प्रवृत्ति की रणनीति

निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए?

निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए?
    युवा अवस्था की ज़िम्मेदारियाँ : युवा अवस्था में नौकरी पेशा व्यक्ति, उन दिनों की जिम्मेदारियों जैसे कि घर का किराया, बच्चों की पढाई का खर्चा आदि को निभाते निभाते अपने बुढ़ापे की आर्थिक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देता हैं और फिर एक ऐसा समय आता हैं जब उसे पैसो की ज़रूरतों को पूरा करने के अपने बच्चों या फिर रिश्तेदारों पर निर्भर होना पड़ता हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता हैं कि आप युवा अवस्था से ही अपनी रिटायरमेंट को बेहतर बनाने का प्रयास करे और यह आप एक सही रिटायरमेंट पॉलिसी ले के कर सकते है |

घटती जाती ब्याज दर तो लघु बचत कितनी कारगर

एक तरफ बैंकों में जमा पर ब्याज दर घटती जा रही है, दूसरी ओर पीएमसी बैंक जैसों के ढहने की खबरें आती हैं। शेयर बाजारों में जारी अनिश्चितता के कारण म्युचुअल फंड भी बेहतर रिटर्न नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में अपनी बचत को लेकर चिंतित लोग कम रिटर्न के बावजूद लघु बचत योजनाओं पर ज्यादा ऐतबार कर रहे हैं। हालांकि बचत योजनाओं की दरें हर तीन महीने में बदलती हैं। पर सितंबर तिमाही में थोड़ी से घटने के बाद सरकार ने इस साल अक्टूबर से दिसंबर तक की तिमाही के लिए इन दरों में कोई कटौती नहीं की है। मौजूदा आर्थिक हालात में इन योजनाओं के निवेशकों के लिए यह बहुत बड़ी राहत है। सॉवरिन गारंटी के कारण लघु बचत योजनाएं आम निवेशक के लिए सुरक्षित विकल्प के तौर पर उभरी हैं।

बिजनेस स्टैंडर्ड ने कुछ समय पहले खबर छापी थी कि लघु बचत योजनाओं में इस साल अप्रैल और जुलाई के बीच निवेश 37 प्रतिशत बढ़ा है। इसकी वजह यह कि मौजूदा हालात में निवेशक प्रतिफल की गारंटी वाली योजनाओं में दिलचस्पी दिखा रहे हैं। इक्विटी म्युचुअल फंडों के प्रतिफल में गिरावट के कारण इन योजनाओं में प्रतिफल अब ज्यादा आकर्षक हो गया है। फिर भी, निवेशकों को दीर्घावधि नजरिया अपनाना चाहिए और कुछ अतिरिक्त सावधानियों के साथ ही इन योजनाओं में दांव लगाना चाहिए।

लघु बचत योजनाएं अवधि के हिसाब से प्रतिफल मुहैया कराती हैं। आप एक, दो, तीन और पांच साल के लिए डाकघर की सावधि जमाओं में निवेश कर सकते हैं। राष्ट्रीय बचत पत्र (एनएससी) पांच साल के लिए और किसान विकास पत्र (केवीपी) 113 महीने के लिए जारी किए जाते हैं। सार्वजनिक भविष्य निधि (पीपीएफ) की अवधि 15 वर्ष की है और सुकन्या समृद्घि योजना (एसएसवाई) में लड़की की उम्र 18 साल हो जाने के बाद ही पहली निकासी की अनुमति है। जो निवेशक एक से तीन वर्ष की संक्षिप्त अवधि चाहते हैं, वे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सावधि जमाओं पर विचार कर सकते हैं। ये जमाएं बेहतर प्रतिफल दर मुहैया कराती हैं और इनमें जोखिम भी कम होता है।

जिनको पांच साल से ज्यादा की अवधि के लिए निवेश करना है, उनको इक्विटी और निश्चित आय वाली योजनाओं में निवेश करना चाहिए। इनमें छोटी बचत योजनाएं भी शामिल हैं। जब निवेश अवधि पांच साल से अधिक हो तो आपके पोर्टफोलियो का ज्यादा हिस्सा इक्विटी या शेयरों सेे जुड़ा होना चाहिए। लंबी अवधि के दौरान इक्विटी से जुड़े उतार-चढ़ाव का असर कम हो जाता है और प्रतिफल में सुधार आता है। जर्मिनेट वेल्थ सॉल्युशंस के संस्थापक एवं मैनेजिंग पार्टनर संतोष जोसफ कहते हैं, 'जब आप लंबी अवधि के लिए निवेश कर रहे हों तो मुद्रास्फीति से ज्यादा रिटर्न देने वाली योजनाओं को अपनाना चाहिए जो अच्छा प्रतिफल देती हों। निवेशक के जोखिम प्रोफाइल के आधार पर पोर्टफोलियो में इक्विटी और इक्विटी म्युचुअल फंडों के साथ-साथ लघु बचत योजनाओं को भी शामिल किया जाना चाहिए। यहां तक कि 20 साल बाद के लक्ष्य के हिसाब से बचत करने वाले कई निवेशक इक्विटी में अपना पूरा यानी 100 प्रतिशत पैसा नहीं लगाना चाहते। वे इक्विटी और डेट के लिए 80:20 या 75:25 आवंटन अनुपात को ज्यादा ठीक समझते हैं। निवेशक ऐसे पोर्टफोलियो में निश्चित आय के हिस्से के लिए पीपीएफ जैसी लघु बचत योजनाओं को अपना सकते हैं।'

छोटी बचत योजनाएं तुरंत नकदी के पैमाने अव्वल नहीं मानी जातीं। इनकी तुलना में शेयर और म्युचुअल फंड जैसे विकल्प ऐसे होते हैं जिनको तुरंत निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? बेच पैसा पाया जा सकता है। हालांकि डाकघर की योजनाओं में आंशिक निकासी के लिए कुछ प्रावधान होते हैं। उदाहरण के लिए, पीपीएफ में आप पांच साल बाद रकम निकाल सकते हैं। वैलिडस वेल्थ में मुख्य निवेश अधिकारी राजेश चेरुवु कहते हैं, 'लघु बचत योजनाएं काफी हद तक ऐसी होती हैं जिनसे तुरंत नकदी नहीं मिल सकता। इन योजनाओं में निवेश तभी करें जब आपको इनकी लॉक-इन अवधि से बहुत दिक्कत नहीं हो।'

श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों के आधार पर सरकार हर तिमाही में लघु बचत योजनाओं पर ब्याज दरों की समीक्षा करती है। यदि दरों में कमी की जाती है तो पीपीएफ और एसएसवाई के मामले में मौजूदा और आगामी निवेश पर देय दर कम हो जाती है। पिछले कु सालों में ब्याज दरों में कमी आई है। इस साल 28 जून को सरकार ने सभी छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दरों में 10 आधार अंक तक की कटौती की थी। जोसफ कहते हैं, 'दरों में कमी इन योजनाओं में सबसे बड़ा जोखिम है। इस समय पीपीएफ की दर 7.90 प्रतिशत है जो कई दशकों का निचला स्तर है। इसमें और कमी आ सकती है।' जहां सरकार पर निवेशकों की उम्मीदों का खयाल रखने का दबाव है, वहीं वह ऐसे परिवेश में ब्याज दरें ऊंची नहीं निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? रख सकती जब दुनिया भर में इनमें गिरावट आ रही हो, क्योंकि ऐसा करने से उसकी वित्तीय स्थिति पर असर पड़ेगा।

ज्यादातर लघु बचत योजनाओं से प्राप्त ब्याज की आय को प्राप्तकर्ता की आय में जोड़ा जाता है और इन पर मामूली दर से कर लगता है। पीपीएफ और एसएसवाई के मामले में ऐसा नहीं है। इन पर ब्याज आय कर-मुक्त है। कर प्रावधानों के कारण 30 प्रतिशत कर दायरे में आने वाले कई लोग पीपीएफ को छोड़कर दूसरी छोटी बचत योजनाओं में निवेश करने से परहेज करते हैं। लेकिन इनमें से कई योजनाएं कम कर दायरे वाले लोगों के लिए काफी मुनासिब हैं।

आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत इनमें 1.5 लाख रुपये तक की कटौती की अनुमति है। पीपीएफ, एसएसवाई सभी धारा 80सी के लाभ के दायरे में शामिल हैं। एकमात्र समस्या यह है कि क्या निवेशक इस लाभ का वास्तविक फायदा उठाने में सक्षम होंगे, क्योंकि कई अन्य योजनाएं भी उपलब्ध हैं।

पीपीएफ ईईई (एक्जेम्प्ट-एक्जेम्प्ट-एक्जेम्प्ट) कर श्रेणी में आती है और लघु छोटी बचत योजनाओं में एक अच्छा विकल्प है। सेवानिवृत्ति, बच्चों की शिक्षा और शादी जैसे लक्ष्यों के लिए लंबी अवधि का पोर्टफोलियो तैयार करने वाले लोग इसे अपने निश्चित आय आय आवंटन के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। आकर्षक प्रतिफल मुहैया कराने वाली अन्य दो योजनाएं खास उपयोगकर्ताओं पर केंद्रित हैं। वरिष्ठ नागरिक बचत योजना का प्रतिफल 8.6 प्रतिशत है और इसका इस्तेमाल सेवानिवृत्ति के बाद नियमित आय के लिए किया जा सकता है। याद रखें कि ब्याज हर तिमाही में चुकाया जाता है। 8.4 प्रतिशत के सालाना प्रतिफल के साथ एसएसवाई उन लोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो अपनी बेटी की शिक्षा या शादी के लिए बचत करना चाहते हैं। जहां तक अन्य योजनाओं का सवाल है तो निवेश का निर्णय लेने से पहले दूसरे निश्चित आय विकल्पों (बैंक सावधि जमा और डेट फंड आदि) के साथ कर-बाद प्रतिफल की तुलना करें। कुल मिलाकर, लघु बचत योजनाओं में निवेश अपने जोखिम प्रोफाइल, निवेश की अवधि और लक्ष्य को ध्यान में रखकर करें। जोसफ कहते हैं, 'डेट निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? में निवेश की संभावना तलाश रहे और निश्चित अवधि के लिए रकम फंसाने वाले निवेशक इन योजनाओं पर विचार कर सकते हैं।' वह कहते हैं कि लेकिन सारी ही राशि एक ही जगह नहीं डाल देनी चाहिए। इनमें रिटर्न कम ज्यादा होता रह सकता है और बहुत संभव है कि लंबी अवधि में इनमें से कई मुद्रास्फीति को थोड़ी सी ही मात दे पाएं।

क्या आपको नई टैक्स व्यवस्था के तहत ELSS में निवेश करना चाहिए?

क्या आपको नई टैक्स व्यवस्था के तहत ELSS में निवेश करना चाहिए?

1 अप्रैल 2020 से प्रभावी नई टैक्स व्यवस्था व्यक्तिगत और HUF करदाताओं को कुछ छूटों को छोड़ने पर टैक्स की कम दर और छूट प्राप्त करने पर टैक्स की अधिक दर (पुरानी टैक्स व्यवस्था) के बीच चुनाव करने का विकल्प प्रदान करती है। हो सकता है नई टैक्स व्यवस्था सभी के अनुकूल न हो। निर्णय लेने के लिए करदाताओं को पुरानी और नई व्यवस्था, दोनों के तहत होने वाली टैक्स बचत का मूल्यांकन करना होता है।

होम या एजुकेशन लोन, टैक्स कटौती योग्य जीवन बीमा पॉलिसियाँ, 15 लाख से ज़्यादा वेतन वाले करदाताओं या उनके लिए जो छूटों के माध्यम से बहुत ज़्यादा बचत कर सकते हैं, पुरानी व्यवस्था अधिक उपयुक्त हो सकती है इसलिए ये करदाता पुरानी व्यवस्था के तहत टैक्स बचाने के लिए ELSS में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। नई व्यवस्था निश्चित रूप से आपको बहुत सारी कागज़ी कार्रवाई से बचाती है जो साल के अंत में निवेश के प्रमाण जमा करने के संबंध में करनी पड़ती है लेकिन पुरानी व्यवस्था भी निवेश और बचत से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लेने में आपकी मदद करती है। यह आपको सालाना तौर पर ये निवेश या बचत करने के लिए मजबूर करती है चाहे वह ELSS, पेंशन योजना या PPF हो। हो सकता है कुछ करदाता पहले से ही ELSS में SIPs कर रहे हों। उन्हें अपनी SIPs बंद करने से पहले दोनों व्यवस्थाओं के तहत टैक्स लाभ का मूल्यांकन करना चाहिए।

कौन सी टैक्स व्यवस्था ज़्यादा टैक्स बचाने में आपकी मदद करेगी, यह पूरी तरह से आपकी आय और वेतन संरचना पर निर्भर करेगा? अगर आप दोनों व्यवस्थाओं के तहत खुद अपनी टैक्स की देनदारी का हिसाब लगाने में असमर्थ हैं तो आपको किसी टैक्स सलाहकार से सलाह लेनी चाहिए। इस तरह की तुलना केवल ELSS में निवेश जारी रखने के आपके निर्णय में आपका मार्गदर्शन कर सकती है जो न केवल टैक्स बचाने में मदद करता है बल्कि आपको इक्विटीज़ के बढ़ने की क्षमता पेश करता है। भले ही नई टैक्स व्यवस्था आपके लिए बेहतर हो, फिर भी पैसा बनाने के नज़रिए से आप ELSS में निवेश करने पर विचार कर सकते हैं। अगर आप एक ऐसे व्यक्ति हैं जो अस्थिर बाज़ार में रकम निकालता है, तो लॉक-इन अवधि निवेश में बने रहने और छोटी अवधि में अस्थिरता से गुज़रने में आपकी मदद करेगी। क्योंकि ELSS फंड्स में 3 साल की लॉक-इन अवधि होती है, इसलिए अगर आप आज निवेश करते हैं, तो एकमुश्त निवेश की स्थिति में आप केवल 3 साल बाद ही अपनी रकम निकाल सकते हैं। लॉक-इन अवधि हर SIP भुगतान पर भी लागू होती है। अगर आप 12 महीने में निवेश की गई रकम निकालना चाहते हैं, तो आपको SIP की आख़री किश्त के 3 साल पूरे होने तक इंतज़ार करना होगा।

फंड ऑफ फंड्स: क्या ये आपके पोर्टफोलियो में होने चाहिए

फंड ऑफ फंड्स: क्या ये आपके पोर्टफोलियो में होने चाहिए- स्मार्ट मनी

आप शायद इस काम को दो तरीके से कर सकते थे। पहला तरीका है, आपको नापना होगा कि आपको कितना तार चाहिए, आपको स्विच बोर्ड, स्विच और इन स्विच को सॉकेट से जोड़ने के लिए जिस तार की ज़रुरत है वह खरीदना होगा - शायद कुछ पेंच और चिपकाने वाला टेप और निश्चित रूप से, एक इलेक्ट्रीशियन की भी ज़रुरत होगी। लेकिन यदि 10-20-30 मीटर की ही मात्रा में उपलब्ध हों जबकि आपको चाहिए सिर्फ एक या दो मीटर ही? और स्विच और बोर्ड जैसी दूसरी चीज़ों का क्या करेंगे - क्या करेंगे यदि वे चीज़ें भी थोक में ही मिलें? इस काम को करना का एक और तरीका है- और वह है कि ये काम किसी इलेक्ट्रीशियन को आउटसोर्स कर दें - वह स्थिति का आकलन करेगा, आपके लिए सामान खरीदेगा (यदि उसके पास पहले से नहीं है तो) और अपने दम पर इंस्टॉलेशन का काम कर लेगा!

फंड ऑफ़ फंड्स को इस कहानी से आसानी से समझा जा सकता है - एक निवेशक के रूप में, आपको इक्विटी में निवेश करने में रुचि हो सकती है, और आप निवेश के लिए म्यूचुअल फंड में निवेश करना चुन सकते हैं। लेकिन कितने म्यूचुअल फंड में निवेश करना है? फंड मैनेजर कैसे हैं, क्या वे आपके फंड का ठीक से प्रबंधन कर सकते हैं? क्या आपके पास विभिन्न फंडों में निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? निवेश करने के लिए पर्याप्त पैसा है, या आप केवल एक या दो में निवेश कर सकते हैं - या शायद तीन में भी? यहींआपकी मदद फंड ऑफ़ फंड्स करेंगे- क्योंकि फंड ऑफ़ फंड्स आपको, शुरूआती बाधा, फंड प्रबंधकों की साख निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? और कम डाइवर्स पोर्टफोलियो के बारे में चिंता किए बगैर कई म्यूचुअल फंडों में निवेश में विविधता लाने में मदद करेगा।

कुल मिलाकर, फंड ऑफ़ फंड्स आपको कई म्युचुअल फंडों में निवेश करने में मदद करता है और वे यह सुनिश्चित करते हैं कि आपका निवेश परिसंपत्तियों और देनदारियों की जांच-परख के बाद हुआ है । इसके अलावा, यह आपको अपने पास मौजूद पूंजी से अधिक निवेश करने का मौका दे सकता है। इसका क्या मतलब है? सो, जब आप कई म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे होते हैं, तो आपको कई तरह की परिसंपत्तियों में निवेश करने के लिए उन सबकी न्यूनतम निवेश सीमा का ध्यान रखना होगा। एफओएफ आपको इस सीमा से छुटकारा पाने में मदद करता है, और आपके पोर्टफोलियो में विविधता ला सकता है चाहे आपके पास उतने पैसे हों या नहीं। खैर, अब तक ये अच्छा लग रहा है। तो हर कोई उनमें निवेश क्यों नहीं करता?

क्योंकि एफओएफ में कुछ कमियां भी हैं। कल्पना करें कि आप जिस फंड में निवेश करना चाहते हैं उसमें राशि पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
इस तरह, आप अपने सौ रुपये का निवेश सौ अलग-अलग फंडों में कर सकते हैं, जिनमें से हर फंड अलग-अलग सिक्योरिटी निवेश करते हैं - जैसे स्टॉक, बॉन्ड, रियल एस्टेट, मेटल कमोडिटी आदि। हालांकि, फंडों के उचित मिश्रण के बजाय, इस तरह डाइवर्स किया जाना घाटे का सौदा हो सकता है - क्योंकि आप पायेंगे कि कई फंड हैं जो एक जैसी सिक्योरिटी में निवेश कर रहे हैं। कुछ एफओएफ में ये दिक्कत हो सकती है।

इसके अलावा, एफओएफ आपके मुनाफे में सेंध लगा सकते हैं। क्यों आपको पता होगा कि म्यूचुअल फंड आपके लिए पैसे बनाने के लिए आपसे कितना शुल्क लेते हैं - यानी प्रदर्शन शुल्क और प्रबंधन शुल्क के ज़रिये। एफओएफ ऐसा ही दो स्तरों पर होता है। पहली बात कि, एफओएफ में निवेश कर, आप सारे अंतर्निहित फंडों के प्रबंधन और प्रदर्शन शुल्क का भुगतान करेंगे, और इसके अलावा, आप एफओएफ के लिए भी भुगतान करेंगे। यह आपके मुनाफे का एक बड़ा हिस्सा ले सकता है और साथ ही आपके निवेश पर जो कर लगना है वह तो लगेगा ही।

दूसरी बात, एफओएफ आपको लॉक-इन अवधि समेत बाहर निकलने से जुड़े अन्य नियमों के पालन के लिए बाध्य कर सकता है। हालांकि ऐसे उपाय कंपनी कई निकासी से बचाने के लिए किए जाते हैं, यह ऐसे समय में आपके लिए हानिकारक साबित हो सकता है जब केवल कुछ चुनिंदा क्षेत्रों में ही अच्छा प्रदर्शन हो रहा हो, और अर्थव्यवस्था आम तौर पर मंदी के दौर से गुजर रही हो। यदि आपने कई फंडों में निवेश किया था, तो आप बस अपने फंड को बेच कर अपना धन उन फंडों में लगा सकते हैं जो आपके पैसे को प्रदर्शन करने वाले क्षेत्रों में लगा सकते हैं।

आखिरकार, एफओएफ का प्रदर्शन माइक्रो इकोनॉमिक्स से प्रभावित हो सकता है जो प्रबंधन प्रक्रिया को मज़बूती प्रदान करता है। उदाहरण के लिए, यदि फंड मैनेजरों को प्रबंधनाधीन परिसंपत्तियों (एसेट अंडर मैनेजमेंट) के एक हिस्से या प्रदर्शन शुल्क से हुए मुनाफे का भुगतान किया जा रहा है तो वे ऐसी रणनीति अपना सकते हैं उन्हें अधिक मुनाफा हो रहा है - जैसे, अल्पकालिक पूँजी लाभ और ट्रेडिंग फीस के लिए फंड का निवेश करना।

तो एफओएफ में किसे निवेश करना चाहिए और क्यों, यदि उनमें ये कमियाँ हैं?
निवेश के अन्य अवसरों की तरह, एफओएफ अपने ही किस्म के फायदे और नुकसान के साथ आते हैं। यह अनूठा मिश्रण एफओएफ मुनाफे के लिहाज़ से आकर्षक लगता है नहीं यह आपको तय करना है। हालांकि, एफओएफए कुछ किस्म के निवेशकों अच्छा हो सकता है। उदाहरण के लिए, 50 साल से ऊपर का एक दम्पति अपनी बचत को इक्विटी बाजार में लगाना चाहता है, और वे अगले दशक में सेवानिवृत्त होना चाहते हैं।

ऐसे निवेशक अपने निवेश पर पारंपरिक विकल्पों से बेहतर लाभ की तलाश में हैं, लेकिन अपनी जोखिम झेल पाने की क्षमता के लिहाज़ से पुरानी सोच के ही हैं तो एफओएफ उनका पसंदीदा विकल्प बन सकता है। इसके अलावा, अपने स्वयं के राष्ट्रीय सीमाओं से परे कई बाजारों में अपने फंड का पर्दाफाश करने वाले लोगों के लिए, एफओएफ निवेश प्रक्रिया को सरल बना सकते हैं और अधिक अनुभवी प्रबंधकों पर बाजार परिश्रम और पोर्टफोलियो प्रबंधन की जिम्मेदारी को स्थगित कर सकते हैं। सभी निवेश के अवसरों की तरह, एफओएफ अपने लक्ष्यों के आधार पर निवेशकों की एक विशेष प्रोफ़ाइल और उनके व्यक्तिगत निवेश से जोखिम और इनाम लेने पर निर्भर करेगा।

Flexi-cap fund: लंबी अवधि में अच्‍छी कमाई; किसे करना चाहिए निवेश, देखें 5 साल में टॉप स्‍कीम्‍स का रिटर्न

Flexi-cap mutual fund: फ्लेक्‍सी-कैप फंड्स म्‍यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है.

Flexi-cap mutual fund: शेयर बाजार के इस उतार-चढ़ाव भरे माहौल में क्‍या आप म्‍यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश करने की सोच रहे हैं? एक्‍सपर्ट मानते हैं कि नए निवेशकों के लिए बाजार की इस गिरावट में म्‍यूचुअल फंड में एंट्री करने का अच्‍छा मौका है. अगर निवेश को लेकर टारगेट 5 साल या इससे ज्‍यादा है, तो फ्लेक्‍सी-कैप फंड्स अच्‍छी च्‍वाइस हो सकते हैं. रिस्‍क और रिटर्न में अच्‍छा बैलेंस रखने वाली इन स्‍कीम्‍स का बीते 5 साल का रिटर्न देखें, तो निवेशकों का दोगुने से ज्‍यादा का रिटर्न मिला है.

दरअसल, फ्लेक्‍सी-कैप फंड्स म्‍यूचुअल फंड की एक कैटेगरी है. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी स्कीम है. फ्लेक्सी-कैप फंड (Flexi-cap fund) में फंड मैनेजर के पास निवेशकों के निवेश पर बेहतर रिटर्न दिलाने के लिए किसी भी कैटेगरी की कंपनी के शेयर चुनने की आजादी होती है. इसमें फंड मैनेजर के सामने निश्चित मार्केट कैपिटलाइजेशन की कंपनियों की बाध्‍यता नहीं होती है. इससे फंड मैनेजर को डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने में मदद मिलती है.

किन निवेशकों के लिए बेहतर ऑप्‍शन

बीपीएन फिनकैप के डायरेक्‍टर एके निगम का कहना है कि फ्लेक्‍सी-कैप फंड्स ऐसे निवेशकों के लिए बेहतर ऑप्‍शन हैं, जो पांच साल उससे ज्‍यादा की अवधि के लिए निवेश करना चाहते हैं. यानी, लॉन्‍ग टर्म फाइनेंशियल गोल को पूरा करने के लिए फ्लेक्‍सी कैप स्‍कीम्‍स निवेश किया जा सकता है. बाजार की गिरावट में नए निवेशकों के लिए मार्केट में एंट्री करने का यह अच्‍छा अवसर है.

निगम का कहना है कि फ्लेक्‍सी-कैप स्‍कीम्‍स में महंगाई दर को मात देने और फिक्‍स्‍ड इनकम इन्‍स्‍ट्रूमेंट्स से ज्‍यादा रिटर्न देने की क्षमता रहती है. अपने फ्लैक्‍सीबल नेचर के चलते फ्लेक्‍सी-कैप फंड (Flexi-cap fund) में निवेशकों का रुझान बहुत ज्‍यादा रहता है. लॉर्ज कैप फंड्स के बाद यह दूसरी सबसे बड़ी इक्विटी म्‍यूचुअल फंड कैटैगरी है.

निगम का कहना है कि अगर आपकी जोखिम उठाने की क्षमता मीडियम है, तो फ्लेक्सी-कैप फंड आपके लिए अच्‍छा ऑप्‍शन है. इसमें रिस्‍क-रिटर्न का बैलेंस रहता है. एक स्थिर रिटर्न मिलता है.

टॉप फ्लेक्‍सी फंड्स का 5 साल का रिटर्न


SBI Focused Equity Fund

SBI फोकस्‍ड इक्विटी फंड ने बीते 5 साल में 22.01% सालाना रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख का निवेश बीते एक पांच में 2.70 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू आज 11.23 लाख रुपये है. इस स्कीम में 5,000 रुपये के साथ निवेश किया जा सकता है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से भी इस स्‍कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं.

PGIM India Flexi Cap Fund

PGIM इंडिया फ्लैक्‍सी कैप फंड ने बीते 5 साल में 23.12% सालाना रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख का निवेश बीते पांच साल में 2.83 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू आज 11.80 लाख रुपये है. इस निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? स्कीम निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? में 5000 रुपये के साथ निवेश किया जा सकता है. वहीं, मिनिमम 1,000 रुपये की SIP से भी इस स्‍कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं.

HDFC Retirement Savings Fund Equity Plan

HDFC रिटायरमेंट सेविंग्‍स फंड इक्विटी प्‍लान ने बीते 5 साल में 19.11% सालाना रिटर्न दिया है. इसमें 1 लाख का निवेश बीते पांच साल में 2.40 लाख रुपये हो गया. वहीं, 10,000 मंथली SIP की वैल्‍यू आज 10.39 लाख रुपये है. इस स्कीम में 5000 रुपये के साथ निवेश किया जा सकता है. वहीं, मिनिमम 500 रुपये की SIP से भी इस स्‍कीम में निवेश शुरू कर सकते हैं.

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रिटायरमेंट पेंशन प्लान्स

सेवानिवृत्ति बीमा योजनाओं के साथ स्टाइल में अपनी सेवानिवृत्ति का आनंद लें

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सेवानिवृत्ति पेंशन योजनाएं आपको वर्षों में अपनी कमाई को निवेश करने में मदद करती हैं और एक ऐसा फंड बनाती हैं जिसे आप अपने सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान पूर्ण रूप से या इसे भागों में निकाल सकते हैं। इसके अलावा, ये योजनाएं आपके जीवन के सुनहरे वर्षों निवेश के साथ सुरक्षा के दोहरे लाभों के साथ आपकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श हैं। जीवन यापन की उच्च लागत और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए, सेवानिवृत्ति योजना अधिक आवश्यक हो गई है।

सेवानिवृत्ति पेंशन योजनाएं आपको वर्षों में अपनी कमाई को निवेश करने में मदद करती हैं और एक ऐसा फंड बनाती हैं जिसे आप अपने सेवानिवृत्ति के वर्षों के दौरान पूर्ण रूप से या इसे भागों में निकाल सकते हैं। इसके अलावा, ये योजनाएं आपके जीवन के सुनहरे वर्षों निवेश के साथ सुरक्षा के दोहरे लाभों के साथ आपकी वित्तीय जरूरतों को पूरा करने के लिए आदर्श हैं। जीवन यापन की उच्च लागत और बढ़ती मुद्रास्फीति को देखते हुए, सेवानिवृत्ति योजना अधिक आवश्यक हो गई है।

रिटायरमेंट प्लान के लाभ

    युवा अवस्था की ज़िम्मेदारियाँ : युवा अवस्था में नौकरी पेशा व्यक्ति, उन दिनों की जिम्मेदारियों जैसे कि घर का किराया, बच्चों की पढाई का खर्चा आदि को निभाते निभाते अपने बुढ़ापे की आर्थिक ज़रूरतों को नज़रअंदाज़ कर देता हैं और फिर एक ऐसा समय आता हैं जब उसे पैसो की ज़रूरतों को पूरा करने के अपने बच्चों या निश्चित जमा में किसे निवेश करना चाहिए? फिर रिश्तेदारों पर निर्भर होना पड़ता हैं | इसलिए यह बहुत जरूरी हो जाता हैं कि आप युवा अवस्था से ही अपनी रिटायरमेंट को बेहतर बनाने का प्रयास करे और यह आप एक सही रिटायरमेंट पॉलिसी ले के कर सकते है |

सेवानिवृत्ति योजनाएँ या पेंशन योजनाएँ क्या हैं?

सेवानिवृत्ति योजना या पेंशन योजना एक विशिष्ट प्रकार की बीमा पॉलिसी हैं जो आपको एक आरामदायक सेवानिवृत्त जीवन जीने में मदद करती हैं। ये योजनाएं आपको सुरक्षा प्रदान करती हैं और निवेश नीतियों के रूप में भी कार्य करती हैं जो सेवानिवृत्ति के बाद की आपकी जरूरतों जैसे चिकित्सा खर्च, रहने की लागत आदि को पूरा करने के लिए एक कोष जमा करने में मदद करती हैं।

ये योजनाएं आपकी कमाई को वर्षों में निवेश करती हैं और एक फंड बनाती हैं, जिसका उपयोग आप एक बार में या सेवानिवृत्ति के दौरान भागों में करते हैं। पर्याप्त निवेश और उचित योजना के साथ, आप आसानी से अपने सुनहरे वर्षों की योजना बना सकते हैं और सेवानिवृत्ति के बाद भी आय के एक स्थिर प्रवाह के साथ अपने भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

आपको एक सेवानिवृति योजना की आवश्यकता क्यों है?

हम अपनी दिन-प्रतिदिन की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी मेहनत की कमाई का निवेश इतना अधिक करते हैं कि हम अपने बाद के वर्षों में अपने लिए एक आरामदायक और समृद्ध जीवन हासिल करने पर बहुत कम ध्यान देते हैं।

हममें से अधिकांश लोगों के नौकरी और यहां तक कि अच्छे लाइफ स्टाइल की मांग करते हैं| हमारे तनावपूर्ण जीवन की दैनिक भागदौड़ में, क्या हम अपने सेवानिवृत्ति के बाद के जीवन के बारे में भी सोचते हैं? लेकिन इस सबके जिम्मेदार हम सब स्वयं हैं गहरी सांस गहरी सांस लें और अपने भविष्य के बारे में सोचें| यदि हम अपनी सेवानिवृति के बाद के जीवन का आनंद नहीं ले पा रहे हैं तो इतनी मेहनत करने का क्या मतलब है? लाइफस्टाइल के अलावा, हमारे पास अपने परिवारों के प्रति जिम्मेदारियां हैं जो सेवानिवृत्ति के साथ दूर नहीं हो सकती हैं।

यह सुनिश्चित करने के लिए कि आपकी सेवानिवृत्ति के बाद का जीवन सुचारू और शांतिपूर्ण रहे और आपके परिवार की देखभाल भी अच्छी तरह से होती रहे, अब आपके लिए सेवानिवृत्ति की योजना बनाना बहुत महत्वपूर्ण है। अपनी वर्तमान आयु, आय, लाइफ स्टाइल जीवन शैली और जीवन लक्ष्यों के आधार पर, आप एक निवेश राशि चुन सकते हैं और अपनी सेवानिवृत्ति के लिए योजना बना सकते हैं।

क्या आप रिटायरमेंट के बाद की आय में विश्वास रखते हैं?

प्रोफेशनल लाइफ से सेवानिवृत्ति का मतलब यह नहीं होना चाहिए कि आप नियमित आय प्राप्त करना बंद कर दें। सेवानिवृत्ति योजनाएं आपको अपनी बचत का एक हिस्सा आवंटित करने और उन्हें समय के साथ बढ़ने देती हैं। फिर आप सेवानिवृत्त होने के बाद नियमित भुगतान प्राप्त करने का विकल्प चुन सकते हैं।

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