क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट

Bitcoin Price: क्रिप्टो बाजार में सुस्ती, जानिए दुनिया की शीर्ष 10 क्रिप्टोकरेंसी के दाम
नई दिल्ली। आज ज्यादातर क्रिप्टोकरेंसी लाल निशान पर कारोबार कर रही हैं। इससे निवेशकों को नुकसान हुआ है। वैश्विक क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण में क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट 0.60 फीसदी की गिरावट आई, जिसके बाद यह 1.29 लाख करोड़ डॉलर हो गया है। दुनिया की 10 सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी में से छह लाल निशान पर कारोबार कर रही हैं। केवल टेथर, एक्सआरपी, बाइनेंस यूएसडी और यूएसडी क्वाइन में मामूली तेजी आई है। वहीं दुनिया की सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी, बिटक्वाइन के अलावा आज इथेरियम, डॉजक्वाइन, बाइनेंस क्वाइन, कार्डानो, आदि में गिरावट देखी जा रही है।
बिटक्वाइन की बात करें, तो coinmarketcap.com इंडेक्स के अनुसार, पिछले 24 घंटों में यह 0.20 फीसदी गिरकर 31796.48 डॉलर पर पहुंच गई। बिटक्वाइन में पिछले सात दिनों में 7.55 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई।
आइए जानते हैं सुबह 10.40 बजे तक दुनिया की 10 सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी के रेट्स-
- बिटक्वाइन – 0.20 फीसदी गिरकर 31796.48 डॉलर हुई कीमत।
- इथेरियम – 2.49 फीसदी गिरकर 1908.92 डॉलर हुई कीमत।
- टेथर – 0.06 फीसदी बढ़कर 1.00 डॉलर हुई कीमत।
- बाइनेंस क्वाइन – 0.26 फीसदी गिरकर 301.85 डॉलर हुई कीमत।
- कार्डानो – 0.90 फीसदी गिरकर 1.18 डॉलर हुई कीमत।
- एक्सआरपी – 0.04 फीसदी बढ़कर 0.5872 डॉलर हुई कीमत।
- यूएसडी क्वाइन – 0.07 फीसदी बढ़कर 1.00 डॉलर हुई कीमत।
- डॉजक्वाइन – 4.04 फीसदी गिरकर 0.1797 डॉलर हुई कीमत।
- पोल्का डॉट – 0.45 फीसदी गिरकर 12.45 डॉलर हुई कीमत।
- बाइनेंस यूएसडी – 0.07 फीसदी बढ़कर 1.00 डॉलर हुई कीमत।
डॉजक्वाइन के बाद इथेरियम के सह-संस्थापक छोड़ा मैदान
डॉजक्वाइन के सह-संस्थापक जैक्सन पामर ने कुछ दिन पहले क्रिप्टोकरेंसी इंडस्ट्री को आड़े हाथ लिया था। अब दुनिया क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम के सह-संस्थापक एंथनी डी आयोरियो ने भी इंडस्ट्री से किनारा करने की घोषणा की है। उन्होंने व्यक्तिगत सुरक्षा कारणों के चलते यह कदम उठाया है। 48 साल के कनाडाई नागरिक एंथनी डी आयोरियो 2017 से सिक्योरिटी टीम के घेरे में रह रहे हैं। उन्होंने कहा कि, ‘क्रिप्टो इंडस्ट्री में बहुत जोखिम है। मैं इस माहौल में खुद को असुरक्षित महसूस करता हूं। अगर मैं बड़े मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करता तो मुझे लगता है कि मैं ज्यादा सुरक्षित होता।’ वह क्रिप्टो स्टार्टअप्स से किनारा कर लेंगे और अब किसी भी ब्लॉकचेन प्रोजेक्ट में निवेश नहीं करेंगे।
क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट
नई दिल्ली. दुनियाभर में क्रिप्टोकरेंसी की बढ़ती क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट लोकप्रियता के साथ इसे लेकर चिंताएं भी बढ़ रही हैं. बीते 24 घंटों में दुनियाभर के निवेशकों ने क्रिप्टोकरेंसी बाजार में करीब 18 खरब डॉलर गंवा दिए. बिटक्वाइन के निवेशकों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. वैश्विक बाजार पर नजर डालें तो बीते 24 घंटों में क्रिप्टोकरेंसी बाजार के कुल पूंजीकरण में 17-18 खरब डॉलर की गिरावट आई है.
भारतीय निवेशकों में सबसे ज्यादा लोकप्रिय बिटक्वाइन में 7 फीसदी की गिरावट रही और यह 36,क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट 579 डॉलर के भाव पर पहुंच गई. रुपये के लिहाज से देखें तो शनिवार सुबह कारोबार के समय एक बिटक्वाइन का मूल्य 29,63,463 रुपये था. गिरावट के बावजूद बिटक्वाइन की कुल बाजार हिस्सेदारी 40.51 फीसदी के साथ सबसे ज्यादा बनी हुई है. दूसरी सबसे लोकप्रिय क्रिप्टोकरेंसी इथीरियम में भी 9 फीसदी की जबरदस्त गिरावट दिखी और सुबह के कारोबार में यह 2,11,277.4 रुपये के भाव पर पहुंच गई.
क्रिप्टोकरेंसी Dogecoin शनिवार सुबह गिरकर 0.14 डॉलर के भाव पर आ गया. यह अप्रैल 2021 के बाद का सबसे निचला स्तर है. पिछले 24 घंटों में इसमें 9 फीसदी की बड़ी गिरावट दिखी है. बीते साल जबरदस्त उछाल पाने वाली meme coin भी अपने पीक से 81 फीसदी नीचे आ चुकी है.
एक तरफ बिटक्वाइन सहित कई क्रिप्टोकरेंसी में गिरावट दिख रही तो दूसरी ओर डिसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस का क्रिप्टो बाजार पूंजीकरण 123.14 फीसदी बढ़कर 120.97 अरब डॉलर पहुंच गया. इस बाजार की लोकप्रिय मुद्रा स्टेबलक्वाइन का मूल्य 115 अरब डॉलर हो गया है, जो कुल क्रिप्टो बाजार का करीब 7 फीसदी है. स्टेबलक्वाइन को डॉलर जैसी व्यवस्थित मुद्राओं अथवा सोने के साथ जोड़कर कारोबार किया जाता है, ताकि इसकी कीमतें स्थिर बनाई जा सके.
सरकार, रिजर्व बैंक की वजह से वैश्विक स्तर पर क्रिप्टो में गिरावट के असर से अछूता रहा भारत
नई दिल्ली। विश्व में क्रिप्टो करेंसी में आई बड़ी गिरावट से चारों तरफ अफरा-तफरी का माहौल है, वहीं भारत में इसका ख़ास असर नहीं हुआ है। इसका श्रेय सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के सतर्क रुख को जाता है। आरबीआई ने क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता देने से बार-बार इनकार करता रहा है और उसने इसमें लेनदेन को लेकर आगाह भी किया है।
वहीं सरकार ने क्रिप्टो लेनदेन की मांग को कम करने के लिए कर का रास्ता चुना है। क्रिप्टोकरेंसी का बाजार 2021 में तीन हजार अरब डॉलर था, जिसका कुल बाजार मूल्य अब एक हजार अरब डॉलर से भी कम रह गया क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट है। हालांकि, भारतीय निवेशक इससे काफी हद तक बचे रहे हैं जबकि बहामास का एफटीएक्स बाजार लोगों द्वारा बिकवाली के बाद दिवालिया हो गया है। भारत में आरबीआई पहले दिन से ही क्रिप्टोकरेंसी का विरोध कर रहा है, क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट जबकि सरकार शुरू में एक कानून लाकर ऐसे माध्यमों को विनियमित करने का विचार कर रही थी। हालांकि, सरकार बहुत विचार-विमर्श के बाद इस निष्कर्ष पर पहुंची कि वर्चुअल मुद्राओं के संबंध में वैश्विक सहमति की आवश्यकता है क्योंकि ये सीमाहीन हैं और इसमें शामिल जोखिम बहुत अधिक हैं।
आरबीआई के अनुसार, क्रिप्टोकरेंसी को विशेष रूप से विनियमित वित्तीय प्रणाली से बचकर निकल जाने के लिए विकसित किया गया है और यह उनके साथ सावधानी बरतने के लिए पर्याप्त कारण होना चाहिए। उद्योग का अनुमान है कि भारतीय निवेशकों का क्रिप्टोकरेंसी परिसंपत्तियों में निवेश केवल तीन प्रतिशत है। वैश्विक क्रिप्टो बाजार में गिरावट के बावजूद, भारत की क्रिप्टोकरेंसी कंपनियां अभी तक किसी जल्दबाजी में नहीं हैं।
भारत के सबसे बड़े क्रिप्टो एक्सचेंज वजीरएक्स और जेबपे का परिचालन जारी है। सरकार और भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के साथ केंद्रीय बैंक के सतर्क रुख की वजह से भारत में क्रिप्टो का बड़ा बाजार नहीं खड़ा हो सका। अगर भारतीय संस्थाएं क्रिप्टो में शामिल हो गई होतीं, तो देश में कई लोगों क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट के पैसे डूब जाते।
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह के अनुसार, आरबीआई और सरकार द्वारा क्रिप्टोकरेंसी को मान्यता नहीं देने के लिए उठाए गए कदम इस समय उचित हैं। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने भी जून में जारी वित्तीय स्थिरता रिपोर्ट में क्रिप्टोकरेंसी को ‘स्पष्ट खतरा’ बताया था।
बिडेन के क्रिप्टो पर एग्जिक्यूिटव ऑर्डर के बाद बिटकॉइन में बड़ी गिरावट, जानिए कितने हुए दाम
दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) 39,000 डॉलर से नीचे आ गए हैं। क्रिप्टोकरेेंसी (Cryptocurrency Price) में बड़ी गिरावट की वजह से महंगाई के डाटा (Infaltion Data) और लगातार जियो पॉलिटकल टेंशन (Geo Political Tension) की वजह से भी है। जिनका असर स्टॉक मार्केट (Stock Market)में भी देखने को मिला है।
बिजनेस डेस्क। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन (US President Joe Biden) के क्रिप्टो पर कार्यकारी (Executive Order on Crypto) आदेश के बाद क्रिप्टोकरेंसी मार्केट (Cryptocurrency Market) में गिरावट देखने को मिल रही है। दुनिया की सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी बिटकॉइन के दाम (Bitcoin Price) 39,000 डॉलर से नीचे आ गए हैं। क्रिप्टोकरेेंसी (Cryptocurrency Price) में बड़ी गिरावट की वजह से महंगाई के डाटा (Infaltion Data) और लगातार जियो पॉलिटकल टेंशन (Geo Political Tension) की वजह से भी है। जिनका असर स्टॉक मार्केट (Stock Market)में भी देखने को मिला है। आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर आज बिटकॉइन और दुनिया की दूसरी बड़ी क्रिप्टोकरेंसीज के दाम कितने हो गए हैं।
बिटकॉइन की कीमत 39000 डॉलर से नीचे
बिटकॉइन की कीमत आज 5 फीसदी गिरकर 38,655 डॉलर पर कारोबार कर रही थी। दुनिया की सबसे लोकप्रिय और सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी 2022 में अब तक लगभग 16 फीसदी नीचे है। वहीं दूसरी ओर ग्लोबल क्रिप्टोकरेंसी मार्केट कैप 1.81 ट्रिलियन डॉलर पर आ गया है। पिछले 24 घंटों में मार्केट कैप में 5 फीसदी से ज्यादा का क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट बदलाव देखने को मिला है।
दूसरी करेंसीज का कैसा रहा प्रदर्शन
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी इथेरियम 4 फीसदी से ज्यादा गिरकर 2,567 डॉलर पर आ गई है। डॉगकोइन की कीमत 3 फीसदी से अधिक गिरकर 0.11 डॉलर हो गई, जबकि शीबा इनु 4 फीसदी कम होकर 0.000022 डॉलर पर कारोबार कर रहा था। एवालांशे, कार्डानो, लिटकोइन की कीमतों में गिरावट के रूप में अन्य डिजिटल टोकन के प्रदर्शन में गिरावट आई, जबकि स्टेलर, एक्सआरपी, यूनिस्वैप, सोलाना, पॉलीगॉन, पोलकाडॉट 3-8 फीसदी की सीमा में कटौती के साथ कारोबार कर रहे थे, हालांकि, टेरा लाभ के साथ अधिक था।
महंगाई और जियो पालिटिकल टेंशन का असर
अमेरिकी महंगाई 40 साल के हाई पर पहुंचने के बाद अमेरिकी स्टॉक और दूसरे रिस्की असेट्स में दबाव देखने को मिला। रूस-यूक्रेन संकट के कारण बढ़ते भू-राजनीतिक तनाव के बीच व्यापक बाजार बिकवाली के बीच क्रिप्टोकरेंसी में हालिया अस्थिरता आई है। वहीं दूसरी ओर फेड भी महंगाई को काबू करने के लिए ब्याज दरों को बढ़ाने के संकेत दे चुका हैं जिसकी वजह से फेड आने वाले दिनों में 7 गुना तक ब्याज दरों में इजाफा कर सकता है।
सेंसेक्स ने लगाया 1,688 अंक का गोता, निफ्टी 17,100 के नीचे पहुंचा
मुंबई, 26 नवंबर (भाषा) शेयर बाजारों में शुक्रवार को बड़ी गिरावट आयी और बीएसई सेंसेक्स 1,688 अंक लुढ़क गया। कोविड-19 वायरस के नये वेरिएंट को लेकर चिंता के बीच वैश्विक बाजारों में बिकवाली के साथ घरेलू बाजार में गिरावट आयी। तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 1,687.94 अंक यानी 2.87 प्रतिशत का गोता लगाकर 57,107.15 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 509.80 अंक यानी 2.91 प्रतिशत लुढ़क कर 17,026.45 क्रिप्टो बाजार में बड़ी गिरावट अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ इंडसइंड बैंक सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा, मारुति, टाटा
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किन शेयरों में सबसे अधिक कमजोरी
Bse सेंसेक्स के शेयरों में छह प्रतिशत से अधिक की गिरावट के साथ इंडसइंड बैंक सर्वाधिक नुकसान में रहा। इसके अलावा, मारुति, टाटा स्टील, एनटीपीसी, बजाज फाइनेंस, एचडीएफसी और टाइटन में भी प्रमुख रूप से गिरावट रही। दूसरी तरफ, लाभ में रहने वाले शेयरों में डा. रेड्डीज और नेस्ले इंडिया शामिल हैं।
कोविड की वजह से बढ़ी चिंता
कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी शोध प्रमुख श्रीकांत चौहान ने कहा कि कोविड-19 महामारी को लेकर चिंता बढ़ने से बाजार में इस सप्ताह तेज गिरावट रही। सेंसेक्स और निफ्टी दोनों में इस सप्ताह करीब चार प्रतिशत की गिरावट आयी। दोनों सूचकांक अपने उच्चतम स्तर से करीब आठ प्रतिशत नीचे आ गये हैं।’’
लॉकडाउन की आशंका
उन्होंने कहा, ‘‘कोविड-19 के नये वेरिएंट से फिर से ‘लॉकडाउन’ और यात्रा पाबंदी को लेकर चिंता बढ़ रही है। इसके अलावा दुनिया के कई देशों के लिये मुद्रास्फीति चिंता का कारण बनी हुई है। इस सप्ताह विदेशी संस्थागत निवेशक शुद्ध बिकवाल रहे। आने वाले दिनों में शेयर बाजार की दिशा कोविड-19 के नये वेरिएंट, मुद्रास्फीति आंकड़ा और केंद्रीय बैंक की नीतियों से तय होगी।’’
एशिया के अन्य बाजारों में चीन का शंघाई कंपोजिट सूचकांक, हांगकांग का हैंगसेंग, दक्षिण कोरिया कॉस्पी और जापान का निक्की 2.67 प्रतिशत तक नुकसान में रहे। यूरोप के प्रमुख बाजारों में भी दोपहर के कारोबार के दौरान 3.51 प्रतिशत तक की गिरावट आयी। इस बीच, अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 5.62 प्रतिशत टूटकर 77.60 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया।