आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं

कस्टम ड्यूटी आख़िर क्या है?
कस्टम ड्यूटी को सामान के मूल्य, वज़न आदि के आधार पर लगाया जाता है। अगर वह सामान के मूल्य के ऊपर होते हैं, तो उन्हें “एड वेलोरेम ड्यूटी” कहा जाता है और वज़न पर आधारित कस्टम ड्यूटी को “स्पेसिफिक ड्यूटी” कहा जाता है।
भारत में कस्टम ड्यूटी के बारे में
सीमा शुल्क अधिनियम, 1962 के अनुसार भारत में कस्टम ड्यूटी केंद्रीय उत्पाद और सीमा शुल्क बोर्ड (CBEC) के अंदर आता है, जो सरकार को आयात और निर्यात पर शुल्क लगाने, कुछ सामानों के आयात और निर्यात पर रोक लगाने और दंड लगाने आदि की अनुमति देता है।
CBEC कस्टम ड्यूटी लगाने, अगर कोई कस्टम ड्यूटी चोरी हो तो उसे रोकने, तस्करी को रोकने और कस्टम ड्यूटी से संबंधित अन्य प्रशासनिक निर्णय लेने के लिए सारी नीतियाँ बनाता है।
भारत में कस्टम ड्यूटी के प्रकार
देश में आयात होने वाली सभी वस्तुओं पर कस्टम ड्यूटी लगाया जाता है। कुछ वस्तुओं पर निर्यात शुल्क लगाया जाता है और वैसे ही कुछ पर आयात शुल्क लगाया जाता है।
इम्पोर्ट ड्यूटी को बेसिक ड्यूटी, अतिरिक्त कस्टम ड्यूटी, वास्तविक कॉउंटरप्रीवेलिंग ड्यूटी, प्रोटेक्टिव ड्यूटी, शिक्षा उप-कर और सुरक्षा शुल्क में बाँटा जाता है।
कस्टम ड्यूटी की गणना कैसे की जाती है?
कस्टम ड्यूटी की गणना सामान की कीमत के आधार पर की जाती है, जो कस्टम ड्यूटी मूल्यांकन नियमों के नियम-3 द्वारा पता किया जाता है।
अगर वैल्यूएशन सारी शर्तों को पूरा नहीं करता है या अगर मूल्य के संबंध में कोई संदेह होता है, तो वैल्यूएशन किसी और तरीके से किया जा सकता है जैसे पदानुक्रम का पालन कर के जैसे कि:
- कंपरिटीव वैल्यू तरीका (यह एक जैसी वस्तुओं के लेन-देन मूल्य की तुलना करता है)
- डिडक्टिव वैल्यू तरीका (यह सामान को आयात करने वाले देश में बिक्री मूल्य का इस्तेमाल करता है)
- कंप्यूटेड वैल्यू तरीका (यह उत्पादन करने वाले देश के निर्माण, सामग्री और मुनाफ़े से संबंधित मूल्य का इस्तेमाल करता है)
- फ़ॉलबैक तरीका (यह पहले दिए गए तरीकों पर आधारित है, ज़्यादा लचीलेपन के साथ)
कस्टम ड्यूटी कैलकुलेटर ICEGATE पोर्टल में दिया गया है। एक बार जब आप कैलकुलेटर का इस्तेमाल करते हैं, तो आपको उस सामान का HS (CTH कोड) डालना होगा, जिसे आप आयात करना चाहते हैं। तीस शब्दों के अंदर एक विवरण भरें और उस देश का चयन करें जिसमें सामान बना है। इसके बाद सर्च पर क्लिक करें, आपने जो खोजा है उसके अनुसार आपको सामान की एक लिस्ट दिखाई देगी। किसी भी एक सामान को चुनने के बाद, आप चुने हुए आइटम से जुड़ा हुआ एक चार्ट देख पाएंगे, जिस पर कस्टम ड्यूटी से संबंधित जानकारी दी गयी होगी।
ऑनलाइन कस्टम ड्यूटी
ऑनलाइन कस्टम ड्यूटी ICEGATE या इंडियन कस्टम्स इलेक्ट्रॉनिक कॉमर्स / इलेक्ट्रॉनिक डेटा इंटरचेंज गेटवे के द्वारा देखा जा सकता है।
यह पोर्टल आपको व्यापार और कार्गो वालों की जानकारी देने के साथ-साथ ग्राहकों को ई-फाइलिंग सेवाएं भी देता है।
ICEGATE शिपिंग बिलों की इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग करने, कस्टम और व्यापार पार्टनर के बीच ई-मेल, FTP या ऑनलाइन अपलोड के माध्यम से संदेश भेजने जैसी सेवाएं देता है।
ऑनलाइन कस्टम ड्यूटी भुगतान करने के कदम नीचे दिए गए हैं:
-
पर जाएं
- आयात या निर्यात कोड डालें या ICEGATE द्वारा दिए गए लॉगिन क्रेडेंशियल डालें
- इसके बाद ई-पेमेंट पर क्लिक करें
- आप अपनी सारी भुगतान ना की हुई राशि देख सकते हैं
- वह चालान चुनें जिसका आप भुगतान करना चाहते हैं, एक बैंक या भुगतान आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं करने का तरीका चुनें
- इसके बाद आपको चुने हुए बैंक के भुगतान गेटवे पर भेजा जाएगा
- भुगतान करें
- अब आपको फिर से ICEGATE पोर्टल पर भेजा जाएगा, प्रिंट पर क्लिक करें और अपने साथ भुगतान की एक कॉपी रखें
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कोई ग्राहक नहीं है, कोई बिज़नेस नहीं है, मैं क्या करूँ ?
प्रश्नकर्ता : दुकान में ग्राहक आएँ, इसलिए मैं दुकान जल्दी खोलता हूँ और देर से बंद करता हूँ, यह ठीक है न?
दादाश्री : आप ग्राहक को आकर्षित करनेवाले कौन? आपको तो दुकान जिस समय लोग खोलते हों, उसी समय खोलनी। लोग सात बजे खोलते हों, और हम साढ़े नौ बजे खोलें तो वह गलत कहलाएगा। लोग जब बंद करें तब हमें भी बंद करके घर जाना चाहिए। व्यवहार क्या कहता है कि लोग क्या करते हैं वह देखो। लोग सो जाएँ तब आप भी सो जाओ। रात को दो बजे तक अंदर घमासान मचाया करो, वह किसके जैसी बात! खाना खाने के बाद सोचते हो कि किस तरह पचेगा? उसका फल सुबह मिल ही जाता है न? ऐसा व्यापार में सब जगह है।
प्रश्नकर्ता : दादा, अभी दुकान में ग्राहकी बिलकुल नहीं है तो क्या करूँ?
दादाश्री : यह 'इलेक्ट्रिसिटी' जाए, तब आप 'इलेक्ट्रिसिटी कब आएगी, कब आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं आएगी' ऐसा करो तो जल्दी आती है? वहाँ आप क्या करते हो?
प्रश्नकर्ता : एक-दो बार फोन करते हैं या खुद कहने जाते हैं।
दादाश्री : सौ बार फोन नहीं करते?
प्रश्नकर्ता : ना।
दादाश्री : यह लाइट गई तब हम तो चैन से गा रहे थे और फिर अपने आप ही आ गई न?
प्रश्नकर्ता : मतलब हमें निःस्पृह हो जाना है?
दादाश्री : निःस्पृह होना भी गुनाह है और सस्पृह होना भी गुनाह है। लाइट आए तो अच्छा, ऐसा हमें रखना है, सस्पृह-निःस्पृह रहने का कहा है। ग्राहक आएँ तो अच्छा ऐसा रखना है, बेकार भाग-दौड़ मत करना। 'रेग्युलारिटी' और भाव नहीं बिगाड़ना, वह 'रिलेटिव' पुरुषार्थ है। ग्राहक नहीं आएँ तो अकुलाना नहीं और एक दिन ग्राहकों के झुँड पर झुंड आएँ तब सबको संतोष देना। यह तो एक दिन आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं ग्राहक नहीं आएँ तो नौकरों को सेठ धमकाते रहता है। तब हम उनकी जगह पर हो तो क्या होगा? वह बेचारा नौकरी करने आता है और आप उसे धमकाते हो, तो वह बैर बाँधकर सहन कर लेगा। नौकर को धमकाना मत, वह भी मनुष्यजाति है। उसे घर पर बेचारे को दुःख और यहाँ आप सेठ होकर धमकाओ तब वह बेचारा कहाँ जाए? बेचारे पर ज़रा दयाभाव तो रखो!
यह तो ग्राहक आए तो शांति से आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं और प्रेम से उसे माल देना। ग्राहक नहीं हों, तब भगवान का नाम लेना। यह तो ग्राहक नहीं हों, तब इधर देखता है और उधर देखता है। अंदर अकुलाया करता है, 'आज खर्च सिर पर पड़ेगा। इतना नुकसान हो गया', ऐसा चक्कर चलाता है, चिढ़ता है और नौकर को धमकाता भी है। ऐसे आर्तध्यान और रौद्रध्यान किया करता है! ग्राहक आते हैं, वह 'व्यवस्थित' के हिसाब से जो ग्राहक आनेवाला हो वही आता है, उसमें अंदर चक्कर मत चलाना। दुकान में ग्राहक आए तो पैसे का लेन-देन करना, पर कषाय मत करना, पटाकर काम करना है। यदि पत्थर के नीचे हाथ आ जाए तो हथौड़ा मारते हो? ना, वहाँ तो दब जाए तो पटाकर निकाल लेना चाहिए। उसमें कषाय का उपयोग करें तो बैर बँधता है और एक बैर में से अनंत खड़े होते हैं। यह बैर से ही जगत् खड़ा है, वही मूल कारण है।
Book Name: क्लेश रहित जीवन (Page #132 Last Paragraph & Page #133 & Page 134 Paragraph #1, #2)
A. दादाश्री : दुःख किसे कहते हैं? इस शरीर को भूख लगे, तब फिर खाने का आठ घंटे-बारह घंटे न मिले तब दुःख. Read More
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A. दादाश्री : इस काल में कम बोलना, उसके जैसा कुछ भी नहीं है। इस काल में बोल पत्थर जैसे लगें, ऐसे. Read More
A. प्रश्नकर्ता : सुधरे हुए की परिभाषा क्या है? दादाश्री : सामनेवाले मनुष्य को आप डाँट रहे हों तब भी. Read More
A. प्रश्नकर्ता : कुछ ऐसे होते हैं कि हम चाहे जितना अच्छा व्यवहार करें फिर भी वे समझते नहीं. Read More
A. प्रश्नकर्ता : हमें क्लेश नहीं करना हो, परन्तु सामनेवाला आकर झगड़े तो क्या करें? उसमें एक जाग्रत हो. Read More
A. दादाश्री : यह रोटी और सब्ज़ी के लिए शादी करी। पति समझे कि मैं कमाकर लाऊँ, पर यह खाना कौन बनाकर देगा. Read More
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A. दादाश्री : हम तो इतना जानते हैं कि झगड़ने के बाद वाइफ के साथ व्यवहार ही नहीं रखना हो तो अलग बात है।. Read More
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A. दादाश्री : व्यापार कौन-सा अच्छा कि जिसमें हिंसा न समाती हो, किसी को अपने व्यापार से दुःख न हो। यह. Read More
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A. प्रश्नकर्ता : कुछ लोगों के घर में लक्ष्मी ही उस प्रकार की होगी इसलएि क्लेश होता होगा? दादाश्री . Read More
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A. यह तो सत्तावाला अपने हाथ नीचेवालों को कुचलता रहता है। जो सत्ता का दुरुपयोग करता है, वह सत्ता जाती. Read More
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सूर्यास्त के बाद ना करें ये 10 काम, वरना मां लक्ष्मी हो जायेंगी रुष्ट
LagatarDesk : सनातन धर्म में सूर्यास्त के बाद कई चीजों की करने की मनाही होती है. आपने कई बार बड़े-बुजुर्गों को भी यह बात कहते सुना होगा. कहा जाता है कि सूर्यास्त के बाद इन कामों को करने से भगवान रुष्ट होते हैं. घर की खुशियां चली जाती हैं. आपको कई तरह की परेशानियों का भी सामना करना पड़ सकता है. हिंदू धर्म और वास्तु शास्त्र में भी सूर्यास्त के बाद कुछ कामों को करने की मनाही होती है. अगर आप भी अनजाने में ऐसी गलतियां करते हैं. तो जान लें कि सूर्यास्त के बाद कौन-कौन से काम नहीं करने चाहिए. (पढ़ें, लातेहार : ग्वालखाड़ गांव में अबतक नहीं बनी पक्की सड़क, मरीजों को चारपाई पर ले जाना पड़ता है अस्पताल)
शाम के सोने और दरवाजा बंद करने की मनाही
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो सूर्यास्त के समय सोने की मनाही होती है. कहा जाता है कि यदि कोई व्यक्ति शाम के वक्त सोता है, तो वह कई रोगों का शिकार हो सकता है. साथ ही शाम के वक्त सोने वाले आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं व्यक्ति की आयु भी कम होती है. हिंदू धर्म के अनुसार, सूर्यास्त के समय घर में लक्ष्मी का वास होता है. इसलिए शाम को बड़े-बुजुर्ग आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं सोने से मना करते हैं. कहा जाता है कि सोने से मां लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं और वापस लौट जाती हैं. यह भी मान्यता है कि शाम को व्यक्ति को अपने घर के दरवाजे बंद नहीं करने चाहिए.
शाम को घर में ना लगाये झाड़ू
हिंदू धर्म में सूर्यास्त के बाद या संध्या के वक्त घर के अंदर झाड़ू-पौछा लगाने की मनाही है. ऐसा करने से माता लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं. जिसकी वजह से धन की हानि होती है और कर्ज भी बढ़ता है. ऐसा माना जाता है कि शाम के वक्त घर के अंदर झाड़ू लगाने से अशुद्धियां आती हैं और घर की सकारात्मक ऊर्जा बाहर चली जाती है.
दहलीज पर ना बैठें
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को या किसी आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं महिला को शाम के समय घर की दहलीज पर नहीं बैठना चाहिए. शास्त्रों में घर की दहलीज पर शाम के वक्त बैठने को अशुभ माना जाता है. ऐसा मानते हैं कि ऐसा करने से माता लक्ष्मी आपके घर में प्रवेश नहीं कर पातीं हैं.
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नाखून व बाल न काटें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सूर्यास्त के बाद नाखून या बाल नहीं काटने चाहिए. कहते हैं कि ऐसा करने से घर में नेगेटिव एनर्जी आती है.
पौधों को न छूएं
सूरत ढलने के बाद पेड़ पौधों को छूने या तोड़ने की मनाही होती है. शाम के बाद पौधे में पानी भी नहीं डालना चाहिए. कहते हैं कि सूर्यास्त के बाद पेड़ पौधे सो जाते हैं. इसलिए उन्हें परेशान करना शुभ नहीं होता है.
अंतिम संस्कार
पुराणों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद अंतिम संस्कार भी नहीं किया जाता है. ऐसा करने से करने वाले व्यक्ति को परलोक में कष्ट भोगने पड़ते हैं.
भोजन को नहीं रखना चाहिए खुला
ऐसी मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद भोजन और पानी को खुला नहीं छोड़ना चाहिए. ऐसा करने से भोजन में नेगेटिव एनर्जी का वास होता है और ये भोजन आपको बीमार कर सकता है.
कपड़े धोना और सुखाना
मान्यता है कि सूर्यास्त के बाद कपड़े नहीं धोने चाहिए. न ही सूरज ढलने के बाद कपड़े सुखाने चाहिए. ऐसा करने से कपड़ों के माध्यम से नेगेटिव एनर्जी आती है और बीमारी का भी डर रहता है.
तुलसी के पौधे को छूने आप बार के अंदर कब व्यापार कर सकते हैं की होती है मनाही
हिंदू धर्म में तुलसी को बहुत पवित्र और शुद्ध माना गया है. यहां तक कि तुलसी के पौधे की पूजा के कुछ नियमों का भी उल्लेख किया गया है. शास्त्रों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद तुलसी के पौधे को छूना या उसके पत्ते नहीं तोड़ने चाहिए. ऐसा करना अशुभ माना जाता है. अगर कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो इससे मां लक्ष्मी रुष्ट हो जाती हैं और मां लक्ष्मी की नराजगी का सामना करना पड़ता है.
सूर्यास्त के बाद इन चीजों का ना करें दान
वास्तु नियमों के अनुसार, सूर्यास्त के बाद किसी को भी दान में दही, दूध और नमक नहीं देना चाहिए. ऐसा करने से घर में दरिद्रता आती है. इसके साथ ही आपको आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ता है.