प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट

क्लास 30। Ratio Analysis - पार्ट 5।
Class Doubts - Module 3 - Hindi Batch
यह एक आम कहावत है की किसी भी चीज़ को महान बनने के लिए उसकी नींव का मजबूत होना बहुत ज़रूरी है। जिस आधार या स्तम्भ पर कोई वस्तु बनी हो या खड़ी हो, वह इतनी मज़बूत होनी चाहिए कि कोई भी वस्तु उसकी पहचान को हिला न सके। उसी तरह, फंडामेंटल एनालिसिस भी किसी व्यवसाय के कामकाज को उसके सबसे बुनियादी स्तर पर समझने की एक प्रक्रिया है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि इन्वेस्टमेंट के लिए व्यवसाय का सही मूल्य क्या है, यह जानने के लिए कि क्या यह कम या अधिक है। किसी भी व्यक्ति को किसी भी कंपनी का मूल्यांकन करने से पहले उस कंपनी के बिजनेस मॉडल को समझना चाहिए और इन्वेस्टमेंट से पहले उस कंपनी को एनालाइज ज़रूर करना चाहिए।
फंडामेंटल एनालिसिस में क्वालिटेटिव एंड प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट क्वांटिटेटिव एनालिसिस दोनों शामिल होते है। क्वालिटेटिव एनालिसिस के लिए आपको कंपनी मैनेजमेंट को समझने की ज़रूरत है और साथ ही कंपनी के फंडामेंटल्स ऑफ़ बिज़नेस को समझने के लिए आपको उस बिज़नेस को चलाने वाले लोगो की मंशा को जानने की आवश्यकता है। नंबर्स साइड पर, आपको फाइनेंसियल स्टेटमेंट्स को समझने की आवश्यकता है जो किसी कंपनी की फाइनेंसियल परफॉरमेंस एंड बिज़नेस एक्टिविटीज को दर्शाते है और उस कंपनी की FD के द्वारा जो प्रोफिटेबिलिटी है जैसे की बैलेंस शीट, प्रॉफिट एंड लोस्स स्टेटमेंट, कॅश फ्लो स्टेटमेंट आदि और कंपनी के रिटर्न्स को समझने और तुलना करने में सहायता करते है। ये सब एनालिसिस करने के बाद आप इंवेस्टमनेट के लिए किसी भी बिज़नेस की राइट वैल्यू का पता कर सकते है।
ITR Filing Last Date: ऐसे डाउनलोड करें AIS और TIS, फिर चुटकियों में खुद फाइल कर पाएंगे ITR
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 29 जुलाई 2022,
- (अपडेटेड 29 जुलाई 2022, 4:30 PM IST)
- 31 जुलाई है ITR भरने की अंतिम तारीख
- अब तक करीब 4 करोड़ लोगों ने भरा ITR
फाइनेंशियल ईयर 2021-22 (FY22) यानी असेसमेंट ईयर 2022-23 (AY23) प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने (Income Tax Return Filing) की डेडलाइन में अब महज दो दिन बाकी हैं. इनकम टैक्स डिपार्टमेंट (Income Tax Department) इस बात के संकेत दे चुका है कि डेडलाइन (ITR Filing Deadline) को बढ़ाने के बारे में कोई विचार नहीं चल रहा है. विभाग लोगों से लगातार कह रहा कि डेडलाइन का इंतजार किए बिना फटाफट अपना आईटीआर फाइल कर दें. आईटीआर भरने की डेडलाइन 31 जुलाई 2022 है और अब तक करीब 4 करोड़ लोगों ने ही इनकम टैक्स रिटर्न फाइल किया है. इस बार से आईटीआर फाइलिंग के कुछ नियमों (ITR Filing Rules) में बदलाव किया है. आईटीआर भरने से पहले इनके बारे में जान लेना जरूरी है, ताकि आपको इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस (Income Tax Notice) न थमा दे.
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क्या होता है एआईएस और टीआईएस
नए एआईएस फॉर्म में टैक्सपेयर्स को अलग-अलग माध्यमों से हुई सारी कमाई का ब्यौरा दिया रहता है. इनमें सेविंग अकाउंट से ब्याज के रूप में हुई कमाई (Saving Account Interest Income), रेकरिंग और फिक्स्ड डिपॉजिट से इनकम (Recurring and Fixed Deposit Income), डिविडेंड के रूप में मिले पैसे (Income From Dividend), म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) समेत सिक्योरिटीज के लेन-देन से हुई आय, विदेश से मिले पैसे आदि शामिल हैं. आईटीआर फाइलिंग को आसान बनाने के लिए इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने टीआईएस की शुरुआत की है. इसमें टैक्सपेयर्स को टैक्सेबल राशि (Taxable Amount) की एकमुश्त जानकारी मिल जाती है. पहले विभाग ने इसे ट्रायल के आधार पर शुरू किया था, अब इसे कंपल्सरी कर दिया गया है.
एक ही जगह सभी इनकम की जानकारी
आम तौर पर लोग खासकर वेतनभोगी वर्ग फॉर्म-16 (Form-16) के आधार पर आईटीआर फाइल कर देता है. हालांकि इसके अलावा भी कई तरह के इनकम और यहां तक कि गिफ्ट भी इनकम टैक्स के दायरे में आते हैं. एआईएस और टीआईएस यहीं पर टैक्सपेयर्स के लिए मददगार साबित होता है. एआईएस में आपको सैलरी के अलावा अन्य स्रोतों से हुई हर उस कमाई का ब्यौरा मिल जाता है, जिन्हें इनकम टैक्स एक्ट 1961 (Income Tax Act 1961) के तहत स्पेसिफाई किया गया है. मतलब इसमें हर उस इनकम की जानकारी मिलेगी, जो टैक्सेबल कैटेगरी में आती है. सरल शब्दों में कहें तो किसी एक फाइनेंशियल ईयर (Financial Year) के दौरान किए गए सारे वित्तीय लेन-देन (Financial Transaction) के डिटेल्ड स्टेटमेंट को एआईएस कह सकते हैं. टीआईएस इसी का सारांश होता है.
Profit and loss Account कैसे काम करता है
लाभ और हानि स्टेटमेंट तीन वित्तीय विवरणों में से एक है जो प्रत्येक सार्वजनिक कंपनी तिमाही और वार्षिक आधार पर बैलेंस शीट और कैश फ्लो स्टेटमेंट के साथ जारी करती है। यह अक्सर एक व्यवसाय योजना में सबसे लोकप्रिय और सामान्य वित्तीय विवरण होता है क्योंकि यह दर्शाता है कि किसी व्यवसाय द्वारा कितना लाभ या हानि उत्पन्न हुई थी।
लाभ और हानि आय विवरण, नकदी प्रवाह विवरण की तरह, एक निर्धारित अवधि में खातों में परिवर्तन दिखाता है। नकदी प्रवाह विवरण के साथ आय विवरण की तुलना करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि लेखांकन की प्रोद्भवन पद्धति के तहत, एक कंपनी नकद परिवर्तन से पहले राजस्व और व्यय को लॉग कर सकती है। यह दस्तावेज़ एक सामान्य रूप का अनुसरण करता है यह राजस्व के लिए एक प्रविष्टि के साथ शुरू होता है, जिसे शीर्ष पंक्ति के रूप में जाना जाता है, और व्यवसाय करने की लागत को घटाता है, जिसमें बेची गई वस्तुओं की लागत, परिचालन व्यय, कर व्यय और ब्याज व्यय शामिल हैं। अंतर, जिसे नीचे की रेखा के रूप में जाना जाता है, शुद्ध आय है, जिसे लाभ या कमाई भी कहा जाता है।
लाभ और हानि खाते की विशेषताएं
हमारा मुख्य ध्यान मूल रूप से दो खातों पर है: आय और व्यय। आय व्यय जैसे सामान्य डेटा को आंतरिक राजस्व सेवा से एकत्र किया जाता है। एक लाभ और हानि खाता एक विशेष समय अंतराल में एक कंपनी के शुद्ध लाभ को दर्शाता है जो एक महीने से एक वर्ष तक हो सकता है।
लाभ और हानि का विवरण दो प्रक्रियाओं द्वारा बनाया जा सकता है। पहली विधि एक एकल चरण आय विवरण है जो सभी राजस्वों को जोड़ता है और सभी खर्चों को घटा देता है। दूसरी विधि एक बहु-चरणीय आय विवरण है जिसमें लाभ और हानि विवरण खोजने के लिए कई चरण शामिल हैं।
Profit And Loss Account बनाने के नियम
Profit And Loss Account के Debit
Profit And Loss Account के Debit Side में निम्नलिखित मदों को लिखा जाता है।
1.Selling Expenses (विक्रय व्यय )
विक्रय से सम्बंधित खर्चों को Selling Expenses कहा जाता है। Selling Expenses में निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है।
- कमीशन (Commission)
- तंख्वाह कर (Payroll taxes)
- यात्रा और मनोरंजन (Travel & Entertainment Facility)
- सुविधा किराया/शोरूम किराया (Rent/Showroom Rent)
- विज्ञापन (Advertisement)
- प्रचार सामग्री (Advertisement
- promotional material) अन्य विभागीय प्रशासन व्यय (Other Departmental Administration Expenses)
2.Office Expense (कार्यालय व्यय)
कार्यालय से सम्बंधित खर्चों को Office Expense कहा जाता है। Office Expense में निम्नलिखित खर्चों को शामिल किया जाता है।
LIC की बैलेंसशीट में दिख सकता है 6028 करोड़ रुपये का लॉस, जानिए क्या है पूरा मामला
एनालिस्ट्स प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट का कहना है कि LIC को 6,028 करोड़ रुपये के लॉस को खत्म करने में दिक्कत नहीं आएगी। वह अपने कुछ एसेट्स को बेचकर इस लॉस की भरपाई कर सकती है। लेकिन, इसका कंपनी के पॉलिसीहोल्डर्स के रिटर्न पर खराब असर पडे़गा।
LIC को 6,028 करोड़ रुपये का मार्केट टू मार्केट लॉस हुआ है। कंपनी को अगले साल 31 जनवरी तक इसे अपने फाइनेंशियल रिजल्ट में शामिल करना होगा। एलआईसी ने सेबी को जो फाइनल डॉक्युमेंट भेजा है, उसमें यह जानकारी दी गई है। एलआईसी का IPO 4 मई को ओपन होगा।
मार्क-टू-मार्केट लॉस या प्रॉफिट के नियम तय हैं। कंपनियों को अपने पोर्टफोलियो में शामिल बॉन्ड्स या स्टॉक्स जैसे एसेट्स की मार्केट वैल्यू की जानकारी अपने इकनम स्टेटमेंट में देनी पड़ती है। अगर कंपनी इस एसेट को तुरंत बेचने वाली हो, तो भी उसके लिए इसकी मार्केट वैल्यू की जानकारी देनी जरूरी है। इसका मकसद फाइनेंशियल स्टेटमेंट को पारदर्शी बनाना है।
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31 दिसंबर, 2021 को खत्म 9 महीनों मे एलआईसी को 1,715 करोड़ रुपये प्रॉफिट हुआ है। एनालिस्ट्स का कहना है कि इसकी वजह यह हो सकती है कि एलआईसी ने आईपीओ से पहले मार्क-टू-मार्केट लॉस को अपने प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट में शामिल नहीं किया होगा। दरअसल, इंश्योरेंस रेगुलेटर IRDA ने एलआईसी को इनवेस्टमेंट पर हुए लॉस की जानकारी अपने इनकम स्टेटमेंट में देने के लिए अगले साल जनवरी तक का समय दिया है।
हालांकि, एलआईसी के पास काफी एसेट्स हैं। एनालिस्ट्स का कहना है कि उसे 6,028 करोड़ रुपये के लॉस को खत्म करने में दिक्कत नहीं आएगी। वह अपने कुछ एसेट्स को बेचकर इस लॉस की भरपाई कर सकती है। लेकिन, इसका कंपनी के पॉलिसीहोल्डर्स के रिटर्न पर खराब असर पडे़गा। इसलिए कंपनी इस काम को इस प्रॉफिट और लॉस स्टेटमेंट तरह से करना चाहेगी, जिससे पॉलिसीहोल्डर्स के हितों पर खराब असर नहीं पड़े।
कोटा में गोल्ड लोन: विशेषताएं और लाभ
बजाज फिनसर्व गोल्ड लोन की विशेषताएं और लाभ इस प्रकार हैं:
बजाज फिनसर्व के साथ, आप अपने पर्सनल और प्रोफेशनल फाइनेंशियल दायित्वों को पूरा करने में मदद करने के लिए रु. 2 करोड़ तक का गोल्ड लोन प्राप्त कर सकते हैं.
गोल्ड इंश्योरेंस
हम आइटम्स के चोरी और खो जाने के मामले में आपके आर्थिक हितों की सुरक्षा के लिए कॉम्प्लीमेंटरी गोल्ड इंश्योरेंस भी प्रदान करते हैं.
बजाज फिनसर्व आपको बिना किसी अतिरिक्त लागत के अपने लोन को पार्ट-प्री-पे या फोरक्लोज़ करने की सुविधा देता है.
पार्ट रिलीज सुविधा
आप अपने गिरवी रखे गए आइटम को समान राशि का पुनर्भुगतान करके आंशिक रूप से भी रिलीज़ भी करा सकते हैं. इस संबंध में, हमारा गोल्ड लोन ईएमआई कैलकुलेटर आपको पहले से ही अपने खर्चों का पता लगाने और प्लान बनाने में मदद कर सकता है.
बजाज फिनसर्व में, हम पूरी सटीकता और प्रमाणिकता सुनिश्चित करने के लिए, इंडस्ट्री-ग्रेड कैरेट मीटर के साथ आपके गोल्ड आइटम को मापते हैं.
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यहां, आप विभिन्न लोन पुनर्भुगतान विकल्पों में से चुन सकते हैं. इसके अलावा, हमारा गोल्ड लोन कैलकुलेटर आपकी पुनर्भुगतान क्षमता को निर्धारित करने में मदद कर सकता है.
एजुकेशन इंडस्ट्री के अलावा, कोटा में अन्य प्रमुख रोज़गार उत्पादक क्षेत्र में कपड़ा बुनाई, डेयरी, डिस्टिलिंग, ऑयलसीड और कॉटन मिलिंग, टाइल्स और मेटल हैंडीक्राफ्ट शामिल हैं. अन्य इंडस्ट्री में सीमेंट और केमिकल शामिल हैं.
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