इंटरएक्टिव ब्रोकर्स

एयरबीएनबी ने आईपीओ में शेयर के लिए $68 रुपये का इश्यू प्राइस रखा था, जो लिस्टिंग के दिन $168 के भाव तक चढ़ा और $144.70 के स्तर पर बंद हुआ. अमेरिका में भी आईपीओ को लेकर खासा क्रेज बना हुआ है.
US Stocks: अमेरिकी स्टॉक मार्केट में करना है इंवेस्टमेंट? इन इंटरएक्टिव ब्रोकर्स तरीकों से झट से खरीद पाएंगे शेयर
Share Price: करीब एक साल से अमेरिकी स्टॉक एक्सचेंज Nasdaq में गिरावट देखने को मिल रही है. Nasdaq का 52 वीक हाई और ऑल टाइम हाई 16212.23 है. हालांकि एक साल की गिरावट के बाद से Nasdaq अब 11146 के स्तर पर आ चुका है.
American Stock Market: शेयर बाजार में लोग निवेश कर पैसा बनाने को आतुर रहते हैं. भारत की कई ऐसी बड़ी कंपनियां है, जिनके शेयर में निवेश कर लोग पैसा बनाने की कोशिश करत हैं. वहीं विदेशों में भी कई ऐसी बड़ी कंपनियां है, जिनको लोग जानते हैं और उनकी वैल्यू भी काफी ज्यादा है. ऐसी कंपनियों में भी भारतीय निवेशक निवेश करना चाहते हैं लेकिन उन्हें ये माध्यम नहीं पता है, जिनकी मदद से वो देश से बाहर की कंपनियों में भी निवेश कर सकें. यहां हम आपको बताने वाले हैं कि आप भारत में रहकर कैसे अमेरिकी स्टॉक मार्केट की कंपनियों में निवेश कर सकते हैं. आइए जानते हैं.
ICICI Direct ने लॉन्च की सर्विस
आईसीआईसीआई डायरेक्ट ने विस्तार करते हुए सोमवार से यूके, सिंगापुर, जापान और जर्मनी के शेयर बाजारों में भी निवेश करने का रास्ता खोल दिया है. इससे पहले कंपनी ने अगस्त 2020 में अमेरिकी बाजार के लिए सेवाएं पहले ही शुरू कर दी हैं. ये सुविधा अमेरिका की ब्रोकरेज कंपनी इंटरएक्टिव ब्रोकर्स इंटरएक्टिव ब्रोकर्स के साथ करार किया है. कंपनी का कहना है कि अमेरिका के बाद अन्य ग्लोबल मार्केट्स के लिए निवेशकों में रुझान और मांग थी जिसके चलते 5 अन्य देशों के शेयर बाजार के लिए मौका दिया जा रहा है.
आईसीआईसीआई सिक्योरिटीज के हेड- प्राइवेट वेल्थ मैनेजमेंट अनुपम गुहा का कहना है कि इससे कंपनी के 55 लाख ग्राहकों को रेगुलेटेड विदेशी बाजार में निवेश करने और पोर्टफोलियो में जियोग्रॉफी कंसंट्रेशन के लिहाज से जोखिम कम करने का मौका मिलेगा.
HDFC सिक्योरिटीज और स्टॉकल (Stockal) का करार
एचडीएफसी सिक्योरिटीज के जरिए ग्लोबल इन्वेस्टिंग की जा सकती है. इसके लिए कंपनी ने स्टॉकल के साथ करार किया है. ऐसे ग्राहक जो विदेशी बाजार में निवेश करना चाहते हैं उन्हें HDFC सिक्योरिटीज स्टॉकल (Stockal) पर रेफर करता है जहां से इन्वेस्टर विदेशी शेयरों में पैसा लगा सकते हैं.
स्टॉकल एक प्लेटफॉर्म की तरह काम करता है जिसके जरिए निवेशक ग्लोबल ऐसेट्स में एक खाते के जिरए निवेश कर सकते हैं. स्टॉकल अपनी वेबसाइट के मुताबिक कंपनी का हेडक्वार्टर न्यू यॉर्क में है और भारत में बंगलुरू में ऑफिस है. इस स्टार्टअप में भारत, यूके, सिंगापुर और अमेरिका के कई निवेशक शामिल हैं.
एक्सिस डायरेक्ट का वेस्टेड फाइनेंस (Vested Finance) के साथ करार
एक्सिस डायरेक्ट वेस्टेड फाइनेंस (Vested Finance) के साथ मिलकर ग्लोबल इन्वेस्टिंग का प्लेटफॉर्म मुहैया कराता है. एक्सिस डायरेक्ट भी वेस्टेड फाइनेंस के लिए बतौर रेफरर का ही काम करता है.
कंपनी की वेबसाइट के मुताबिक SIPC (सिक्योरिटीज इन्वेस्टर प्रोटेक्शन कॉरपोरेशन) के जरिए हर खाते में 500K डॉलर और फेडरल डिपॉजिट इंश्योरेंस कॉरपोरेशन (FDIC) के तहत 250K डॉलर तक का इंश्योरेंस है.
वेस्टेड फाइनेंस खुद को अमेरिकी बाजार में निवेश के लिए जीरो कमीशन इन्वेस्टमेंट प्लेटफॉर्म बताता है. भारत में रहने वाले निवेशकों के साथ ही NRIs भी इस खाते का इस्तेमाल कर सकते हैं. इस प्लेटफॉर्म के जरिए अमेरिकी बाजार और ETF में निवेश करना मुमिकन है.
डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो के लिए कैसे करें विदेशी शेयरों में सीधे निवेश, किन बातों का रखें ध्यान?
- News18Hindi
- Last Updated : April 13, 2022, 18:27 IST
नई दिल्ली . शेयर बाजार चढ़ता-गिरता रहता है. संभव है कि देश के शेयर बाजार किसी समय आपको अच्छा रिटर्न नहीं दे रहा हो. ऐसे हालात में आप क्या करेंगे? निवेशकों के लिए सभी परिस्थितियों में अपने निवेश की रकम की रक्षा के लिए डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो की आवश्यकता होती है, जो वैश्विक बाजारों के झटके का सामना करने में सक्षम हो.
अमेरिका, ब्रिटेन, जर्मनी और जापान जैसे स्थापित विदेशी बाजार जो भारतीय बाजारों की तुलना में कम अस्थिर (वोलेटाइल) होते हैं, वहां के शेयरों में निवेश कर तूफानी रिटर्न हासिल कर सकते हैं. यह एक कारण हो सकता है, जिस वजह से भारतीय निवेशक अक्सर विदेशी शेयरों में सीधे निवेश करने में दिलचस्पी रखते हैं. सवाल उठता है कि विदेशी शेयरों में निवेश कैसे संभव है?
अमेरिका में आईपीओ में निवेश करने से क्यों चूक गए घरेलू निवेशक?
अमेरिकी बाजार में बैंकर्स सीधे संस्थानों और बहुत अमीर निवेशकों को आईपीओ की बड़ी हिस्सेदारी बांट देते हैं. रिटेल निवेशक की न्यूनतम निवेश 800,50,000 यानी करीब 1.85 करोड़ रुपये है.
अमेरिकी बाजार में बैंकर्स सीधे संस्थानों और बहुत अमीर निवेशकों को आईपीओ की बड़ी हिस्सेदारी बांट देते हैं. हालांकि, निवेश का कुछ हिस्सा छोटे और रिटेल निवेशकों इंटरएक्टिव ब्रोकर्स के लिए भी रहता है. इसमें न्यूनतम निवेश 800,50,000 यानी करीब 1.85 करोड़ रुपये है.
ब्रोकर्स का मानना है कि यह स्तर भारत में आईपीओ में न्यूनतम निवेश की तुलना में काफी अधिक है, भले ही निवेशक एलआरएस के तहत ही निवेश कर रहे हों. भारतीय आईपीओ में निवेश की न्यूनतम रकम 14,000-15,000 रुपये के बीच रहती है.
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