प्रवृत्ति की रणनीति

FOMC क्या है?

FOMC क्या है?
. As usual, Powell let us down, but at least he is ending quantitative tightening, which shouldn’t have started in the first place - no inflation. We are winning anyway, but I am certainly not getting much help from the Federal Reserve!— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 31, 2019

अमरीका FOMC क्या है? ने की ब्याज दरों में अब तक की सबसे बड़ी कटौती, जानिए क्या होगा भारत पर असर

नई दिल्ली। घरेलू शेयर बाजार से लेकर दुनियाभर के बाजारों की नजर फेड रिजर्व की बैठक पर टिकी हुई थी। बुधवार देर रात यूएस फेड रिजर्व ने बैठक के नतीजे जारी किए हैं। US Fed रिजर्व की फेडरल ओपन मार्केट कमिटी (FOMC) ने इस बार ब्याज दरों में 0.25 फीसदी की कटौती की है। साल 2008 के बाद पहली बार फेड रिजर्व ने ब्याज दरों में कटौती की है। पिछले एक दशक में यह अब तक की सबसे बड़ी कटौती मानी जा रही है। हलांकि, अमरीकी राष्ट्रपति बैंक के इस फैसले से खुश नहीं है।

fed reserve

ब्याज दरों में हुई कटौती

यूएस फेड रिजर्व की बैठक मंगलवार को शुरू हुई थी और 2 दिन की मीटिंग के बाद यूएस फेड ने ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वॉइंट की कटौती की है। बैठक के बाद फेड कमेटि ने जानकारी देते हुए बताया कि कर्ज लेने की लागत को जरूरत पड़ने पर और भी कम किया जे सकता है। फेड की बैठक से पहले जानकारों का मानना था कि इस बार की बैठक में बड़ी कटौती की जाएगी, लेकिन फेड रिजर्व की कमेटि ने बैठक में 0.25 फीसदी की कटौती की है, जिससे यूएस की जनता और सरकार दोनों ही नाखुश हैं।

. As usual, Powell let us down, but at least he is ending quantitative tightening, which shouldn’t have started in the first place - no inflation. We are winning anyway, but I am certainly not getting much help from the Federal Reserve!

— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) July 31, 2019

2 से 2.25 फीसदी के बीच रहेंगी दरें

मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार ब्याज दरों को 2 से 2.25 के बीच रखना तय किया गया है, जिसका असर क्रेडिट कार्ड और कई तरह के लोन पर होगा। फेडरल रिजर्व बैंक को उम्मीद है कि ब्याज दरों में कटौती अमेरीकी अर्थव्यवस्था को ठीक रखने के लिए अच्छी साबित होगी।

जारी रहेगी मॉनिटरिंग

अपनी दो दिन की बैठक के बाद फेडरल ने एक बयान जारी कर कहा है कि, इसकी मॉनिटरिंग जारी रहेगी। ब्याज दरों में हुई कटौती के बाद देखा जाएगा कि यह देश की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित कर रहा है और अमरीकी अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए यह कटौती अच्छी है या नहीं।

भारतीय रुपए को मिलेगी मजबूती

यूएस फेड रिजर्व की बैठक में हुई कटौती के बाद भारतीय रुपए में भी मजबूती देखने को मिल सकती है क्योंकि ब्याज दरों में कटौती होने से अमरीकी FOMC क्या है? डॉलर पर निगेटिव असर पड़ता है, जिसका सीधा फायदा बारतीय रुपए को मिलता है। वहीं मौजूदा समय में क्रूड के दाम भी कम हुए हैं और आगे आने वाले समय में यह कीमतें स्थिर रहने का अनुमान है।

क्या होता है FOMC

एफओएमसी यानी फेडरल ओपन मार्केट कमिटी है। यह फेडरल रिजर्व सिस्टम के अधीन एक समिति है, जिसे अमरीकी कानून के तहत देश के ओपन मार्केट के संचालन की देखरेख के साथ ब्याज दरों और अमरीकी अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति की व्यवस्था के बारे में महत्वपूर्ण निर्णय लेने के लिए गठित किया गया है।

इससे पहले यूएस फेड की बैठक में लगातार 6 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की गई है-

तारीख बढ़ोतरी कितनी हुई दर
जून 2017
25 बेसिस प्वॉइंट 1.25 फीसदी
दिसंबर 2017 25 बेसिस प्वॉइंट 1.50 फीसदी
मार्च 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 1.75 फीसदी
जून FOMC क्या है? 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 2.00 फीसदी
सितंबर 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 2.25 फीसदी
दिसंबर 2018 25 बेसिस प्वॉइंट 2.50 फीसदी

Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.

महंगाई से निपटने के लिए अमेरिका का बड़ा कदम, US Fed ने 2018 के बाद पहली बार बढ़ाई ब्याज दर

डिंपल अलावाधी

US Fed Interest Rates: US फेड के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि रूस और यूक्रन युद्ध (Russia Ukraine War) का अमेरिकी अर्थव्यवस्था पर असर काफी अनिश्चित है। FOMC को ग्रोथ में मजबूती बने रहने की उम्मीद है।

Fed hikes rates 25 basis points

महंगाई से निपटने के लिए अमेरिका का बड़ा कदम, US Fed ने 2018 के बाद पहली बार बढ़ाई ब्याज दर (Pic: iStock) 

US Fed Interest Rates: यूएस फेड (US Fed) ने साल 2018 के बाद पहली बार ब्याज दरों (Interest Rate) में वृद्धि की घोषणा की है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों को एक चौथाई फीसदी बढ़ाया है। इतना ही नहीं, यूएस फेड ने इसी साल इस तरह की छह और बढ़ोतरी का संकेत भी दिया है।

विकास अनुमान घटा, लेकिन मुद्रास्फीति का अनुमान बढ़ा
दरों को बढ़ाने के लिए वोट एकमत थे, जेम्स बुलार्ड (James Bullard) ने 50 बीपीएस की वृद्धि का समर्थन किया था, जबकि बाकी ने 25 बीपीएस की बढ़ोतरी का सुझाव दिया था। फेड ने 2022 के विकास अनुमान (Growth Estimate) को 4 फीसदी से घटाकर 2.FOMC क्या है? 8 फीसदी कर दिया है और 2022 के लिए मुद्रास्फीति (Inflation) अनुमान को बढ़ाकर 4.3 फीसदी कर दिया है।

अच्छी स्थिति में अमेरिकी अर्थव्यवस्था
फेड अध्यक्ष जेरोम पॉवेल (Jerome Powell) ने कहा कि समिति मूल्य स्थिरता बहाल करने के लिए आवश्यक उपाय करने के लिए प्रतिबद्ध है। फेड के बयान के अनुसार, सख्त मौद्रिक नीति को संभालने के लिए अमेरिकी अर्थव्यवस्था (America Economy) बहुत मजबूत और अच्छी स्थिति में है।

गोल्डमैन सैक्स (Goldman Sachs) ने इस साल सात 25 बीपीएस वृद्धि के अपने पूर्वानुमान को बरकरार रखा है। Deustche Bank ने आने वाली बैठकों में कम से कम 50 bps वृद्धि की संभावना के साथ इस वर्ष 150 आधार अंक वृद्धि का पूर्वानुमान बनाए रखा है।

भारत में 8 महीने के उच्चतम स्तर पर खुदरा महंगाई दर
भारत की बात FOMC क्या है? करें, तो देश में फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति बढ़कर 6.07 फीसदी पर पहुंच गई। खाद्य उत्पादों की कीमतों में तेजी की वजह से इसने आठ महीनों का सबसे ऊंचा स्तर छुआ है। पिछले महीने उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति की दर 6.07 फीसदी रही।

Times Now Navbharat पर पढ़ें Business News in Hindi, साथ ही ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज अपडेट के लिए हमें गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें ।

Gold Silver Rate Today 16 Dec 2021: US Fed ने ब्याज दरों में नहीं किया बदलाव, सोने-चांदी में अब क्या करें?

Gold Silver Rate Today 16 Dec 2021

Gold Silver Rate Today 16 Dec 2021: अमेरिकी फेडरल रिजर्व के द्वारा 2022 में बॉन्ड खरीद कार्यक्रम घटाने के फैसले और ब्याज दरों में तीन बार बढ़ोतरी किए जाने की संभावना से बीते सत्र में सोने-चांदी में गिरावट दर्ज की गई. बुधवार को विदेशी बाजार में सोना-चांदी गिरावट के साथ बंद हुआ था. वहीं दूसरी ओर रुपये में कमजोरी की वजह से घरेलू वायदा बाजार यानी MCX पर सोना-चांदी उतार-चढ़ाव के साथ बंद हुआ था. फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में किसी भी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि महंगाई में बढ़ोतरी और जॉब मार्केट में सुधार को देखते हुए FOMC समिति ने ट्रेजरी के लिए मासिक शुद्ध संपत्ति खरीद को 20 अरब डॉलर और प्रतिभूतियों के लिए 10 अरब डॉलर कम करने का निर्णय लिया है. अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने कहा है कि मार्च 2022 तक बॉन्ड खरीदारी बंद की जाएगी.

सोने-चांदी पर जानकारों का नजरिया

इंडिया इंफोलाइन सिक्योरिटीज (IIFL Securities) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अनुज गुप्ता (Anuj Gupta) के मुताबिक इंट्राडे में MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,300 रुपये के लक्ष्य के लिए 47,900 रुपये के भाव पर खरीदारी की जा सकती है. सोने के इस सौदे के लिए 47,700 रुपये का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए. वहीं दूसरी ओर चांदी मार्च वायदा में 60,000 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 60,800 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. चांदी के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 59,500 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.

मोतीलाल ओसवाल (Motilal Oswal) के वाइस प्रेसिडेंट (कमोडिटी एंड करेंसी) अमित सजेजा (Amit Sajeja) के मुताबिक आज के कारोबार में MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,200 रुपये के लक्ष्य के लिए 47,800 रुपये के भाव पर खरीदारी फायदे का सौदा साबित हो FOMC क्या है? सकती है. सोने के इस सौदे के लिए 47,550 रुपये का स्टॉपलॉस लगाया जा सकता है. दूसरी ओर चांदी मार्च वायदा में 60,100 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 61,200 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. चांदी के इस सौदे के लिए 59,500 रुपये का स्टॉपलॉस लगाना चाहिए.

फिनलिट कंसल्टिंग प्राइवेट लिमिटेड (Finlit Consulting Private Limited) के डायरेक्टर वीरेश हीरेमथ के मुताबिक आज के कारोबार में MCX पर सोना फरवरी वायदा FOMC क्या है? में 48,000 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 48,200 रुपये का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. सोने के इस सौदे के लिए 47,900 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं. वहीं दूसरी ओर चांदी मार्च वायदा में 60,800 रुपये के लक्ष्य के लिए 60,400 रुपये के FOMC क्या है? भाव पर खरीदारी की जा सकती है. चांदी के इस कॉन्ट्रैक्ट के लिए 60,200 रुपये का स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.

पृथ्वी फिनमार्ट प्राइवेट लिमिटेड (Prithvi Finmart Pvt Ltd) के डायरेक्टर (कमोडिटी एंड करेंसी) मनोज कुमार जैन (Manoj Kumar Jain) के मुताबिक आज के कारोबार में MCX पर सोने में सपोर्ट लेवल 47,880-47,750 रुपये और रेसिस्टेंस लेवल 48,220-48,380 रुपये है. चांदी में सपोर्ट लेवल 59,800-59,500 रुपये और रेसिस्टेंस 60,700-61,100 रुपये है. उनका कहना है कि MCX पर सोना फरवरी वायदा में 48,400 रुपये के लक्ष्य के लिए 48,100 रुपये के भाव पर खरीदारी की जा सकती है. सोने के इस सौदे के लिए 47,880 रुपये का स्टॉपलॉस लगाया जा सकता है. चांदी में 60,300 रुपये के भाव पर खरीदारी करके 61,100 रुपये का लक्ष्य हासिल कर सकते हैं. चांदी के इस सौदे के लिए 59,800 रुपये के स्टॉपलॉस लगा सकते हैं.

(Disclaimer: निवेशक निवेश से पहले अपने वित्तीय सलाहकार की सलाह जरूर लें. न्यूजनेशनटीवीडॉटकॉम की खबर को आधार मानकर निवेश करने पर हुए लाभ-हानि का newsnationtv.com से कोई लेना-देना नहीं होगा. निवेशक स्वयं के विवेक के आधार पर निवेश के फैसले लें)

Gold Price: आज फिर महंगा हो गया सोना, यहां जानें क्या है 10 ग्राम गोल्ड का भाव

Gold Price: आज फिर महंगा हो गया सोना, यहां जानें क्या है 10 ग्राम गोल्ड का भाव

Gold Price Today: आज MCX पर सोने में तेजी देखने को मिल रही है. फेड की बैठक से पहले डॉलर इंडेक्स में मजबूती का असर सोने के भाव में देखने को मिल रहा ही है.

फेस्टिव सीजन में एक बार फिर सोने की कीमतों में तेजी देखने को मिल रही है. सोमवार को सोने के भाव में बढ़त जारी है. निवेशकों की नजर इस हफ्ते 1-2 नवंबर को होने वाले US फेड की बैठक पर है. इस बैठक की वजह से डॉलर इंडेक्स में भी तेजी देखने को मिल रही है, जिसका असर सोने के भाव में तेजी के रूप में देखने को मिल रहा है.

सोमवार को मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (MCX) पर सोना करीब 0.25% की बढ़त के साथ 50,359 रुपए प्रति 10 ग्राम पर कारोबार करते नजर आ रहा है. चांदी में भी तेजी देखने को मिल रही है. MCX पर चांदी का भाव 0.14% चढ़कर 57,563 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गया है.

इसके पहले वायदा बाजार में आज सुबह 9:05 बजे 24 कैरेट वाला सोना 20 रुपये तेज होकर 50,250 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है. सोने का भाव आज 50,266 रुपये पर खुला था. खुलने के बाद एक बार यह 50,299 रुपये तक चला गया. लेकिन थोड़ी देर बाद यह कमजोर होकर वापस 50,250 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया.

अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के भाव की बात करें तो यहां स्पॉट गोल्ड का भाव 1642.55 डॉलर प्रति औंस के साथ सपाट रहा. अक्टूबर महीने के हिसाब से देखें तो इस महीने सोने के भाव में करीब 1 फीसदी की कमी आई है. डॉलर इंडेक्स की बात करें तो इसमें इसमें भी मजबूती देखने को मिली है. आज डॉलर इंडेक्स 110.67 के करीब है. डॉलर के मुकाबले रुपया 10 पैसे बढ़कर 82.37 के आसापस है.

मॉनिटरी पॉलिसी की बैठक: साल 2023 तक अमेरिका में ब्याज दरें शून्य के करीब रहेंगी, फेडरल रिजर्व ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन नहीं किया

केंद्रीय बैंक की समिति अब पूरे साल के जीडीपी में 3.71 प्रतिशत की गिरावट देखती है। हालांकि जून में 6.5% के ड्रॉप वाले पूर्वानुमान से यह बेहतर है - Dainik Bhaskar

अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेडरल रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई परिवर्तन न करने का फैसला किया है। इसके साथ ही अब साल 2023 तक अमेरिका में ब्याज दरें शून्य के करीब रहेंगी। बुधवार देर रात फेडरल रिजर्व बैंक ने इसकी घोषणा की। दो दिवसीय बैठक कल रात समाप्त हुई थी। इस बैठक में कोरोना और जीडीपी पर भी बैंक ने चर्चा की।

मौजूदा आर्थिक स्थिति के लिहाज से लिया गया फैसला

फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने कहा कि बैठक में यह फैसला लिया गया है कि मौजूदा आर्थिक स्थिति को देखते हुए ब्याज दरों को शून्य के करीब ही रखा जाए। यह दर 2023 तक इसी स्तर पर रहेगी। यह पहली बार हुआ है जब अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने ब्याज दरों को कायम रखने के लिए इतनी लंबी अवधि का फैसला लिया है। बैठक में यह भी फैसला किया गया है कि महंगाई की दर यदि दो प्रतिशत तक बढ़ती है तो भी ब्याज दरों से कोई छेड़छाड़ नहीं होगी।

बैंक के चार सदस्यों ने संकेत दिया कि वे 2023 तक जीरो रेट्स को देखते हैं। यह पहली बार था जब समिति ने 2023 के लिए अपने दृष्टिकोण का पूर्वानुमान लगाया था।

नई पॉलिसी व्यवस्था पर फोकस

इसके अलावा, अधिकारियों ने एक नई पालिसी व्यवस्था की तरफ ध्यान दिया जिसमें महंगाई की दर को नियंत्रित किया जाएगा। अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने बैठक के बाद कहा कि ये बदलाव FOMC क्या है? लंबे समय के लिए हमारी मजबूत प्रतिबद्धता को स्पष्ट करते हैं। उन्होंने कहा कि मुद्रास्फीति जब लगातार इतने लंबे समय तक लक्ष्य से नीचे चल रही है तो कुछ समय के लिए 2 प्रतिशत से ऊपर मामूली मुद्रास्फीति को प्राप्त करने का लक्ष्य होगा।

लंबे समय तक मॉनिटरी पॉलिसी उदार रहेगी

बैठक के बाद के बयान में कहा गया कि समिति मौद्रिक नीति के एक उदार रुख को तब तक बनाए रखने की उम्मीद करती है जब तक कि इन परिणामों को हासिल नहीं किया जाता है। समिति ने कहा कि जब तक लेबर मार्केट की स्थिति रोजगार की समिति के ऑकलन के स्तर तक पहुंच नहीं जाती है और मुद्रास्फीति 2 प्रतिशत तक बढ़ जाती है तब तक इस लक्ष्य सीमा को बनाए रखना उचित होगा।

3 सालों तक जीरो रहेगी ब्याज दर

उन्होंने कहा कि हम कम से कम 2022 और 2023 तक के लिए अभी भी जीरो ब्याज दरों की संभावना को देख रहे हैं। औसत अनुमान के माध्यम से, हालांकि वहां कुछ लोग हैं जिन्हें लगता है कि यह 2023 में समाप्त हो जाएगा। पावेल ने कहा कि समिति का मानना है कि जब तक अर्थव्यवस्था रिकवरी के मोड में रहेगी तब तक रेट्स काफी अनुकूल रहने वाले हैं।

जीडीपी, बेरोजगारी के नजरिए में बदलाव

दरों के फैसले के अलावा समिति ने आने वाले वर्षों के लिए जीडीपी, बेरोजगारी और महंगाई के लिए अपने दृष्टिकोण में बदलाव किया है। समिति अब पूरे साल के जीडीपी में 3.71 प्रतिशत की गिरावट देखती है। हालांकि जून में 6.5% के ड्रॉप वाले पूर्वानुमान से यह बेहतर है। इसने अपने 2021 आउटलुक को 5% से 4% और 2022 को 3.5% से घटाकर 3% कर दिया। समिति को 2023 में 2.5% जीडीपी ग्रोथ की उम्मीद है।

रेटिंग: 4.93
अधिकतम अंक: 5
न्यूनतम अंक: 1
मतदाताओं की संख्या: 351
उत्तर छोड़ दें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा| अपेक्षित स्थानों को रेखांकित कर दिया गया है *