व्यापर रोक

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अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अर्थ, महत्व/लाभ, हानियां
antarrashtriya vyapar arth mahatva labha haniya;एक ही देश के विभिन्न क्षेत्रों, स्थानों या प्रदेशों के बीच होने वाला व्यापार "घरेलू" "आंतरिक व्यापार" कहलाता भै। इसके विपरीत, दो या अधिक देशो के बीच होने वाला व्यापार "अंतर्राष्ट्रीय व्यापार" या विदेशी व्यापार कहलाता है।
अन्य शब्दों मे," जब वस्तुओं एवं सेवाओं का क्रय-विक्रय दो भिन्न देशो के मध्य जल, थल तथा वायु मार्गों द्वारा होता है तो उसे अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते है। जैसे-- अगर भारत, इंग्लैंड के साथ व्यापार करे वह अंतर्राष्ट्रीय व्यापार होगा।
फ्रेडरिक लिस्ट के अनुसार," घरेलू व्यापार हम लोगो के बीच होता है, जबकि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार हमारे और उनके बीच होता है।"
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का महत्व/लाभ
1. श्रम विभाजन तथा विशिष्टीकरण के लाभ
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भौगोलिक श्रम विभाजन के कारण कुल विश्व उत्पादन अधिकतम किया जा सकता है, क्योंकि प्रत्येक देश उन्ही वस्तुओं का उत्पादन करता है, जिसमे उसे अधिकतम योग्यता एवं कुशलता प्राप्त होती है। इसके फलस्वरूप उत्पादन की अनुकूलतम दशाएं प्राप्त हो जाती है और उत्पादन अधिकतम होता है।
2. साधनों का पूर्ण उपयोग
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे एक देश मे सिर्फ उन्ही उद्योग-धंधो की स्थापना की जाती है, जिनके लिए जरूरी साधन देश मे उपलब्ध होते है। इससे देश मे उपलब्ध साधनों का पूर्ण उपयोग होने लगता है एवं राष्ट्रीय आय मे वृद्धि होती है।
3. उत्पादन कुशलता मे वृद्धि
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार मे प्रतिस्पर्धा का क्षेत्र स्पष्ट से बढ़कर व्यापर रोक संपूर्ण विश्व हो जाता है। विश्वव्यापी प्रतियोगिता मे सिर्फ वे ही उद्योग जीवित रहते है जिनके उत्पादन की किस्म उच्च तथा कीमत कम होती है। अतः हर देश अपने उद्योग-धंधो को जीवित रखने तथा उनका विस्तार करने हेतु कुशलतम उत्पादन को अपनाता है। इससे देश की उत्पादन तकनीक मे सुधार होता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रमुख हानियां
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार की प्रमुख हानियां इस प्रकार है--
1. विदेशों पर निर्भरता
विदेशी व्यापार के कारण एक देश की अर्थव्यवस्था दूसरे देश पर कुछ वस्तुओं के लिए निर्भर हो जाती है। परन्तु यह निर्भरता सदैव ही अच्छी नही होती, विशेषकर युद्ध के समय तो इस प्रकार की निर्भरता अत्यन्त हानिकारक सिद्ध हो सकती है।
2. कच्चे माल की समाप्ति
विदेशी व्यापार व्यापर रोक द्वारा देश के ऐसे बहुत से साधन समाप्त हो जाते है, जिनका प्रतिस्थापन संभव नही होता है। अनेक कोयला, पेट्रोल तथा अन्य खनिज पदार्थ इसी प्रकार समाप्त होते जा रहे है। यदि उन वस्तुओं का उपयोग देश के भीतर ही औद्योगिक वस्तुओं को तैयार करने मे किया जाए तो एक ओर तो इनके उपयोग मे बचत की जा सकती है और इनका अधिक लाभपूर्ण उपयोग हो सकता है।
3. विदेशी प्रतियोगिता से हानि
भारत के साथ दोबारा व्यापार शुरू करेगा पाकिस्तान?
हालांकि इस फैसले को देश की गंभीर आर्थिक स्थिति के लिहाज से एक बड़े विकास के रूप में देखा जा रहा है, लेकिन इसे इस्लामाबाद द्वारा एक बड़े समझौते और 5 अगस्त, 2019 के बाद भारत के खिलाफ अपने पिछले रुख से पीछे हटने के रूप व्यापर रोक में भी देखा जा रहा है।
शहबाज शरीफ की अध्यक्षता में एक व्यापर रोक संघीय कैबिनेट की बैठक में, यह निर्णय लिया गया कि पाकिस्तान भारत के साथ व्यापार को फिर से खोलने की दिशा में काम करेगा और कार्य के लिए नई दिल्ली में पाकिस्तान उच्चायोग में पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के कमर जमर कैरा को व्यापार मंत्री के रूप में नियुक्त करेगा।
इसके अलावा, इसी तरह के व्यापार अधिकारियों और मंत्रियों को कम से कम 15 देशों में नामित किया जा रहा है, ताकि उनके संबंधित देशों के साथ व्यापार संबंधों और समझौतों को बढ़ाया जा सके।
भारत के साथ व्यापार फिर से शुरू करने का निर्णय एक कठिन निर्णय है जो शहबाज शरीफ ने लिया है क्योंकि पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने मोदी सरकार द्वारा अपने संविधान व्यापर रोक के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने और जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को बदलने के बाद भारत के साथ व्यापार रोक दिया था।
SC के व्यापर रोक आदेश से व्यापारियों में चिंता, दिल्ली के पटाखा बाजार में फंसा 200 करोड़ का माल
नई दिल्ली/नेहा सजवाण। सुप्रीम कोर्ट के दिल्ली-एनसीआर में पटाखों की बिक्री पर रोक लगाने पर दिल्ली के पटाखा व्यापारी काफी चिंतित हैं। वहीं सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में पता चलते ही काफी संख्या में लोग पटाखे खरीदने के लिए बाजार में पहुंचे। जामा मस्जिद, सदर बाजार, चांदनी चौक, शकरपुर में दुकाने लिखित आदेश आने तक खुली रही और तब तक लोगों ने पटाखों की खरीदारी की। व्यापारियों का कहना है कि बिक्री पर रोक लगने से सिर्फ कालाबजारी बढ़ेगी, पटाखे दिवाली पर हर साल की तरह फोड़े जाएंगे।
सावधान! कहीं विस्फोटक न हो जाए प्रदूषण जनित रोग
इस बार 50 स्थायी, 300 अस्थायी लाइसेंस पटाखा विक्रेताओं को दिये गये हैं। लेकिन, त्योहार के मौके पर पटाखों की बिक्री पर बैन से उनका रोजगार जरूर खत्म हो जाएगा। दिल्ली फायर वक्र्स ट्रेडर्स एसोसिएशन के सदस्य का कहना है कि इस रोक के चलते व्यापारियों की ओर से दिवाली के लिए खरीदा गया 150 से 200 करोड़ रुपए तक का माल फंस गया। कोर्ट को अगर रोक ही लगानी थी तो रोक हटाई थी क्यों? रोक हटने से व्यापारियों व्यापर रोक व्यापर रोक ने बड़ी संख्या में अपना पैसा लगाकर माल खरीदा, लेकिन दोबारा रोक लगने से वह माल धरा का धरा रह गया है।
धारा 370: पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित किया, व्यापार भी रोका
इस्लामाबाद: भारत सरकार के अनुच्छेद 370 के प्रावधान घटाने और जम्मू कश्मीर व्यापर रोक को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के फैसले से नाराज़ पाकिस्तान ने बुधवार को भारत के साथ राजनयिक संबंधों को कमतर करने का फैसला किया और द्विपक्षीय व्यापार रोक दिया.
जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत द्वारा रद्द किए जाने के बाद पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है. साथ ही पाकिस्तान ने भारतीय उच्चायुक्त को निष्कासित करने और भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों को निलंबित करने का भी ऐलान किया है.
‘जब कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हम राजनयिकों पर व्यापर रोक पैसे खर्च क्यों कर रहे हैं’
इससे पहले पाकिस्तान के वरिष्ठ मंत्री फवाद व्यापर रोक चौधरी ने बुधवार को कहा कि पाकिस्तान को भारत के साथ राजनयिक संबंध समाप्त कर लेना चाहिए। चौधरी अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को भारत सरकार द्वारा समाप्त किए जाने के बाद कश्मीर की स्थिति पर चर्चा के लिए बुलाये गये संसद के संयुक्त सत्र में बोल रहे थे.
चौधरी ने कहा, ‘भारतीय उच्चायुक्त यहां क्यों हैं, हम राजनयिक संबंध समाप्त क्यों नहीं कर रहे हैं. जब दोनों देशों के बीच कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हमारे उच्चायुक्त वहां (भारत में) क्या कर रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘जब कोई राजनयिक संबंध नहीं है तो हम राजनयिकों पर पैसे खर्च क्यों कर रहे हैं. हमें भारत के साथ राजनयिक संबंध खत्म कर देना चाहिए.’
प्रधानमंत्री इमरान खान के करीबी विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री चौधरी ने हालांकि भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया को एक अच्छा व्यक्ति बताकर उनकी प्रशंसा की लेकिन उन्होंने भारत सरकार की कार्रवाइयों की आलोचना की.