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क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड

टाटा म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया Nifty India Digital ETF, डिजिटल थीम में निवेश का मिलेगा फायदा

न्यू फंड ऑफर (NFO) 14 मार्च से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है. इसमें 25 मार्च तक निवेश किया जा सकता है. इस योजना में कोई एंट्री या एक्जिट लोड नहीं है.

टाटा म्यूचुअल फंड ने लॉन्च किया Nifty India Digital ETF, डिजिटल थीम में निवेश का मिलेगा फायदा

TV9 Bharatvarsh | Edited By: संजीत कुमार

Updated on: Mar 15, 2022 | 7:00 AM

म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने वालों के लिए काम की खबर है. टाटा म्यूचुअल फंड (Tata Mutual Fund) ने टाटा निफ्टी इंडिया डिजिटल एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (Tata Nifty India Digital Exchange Traded Fund) लॉन्च किया है. यह एक ओपन-एंडेड एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ETF) है जो निफ्टी इंडिया डिजिटल इंडेक्स (Nifty India Digital Index) को ट्रैक करता है. न्यू फंड ऑफर (NFO) 14 मार्च से सब्सक्रिप्शन के लिए खुल चुका है. इसमें 25 मार्च तक निवेश किया जा सकता क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड है. इस योजना में कोई एंट्री या एक्जिट लोड नहीं है. फंड का प्रबंधन मीता शेट्टी करेंगी. इस फंड में मिनिमम 5,000 रुपये से निवेश की शुरुआत की जा सकती है.

स्कीम के प्रदर्शन को निफ्टी इंडिया डिजिटल इंडेक्स (Nifty India Digital Index) के खिलाफ बेंचमार्क किया जाएगा. फंड हाउस के अनुसार, आवंटन पर प्रत्येक यूनिट का मूल्य अंडरलाइंग इंडेक्स का लगभग 1/100वां होगा. म्यूचुअल फंड के जरिए लॉन्ग टर्म में एक बड़ा फंड बनाया जा सकता है.

निफ्टी इंडिया डिजिटल इंडेक्स (Nifty India Digital Index) का उद्देश्य सॉफ्टवेयर, ई-कॉमर्स, आईटी एनेबल्ड सर्विसेज, इंडस्ट्रियल इलेक्ट्रॉनिक्स और दूरसंचार सेवा कंपनियों के शेयरों के पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को ट्रैक करना है, जो बेसिक इंडस्ट्रीज के भीतर डिजिटल थीम का व्यापक रूप से प्रतिनिधित्व करते हैं.

एनएसई इंडेक्स के मुताबिक, पात्र बेसिक इंडस्ट्रीज के सबसे बड़े 30 शेयरों को उनके 6 महीने के औसत फ्री-फ्लोट मार्केट कैप के आधार पर जनवरी और जुलाई के अंत में कटऑफ तिथियों के आधार पर चुना जाता है. इंडेक्स में शेयरों का भार उनके फ्री-फ्लोट मार्केट कैप पर आधारित होता है. इसमें सेक्टर का वेटेज 50 फीसदी और स्टॉक का वेटेज 7.50 फीसदी है.

इन कंपनियों में होगा निवेश

इंडेक्स में वेटेज के शीर्ष घटक अब 28 फरवरी 2022 तक भारती एयरटेल (Bharti Airtel), टीसीएस (TCS), इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म (Indian Railway Catering and Tourism), एचसीएल टेक्नोलॉजीज (HCL Technologies), इंफोसिस (Infosys), टाटा कम्युनिकेशंस (Tata Communications), क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड इंफो एज (Info Edge), टेक महिंद्रा (Tech Mahindra), विप्रो (Wipro) और हनीवेल ऑटोमेशन इंडिया (Honeywell Automation India) हैं.

टाटा म्यूचुअल फंड का यह ईटीएफ टाटा डिजिटल इंडिया फंड से अलग है, जो इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी सेक्टर में निवेश करने वाली एक ओपन एंडेड स्कीम है. फंड के मुख्य पोर्टफोलियो में बड़ी और बड़ी आईटी सेवा कंपनियां हैं और सैटेलाइट पोर्टफोलियो में उभरती हुई टेक्नोलॉजी और सर्विस कंपनियों का समावेश है.

म्यूचुअल फंड निवेश बाजार जोखिमों के अधीन हैं. इसमें निवेश करने से पहले आपको एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए।.अगर आप बिना जानकारी के इसमें में निवेश करते हैं, तो आपको बड़ा नुकसान उठाना पड़ सकता है.

म्यूचुअल फंड कंपनियों में सिल्वर ETF लाने की होड़, 1,400 करोड़ रुपए की संपत्तियां जुटाईं

नई दिल्लीः म्युचुअल फंड कंपनियों ने इस साल सिल्वर ईटीएफ (एक्सचेंज ट्रेडेड फंड) श्रेणी में कई नई कोष पेशकशें की हैं। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा 2021 में पेश किए गए नव-सृजित परिसंपत्ति वर्ग की शुरुआत के बाद से म्यूचुअल फंड कंपनियों ने इसके जरिए 1,400 करोड़ क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड रुपए की संपत्तियां जुटाई हैं। सेबी के पास उपलब्ध सूचनाओं के अनुसार, कोटक एसेट मैनेजमेंट कंपनी सहित म्यूचुअल फंड कंपनियों ने निवेशकों के लिए सिल्वर ईटीएफ के साथ-साथ सिल्वर ईटीएफ फंड ऑफ फंड्स के लिए बाजार नियामक के पास दस्तावेजों का मसौदा जमा कराया है।

ये एनएफओ (नई कोष पेशकश) निवेशकों को डिजिटल तरीके से निवेश करने और चांदी का स्वामित्व रखने का अवसर प्रदान कर रहे हैं। उद्योग के आंकड़ों के अनुसार, अबतक आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड, आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंड और निप्पन इंडिया म्यूचुअल फंड ने सिल्वर ईटीएफ शुरू किया है। इसके अलावा, इन परिसंपत्ति प्रबंधन कंपनियों में से प्रत्येक के पास सिल्वर फंड ऑफ फंड (एफओएफ) है, जो अपने संबंधित ईटीएफ में निवेश करता है। इनके अलावा, डीएसपी म्यूचुअल फंड और एचडीएफसी म्यूचुअल फंड के सिल्वर ईटीएफ के एनएफओ इस महीने बंद हुए हैं, जबकि एडलवाइस गोल्ड और सिल्वर ईटीएफ एफओएफ वर्तमान में निवेशकों के लिए खुले हैं।

मॉर्निंगस्टार इंडिया द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, उद्योग जुलाई के अंत तक सिल्वर ईटीएफ के जरिये पहले ही 1,400 क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड करोड़ रुपये की संपत्तियां जुटा चुका है। नवंबर, 2021 में सेबी के सिल्वर ईटीएफ की अनुमति देने के बाद से संपत्ति प्रबंधन कंपनियों में इसे लाने की होड़ मची है। मॉर्निंगस्टार इंडिया की वरिष्ठ विश्लेषक-प्रबंधक शोध कविता कृष्णन ने कहा, ‘‘सेबी के कदम ने म्यूचुअल फंड कंपनियों के लिए सिल्वर ईटीएफ का रास्ता खोल दिया है। बहुत से निवेशक चांदी को महंगाई के खिलाफ ‘हेजिंग' के लिए इस्तेमाल करते रहे है। ऐसे में इससे उन्हें भौतिक रूप से चांदी रखने के बजाय फॉर्म या कोष के रूप में इसे रखने का विकल्प मिला है।

एडलवाइस एएमसी की प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यपालक अधिकारी राधिका गुप्ता ने कहा, ‘‘हाल के समय में चांदी का प्रदर्शन कमजोर रहा है। इसकी वजह से एएमसी सिल्वर ईटीएफ और एफओएफ ला रही हैं क्योंकि यह संभवत: बहुमूल्य धातु में निवेश के लिए उचित समय है।'' कृष्णन ने कहा कि इलेक्ट्रिक वाहन, सौर और 5जी जैसे नए युग के उद्योगों में चांदी की भारी मांग है। इस वजह से भी निवेशक चांदी में निवेश को लेकर अधिक जागरूक हुए हैं।

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Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है।

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

वास्तविक गोल्ड द्वारा समर्थित

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

सरल ट्रेडिंग

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

छोटे आकार के कारण स्वामित्व अफार्डेबल बन जाता है

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

उनसे मिलने वाले क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड अनेक लाभों के साथ, गोल्ड ईटीएफ गोल्ड में निवेश करने के लिए आदर्श विकल्प हैं। आप चाहे अनुभवी निवेशक हैं या अपने निवेश की यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, तो हमेशा अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना याद रखें। अपने निवेश की नियमित आधार पर समीक्षा करें तथा अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड करें। यदि आप गोल्ड में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो इसे अपने पोर्टफोलियो के 5-10% तक सीमित रखें।

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

Gold ETF investments: सोने में निवेश, गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों की निकासी, हालांकि खातों की संख्या में वृद्धि

क्या है गोल्ड ईटीएफ, क्यों एक महीने में 457 करोड़ रुपये निकाल लिए निवेशक? यहां है इन सभी सवालों के जवाब

  • Date : 12/08/2022
  • Read: 3 mins Rating : -->

जुलाई के महीने में गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने बड़ी मात्रा में निकासी की है। लेकिन खातों की संख्या बढ़कर 46.43 लाख तक पहुँची। आखिर इसका क्या कारण है? जानते हैं गोल्ड ईटीएफ के बारे में।

ETF investments

Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।

म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ

दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।

आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी

ऐसा माना जा रहा है कि

  • शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
  • ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
  • सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
  • गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।

निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें

“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।

सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है

गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।

Gold ETF के बारे में जानकारी​​​

Gold ETF: म्यूचुअल फंड उद्योग संगठन की रिपोर्ट के अनुसार पिछले महीने सोने में निवेश करनेवाले खाताधारकों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन साथ ही निवेशकों द्वारा निकासी भी की जा रही है। देखा गया है कि जुलाई के महीने में सोने में निवेश के लिए निवेशकों का रुझान कम हुआ है। ईटीएफ गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड के मुताबिक 2022 में जुलाई माह के दौरान ₹457 करोड़ निकाले गए हैं। लेकिन वहीं इसी महीने ईटीएफ फोलियो की संख्या में 37,500 की बढ़त भी हुई है। फोलियो की कुल संख्या अब 46.43 लाख हो गई है। इस लेख में जानने की कोशिश करेंगे कि निवेशकों ने निकासी किन कारणों से की होगी।

म्यूचुअल फंड का हिस्सा है गोल्ड ईटीएफ

दरअसल गोल्ड ईटीएफ एक अच्छा विकल्प है यदि आप सोने में निवेश करना चाहते हों। यह म्यूचुअल फंड का हिस्सा है और इसकी खरीद यूनिट के हिसाब से की जाती है। इसमें शेयर की तरह ही कारोबार होता है। यूनिट बेचने पर निवेशक को सोने के मूल्य के बराबर रकम मिलती है, सोना नहीं मिलता। यह एक ग्राम सोने के जेवर खरीदने से सस्ता और अच्छा विकल्प है। एक ग्राम के जेवर, एक ग्राम सोने के यूनिट से कहीं अधिक महंगे होते हैं क्योंकि उस पर मेकिंग चार्ज का भी अतिरिक्त भुगतान ग्राहक को करना पड़ता है। गोल्ड ईटीएफ के निवेश में ऐसा कोई अतिरिक्त चार्ज भी नहीं है और इसमें चोरी का भी कोई डर नहीं है।

आखिर निवेशकों ने क्यों की निकासी

ऐसा माना जा रहा है कि

  • शेयरों में तेजी होने के कारण उसका लाभ लेने की दृष्टि से निकासी की जा रही है।
  • ब्याज की दरों में वृद्धि होने के कारण पीली धातुओं की कीमतों में कमी आई है जिसके कारण भी ईटीएफ से निकासी की गई।
  • सोने की मांग और आपूर्ति पर रुपये में गिरावट का भी असर पड़ा है।
  • गोल्ड ईटीएफ की ओर निवेशकों का रुझान कम होने का कारण सोने की कम कीमत भी माना जा रहा है और इसके कारण निकासी की गई है।

निवेशकों को सलाह - जल्दबाजी में निर्णय न लें

“निवेशकों को घबराहट में या जल्दबाजी में गोल्ड ईटीएफ से निकासी नहीं करनी चाहिए,” यह कहना है आईआईएफएल के उपाध्यक्ष अनुज गुप्ता का। गुप्ता के अनुसार शेयरों में तेजी का लाभ लेने के लिए निकासी अभी नहीं करनी चाहिए। उन्हें उम्मीद है कि रूस-यूक्रेन के संकट और चीन-ताइवान के तनाव को देखते हुए सोने की कीमतों में उछाल आ सकता है। वहीं भारत में भी त्योहारों का समय आने वाला है। ऐसे में गोल्ड ईटीएफ में यदि निवेश किया जाए और यह निवेश बनाए रखा जाए तो यह सौदा मुनाफे वाला हो सकता है।

सोने के निवेश के किस विकल्प में कितना निवेश किया गया है

गोल्ड ईटीएफ में ₹20,038 करोड़ का निवेश है और ईएलएसएस में ₹1.47910 करोड़ का निवेश है। वहीं मल्टी कैप फंड में ₹59,303 करोड़ और मिड कैप फंड में ₹168,438 करोड़ का निवेश है। अगर लार्ज कैप फंड में क्या है एक्सचेंज ट्रेडेड फंड कुल निवेश की बात की जाए तो यह ₹231,851 करोड़ है तो स्मॉल कैप फंड में ₹113,332 करोड़ और फोकस फंड में ₹99,933 करोड़ का निवेश है।

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