आरओआई क्या है?

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दो दिनों में बंद होने वाली है SBI Utsav Special Fixed Deposit Scheme, जानें क्या है खासियत
डीएनए हिंदीः भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने 15 अगस्त से ‘Utsav Deposit’ नाम की एक Fixed Deposit Scheme शुरू की थी. अपनी उत्सव फिक्स्ड डिपोजिट स्कीम के तहत, एसबीआई 1000 दिनों की अवधि के साथ फिक्स्ड डिपोजिट ऑफर कर रहा है. अन्य फिक्स्ड डिपोजिट की तरह इस एफडी में भी सीनियर सिटीजंस को सामान्य एफडी के मुकाबले 50 बेसिस प्वाइंट अतिरिक्त ब्याज दिया जा रहा है. एसबीआई ने अपनी वेबसाइट पर बताया है कि बैंक ने 15-अगस्त-2022 से 75 दिनों (28-अक्टूबर-2022 तक) के लिए 6.10 फीसदी के आरओआई पर ‘1000 दिन’ के स्पेसिफाइड टेन्योर के लिए ‘उत्सव डिपोजिट’ पेश किया है. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं यह स्कीम दो दिनों में बंद होने जा रही है. अगर आप भी इस स्कीम में निवेश करना चाहते हैं तो दो दिनों में निवेश कर सकते हैं.
एसबीआई उत्सव स्पेशल डिपोजिट स्कीम की मुख्य बातें
डेडलाइनः 28 अक्टूबर 2022
एफडी की अवधिः 1,000 दिन.
एलिजिबिलिटीः डॉमेस्टिक रिटेल एफडी (एनआरओ एफडी) 2 करोड़ रुपये से कम, न्यू डिपोजिट, रिनुअल डिपोजिट, फिक्स्ड डिपोजिट, और स्पेशल फिक्स्ड डिपोजिट.
इंट्रस्ट पेमेंटः स्पेशल फिक्स्ड डिपोजिट मैच्योरिटी पर ब्याज का भुगतान मासिक, तिमाही या छमाही आधार पर किया जाएगा.
प्रीमैच्योर विड्रॉलः रिटेल फिक्स्ड डिपोजिट के समान.
सोर्स पर टैक्स डिडक्शन (टीडीएस): आयकर अधिनियम के अनुसार.
एसबीआई ने 22 अक्टूबर 2022 से एफडी दरों में इजाफा किया
बैंकिंग प्रणाली में ‘वॉर ऑफ डिपोजिट’ के बीच, देश के सबसे बड़े लेंडर एसबीआई ने शुक्रवार को फिक्स्ड डिपोजिट पर अपनी ब्याज दरों में 80 बीपीएस तक की बढ़ोतरी की. 211 दिनों से अधिक लेकिन 1 वर्ष से कम की अवधि के लिए 2 करोड़ रुपये से कम की एफडी पर 22 अक्टूबर से 5.50 फीसदी का ब्याज मिलेगा, जबकि पहले यह 4.70 फीसदी था. अन्य टेन्योर के लिए ब्याज दर वृद्धि की मात्रा 25-60 बीपीएस के बीच है, जबकि 7-45 दिनों की डिपोजिट रेट को 3 फीसदी प्रति वर्ष पर अछूता छोड़ दिया गया है.
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पर्सनल लोन लेने से पहले जान लें EMI का कैसे होता है कैलकुलेशन, आरओआई क्या है? ये फॉर्मूला होता है इस्तेमाल
जब आप पर्सनल लोन (personal loan) लेते हैं, तो मासिक किस्त एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. पर्सनल लोन कैलकुलेटर के जरिये पेमेंट का कैलुलेशन करने में आसानी होती है. लोन लेने से पहले अपने लोन और रीपेमेंट की प्लानिंग कर सकते आरओआई क्या है? हैं.
अगर आप तय ईएमआई से भी ज्यादा किस्त राशि दे सकते हैं तो ईएमआई पीरियड को कम करा सकते हैं. (pixabay)
वित्तीय सलाहकारों का कहना है कि किसी भी व्यक्ति को पर्सनल लोन (personal loan) लेने का फैसला बिल्कुल आखिरी ऑप्शन के तौर पर करना चाहिए. इसकी वजह है इस पर लगने वाला ज्यादा ब्याज. अगर आपको किसी कारणवश लेना ही पड़े तो इसकी जानकारी जरूर रखनी चाहिए. आप जो पर्सनल लोन लेते हैं उसकी एक ईएमएआई (EMI) बैंक या वित्तीय संस्थान तय कर देता है और आपको चुकानी होती है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि इस ईएमआई यानी मासिक किस्त EMI का कैलकुलेशन होता है. यहां हम एचडीएफसी बैंक के जरिये इसे समझने की कोशिश करते हैं.
लोन लेने से पहले समझ लें ईएमआई
जब आप पर्सनल लोन (personal loan) लेते हैं, तो मासिक किस्त एक महत्वपूर्ण फैक्टर है. पर्सनल लोन कैलकुलेटर (personal loan calculator के जरिये पेमेंट का कैलुलेशन करने में आसानी होती है. लोन लेने से पहले अपने लोन और रीपेमेंट की प्लानिंग कर सकते हैं.
ऐसे होता है ईएमआई का कैलकुलेशन
एचडीएफसी बैंक की ऑफिशियल वेबसाइट के मुताबिक, EMI का कैलकुलेशन एक फॉर्मूला का इस्तेमाल कर किया जाता है. यह फॉर्मूला है: P x R x (1+R)^N] / [(1+R)^N-1]
यहां P = मूलधन या आपकी लोन राशि
R = ब्याज दर
N = लोन की अवधि (जितने साल के लिए रीपेमेंट तय होता है)
आपकी ईएमआई में दो मुख्य घटक शामिल हैं- मूलधन और ब्याज. आपके रीपेमेंट पीरियड के शुरुआती भाग में, ब्याज राशि ज्यादा होती है और वह इसके बाद आगे कम होती चली आरओआई क्या है? जाती है. रीपेमेंट पीरियड के आखिर में, मूल राशि ईएमआई का एक बड़ा रेशियो बनाती है.
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पर्सनल लोने मिनिमम डॉक्यूमेंट पर मिल जाता है
पर्सनल लोन के लिए किसी सिक्योरिटी की जरूरत नहीं होती है. इसके लिए प्रक्रिया बेहद कम डॉक्यूमेंट्स के आधार किया जा सकता है. बाकी लोन की तरह, इस लोने के लिए मासिक किस्तों चुकाना होता है. एचडीएफसी बैंक के पर्सनल लोन ईएमआई कैलकुलेटर से आप भी आप ईएमआई जान सकते हैं. इसके के लिए, सोन अमाउंट, ब्याज दर और लोन पीरियड डालने होते हैं. अब एंटर करने पर आपकी ईएमआई तुरंत शो करेगा. अगर आप तय ईएमआई से भी ज्यादा किस्त राशि दे सकते हैं तो ईएमआई पीरियड को कम करा सकते हैं.
महंगाई को मात देना है तो PPF, FD नहीं यहां करें निवेश, मिलेगा शानदार रिटर्न
सेक्शन 80C में उपलब्ध विकल्पों में इसके लोकप्रिय होने की बड़ी वजह इसका सबसे छोटा लॉक इन पीरियड है. इसमें रिटर्न भी बैंक एफडी और पीपीएफ से ज्यादा है.
TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार
Updated on: Apr 12, 2022 | 7:30 AM
अगर आपकी दौलत महंगाई को मात नहीं दे रही है तो आप अपनी पूंजी गंवा रहे हैं. नए वित्त वर्ष में महंगाई (Inflation) और पारंपरिक निवेश से होने वाली आय (Income) में अंतर ने कई भारतीयों ने अपनी दौलत गंवा दी है. ग्लोबल स्तर पर पाकिस्तान और श्रीलंका इसका ताजा उदाहरण है. महंगाई और अन्य इकोनॉमिक परेशानियों की वजह इनकी हालत खराब हो गई. टैक्स के बाद फिक्स्ड डिपॉजिट (Fixed Deposit) का औसत रिटर्न 2.5 से 3 फीसदी तक है जो CPI महंगाई आरओआई क्या है? 6.07 फीसदी से कम है. साथ ही, अधिकांश डेट म्यूचुअल फंड्स (Debt Mutual Funds) का पोस्ट-टैक्स रिटर्न मुश्किल से मुद्रास्फीति को मात देने में कामयाब रहे हैं.
आपने देखा कि बीते दो हफ्ते में पेट्रोल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई. पिछले दो वर्षों में मुंबई में तेल की कीमत 55 फीसदी बढ़ी. अप्रैल 2020 में पेट्रोल कीमत 76 रुपये से बढ़कर 4 अप्रैल 2022 को 119 रुपये प्रति लीटर हो गई.
दुर्भाग्य से मुद्रास्फीति फिलहाल जाने वाली नहीं है. इसलिए लोगों को इंफ्लेशन प्रूफ पोर्टफोलियो बनाना चाहिए. इसके लिए निवेशकों को इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) फंड में निवेश करना बेहतर रहेगा. यह महंगाई को मात देने में सक्षम है. इसका आरओआई (ROI) 14 फीसदी है. जबकि टैक्स सेविंग्स एफडी का आरओआई 5.50 फीसदी और पीपीएफ (PPF) का आरओआई 7.10 फीसदी है.
क्या है ELSS?
इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (ELSS) एक तरह का डाईवर्सिफाइड इक्विटी म्यूचुअल फंड है जोकि कैपिटल मार्केट और अलग-अलग मार्केट कैप वाली चुनिंदा कंपनियों में निवेश करता है. एक वित्त वर्ष के दौरान कोई भी इसमें मैक्सिमम 1,50,000 रुपये तक का निवेश कर सकता है और इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट का लाभ उठा सकते है.
यह इक्विटी कैटेगरी में आता है. इसमें करीब 65 फीसदी हिस्सा शेयर में निवेश किया जाता है. ELSS पर मिलने वाला रिटर्न इस बात पर निर्भर करता है कि लंबी अवधि में शेयर मार्केट का प्रदर्शन कैसा है. आपको यह भी ध्यान रखना होगा कि ELSS में तीन साल का लॉक-इन पीरियड होता है. तीन साल के बाद बिना किसी चार्ज के अपने पैसे निकाल सकते हैं.
1 लाख रुपये से अधिक के लांग टर्म कैपिटल गेन पर 10 फीसदी की दर से टैक्स (सरचार्ज और सेस अतिरिक्त) और डिविडेंड को ओवरऑल इनकम में जोड़कर स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देय होता है.
ELSS का रिटर्न
रिटर्न टैक्सेबल होने के बावजूद ईएलएसएस पीपीएफ और एफडी की तुलना में अधिक लोकप्रिय हो रहा है क्योंकि इसमें टैक्स काटने के बाद आरओआई क्या है? भी रिटर्न ज्यादा होता है. आंकड़ों के मुताबिक 10 साल से अधिक के ईएलएसएस ने अब तक 12 फीसदी से ऊपर का रिटर्न दिया है.
सरकारी बैंक ने होम-कार समेत अन्य लोन किए सस्ते, ब्याज दर में 2.45% तक की कटौती, आज से लागू हो रही नई दरें
जहां एक तरफ आरबीआई द्वारा रेपो रेट में वृद्धि किए जाने के कारण बैंकों ने लोन की ब्याज दरें बढ़ा दी हैं तो दूसरी और बैंक . अधिक पढ़ें
- News18Hindi
- Last Updated : October 17, 2022, 09:32 IST
हाइलाइट्स
बैंक ने होम लोन की ब्याज दर 0.30 फीसदी घटाकर इसे 8 फीसदी कर दिया है.
पर्सनल लोन का इंटरेस्ट रेट 2.45 फीसदी घटाकर आरओआई क्या है? 9 फीसदी से नीचे किया गया.
बैंक ने इससे पहले होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस हटाने का ऐलान किया था.
नई दिल्ली. फेस्टिव सीजन में घर-कार खरीदने के बारे में सोच रहे हैं तो ये खबर आपके लिए ही है. बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने अपनी ब्याज दरों को 0.30 फीसदी घटाकर 8.30 से 8 फीसदी कर दिया है. नई दरें 17 अक्टूबर यानी आज से ही लागू हो गई हैं. इतना ही नहीं पर्सनल लोन के ब्याज में 2.45 फीसदी की बड़ी कटौती करते हुए इसे 9 फीसदी से भी नीचे कर दिया है.
बैंक का पर्सनल लोन अब 11.35 फीसदी की बजाय 8.9 फीसदी की ब्याज दर पर उपलब्ध होगा. गौरतलब है कि आपका क्रेडिट स्कोर, इनकम सोर्स समेत अन्य कारक ब्याज दर को प्रभावित कर सकते हैं. बैंक ने रक्षा क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए (कार्यरत व रिटायर्ड दोनों) बैंक 8 फीसदी के आरओआई पर होम लोन दे रहा है. रक्षा क्षेत्र में पैरामिलिट्री बल भी शामिल हैं. इससे पहले बैंक ‘दिवाली धमाका’ के तहत पहले ही गोल्ड, होम लोन और कार लोन पर प्रोसेसिंग फीस को पूरी तरह से हटाने का ऐलान कर चुका है.
बैंक ने क्या कहा?
बता दें कि बैंक ऑफ महाराष्ट्र पर्सनल व होम लोन समेत अन्य खुदरा लोन पर सबसे कम ब्याज दरें देने वाले बैंकों में शामिल है. बैंक ने एक बयान जारी कर कहा, “एक तरफ जहां नीतिगत दरों में इजाफे के साथ हर तरफ आरओआई क्या है? लोन की ब्याज दरें बढ़ रही हैं, बैंक (ऑफ महाराष्ट्र) खुदरा लोन सस्ता कर फेस्टिव सीजन में लोगों के बीच खुशियां बांटना चाहता है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि ग्राहक इस छूट का बेहतर इस्तेमाल करेंगे.”
अन्य बैंक भी दे रहे ऑफर
केवल आरओआई क्या है? बैंक ऑफ महाराष्ट्र ही नहीं कुछ अन्य बैंक भी फेस्टिव सीजन में ग्राहकों को लुभान के लिए ऑफर दे रहे हैं. एसबीआई होम लोन की ब्याज दर पर 0.25 फीसदी की छूट दे रहा है. इसके अलावा टॉप-अप लोन्स पर बैंक 0.15 फीसदी की छूट दे रहा है. फेस्टिव बोनाजा डील के तहत अगर आप बैंक से प्रॉपर्टी पर लोन लेते हैं तो आपको ब्याज दर में 0.30 फीसदी की छूट मिलेगी. बैंक ने 31 जनवरी 2023 तक होम लोन पर प्रोसेसिंग फीस को हटाकर इसे और आकर्षक बना दिया है. इसके अलावा बैंक ऑफ बड़ौदा ने भी इसी तरह का कदम उठाया है. बैंक होम लोन आरओआई क्या है? पर 7.95 फीसदी की ब्याज दर से लोन दे रहा है. साथ ही कार लोन भी बैंक 795 फीसदी की ब्याज दर पर ही दे रहा है. यह छूट बैंक के वार्षिक फेस्टिव कैंपेन ‘खुशियों का त्योहार’ के तहत दिया जा रहा है.आरओआई क्या है?
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