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विश्व बाजार शुल्क और सीमा

विश्व बाजार शुल्क और सीमा
विश्व बैंकों के मामले में भी यह व्यवस्था लागू है । हैरत की बात यह है कि जी-8 को अंतर्राष्ट्रीय मुद्राकोष में वीटो विश्व बाजार शुल्क और सीमा का इस्तेमाल करने का भी अधिकार प्राप्त है । अमेरिका के विरोध के कारण भारत को सुरक्षा परिषद के एक स्थायी सदस्य के रूप में स्थान मिलना एक कल्पना मात्र है । अमेरिका की फेडरल रिजर्व के पूर्व अध्यक्ष एलन ग्रीनस्पैन के अनुसार अमेरिका के सबप्राइम संकट के मूल कारणों में एक कारण अमेरिका की व्यापारिक संरक्षणवादी नीति है ।

भारत-ऑस्ट्रेलिया FTA हुआ मंजूर, भारत के 6,000 से अधिक उत्पाद ऑस्ट्रेलियाई बाजार में छाने को तैयार

भारत-ऑस्ट्रेलिया FTA हुआ मंजूर, भारत के 6,000 से अधिक उत्पाद ऑस्ट्रेलियाई बाजार में छाने को तैयार

ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी.

ऑस्ट्रेलियाई संसद ने विश्व बाजार शुल्क और सीमा मंगलवार को भारत (India) के साथ मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) को मंजूरी दे दी. अब दोनों देश आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा. ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने एक ट्वीट में यह जानकारी दी. उन्होंने लिखा, ''बड़ी खबर: भारत के साथ हमारा मुक्त व्यापार समझौता संसद से पारित हो गया है.'' भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते (एआई-ईसीटीए) को लागू करने से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद द्वारा मंजूरी की आवश्यकता थी। भारत में इस तरह के समझौतों को केंद्रीय मंत्रिमंडल मंजूरी देता है.

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वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने एक ट्वीट में कहा, ''खुशी है कि भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग और व्यापार समझौते को ऑस्ट्रेलियाई संसद ने पारित कर दिया है.''

BREAKING: Our Free Trade Agreement with India has passed through parliament. (📷 with @narendramodi at the G20) pic.twitter.com/e8iG3gpTgr

— Anthony Albanese (@AlboMP) November 22, 2022

उन्होंने आगे लिखा, ''हमारी गहरी दोस्ती के चलते, यह हमारे लिए व्यापार संबंधों को पूरी क्षमता के साथ आगे बढ़ाने और बड़े पैमाने पर आर्थिक वृद्धि को गति देने के लिए मंच तैयार करता है.''

एक अधिकारी ने कहा कि अब दोनों पक्ष आपसी सहमति से फैसला करेंगे कि यह समझौता किस तारीख से लागू होगा। सीमा शुल्क अधिकारी इस विश्व बाजार शुल्क और सीमा संबंध में एक अधिसूचना जारी करेंगे.

एफटीए लागू होने के बाद कपड़ा, चमड़ा, फर्नीचर, आभूषण और मशीनरी सहित भारत के 6,000 से अधिक उत्पादों को ऑस्ट्रेलियाई बाजार में शुल्क मुक्त पहुंच मिलेगी.

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        भारत खान-पान की संस्कृति, मसालों और गैर-कृषि वस्तुओं में विविधताओं वाला देश है। भारत के निर्यात में खाद्य प्रसंस्करण उद्योग का 13 प्रतिशत हिस्सा है। वर्ष 1998 के बाद से भारत दुनिया के सबसे बड़े दूध उत्पादक देशों में शीर्ष स्थान पर है। भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा काजू उत्पादक है और अनाज, फलों और सब्जियों का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। 11.6 प्रतिशत मानव संसाधनों को इसी क्षेत्र से रोजगार मिला है। भारत पूरे विश्व में कृषि-वस्तुओं के उत्पादन में पहले और खाद्य उत्पादन में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है।

        भारत को दुनिया में कृषि संबंधी सह उत्पादों के प्रमुख उत्पादक के रूप में जाना जाता है। 2017-18 के दौरान भारत 176.4 मिलियन टन उत्पादन के साथ दुनिया का सबसे बड़ा दूध उत्पादक देश रहा। इसके अतिरिक्त, 10.07 मिलियन मीट्रिक टन मछली उत्पादन के साथ वैश्विक मछली उत्पादन में भारत का हिस्सा लगभग 6.3 प्रतिशत रहा। भारत 8129 किलोमीटर की विशाल तटरेखा के साथ मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र में क्रमशः तीसरा और दूसरा सबसे बड़ा देश है।

        भारत का वैश्विक आर्थिक सम्बन्ध: बेईमानी से ईमानदारी के रिश्ते पर निबंध

        स्विट्जरलैंडके डावोस रिसोर्ट में संपन्न हुए विश्व आर्थिक मंच, फ्रांसीसी राष्ट्रपति निकोलस सर्कोजी की भारत यात्रा और प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की चीन यात्रा के दौरान चीन द्वारा भारत और चीन की व्यापारिक साझेदारी से इस को ‘एशिया की सदी’ बनाने की कल्पना निश्चिय ही, चाहे सतही तौर पर ही क्यों न हो, यूरोप, अमेरिका और चीन के साथ रिश्तों में ईमानदारी की कवायद करने की चाह व्यक्त करती है ।

        लेकिन ईमानदारी से निभाने के वायदों के बीच व्यावसायिक रिश्तों में ईमानदारी के साथ बेईमानी अधिक समय तक नहीं चल सकती है । अमेरिका और यूरोप को ही लें, इन दोनों ने विश्व व्यापार संगठन की दोहा वार्ताओ के दौरे में कृषिगत और औद्योगिक उत्पादनों के निर्बाध व्यापार और कृषि पर सब्सिडी संबंधी मामलों में जो गतिरोध पैदा किए हैं, वह मिटने को तैयार नहीं ।

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