एक विजेता व्यापार स्थापित करना

दिल्ली में 41वें India International Trade Fair में जे के पेवेलियन का किया गया उदघाटन
नयी दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी के प्रगति मैदान में सोमवार से शुरू हुए 41 वें इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर में जे के पेवेलियन का उदघाटन किया गया। मेले के आकर्षण का केंद्र जे के पैवेलियन का उदघाटन निर्देशक हस्तशिल्प और हथकरघा (कश्मीर) महमूद अहमद शाह और निदेशक हस्तशिल्प और हथकरघा (जम्मू) विकास गुप्ता ने संयुक्त रूप से किया। हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग ने हैंडिक्राफ्ट और हथकरघा क्षेत्रों की कलाकृतियों को दिखाने के लिए मेले में एक मंडप स्थापित किया है। हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों को ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत दिखाने के लिए एक आदर्श मंच है। इसके अलावा 11 सरकारी विभागों और निगमों सहित कृषि, बागवानी, कृषि उद्योग, जेकेआई, जेके खनिज और अन्य सहित निगमों ने अपने उत्पादों को दिखाने के लिए मेले में अपने स्टॉल स्थापित किए हैं।
निर्देशक हस्तशिल्प और हैंडलूम कश्मीर ने कहा कि विभाग ने कारीगरों को बढ़ाया व्यापार के अवसरों को बढ़ाने के लिए हस्तकला उद्योग को एक उत्तेजना प्रदान करने के लिए कई पहल की है और और बुनकर जो बदले में उनकी रोजगार सृजन का नेतृत्व करेंगे। सरकार की नोडल ट्रेड प्रमोशन एजेंसी भारत व्यापार प्रचार संगठन के तत्वाधान में यह ट्रेड फेयर प्रत्येक वर्ष 14 से 27 नवंबर तक यहां आयोजित किया जाता है। मेला दुनिया भर के सामान्य आगंतुकों और व्यापारियों के एक विशाल दर्शकों को आकर्षित करता है जो कारीगरों को यूटी की अर्थव्यवस्था में योगदान देने के अलावा अपनी कला और शिल्प दिखाने में मदद करता है।
गुमशुदा नाटककार स्वदेश दीपक की स्मृति में एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन का शुभारंभ
नई दिल्ली, नवंबर 15: संगीत नाटक अवार्ड विजेता नाटककार स्वदेश दीपक (जिन्होंने कोर्ट मार्शल लिखा) , 7 जून 2006 से लापता हैं जब वो घर से टहलने के लिए निकले और कभी लौट कर नहीं आये। उनकी याद में आज कला प्रबंधन विशेषज्ञ नगीना बैंस और लेखक के बेटे, सुकान्त दीपक ने एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन की स्थापना करने की घोषणा की। चंडीगढ़ स्थित एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन किसी एक शहर तक सीमित नहीं रहेगा बल्कि इसका उद्देश्य देश भर में प्रदर्शनों, फिल्म स्क्रीनिंग, कला प्रदर्शनियों और कार्यशालाओं, एक विजेता व्यापार स्थापित करना व्याख्यानों, और पुस्तक वाचन संगोष्ठियों को संचालित करना और देश भर में विभिन्न कलाओं के बीच सहयोग की सुविधा प्रदान करना है।फाउंडेशन की पहली प्रस्तुति, महमूद फ़ारूक़ी की 'दास्ताँ-ए-कर्ण अज़ महाभारत' 16 नवंबर को चंडीगढ़ के रॉक गार्डन में होगी। इसमें योद्धा कर्ण की उस कहानी को फिर से सुनाने का प्रयास किया जायेगा जो उर्दू, फारसी, हिंदी और संस्कृत के उन स्रोतों पर आधारित है जिनमे कर्ण के जन्म से लेकर उनकी मृत्यु तक उनके जीवन की पड़ताल की गयी है। मीडिया से बात करते हुए सुकान्त दीपक ने कहा -"कला के विभिन्न रूपों के बीच सहयोग और समकालीन राजनीतिक और सामाजिक मुद्दों पर कला के माध्यम से बात रखने में मुझे हमेशा दिलचस्पी रही है। हालाँकि ये फाउंडेशन मेरे पिता की स्मृति में स्थापित किया गया है मगर इसका उद्देश्य उनके कामों का प्रचार करना नहीं है- वो ये बात कभी पसंद नहीं करते। सच कहूँ तो नगीना के प्रोत्साहन और प्रबंधन के क्षेत्र में उनकी महारत के बल पर ही ये विचार एक ठोस रूप ले पाया है। मुझे उम्मीद है की कलाकार और दर्शक हमारे प्रयास की सराहना करेंगे।" इस अवसर पर सह-संस्थापक नगीना बैंस ने कहा ,"आत्म-खोज की मेरी यात्रा में एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन मेरे मूल्यों के सबसे क़रीब है। हम एक क्षेत्र के कलाकारों के काम को दूसरे क्षेत्र के कलाकारों के सामने प्रस्तुत करना चाहते हैं। और फाउंडेशन का उद्देश्य इन सब से कहीं ज़्यादा बड़ा है। कला शिक्षा, कलाकारों के साथ बातचीत, और कला परियोजनाओं के द्वारा सामाजिक विषयों पर काम करना हमारा प्रमुख एजेंडा है।"
फाउंडेशन की सलाहकार समिति में पद्म भूषण पुरस्कार विजेता मल्लिका साराभाई (शास्त्रीय नर्तक और अभिनेत्री), पद्म श्री पुरस्कार विजेता नीलम मानसिंह चौधरी (रंगमंच निर्देशक), साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता लेखक और कवि जेरी पिंटो, पूजा सूद (निर्देशक, खोज), रवि सिंह (प्रकाशक, स्पीकिंग टाइगर), दीवान मन्ना (फोटोग्राफर), निरुपमा एक विजेता व्यापार स्थापित करना दत्त (कवि और आलोचक) और चंदर त्रिखा (निदेशक, हरियाणा साहित्य अकादमी और हरियाणा उर्दू अकादमी) शामिल हैं। फाउंडेशन के बारे में बात करते हुए लेखक और कोच्ची बीएनेल फाउंडेशन के ट्रस्टी एन एस मादवन ने कहा -" मुझे एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन से बड़ी उम्मीदें हैं -ये एक ऐसा मंच है जो विभिन्न कलाओं और उनके संगम का स्वागत करता है। दुनिया भर में अलग-अलग प्रकार की कलाएं एक साथ जुड़ रही हैं और एकल कलाओं का जड़ स्वरुप अब बाक़ी नहीं रहा। हमें अब इस बाइनरी से बाहर आना होगा। यह बेहद ज़रूरी है एक क्षेत्र के दर्शकों को अन्य क्षेत्रों के विभिन्न कला रूपों से अवगत कराया जाए। कला का आदान-प्रदान एक बेहतरीन विचार है।" नीलम मानसिंह चौधरी ने कहा -"महमूद फ़ारूक़ी एक बेहतरीन दास्ताँगो हैं। ये एक बड़ी उपलब्धि है कि एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन ने उन्हें 16 नवंबर को चंडीगढ़ में दास्तानगोई के लिए आमंत्रित किया है। दर्शक एक लाजवाब कलाकार को देखेंगे, अनुभव करेंगे और उम्मीद है की कला पर दिलचस्प बातें की जाएँगी।" साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता कवी अरुंधति सुब्रमण्यम ने एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन के बारे में कहा -"एक ऐसे समय में जब हम सब ये समझने का प्रयास कर रहे हैं की कैसे अपनी जड़ों से जुड़े रह कर वैश्विक नजरिया अपनाया जाये, कैसे बिना अलग-थलग हुए स्थानीयता अपनायी जाये, कैसे बिना खुद को अलग किये अपनी अलग पहचान क़ायम रखी जाये, एल्सवेयर फ़ॉउंडेशन सही दिशा में एक बेहतरीन क़दम है। मुझे ये जानकार बेहद ख़ुशी हुई की ये पहल एक बेहतरीन लेखक की याद में की गई है और इसका उद्देश्य उन रूढ़िवादी विचारों की दीवारों को तोड़ कर संवाद स्थापित करना है जिसने इस दुनिया को बाँट रखा है।"
राष्ट्रीय अवार्ड विजेता एक विजेता व्यापार स्थापित करना गीतकार, लेखक और फ़िल्म निर्माता वरुण ग्रोवर ने कहा -"यह देखते हुए कि हम भूल गए हैं कि यह देश कैसे जुड़ा हुआ है, इस तरह की एक स्वतंत्र पहल आज के समय में बेहद महत्वपूर्ण हो जाती है। किसी एक भौगोलिक क्षेत्र में सिमट कर नहीं रहने का एल्सवेयर फाउंडेशन का विचार लोगों को एक दूसरे के नज़दीक लाएगा। लोग कलाकारों के माध्यम से कला के उन रूपों से रूबरू होंगे जिन्हे आम तौर पर वे नहीं देख पाते हैं।" फ़िल्म निर्माता और मानव विज्ञानी आशीष अविकुंठक को लगता है -"स्वदेश दीपक की रचनाएँ उस शानदार गुण का प्रतीक हैं जिसके अनुसार एक व्यक्ति बाहरी दुनिया से रूबरू होते हुए भी अपनी अंतरात्मा से गहराई से जुड़ा होता है। उनकी रचनाओं के केंद्र में अंतरात्मा की यात्रा की एक भ्रमणशील कल्पना थी। एल्सवेयर फाउंडेशन इसी वैचारिक सार की अनंत संभावनाओं को लेकर आज के समय को अद्भुत कला-यात्राओं के माध्यम से समझना चाहता है। यह कला, प्रदर्शन, संगीत, फिल्मों और साहित्य के बीच आज की तारीख़ में ज़रूरी हो चुकी बहुआयामी बातचीत को बढ़ावा देने का प्रयास करता है ताकि हमारी दुनिया में नए और सफ़ल प्रयोग किये जा सकें।”
संस्थापकों का परिचय
नगीना बैंस- उन्हें मीडिया, कला प्रबंधन और मेहमान-नवाज़ी के क्षेत्र में शीर्ष कंपनियों के साथ काम करने का लम्बा और व्यापक अनुभव है। भारत के कुछ प्रमुख समाचार पत्रों के साथ उनके लेखन के अनुभव ने राजनीति, जीवन शैली, शिक्षा, भोजन, समाज और जीवन के बारे में उनकी समझ को समृद्ध किया है।
सुकान्त दीपक- वो कला और साहित्य पर पिछले दो दशक से लिख रहे हैं। सुकांत का निबंध, 'पापा, एल्सवेयर' स्पीकिंग टाइगर द्वारा प्रकाशित संग्रह 'ए बुक ऑफ लाइट' का हिस्सा था। आजकल वो स्वदेश दीपक की कहानियों के संग्रह का अनुवाद कर रहे हैं जिसका 2023 में प्रकाशन होना है।
क्रिकेट के बाद अब चढ़ेगा फुटबॉल का खुमार, FIFA world Cup में दिखेगा रोनाल्डो-मेसी का जादू
दोहा। ऑस्ट्रेलिया (Australia) में 29 दिनों तक चला क्रिकेट का मेला (cricket fair) संपन्न हो गया है। टी20 वर्ल्ड कप (t20 world cup) के फाइनल में इंग्लैंड ने रविवार (13 नवंबर) को पाकिस्तान को हराकर खिताब पर कब्जा कर लिया। क्रिकेट के मैदान के बाद अब खेल प्रेमियों को फुटबॉल के मैदान पर जादू देखने को मिलेगा। चार साल में एक बार होने वाला फुटबॉल का सबसे बड़ा टूर्नामेंट विश्व कप (Football’s biggest tournament World Cup) कतर में 20 नवंबर से शुरू हो रहा है। 28 दिनों तक चलने वाले इस टूर्नामेंट का फाइनल मुकाबला 18 दिसंबर को खेला जाएगा।
दुनिया के दिग्गज फुटबॉल लियोनल मेसी (Legendary football Lionel Messi) और क्रिस्टियानो रोनाल्डो ( Cristiano Ronaldo) सहित कई स्टार खिलाड़ी मैदान पर अपना जादू दिखाने को बेताब हैं। इस दौरान कई रिकॉर्ड टूटने के साथ-साथ कुछ कीर्तिमान भी स्थापित होंगे। क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी पांच विश्वकप खेलने वाले खिलाड़ियों की सूची में शामिल हो जाएंगे। इससे पहले मैक्सिको के एंटोनियो, जर्मनी के लोथार मथायस, मैक्सिको के राफेल मार्क्यूज और इटली के जियानल्यूगी बुफॉन पांच-पांच विश्वकप खेल चुके हैं।
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कौन तोड़ेगा मूलर का रिकॉर्ड?
2010 में गोल्डन बूट का अवॉर्ड जीतने वाले जर्मनी के थॉमस मूलर इस विश्वकप में मौजूदा खिलाड़ियों में गोल करने के मामले में सबसे आगे हैं। वह तीन विश्वकप के 16 मैचों में 10 गोल कर चुके हैं। उनसे आगे निकलने के लिए क्रिस्टियानो रोनाल्डो, लुईस सुआरेज, हैरी केन, लियोनेल मेसी, नेमार और जेम्स रोड्रिग्ज में होड़ होगी। हालांकि, विश्वकप इतिहास में सर्वाधिक गोल करने का रिकार्ड जर्मनी के मिरोस्लाव क्लोस के नाम है। उन्होंने 24 मैचों में 16 गोल किए हैं।
थॉमस मूलर: 16 मैचों में 10 गोल
जर्मनी के इस स्टार खिलाड़ी का कतर में यह चौथा विश्वकप होगा। वह भले ही इस समय फॉर्म में नहीं हैं। 2010 में दक्षिण अफ्रीका में अपने पहले विश्वकप में उन्होंने 5 गोल किए थे। यदि वह इस विश्वकप में 7 गोल करने में सफल रहते हैं तो हमवतन मिरोस्लाव क्लोस (24 मैचों में 16) गोल को पीछे छोड़ देंगे। इसके लिए उन्हें चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा।
क्रिस्टियानो रोनाल्डो: 17 मैच, 7 गोल
CR7 नाम से प्रसिद्ध क्रिस्टियानो रोनाल्डो का यह पांचवां विश्वकप होगा। वह 17 मैचों में 7 गोल कर चुके हैं। इसमें दो गोल पेनाल्टी पर दागे। 2006 से लगातार हर विश्वकप में खेलने वाले रोनाल्डो 117 अंतरराष्ट्रीय गोल कर चुके हैं। वह ज्यादा से ज्यादा गोल कर अपनी कप्तानी में पुर्तगाल को पहला विश्व खिताब दिलाना चाहेंगे।
लुईस सुआरेज: 13 मैच, 7 गोल
1930 में फुटबाल का पहला विश्व खिताब जीतने वाले उरुग्वे के लुईस सुआरेज का यह अंतिम टूर्नामेंट हो सकता है। 35 वर्षीय यह स्टार मौजूदा खिलाड़ियों में विश्वकप में सर्वाधिक गोल (7) करने के मामले में रोनाल्डो के साथ संयुक्त रूप से दूसरे नंबर पर हैं। सुआरेज को म्यूलर से आगे निकलने के लिए तीन और महान खिलाड़ी पेले (12 गोल) की बराबरी के लिए पांच गोल की जरूरत होगी।
लियोनेल मेसी: मैच 19, गोल 6
अर्जेंटीना के स्टार स्ट्राइकर लियोनेल मेसी का भी यह अंतिम टूर्नामेंट हो सकता है। 2006 से प्रत्येक विश्वकप में खेलते आ रहे मेसी की कप्तानी में अर्जेंटीना ने 2014 के फाइनल में प्रवेश किया था, जिसमें उसे फाइनल में जर्मनी से हार मिली थी। मेसी इस बार ज्यादा से ज्यादा गोल कर टीम को विजेता बनाने का प्रयास करेंगे।
हैरी केन, नेमार और रोड्रिग्ज : 6 गोल
इंग्लैंड के कप्तान हैरी केन इस बार अपना दूसरा विश्वकप खेलने जा रहे हैं। उन्होंने 2018 में रूस में छह मैच खेलते हुए छह गोल किए थे। 29 वर्षीय इस खिलाड़ी के पास मौजूदा खिलाड़ियों का रिकॉर्ड तोड़ने के साथ ही अन्य कीर्तिमान बनाने का भी अवसर होगा। सक्रिय रूप से फुटबॉल खेलने वाले कोलंबिया के जेम्स रॉड्रिग्ज ने 2014 में 6 गोल किए थे। वहीं, ब्राजील के स्टार स्ट्राइकर नेमार दो विश्वकप में छह गोल कर चुके हैं।
आईटीएस कालेज के छात्रों ने सीसीएसयू में किया टॉप
दिल्ली मेरठ मार्ग स्थित आईटीएस कॉलेज के फिजियोथेरेपी विभाग के छात्रों ने विवि में टॉप कर कॉलेज का नाम रोशन किया.
गाजियाबाद। दिल्ली मेरठ मार्ग स्थित आईटीएस कॉलेज के फिजियोथेरेपी विभाग के छात्रों ने विवि में टॉप कर कॉलेज का नाम रोशन किया है। कॉलेज के मीडिया प्रभारी दुर्गेश अग्रवाल ने बताया कि सीसीएस विवि ने परीक्षा परिणम घोषित कर दिए हैं, जिसमें एमडीएस की छात्रा श्रद्धा सेकिया ने 79.33 प्रतिशत अंक के साथ विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया है। इसके अलावा बीपीटी की छात्रा पूजा शर्मा ने 84.51 प्रतिशत के साथ विवि में प्रथम और वैशाली सूरी ने 84.35 प्रतिशत अंको के साथ दूसरा स्थान प्राप्त किया है। वहीं, एमपीटी की छात्रा निधि झा ने 89.07 प्रतिशत अंको के साथ पहला, रिया गोयल 88.85 अंकों के साथ दूसरा एवं नेहा चूटानी ने 86.50 प्रतिशत अंको के साथ चौथा स्थान हासिल किया है। टॉप करने वाले छात्रों को बधाई देते हुए वाइस चेयरमैन अर्पित चढडा ने बताया कि जल्द ही कॉलेज में सम्मान समारोह का आयोजन कर टॉपर छात्रों को सम्मानित किया जाएगा।
भारत और आसियान देशों ने आतकंवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया
नोम पेन्ह, 12 नवंबर (एजेंसी) उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को यहां 19वें आसियान-भारत सम्मेलन को संबोधित किया, जिसके बाद भारत और आसियान देशों ने आतंकवाद के खिलाफ व्यापक रणनीतिक भागीदारी कायम करने और सहयोग बढ़ाने का संकल्प लिया। धनखड़ कंबोडिया की तीन दिवसीय यात्रा पर हैं। इस वर्ष आसियान-भारत संबंधों की 30वीं वर्षगांठ है और इसे आसियान-भारत मैत्री वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। दक्षिण पूर्व एशियाई देशों का संघ (आसियान) एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जिसमें दक्षिण पूर्वी एशियाई के 10 देश ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमा, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम सदस्य हैं। भारत-आसियान ने दोनों पक्षों के बीच संवाद मंच स्थापित करके साइबर सुरक्षा पर सहयोग मजबूत बनाने पर जोर दिया। एक संयुक्त बयान में, उन्होंने दक्षिण पूर्वी एशिया और भारत के बीच गहरे सभ्यतागत संबंध, समुद्री संपर्क और सांस्कृतिक संबंधों की सराहना की, जो पिछले 30 वर्षों में मजबूत हुए हैं और आसियान-भारत संबंधों के लिए एक ठोस आधार बन गए हैं। सम्मेलन को संबोधित करने से पहले उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन सेन के साथ मानव संसाधन, बारूदी सुरंगों को हटाने और विकास परियोजनाओं जैसे क्षेत्रों समेत द्विपक्षीय संबंधों को और गहरा बनाने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। भारत और आसियान देशों ने संयुक्त बयान में डिजिटल परिवर्तन, डिजिटल व्यापार, डिजिटल कौशल एवं नवाचार में विभिन्न क्षेत्रीय कौशन निर्माण गतिविधियों के माध्यम से डिजिटल अर्थव्यवस्था में सहयोग बढ़ाने की घोषणा की।