संभावनाओं का मूल्यांकन करें.

ध्यान दें कि प्रॉपर्टी पर लोन की अवधि जितनी अधिक होगी, EMI और कुल देय ब्याज़ उतना ही अधिक होगा.

प्रॉपर्टी पर लोन भारत में सबसे अधिक पसंद किए जाने वाले सेक्योर्ड लोन में से एक है, क्योंकि एप्लीकेंट अपनी मर्जी से इस फंड का उपयोग करने के लिए स्वतंत्र हैं. बजाज फिनसर्व लोन के रूप में प्रॉपर्टी के मार्केट वैल्यू का 75–90% तक ऑफर करता है. तुरंत अप्रूवल और डिस्बर्सल के साथ मॉरगेज़ लोन के लिए निम्नलिखित में से कोई भी कोलैटरल के रूप में प्रदान करें:

रेटिंग: 4.31
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 188
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *