डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?

अब हम डीमैट अकाउंट की परिभाषा समझ ही गए हैं। तो चलिए डीमैट अकाउंट के प्रकारों को देखते है। यह मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते हैं:
Demat Account Kya Hai in Hindi Mein Batain – डीमेट अकाउंट
Demat Account Kya Hai in Hindi Mein Batain – डीमेट अकाउंट – पिछले कुछ सालो में आपने डीमैट अकाउंट शब्द काफी बार सुना होगा। अगर इसके बारे में आप नहीं जानते हैं तो इस आर्टिकल पूरा ध्यान से पढ़िए आखिर तक आप डीमेट अकाउंट के बारे अच्छे से जान जायेंगे।
डीमैट अकाउंट एक बैंक अकाउंट की ही तरह है, जिसमें आप अपना शेयर सर्टिफिकेट एवं अन्य सिक्योरिटीज को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रख सकते हैं। डीमैट अकाउंट का अर्थ डिमैटेरियलाइजेशन अकाउंट होता है। इसमें शेयर, बॉन्ड्स, गवर्नमेंट सिक्योरिटीज , म्यूचुअल फंड, इंश्योरेंस एवं ईटीएफ जैसे इन्वेस्टमेंट को रखने की प्रक्रिया आसान हो जाती है। इस अकाउंट के तहत शेयरों तथा संबंधित डॉक्युमेंट्स के रखरखाव की परेशानियों दूर हो जाती हैं। डीमैट अकाउंट का मतलबत हम एक उदाहरण के द्वारा समझ सकते हैं। मान लीजिए की आप किसी भी कंपनी का शेयर खरीदना चाहते है, शेयर खरीदने के साथ वह आपके नाम पर ट्रांसफर भी होंगे। पहले आपको अपने नाम के साथ शेयर सर्टिफिकेट भी मिलते थे। जिसमें पेपर वर्क की कार्रवाई भी सम्मिलित है। जितनी बार कोई शेयर खरीदा या बेचा जाता था तो उतनी ही बार सर्टिफिकेट्स बनाने पड़ते थे। इस कागजी कार्रवाई की प्रक्रिया को सरल तथा सुगम बनाने के लिए भारत ने NSE पर व्यापार के लिए 1996 में डीमैट अकाउंट प्रणाली को प्रारम्भ किया।
डीमैट अकाउंट कैसे प्राप्त करें? Demat Account Kese banaye
जब आप डीमैट अकाउंट के बारे में जान गए हैं, तो चलिए जानते है डीमैट अकाउंट कैसे खोला जाता है। आप डीमैट अकाउंट नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड (NSDL ) एवं सेंट्रल डिपॉजिटरी सर्विसेज लिमिटेड (CSDL) के साथ खोल सकते हैं। ये डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट्स (DP) एजेंट नियुक्त करती हैं, जो स्वंय तथा इन्वेस्टर्स के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करती है। उदाहरण के रूप में स्टॉकब्रोकर एवं फाइनेंसियल इंस्टीटूशन भी डीपी है। आप उनके साथ डीमैट अकाउंट को खोल सकते हैं।
जिस प्रकार से एक बैंक अकाउंट में पैसा होता है, उसी प्रकर से एक डीमैट अकाउंट आपके इन्वेस्टमेंट को इलेक्ट्रॉनिक फार्म में रखता है, जो लैपटॉप एवं स्मार्ट डिवाइस तथा इंटरनेट के साथ आसानी से एक्सेस हो सकता है। जिसको एक्सेस करने के लिए आपके पास एक यूनिक लॉगिन ID एवं पासवर्ड होना चाहिए। हालांकि, बैंक अकाउंट के विपरीत, आपके डीमैट अकाउंट में किसी भी तरह का ‘न्यूनतम डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? बैलेंस’ होना जरुरी नहीं है।
डीमैट अकाउंट का विवरण | Demat Account Full Details in hindi
आपका डीमैट अकाउंट खुल जाने के बाद यह सुनिश्चित करें, कि आपको अपने डीपी से निम्न विवरण प्राप्त किया :
- डीमैट अकाउंट नंबर : CDLS के माध्यम से यह बेनिफिशियरी आईडी’ के रूप में जाना जाता है। यह मुख्य रूप से 16 कैरेक्टर का मिश्रण है।
- डीपी आईडी : ये ID डिपॉजिटर प्रतिभागी को दी जाती है। जो आपके डीमैट अकाउंट नंबर का हिस्सा है।
- पीओए नंबर : ये पावर ऑफ अटॉर्नी एग्रीमेंट का हिस्सा है, जहां एक इन्वेस्टर दिए गए निर्देशों के अनुसार स्टॉक ब्रोकर को अपने अकाउंट को संचालित करने की अनुमति प्रदान करता है।
ऑनलाइन एक्सेस के लिए आपको अपने डीमैट तथा ट्रेडिंग अकाउंट्स पर एक यूनिक लॉगिन आईडी एवं पासवर्ड भी प्राप्त होगा।
डीमैट और ट्रेडिंग अकाउंट | Demat Account aur Trading Account in hindi
डीमैट अकाउंट एक ट्रेडिंग अकाउंट के साथ होता है. जो शेयर बाजार में शेयर खरीदने तथा बेचने के लिए आवश्यक है।
लोग कभी-कभी डीमैट एवं ट्रेडिंग अकाउंट के बीच कंफ्यूज रहते हैं कि वह एक जैसे नहीं हैं। एक डीमैट एकाउंट में आपके नाम के शेयरों तथा अन्य सिक्योरिटीज का विवरण होता है। शेयर खरीदने एवं बेचने के लिए, आपको एक ट्रेडिंग एकाउंट खोलना होगा। कई बैंक एवं ब्रोकर ऑनलाइन ट्रेडिंग सुविधाओं के साथ ट्रेडिंग एकाउंट की पेशकश करते हैं, जिससे आम इन्वेस्टर्स के लिए शेयर मार्केट में हिस्सा लेना आसान हो जाता है।
काम की खबर: नजारा का IPO तो खुला, लेकिन जानिए कैसे करें IPO में निवेश, डीमैट अकाउंट है जरूरी
हमारे देश में बचत के पैसे लगाने यानी निवेश करने के कई तरीके हैं। इन्ही में से एक है 'इनीशियल पब्लिक ऑफर' यानि IPO। निवेश का ये तरीका आज कल ट्रेंड में है। अगर आप भी IPO में निवेश करने का प्लान बना रहे हैं या करना चाहते हैं तो सबसे पहले ये समझ लीजिए कि IPO क्या होता है? दरअसल, जब कोई कंपनी अपने स्टॉक या शेयर्स छोटे-बड़े निवेशकों के लिए जारी करती है तो उसका जरिया IPO होता है। इसके बाद कंपनी शेयर बाजार में लिस्ट होती है।
IPO होता क्या है?
जब कोई कंपनी पहली बार अपनी कंपनी के शेयर्स को लोगों को ऑफर करती है तो इसे IPO कहते हैं। कंपनियों द्वारा ये IPO इसलिए जारी किया जाता है जिससे वह शेयर बाजार में आ सके। शेयर बाजार में उतरने के बाद कंपनी के शेयरों की खरीदारी और बिकवाली शेयर बाजार में हो सकेगी। यदि एक बार कंपनी के शेयरों की ट्रेडिंग की इजाजत मिल जाए तो फिर इन्हें खरीदा और बेचा जा सकता है। इसके बाद शेयर को खरीदने और बेचने से होने वाले फायदे और नुकसान में भागीदारी निवेशकों की होती है।
कामकाजी लोग समय दिए बिना अच्छे शेयर सस्ते दाम पर कैसे खरीदें, आसान भाषा में समझें
Written By: ANISH KUMAR SINGH
Updated on: November 20, 2022 21:52 IST
Photo:FILE Stock Market
अच्छे शेयर को अच्छे दाम पर खरीदना आसान नहीं, उसमें भी शेयर को इन्वेस्टमेंट के लिहाज से खरीदना थोड़ा टफ है। क्योंकि आप शेयर्स की डिलीवरी उठाते हैं लॉन्ग टर्म के लिए, शॉर्ट टर्म के लिए नहीं। ऐसे में आपको अच्छे शेयर के गिरने का इंतजार करना चाहिए, मतलब उसके कम कीमत पर उपलब्ध होने का इंतजार करें, और एक बार अगर आपने ये तय कर लिया कि आपको कौन सा शेयर लेना है तो अब बात आती है उसे कितने भाव पर और कैसे खरीदें, इसे जानने की। इसके लिए कुछ ब्रोकरेज कंपनी के डीमैट अकाउंट में GTT का ऑप्शन होता है। जिसे Good Till Trigger कहते हैं। जिसके इस्तेमाल करने का तरीका आप बेहद आसान भाषा में यहां समझेंगे।
GTT लगाएं, अच्छे शेयर कम कीमत पर पाएं
GTT मछली पकड़ने वाली उस जाल की तरह है जिसे मछुआरे पानी में लगाकर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? अपने घर चले जाते हैं, और जब कुछ दिन बाद वापस आते हैं तो उसमें मछलियां फंसी हुई मिलती हैं। यहां मछुआरा का मतलब Invester यानी आप हैं, मछली का मतलब शेयर से है और मछली पकड़ने वाली जाल है GTT..अब आपको आसानी से समझ आ जायेगा कि ये GTT नाम की बला आपके लिए क्या काम करने वाली है।
मान लिया कि आपने किसी शेयर ABC को सलेक्ट किया। अभी उसकी प्राइस 1000 रुपये प्रति शेयर है। आप इस शेयर को कम कीमत पर खरीदकर भविष्य के लिए छोड़ देना चाहते हैं। तो आप Create GTT के ऑप्शन में जाइए। वहां आपको Trigger price लिखा हुआ मिलेगा। आपको बस इतना करना है कि आप अपने शेयर को जितनी कीमत पर खरीदना चाहते हैं उसकी प्राइस वहां डाल दें। अगर शेयर 1000 के प्राइस पर है तो आप इसके हर 5 फीसदी की गिरावट पर buy करने की GTT लगा सकते हैं। इसके लिए आप Trigger price में 950 रुपये भरें। नीचे 2 ऑप्शन और आएंगे, पहला ऑप्शन Price का दिखेगा उसमें आप 950 ही रहने दें और दूसरा ऑप्शन Quantity का दिखेगा। आप अपने बजट के हिसाब से Quantity भर सकते हैं। और फिर डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? नीचे Create GTT पर क्लिक कर दें। लीजिए हो गया आपका काम। ये GTT अगले 1 साल तक आपके सोते-जगते अपना काम करता रहेगा। एक चौकीदार की तरह प्राइस के 950 के लेवल तक आने का इंतजार करेगा। और जैसे ही शेयर 950 के लेवल पर आएगा या उसे छूकर भी निकलेगा आपका काम हो जाएगा। और आप उस डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? शेयर को ऑटोमेटिक खरीद लेंगे। इसके लिए आपको रोज-रोज उस शेयर को देखते रहने की भी जरूरत नहीं है। बस आपके डीमैट अकाउंट में उतने पैसे होने चाहिए। मानकर चलिए अगर आपने 950 के लेवल पर 20 शेयर और 900 के लेवल पर 40 शेयर की quantity सेट की है तो आपको अपने डीमैट अकाउंट में करीब 55 हजार रुपये रखने होंगे।
निवेशकों के लिए ध्यान रखने योग्य महत्वपूर्ण बातें
उपरोक्त जानकारी को ध्यान में रखते हुए, आपको यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता दी जाती है कि इस नियम के अंतर्गत के विवरण जैसे की; यूसीसी, टीएम आईडी, सीएम आईडी, और आईएसआईएन आदि को आपके डिपॉजिटरी पार्टिसिपेंट (DP) को डिलीवरी निर्देशों में जमा करना आवश्यक हैं
इन नियम के बीच डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है? कोई विसंगति दायित्व विवरण के परिणामस्वरूप स्थानांतरण निर्देश को अस्वीकार कर दिया जाएगा इसके अलावा ऐसे निर्देशों की भी अस्वीकृति के परिणामस्वरूप पे-इन बाध्यता में चूक हो सकती है जिसके चलते बिक्री किए गए शेयरों का समय पर पे-इन ना होने के कारन ऑक्शन चार्ज चुकाना पड़ सकता है जोकि कुछ कैश में 20% तक का होता हैं
इसके अलावा, आपको यह सुनिश्चित करने की सलाह दी जाती है कि पे-इन दायित्वों के उद्देश्य से आपके डीमैट खाते के साथ सही यूसीसी विवरण मैप किया गया है या नहीं आपसे अनुरोध है कि आप अपने डिपॉजिटरी प्रतिभागियों से अपने सही यूसीसी विवरण को संशोधित करने या जोड़ने के लिए अनुरोध करें जिसे डिपॉजिटरी द्वारा डिपॉजिटरी प्रतिभागियों के माध्यम से संसाधित किया जाता हैं
अर्ली और नॉन-अर्ली पे-इन की लागु तारीख
अर्ली पे-इन (इसका मतलब शेयरों की डेलिवरी उसी दिन को उतारना जिस दिन उन शेयरों की बिकवाली हुई है) निर्देशों के साथ एकाउंट ट्रांसफर और इंटर डिपॉजिटरी मार्केट लेनदेन में उपरोक्त सूचित यूसीसी विवरण दाखिल करना 12 नवंबर, 2022 से अनिवार्य कर दिया गया है, और साथ ही नॉन-अर्ली पे-इन (इसका मतलब शेयरों को बिकवाली के उसरे दिन डेलिवर किया जाता है) निर्देशों के मुताबिक इसकी शुरुआत 26 नवंबर, 2022 से अनिवार्य होंगी
तो दोस्तों हमें इस आर्टिकल में सेबी के द्वारा लाये गए प्रतिभूतियों के भुगतान के लिए नए नियम को समझां जिसमे हमने एक नए शब्द UCC को देखा था जिसको भी हमने शोर्ट इनफार्मेशन के साथ समझां साथ ही यह न्यू रूल क्या है और किन प्रकारों के निवेशकों पर लागु होनेवाला हैं यह भी विस्तार से समझां तो इसी के साथ हमारा यह Trading News वाला टोपिक समाप्त होता हैं, धन्यवाद
Unique Client Code kya hain ?
‘UCC’ इस शब्द का सीधा सा मतलब दलालों के लिए एक अनिवार्य आवश्यकता है, जिसमें उन्हें इस कोड का उपयोग करने की आवश्यकता होती है, जो संबंधित ग्राहक के पैन (स्थायी खाता संख्या) से जुड़ा होता है
अर्ली पे-इन में यह नियम 12 नवंबर, 2022 को लागु होंगा और नॉन-अर्ली पे-इन के इस नए नियम के निर्देशों के मुताबिक इसकी शुरुआत 26 नवंबर, 2022 से अनिवार्य होंगी
डीमैट अकाउंट का क्या मतलब होता है?
यूनियन डीमैट की आपको आवश्यकता क्यों है
अब कागज की प्रतिभूतियों को डिपाजिटरी द्वारा इलैक्ट्रानिक बही प्रविष्टि में बदल दिया गया है. डिपाजिटरी प्रतिभागी के रूप में यूनियन बैंक आपके यूनियन डीमैट खाते में आपकी ओर से प्रतिभूतियों का आदन-प्रदान करता है. डीमैट अधिनियम 1996 के अनुसार कोई भी निवेशक अपने सेयर इलैक्ट्रानिक रूप में या कगजी प्रमाणपत्र के रूप में रख सकता है. सेबी ने शेयरों की एक सूची जारी की है जिसमें दकाये गये शेयरों का संव्यवहार केवल इलैक्ट्रानिक रूप में ही हो सकता है. इन प्रतिभूतियों में संव्यवहार के लिये आपको यूनियन डीमैट खाते की वश्यकता है. हालांकि आप चाहें तो बाद में आप इन प्रतिभूतियों को कागजी प्रमाण पत्र में बदलवा सकते हैं.
यूनियन डीमैट खाता कौन खोल सकता है ?
कोई व्यक्ति, अनिवासी भारतीय, विदेशी संस्थागत निवेशक, विदेशी नागरिक, कंपनी, ट्रस्ट, समाशोधन गृह, वित्तीय संस्था,समाशोधन सदस्य, म्यूचुअल फंड, बैंक, और अन्य डिपाजिटरी खाते.
यूनियन डीमैट खाता खोलने का तरीका
आपको एक खाता खोलने का फार्म भरकर उसके साथ आवेदक का एक फोटो और ड्राइविंग लाइसेंस/ मतदाता परिचय पत्र/पासपोर्ट को फोटोकापी देनी होगी और आपके आवेदन की प्रोसेसिंग पूरी होते ही आपको सूचित कर दिया जायगा. .
इसके साथ आपकी सुविधा के लिये अन्य लाभ भी मिलंगे. आपको संव्यहार विवरण और अन्य विवरण समय-समय पर मिलेंगे. नामांकन सुविधा, फ्रीज कराने और डीफ्रीज कराने की सुविधा भी है..