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स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है
Photo:INDIA TV Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें

Stock exchange kya hota hai | What is Stock exchange in Hindi

पिछली पोस्ट में आपने स्टॉक मार्किट के बारे में जाना था, आज का यह पोस्ट स्टॉक एक्सचेंज के बारे में है, Stock exchange kya hota hai, और यह कैसे काम करता है। अक्सर स्टॉक मार्किट और स्टॉक एक्सचेंज दोनों शब्दों को एक दूसरे के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है, लेकिन कई लोग इन दोनों के बीच के फर्क को नहीं समझ पाते हैं।

तो इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आपको स्टॉक मार्किट और स्टॉक एक्सचेंज दोनों के बीच क्या फर्क होता है, इसकी जानकारी हो जाएगी।

Stock exchange kya hota hai | What is Stock exchange in Hindi

यह तो आप जानते ही होंगे की शेयर बाजार में शेयर ख़रीदे और बेचे जाते हैं, जहाँ सैकड़ों कंपनियां शेयर बाजार में लिस्ट होती है, और अपने शेयर उतारती हैं। निवेशक उन शेयर्स को खरीदकर एक प्रकार से उस कंपनी में निवेश करते हैं, और शेयर का दाम बढ़ने पर उन्हें बेच कर वे मुनाफा कमाते हैं।

तो शेयर बाजार यानि स्टॉक मार्किट का यह पूरा काम काज Stock exchange के द्वारा ही संभव हो पाता है। स्टॉक एक्सचेंज ही स्टॉक मार्किट को वह इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करता है, जिसके द्वारा कोई कंपनी स्टॉक मार्किट में अपने शेयर्स ला पाती है, और निवेशक उन शेयर्स की ट्रेडिंग कर पाते हैं, यानि शेयर्स को खरीद और बेच पाते हैं।

स्टॉक एक्सचेंज वह केंद्रीकृत (Centralized) स्थान होता है, जहाँ सार्वजानिक रूप से व्यापार करने वाली कंपनियाँ अपने शेयर्स उतारती हैं, और निवेशक उन शेयर्स को खरीदते और बेचते हैं, यानि स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों और निवेशकों को एक साथ लाता है, और उन्हें वह मंच (Platform) प्रदान करता है, जहाँ उनके बीच शेयर्स, बांड्स तथा दूसरी प्रतिभूतियों (Securities) की ट्रेडिंग हो सके।

स्टॉक एक्सचेंज खुद के पास शेयर्स नहीं रखता है, बल्कि यह एक मार्किट के रूप में कार्य करता है, जहाँ शेयर्स के खरीदार और शेयर्स विक्रेता दोनों एक दूसरे से जुड़ते हैं। स्टॉक्स या शेयर्स को तभी ख़रीदा या बेचा जा सकता है, जब वह किसी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट हो।

stock exchange के कुछ तैय नियम और कानून होते हैं, जिन्हे सेबी (SEBI) द्वारा निर्धारित किया जाता है। सेबी द्वारा तैय नियमों और दिशानिर्देशों का पालन कंपनी और निवेशक दोनों पक्षों को करना होता है, और उन्ही नियमों के अंतर्गत एक्सचेंज का पूरा काम काज होता है।

यदि स्टॉक मार्किट और स्टॉक एक्सचेंज के बीच फर्क की बात की जाए तो स्टॉक मार्किट सभी प्रकार की स्टॉक ट्रेडिंग के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला एक सामान्य शब्द है, जबकि स्टॉक एक्सचेंज वह मंच है, जहाँ इस ट्रेडिंग के लिए सुविधा और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान किया जाता है। Stock exchange kya hota hai यह जानने के बाद चलिए अब जानते हैं, स्टॉक एक्सचेंज काम कैसे करता है।

Stock exchange kaise kaam karta hai | How does stock exchange work

आसान भाषा में कहें तो जिस प्रकार एक सामान्य बाजार में चीजों को ख़रीदा और बेचा जाता है, यानि जहाँ सामान के buyers और sellers होते हैं, उसी प्रकार स्टॉक एक्सचेंज भी एक marketplace है, लेकिन यहाँ पर सामान के स्थान पर कंपनी के शेयर्स, बांड्स तथा दूसरी प्रतिभूतियां खरीदी और बेचीं जाती हैं।

जब किसी कंपनी को बिज़नेस बढ़ाने या अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए फंड की आवश्यकता पड़ती है, तो ऐसे में कंपनी के पास दो विकल्प होते हैं, या तो वह बैंक से लोन ले, या फिर कंपनी खुद को स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट कर आम पब्लिक के लिए अपने शेयर्स जारी करे।

यदि कंपनी बैंक से लोन लेती है, तो ऐसे में कंपनी को लोन पर लगने वाला भारी ब्याज भी चुकाना पड़ता है, तो इस से बचने के लिए कंपनी स्टॉक एक्सचेंज पर लिस्ट होकर आम पब्लिक के बीच अपने शेयर्स जारी करती है। पब्लिक उन शेयर्स को खरीदती है, और बदले में कंपनी को आवश्यक फंड प्राप्त हो जाता है।

कोई कंपनी जब पहली बार पब्लिक के बीच अपने शेयर्स उतारती है, तो उसे प्राइमरी मार्किट से होकर गुजरना होता है, यानि कंपनी पब्लिक के बीच सबसे पहले अपना (IPO) लेकर आती है। जब IPO के जरिये कंपनी के सभी शेयर्स पब्लिक को जारी हो जाते हैं, यानि शेयर्स बिक जाते हैं, तो फिर ख़रीदे गए उन शेयर्स की ट्रेडिंग का काम सेकेंडरी मार्किट यानि Stock exchange पर होता है।

निवेशकों द्वारा की जाने वाली शेयर्स की buying और selling को स्टॉक एक्सचेंज ही मॉनिटर करता है, ताकि शेयर्स की डिमांड और सप्लाई का पता लगाया जा सके। डिमांड और सप्लाई के अनुरूप ही किसी शेयर की कीमत बढ़ती या घटती है, यदि किसी शेयर को ज्यादा से ज्यादा लोग खरीदना चाहते हैं, तो उसकी डिमांड और कीमत बढ़ती है, वहीँ शेयर के विक्रेता अधिक हैं, तो उसके दाम कम हो जाते हैं।

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज की बात की जाए तो यह स्वतंत्र और पारदर्शी है, क्योंकि इसमें कोई बाजार निर्माता या विशेषज्ञ मौजूद नहीं है। भारत के स्टॉक एक्सचेंज में ट्रेडिंग (Order-driven) आर्डर-संचालित होती है, जो की इलेक्ट्रॉनिक लिमिट आर्डर बुक पर आयोजित की जाती है, यानि यहाँ पर हर एक क्रेता और विक्रेता की जानकारी देखि जा सकती है, की वह किस कीमत पर कितने शेयर बेचना या खरीदना चाहता है, और बुक आर्डर एक प्रकार का डेटाबेस होता है, जिसे स्टॉक एक्सचेंज द्वारा मैंटेन किया जाता है।

विभिन्न स्टॉक एक्सचेंज के नेटवर्क द्वारा ही स्टॉक मार्किट कार्य करता है, स्टॉक एक्सचेंज कंपनियों को फंड जुटाने, निवेशकों को ट्रेडिंग के लिए एक सुलभ और पारदर्शी मंच प्रदान करने, ऑर्डर्स को पास करने और उनका सेटलमेंट करने जैसे ढेरों कार्य करता है।

भारत में इस वक्त 9 एक्टिव स्टॉक एक्सचेंज हैं, जिनमे से 2 मुख्य हैं, (BSE) बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज और (NSE) नेशनल स्टॉक एक्सचेंज। इन एक्सचेंज का नियंत्रण (SEBI) Securities and exchange board of India, यानि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड द्वारा किया जाता है, तो चलिए अब BSE और NSE के बारे में विस्तार से जानते हैं।

bhartiya stock exchange ka itihas | History of Indian Stock exchange in hindi

भारत में दो मुख्य स्टॉक एक्सचेंज हैं, BSE (Bombay stock exchange) और NSE (National stock exchange)

BSE (Bombay stock exchange)

यदि भारतीय स्टॉक एक्सचेंज के इतिहास की बात की जाए तो BSE भारत का और एशिया का पेहला और सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। यह दलाल स्ट्रीट मुंबई में स्थित है, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की शुरुवात 1875 में नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन के नाम से हुई थी।

वैसे तो 1840 में ही भारत में शेयर बाजार की शुरुवात हो गई थी, जब मुंबई टाउन हॉल के पास बरगद के पेड़ के नीचे बैठ कर कुछ लोगों ने शेयरों का सौदा करना शुरू किया, जिसके बाद देखते ही देखते समय के साथ लोगों का शेयर बाजार की तरफ रुझान बढ़ा और निवेशक इसमें जुड़ते चले गए।

इसके बाद जो भी लोग इसमें जुड़े थे, उन सब ने मिलकर नेटिव शेयर एंड स्टॉक ब्रोकर्स एसोसिएशन बनाया और मुंबई दलाल स्ट्रीट में अपना एक ऑफिस खोला जहाँ आज BSE स्थित है।

147 साल पुराने इस स्टॉक एक्सचेंज ने भारतीय पूंजी बाजार और कॉर्पोरेट जगत को विकसित करने में अपनी अहम् भूमिका निभाई है। आज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की मार्किट कैपिटलाइजेशन 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक है, और इसमें लगभग 5500 से भी अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं।

शुरुवाती दौर में BSE का सारा काम-काज जैसे शेयरों का लेन-देंन, आवंटन इत्यादि सब कुछ कागजी तोर पर किया जाता था, जिसमें प्रक्रिया पूरी होने में 5 से 6 महीनों तक का समय लग जाता था, लेकिन फिर 1995 में BSE का काम-काज कंप्यूटरीकृत कर दिया गया, जिसके बाद काम में तेजी आई और पारदर्शिता भी बढ़ी।

BSE का सूचकांक यानि बेंचमार्क इंडेक्स SENSEX है, इसे BSE30 भी कहा जाता है, BSE के बारे में और अधिक जानकारी के लिए आप इसकी वेबसाइट https://www.bseindia.com/ पर जा सकते हैं।

(NSE) National stock exchange

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज पूंजीकरण के मामले में देश का सबसे बड़ा स्टॉक एक्सचेंज है। NSE का मार्किट कैप 3.4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से भी अधिक है, और इसमें 2000 से अधिक कंपनियां लिस्टेड हैं। यह देश का पेहला स्टॉक एक्सचेंज था जिसने शेयर मार्किट में पेपर आधारित सिस्टम को समाप्त कर ऑटोमेटेड ट्रेडिंग की शुरुवात की थी, जिसके बाद स्टॉक मार्किट में पारदर्शिता आई और निवेशकों की संख्या में भी इजाफा हुवा, NSE का सूचकांक यानि बेंचमार्क इंडेक्स Nifty50 है।

NSE की स्थापना करने का मकसद ही भारतीय शेयर बाजार को पारदर्शी बनाना था, ताकि शेयर मार्किट के प्रति लोगों में भरोसा जगे और निवेशक बिना भय के निवेश कर सकें, और अधिक जानकारी के लिए आप NSE की वेबसाइट https://www.nseindia.com पर जा सकते हैं।

अंतिम शब्द

आपने जाना Stock exchange kya hota hai और कैसे स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है काम करता है, हमें उम्मीद है, दी गई जानकारी आपको अच्छी लगी होगी। यदि इस पोस्ट से जुड़े आपके कोई सवाल हैं, तो नीचे कमेंट करके आप हमें बता सकते हैं।

Stock Exchange क्या है तथा भारत में कुल कितने स्टॉक एक्सचेंज हैं?

Remove term: Stock Exchange Kya Hai Stock Exchange Kya Hai

भारत में पैसे कमाने के बहुतायत तरीके हैं लेकिन कम समाया में ज्यादा पैसा कामना हो तो लगभग सभी लोग स्टॉक मार्केट की तरफ ही रुख करते हैं। लेकिन उन्हें पता होना चाहिए कि स्टॉक मार्केट जितना अधिक पैसा देता है उतना ही अधिक जोखिम भी होती है।

स्टॉक मार्केट की शुरुआत स्टॉक एक्सचेंज से होती है। अब ये स्टॉक एक्सचेंज किस बला का नाम है। तो इसी की जानकारी आज इस लेख में मिलने वाली है। क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज शेयर बाजार का एक महत्त्वपूर्ण भाग होता है। बिना इसके कोई भी पैसों का लेन देन नहीं कर सकता है।

Table of Contents

Stock Exchange क्या है (What is Stock Exchange in Hindi)

स्टॉक एक्सचेंज एक प्रकार की संस्था है जहाँ पर निवेशक और खरीददार का जमावड़ा रहता है। यहाँ पर कोई भी निवेशक अपने पसंद के शेयर में में इन्वेस्ट कर सकता है। लेकिन आपको बता दें कि किसी कंपनी के शेयर को लेने के लिए सबसे पहले उस कंपनी के शेयर को स्टॉक एक्सचेंज में रजिस्टर करना पड़ता है।

स्टॉक एक्सचेंज से अगर कोई डायरेक्ट शेयर लेना चाहता है तो यह असंभव कार्य होता है क्योंकि किसी भी कंपनी में निवेश करने के लिए एक ब्रोकर की आवश्यकता होती है। जिसके माध्यम से डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट खोला जाता है। यह प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद ही हम कंपनी के शेयर को खरीद व बेंच सकते हैं।

Stock Exchange के प्रकार (Types of Stock Exchange)

स्टॉक एक्सचेंज के प्रकार की बात करे तो यह दो प्रकार का होता है। Bombay Stock Exchange (BSE) तथा National Stock Exchange (NSE) दोनों के नाम हैं। शेयर मार्केट में सभी नियम फॉलो होते हैं जो SEBI के द्वारा बनाये जाते हैं। स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI ही होता है।

Bombay Stock Exchange (BSE)

बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज भारत का सबसे पुराण स्टॉक एक्सचेंज हैं जहाँ से कागजों के माध्यम से खरीद व बिक्री होती थी। इसकी स्थापना 1875 में की गयी थी। BSE को ही भारत में Equity Derivatives का जन्मदाता कहा जाता है। वर्तमान समय में 5000 से भी अधिक कंपनियां BSE में लिस्टेड है. BSE का सूचकांक Sensex 30 है।

National Stock Exchange (NSE)

कागजी लेन देन को डिजिटल करने के लिए NSE की स्थापना 1992 में की गयी थी। इसका मुख्यालय मुंबई महाराष्ट्र में स्थित है। इस समय NSE में 2000 से अधिक कम्पनियां लिस्टेड है। NSE का सूचकांक Nifty 50 है। NSE के माध्यम से ही सबसे पहले भारत में इलेक्ट्रानिकली खरीद व विक्री की गयी।

स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है

अगर भारत में कोई स्टॉक मार्किट में पैसा लगाना चाहता है तो वह स्टॉक एक्सचैंज किसी भी कंपनी में पैसा लगा सकता है। स्टॉक एक्सचेंज का नियामक SEBI होता है जिसके बनाये गए नियम यहाँ लागू होते हैं। आपको शेयर में निवेश करने के लिए किसी ब्रोकर की आवश्यकता होगी जोकि आपको डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट प्रोवाइड करेंगे।

ब्रोकर स्टॉक एक्सचेंज और निवेशक बीच बिचौलिया का काम करता है। बिना ब्रोकर के कोई भी स्टॉक में इन्वेस्ट नहीं कर सकता है। स्टॉक एक्सचेंज में लिस्टेड कंपनी में ही निवेश संभव है। इसलिए जिस कंपनी में पैसा लगाए पहले देख लें वह लिस्टेड है या नहीं।

By BABA JI

This is Raghvendra Pratap Pandey Founder of Technoyukti, I am a student also. I completed my graduation in 2018 from Lucknow University. I am from Gonda which is in UP. I do Blogging by passion,Study by culture.I like to share my knowledge and want to share our views, ideas.

Stock Exchange क्या है

चिंता मत कीजिये, इस लेख में आपको स्टॉक एक्सचेंज से जुड़ी सारी जानकारी मिलेगी, जानकारी समझने में आसान और पढ़ने में मजेदार है इसलिए आराम से पूरा लेख जरूर पढ़े। और कोई प्रश्न पूछना हो तो कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है, में आपका रिप्लाई जरूर करूँगा।

Stock Exchange kya hai

Stock Exchange क्या होता है

किसी भी अन्य बाजार की तरह, स्टॉक एक्सचेंज एक बाजार है। जहां खरीदार और विक्रेता स्टॉक या शेयर खरीदने और बेचने के लिए उपलब्ध होते हैं। Stock Exchange शेयर्स को बेचने और खरीदने की व्यवस्था उपलब्ध करवाता है। साथ ही सभी गतिविधियों को नियंत्रित भी करता है।

यह वह जगह है जहा अलग अलग companies के शेयर्स लिस्टेड होते है। Buyers और Sellers सिर्फ किसी स्टॉक एक्सचेंज में listed companies के शेयर्स को खरीद और बेच सकते है। Traders शेयर्स को trade करते है और Investors शेयर्स को लम्बे समय के लिए खरीदते है।

Shares को Online ही खरीदा और बेचा जाता है, जिसे online Trading या Online Stock Trading कहते है। Stock Exchange पर ट्रेडिंग करने से पहले एक अच्छा broker चुनना बहुत जरुरी है, जो कम charges में अच्छी सुविधाएँ प्रदान करे।

Stock Exchange पर क्या खरीदा और बेचा जाता है

  • इक्विटी सिक्योरिटीज जैसे स्टॉक्स/शेयर्स
  • डेब्ट सिक्योरिटीज जैसे बांड्स और डिबेंचर्स
  • Derivatives

भारत में कई Stock Exchanges है जो Buyers और Sellers को एक platform प्रोवाइड करवाते है जिससे वे शेयर्स का लेन-देन कर सके। किसी Stock Exchange पर कम buyers और sellers होते है और किसी पर ज्यादा। ज्यादा Buyers और Sellers होने का अर्थ है वह स्टॉक एक्सचेंज एक प्रचलित और विश्वशनीय स्टॉक एक्सचेंज है।

भारतीय Stock Exchangeस्थापना
BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज1875
NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज1992
CSE – Calcutta Stock Exchange1863
India INX स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है – India International Exchange2017
MSE – Metropolitan Stock Exchange2008
MCX – Multi Commodity Exchange2003
NCDEX – National Commodity & Derivatives Exchange Ltd2003
India Stock Exchanges List

भारत के प्रमुख स्टॉक एक्सचेंज

India में प्रमुख तौर पर NSE और BSE स्टॉक एक्सचेंज है, कई Stock Exchanges बंद भी हो चुके है। चलिए फ़िलहाल के लिए इन दोनों प्रमुख स्टॉक एक्सचैंजेस के बारे में थोड़ा जानते है।

NSE – नेशनल स्टॉक एक्सचेंज

NSE या नेशनल स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1992 में हुई थी, यह भारत के सबसे प्रचलित Stock Exchanges में से एक है। यह मुंबई में स्थित है। NSE भारत का प्रथम dematerialized इलेक्ट्रॉनिक एक्सचेंज था। वर्तमान में NSE पर 2002 कम्पनीज लिस्टेड है, इसकी मार्केट कैप 3.4 Trillion डॉलर की है। NSE पर Equity, Derivatives, Debt आदि को Trade किया जा सकता है।

LocationMumbai
No. Of Listed Companies2002
Websitenseindia.com
National Stock Exchange, India

BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज

BSE – बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज की स्थापना 1875 में हुई थी। इसकी स्थापना एक cotton व्यापारी “प्रेमचंद रॉयचंद” ने की थी। यह भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। इतना ही नहीं, यह एशिया का भी सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है। BSE मुम्बई में स्थित है, तथा इसकी मार्केट कैप 276 लाख करोड़ रूपए है।

LocationMumbai
Listed Companies5,439
Websitebseindia.com
Bombay Stock Exchange, India

Stock Exchange के कार्य

स्टॉक एक्सचेंज के बारे में तो आप समझ ही गए होंगे की Stock Exchange क्या होता है, आपको भारत के स्टॉक ऐक्सचैंजेस के बारे में थोड़ी बहुत जानकरी हो ही गयी होगी। चलिए अब देखते है की स्टॉक एक्सचेंज के क्या कार्य है और इसकी जरुरत क्यों है।

  • विभिन्न Securities(debt, equity, derivative, and hybrid) को खरीदने और बेचने के लिए एक माध्यम प्रदान करता है।
  • Share Market में हो रहे लेन-देन पर निगरानी रखता है।
  • नये Buyers और Sellers को Stock Market से जोड़ता है, जिससे मार्केट में Liquidity बनी रहे।
  • शेयर मार्केट में हो रही गैरक़ानूनी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाता है।

Stock Exchange कैसे काम करता है

अपने दायित्वों को पूरा करने के लिए स्टॉक एक्सचेंज कई नियम और systems बनाता है। इन नियमों का पालन करके ही स्टॉक मार्केट बिना रुके अपना काम कर सकता है।

1.Stock Exchange के कार्य करने का समय

स्टॉक एक्सचेंज पर Trading या Shares को खरीदना और बेचना एक fixed समय में ही किया जा सकता है। यह समय सरकार द्वारा निर्धारित किया जाता है।

भारतीय स्टॉक एक्सचेंज 9:15 AM से 3:15 PM के बिच कार्य करता है। प्रत्येक सप्ताह में शनिवार और रविवार को स्टॉक मार्केट बंद रहता है।

2. लेन-देन का Settlement

Day Trading या Intra-day Trading को छोड़कर, Shares के लेन-देन का settlement T+2 समय के आधार पर किया जाता है। T का अर्थ है जिस दिन शेयर्स को खरीदा या बेचा गया है तथा T+2 का अर्थ है की शेयर्स खरीदने और बेचने के 2 दिन बाद settlement क्या जाता है।

3. Shares के क्रय और विक्रय पर निगरानी

स्टॉक एक्सचेंज शेयर्स के क्रय और विक्रय पर नजर बनाये रखता है, जैसे कोई Insider Trading तो नहीं कर रहा। इससे निवेशकों को नुकशान होने से बचाया जाता है। अगर कोई व्यक्ति शेयर मार्केट में किसी कंपनी की non-public या अंदरूनी जानकारी के आधार पर ट्रेडिंग करता है तो उसे insider trading कहते है। इसी तरह की कई गतिविधियों पर स्टॉक एक्सचेंज नजर रखता है।

Conclusion: इस लेख में हमने स्टॉक एक्सचेंज के बारे में समझा और जाना की एक स्टॉक एक्सचेंज क्या होता है। इस लेख से जुड़े प्रश्न आप हमसे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते है, हम जल्द से जल्द रिप्लाई करने की कोशिशकरेंगे।

Share Market में करना चाहते हैं निवेश की शुरुआत, जानिए शेयर बाजार की ABCD

Share Market में अगर आप निवेश करने की प्लानिंग बना रहे हैं तो पैसा डुबे इससे पहले थोड़ी जानकारी उसके बारे में ले लें, ताकि आपको बेसिक जानकारी हो सकें और आपका ज्यादा रिटर्न अपने शेयर स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है स्टॉक एक्सचेंज कैसे काम करता है पर ले सकें।

Vikash Tiwary

Edited By: Vikash Tiwary @ivikashtiwary
Updated on: November 05, 2022 19:07 IST

Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें- India TV Hindi News

Photo:INDIA TV Share Market में निवेश की शुरुआत करने से पहले ये जानें

What is Share Market: शेयर मार्केट में निवेश करना जोखिमों से भरा होता है। अगर आप नए हैं, आपने इससे पहले कभी किसी स्टॉक (Stock) में निवेश नहीं किया है और आपको इस बात की जानकारी नहीं है कि शेयर मार्केट क्या होता है और यह कैसे काम करता है? क्या स्टॉक मार्केट में सिर्फ शेयर ही खरीदे-बेचे जाते हैं? तो आज हम आपके इन सभी सवालों का जवाब इस खबर में देने जा रहे हैं।

शेयर मार्केट क्या है?

शेयर मार्केट एक ऐसा बाजार है, जहां खरीदार BSE(Bombay Stock Exchange) और NSE(National Stock Exchange) पर सूचीबद्ध शेयरों की खरीद-बिक्री करते हैं। यह सेबी(Securities and Exchange Board of India) के देखरेख में काम करता है। सेबी भारत सरकार की संस्था है जो शेयर बाजार में लिस्टेड कंपनियों पर नजर रखती है ताकि वह ग्राहक के साथ फ्रॉड ना कर सके। इसे दो भाग में क्लासिफाइड किया गया है। प्राइमरी और सेकेंडरी।

क्या है प्राइमरी और सेकेंडरी मार्केट?

जब कोई कंपनी शेयरों के माध्यम से धन जुटाने के लिए पहली बार स्टॉक एक्सचेंज में खुद को रजिस्टर करती है तो उसे प्राइमरी कैटेगरी में रखा जाता है, वहीं एक बार जब कंपनी की नई सिक्योरिटी को प्राइमरी मार्केट में बेच दिया जाता है, तब उसका कारोबार सेकेंडरी में किया जाने लगता है। यहां निवेशकों को बाजार की मौजूदा कीमतों पर शेयर खरीदने और बेचने का मौका मिलता है।

शेयर के आलावा इनमें भी कर सकते हैं निवेश

स्टॉक एक्सचेंज में इन चार रूप (शेयर, बांड, म्यूचुअल फंड और Derivatives) में ट्रेडिंग होती है, जिसमें सबसे पहला स्थान शेयर का होता है। अगर आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप उस कंपनी के उतने फीसदी के हिस्सेदार हो जाते हैं। कंपनी के नफा-नुकसान का असर सीधे आपके उपर पड़ता है।

बांड लंबी अवधि के लिए खरीदे जाते हैं। जब एक कंपनी को पर्याप्त पूंजी की आवश्यकता होती है। पूंजी जुटाने का एक तरीका जनता को बांड जारी करना होता है। ये बांड कंपनी द्वारा लिए गए "ऋण" का प्रतिनिधित्व करते हैं। बांडधारक कंपनी के लेनदार बन जाते हैं और कूपन के रूप में समय पर ब्याज भुगतान प्राप्त करते हैं।

म्यूचुअल फंड कौन ऑपरेट करता है?

म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है, जो AMC यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनीज ऑपरेट करती है। इन कंपनियों में कई लोग अपने पैसे निवेश करते हैं। म्यूचुअल फंड द्वारा इन पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट समेत कई जगहों पर निवेश किया जाता है। वहीं अगर बात डेरीवेटिव फंड की की जाए तो यह एक वित्तीय अनुबंध है जो एक या अधिक अंतर्निहित परिसंपत्तियों से इसके मूल्य को प्राप्त करता है।

Stock Market में कल से नया फॉर्मूला, एक दिन में ट्रांसफर होंगे पैसे और शेयर, जानें पूरी डिटेल

सेबी ने 2003 में दोनों एक्‍सचेंज पर T+2 सेटलमेंट सिस्‍टम लागू किया था.

सेबी ने 2003 में दोनों एक्‍सचेंज पर T+2 सेटलमेंट सिस्‍टम लागू किया था.

बाजार नियामक सेबी ने करीब 19 साल बाद स्‍टॉक मार्केट में बड़े बदलाव को मंजूरी दी है, जो 25 फरवरी से लागू हो जाएगा. T+1 के रूप में नया सेटलमेंट लागू होने से शेयर खरीदने या बेचने वाले निवेशक को 1 कारोबारी दिन के भीतर ही भुगतान कर दिया जाएगा.

  • News18Hindi
  • Last Updated : February 24, 2022, 14:29 IST

नई दिल्‍ली. शेयर बाजार (Stock Market) में जारी बड़े उतार-चढ़ाव के बीच शुक्रवार से T+1 सेटलमेंट का नया नियम लागू होगा. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) और बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) दोनों पर अब निवेशकों को शेयरों व पैसों का ट्रांसफर एक दिन में हो जाएगा.

सरकार और सेबी लंबे समय से T+1 सेटलमेंट नियम लागू करने की योजना बना रहे थे, लेकिन विदेशी निवेशकों ने इस पर आपत्ति जताई थी. अभी दोनों एक्‍सचेंज पर T+2 सेटलमेंट सिस्टम लागू है, जिसे साल 2003 में लाया गया था. इस नियम के तहत शेयर और पैसों के ट्रांसफर में दो दिन लगते हैं. इससे पहले T+3 सिस्टम थ, जिसमें तीन दिन लगते थे.

समझिए कैसे काम करता है ये फॉर्मूला
सेटलमेंट सिस्टम का मतलब है कि शेयरों की खरीद-फरोख्‍त पर आपके खाते में स्‍टॉक या पैसों का ट्रांसफर होना. अभी एक्‍सचेंज T+2 सिस्‍टम फॉलो करते हैं, जिसका मतलब है क‍ि आपका ऑर्डर प्‍लेस होने के खाते में पैसे या शेयर आने में दो दिन लगेंगे. मसलन, आपने सोमवार को कोई शेयर बेचा तो उसके दो दिन बाद पैसे आपके डीमैट खाते में आ जाएंगे. इसी तरह, शेयर खरीदा है तो दो दिन बाद आपको स्‍टॉक्‍स मिलेंगे.

अब क्‍या बदल जाएगा
शुक्रवार से बाजार में T+1 सेटलमेंट सिस्‍टम लागू होने से आप जिस दिन शेयर खरीदे या बेचेंगे उसके दूसरे कारोबारी दिन ही आपके खाते में पैसे अथवा स्‍टॉक्‍स ट्रांसफर हो जाएगा. शुरुआत में मार्केट वैल्यूएशन के हिसाब से सबसे नीचे रखे गए 100 शेयरों को T+1 में शामिल किया जाएगा. इसके बाद हर महीने के आखिरी शुक्रवार को 500 नए स्टॉक जोड़े जाएंगे जब तक कि सभी को शामिल नहीं कर लिया जाता.

इसलिए पड़ी नए सिस्‍टम की जरूरत
सेबी ने पिछले साल सितंबर में इस सिस्‍टम का प्रस्‍ताव देते समय कहा था कि सेंटलमेंट का समय घटाने से निवेशकों को जल्‍द शेयरों और पैसों का भुगतान हो सकेगा. इससे निवेशकों के ट्रेडिंग अकाउंट का मार्जिन सिर्फ एक दिन के लिए ब्लॉक होगा और इक्विटी मार्केट में खुदरा निवेशकों की संख्‍या बढ़ाने में भी मदद मिलेगी. सेबी ने कहा कि सभी तरह के सिक्‍योरिटी ट्रांजेक्‍श में ये सिस्‍टम किया जाएगा.

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