प्रतिभूति और सामूहिक निवेश

BLSF पर अवैध निवेश योजना चलाने का आरोप, सेबी ने जुर्माना लगाया
नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने BEETEL LIVESTOCK & FARM PVT LTD (बीएलएसएफ) तथा उसके छह निदेशकों पर एक करोड़ रुपए का जुर्माना लगाया है। यह जुर्माना नियामक के पास पंजीकरण कराये बिना अवैध रूप से सामूहिक निवेश योजना शुरू करने पर लगाया गया है। कंपनी तथा उसके निदेशकों निजामुद्दीन सब्बीर, अब्दुल सलाम, मनीष गिरधारी, राजू झुन्नी, शरीफ खान तथा भारत कुमार को यह जुर्माना संयुक्त रूप से या अलग-अलग देने को कहा गया है।
सेबी ने पाया कि बीटल बकरी पालन की योजना चला रही प्रतिभूति और सामूहिक निवेश थी और उसने विभिन्न अखबारों में विज्ञापनों के जरिये आम जनता को योजना में निवेश के लिये आमंत्रित किया। कंपनी ने न्यूनतम 6,000 रुपए के निवेश पर एक से दो प्रतिशत प्रति महीने ब्याज की पेशकश की। निवेशकों ने योजना में होने वाले लाभ और आय के मद्देनजर निवेश किया।
बीटल ने एक प्रतिभूति और सामूहिक निवेश मुश्त राशि के साथ-साथ नियमित आधार पर रिटर्न का भी वादा किया। सेबी ने आदेश में कहा कि कंपनी ने सामूहिक निवेश योजना के जरिये लोगों से पैसे जुटाये और यह सब नियामक के पास पंजीकरण कराये बिना किया गया।
सेबी ने पैनकार्ड क्लब, चार निदेशकों पर लगाया 20 करोड़ रुपये जुर्माना- भुगतान के लिए 45 दिनों का समय
नई दिल्ली: पूंजी बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने पैनकार्ड क्लब्स और उसके चार निदेशकों पर गैरकानूनी तरीके से बिना पंजीकरण वाली सामूहिक निवेश योजनाओं (सीआईएस) के जरिये निवेशकों से धन जुटाने पर शुक्रवार को कुल 20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगा प्रतिभूति और सामूहिक निवेश दिया। सेबी ने एक आदेश में कहा कि यह कंपनी पैनेरोमिक ग्रुप ऑफ कंपनीज का हिस्सा है, जो आतिथ्य सत्कार, टाइमशेयर, यात्रा व पर्यटन और सूचना प्रौद्योगिकी में रुचि रखती है। सेबी ने कहा कि ये निकाय संयुक्त रूप से और गंभीर प्रतिभूति और सामूहिक निवेश रूप से जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं। प्रतिभूति और सामूहिक निवेश कंपनी के निदेशकों में मनीष कालिदास गांधी, चंद्रसेन गणपतराव भिसे, रामचंद्रन रामकृष्णन और शोभा रत्नाकर बर्डे शामिल हैं।
सेबी ने एक जांच के दौरान पाया कि सामूहिक निवेश योजना विनियमों के तहत अनिवार्य रूप से नियामक से अपेक्षित अनुमोदन प्राप्त किये बिना कंपनी निवेशकों से धन जुटाने में संलिप्त थी। सेबी ने बाजार के इन्हीं प्रावधानों का उल्लंघन करने को लेकर कंपनी और प्रतिभूति और सामूहिक निवेश उसके निदेशकों पर जुर्माना लगाया है। सेबी ने जुर्माना राशि का भुगतान करने के लिये 45 दिनों का समय दिया है। यदि कंपनी व उसके निदेशक समयसीमा के भीतर भुगतान नहीं कर पाते हैं तो उनसे वसूली की प्रक्रिया शुरू की जा सकती है।
सेबी ने शुक्रवार को एक अलग आदेश में बताया कि परिचय इंवेस्टमेंट लिमिटेड (पीआईएल) के शेयरों को लेकर गलत तरीके से मात्रा दिखाने और धोखाधड़ी युक्त व्यापार करने को लेकर 16 व्यक्तियों पर कुल 1.20 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया गया है। सेबी ने कहा कि इस मामले में पीआईएल के शेयरों के 21 जुलाई 2010 से लेकर 30 अगस्त 2011 के दौरान हुए कारोबार की जांच की गयी। जांच में प्रतिभूति और सामूहिक निवेश पाया गया कि संलिप्त व्यक्ति प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष तौर से आपस में जुड़े हुए थे। उन्होंने मिलकर धोखाधड़ी वाले कारोबार को अंजाम दिया। इसी आधार पर सेबी ने इनमें से आठ व्यक्तियों पर 10-10 लाख रुपये का तथा शेष आठ व्यक्तियों पर पांच-पांच लाख रुपये का जुर्माना लगाने का फैसला किया।
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सेबी ने जारी किया जुर्माना नहीं चुकाने वाली 1,677 कंपनियों की सूची
नयी दिल्ली : बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जुर्माने का भुगतान नहीं करने वाले 1,677 इकाइयों की सूची जारी की है. इनमें वे कंपनियां और व्यक्ति शामिल हैं, जो सेबी द्वारा लगाये गये जुर्माने को 31 मई तक चुकाने में नाकाम रहे हैं. सेबी की वेबसाइट पर सोमवार को जारी इस सूची में 31 दिसंबर, 2017 तक प्रतिभूति और सामूहिक निवेश के आदेशों के तहत लगाये गये जुर्माने का मई, 2018 तक भुगतान नहीं करने वाले शामिल किये गये हैं. इनमें कम से कम 15,000 रुपये के जुर्माने वाले भी शामिल हैं. इसके अलावा कुछ पर लाख रुपये और कुछ पर करोड़ों रुपये का भी जुर्माना लगाया गया है.
ये जुर्माने कंपनियों प्रतिभूति और सामूहिक निवेश द्वारा बिना पंजीकरण के पोर्टफोलियो प्रबंधन सेवाएं देना, निवेशकों की प्रतिभूति और सामूहिक निवेश शिकायतों का समाधान करने में नाकाम रहने और निवेशकों से अवैध रूप से धन जुटाने जैसे नियमों के उल्लंघन मामले में लगाया गया. इनमें कुछ जुर्माने तो 1998 से लंबित हैं. कई मामले अदालतों में हैं, तो कुछ दूसरे फोरम में लंबित हैं.
इसके अतिरिक्त, सेबी ने एक अन्य जानकारी में कहा कि उसने सामूहिक निवेश योजना के इतर अन्य उल्लंघन के 1,139 मामलों में कार्यवाही शुरू की है. नियामक इकाई से बकाये की वसूली के लिए बैंक और डीमेट खातों के साथ अन्य परिसंपत्तियों को जब्त करने की शक्ति का भी प्रयोग कर रहा है.
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माधबी पुरी बुच बनी सेबी की पहली महिला प्रमुख
पूर्व आईसीआईसीआई बैंकर, माधबी पुरी बुच (Madhabi Puri Buch) को अजय त्यागी (Ajay Tyagi) की जगह भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) का नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। प्रतिभूति और सामूहिक निवेश वह सेबी की पहली महिला प्रमुख हैं और नियामक निकाय की अध्यक्षता करने वाली पहली गैर-आईएएस भी हैं। उन्हें वित्तीय बाजारों में तीन दशकों से अधिक का अनुभव है और वह 5 अप्रैल, 2017 और 4 अक्टूबर, 2021 के बीच सेबी की पूर्णकालिक सदस्य (WTM) थी। सेबी में अपने कार्यकाल के दौरान, उन्होंने निगरानी, सामूहिक निवेश योजनाओं और निवेश प्रबंधन जैसे विभागों को संभाला।