बांड में निवेश

भविष्य में सुरक्षा और रिटर्न दोनों की गारंटी
गोल्ड में निवेश आपको सुरक्षा और रिटर्न दोनों की गारंटी देता है। इसके लिए हमें 2000 की मंदी की ओर जाना होगा। अजय केडिया बताते हैं कि 2000 से 2004 के बीच गोल्ड में रिटर्न 25 फीसदी से ज्यादा देखने को मिला था। वहीं 2008 से 2013 के बीच सोने में निवेश पर रिटर्न बढ़कर 35 फीसदी तक पहुंच गया था। चार सालों में इतना रिटर्न कहीं देखने को नहीं मिलता है। अजय केडिया कहते हैं कि आने वाले 2008-13 को ही आधार माने तो सोने पर निवेश में 35 से 40 फीसदी का रिटर्न देखने को मिल सकता है।
सुरक्षित निवेश विकल्पों की तलाश है? पीएमसी का बॉन्ड इश्यू आपको ब्याज चाहिए
यदि आप प्राचीन स्वयंसिद्ध द्वारा जाते हैं तो आपको केवल सुरक्षित विकल्पों में ही अपना पैसा देना चाहिए और निश्चित आय सुरक्षा में निवेश करना चाहते हैं, पुणे नगर निगम (पीएमसी) ने आपको एक विकल्प प्रदान किया है। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक, नगर निगम जल्द ही बांड जारी करने की योजना बना रहा है। लेकिन यह बिल्कुल नहीं है। पीएमसी की पेशकश देश की सबसे बड़ी नगरपालिका बांड जारी होगी। अनियमित के लिए, बंधन ऋण का एक रूप है, जो निगमों और सरकारी निकाय निवेशकों से लेते हैं, जो कि बुनियादी ढांचे और अन्य सामाजिक परियोजनाओं को निधि देने के लिए अपने बाजार का विस्तार करने के लिए और बाद में विस्तार करते हैं। अपने पैसे को बांड में डालकर, एक आम आदमी सरकारी निकायों और कंपनियों को कर्ज देने से निवेशक बन सकता है। इसके लिए, वह एक निश्चित दर और समय अवधि में ब्याज भुगतान अर्जित करेंगे उदाहरण के लिए, यदि आपने 10 वर्षों की अवधि (जिसे परिपक्वता बांड में निवेश तिथि भी कहा जाता है) के लिए आठ प्रतिशत के ब्याज दर (कूपन के रूप में जाना जाता है) पर सरकारी बॉन्ड में 1,000 रुपये (यह राशि अंकित मूल्य के रूप में जाना जाता है) का निवेश किया है, तो आप हर साल रुपये की कमाई 80। जब बांड परिपक्व होता है, तो आप 1,000 रुपए वापस लेंगे। पीएमसी के मुद्दे के बारे में जानने के लिए यहां पांच चीजें हैं: 2,300 करोड़ रुपए में, पुणे नगर निगम के बॉडी का मुद्दा आज तक भारत का सबसे बड़ा नगरपालिका बांड जारी होगा। पिछले दो दशकों में, पूरे भारत में 30 नगर पालिकाओं ने कर योग्य बांड, कर मुक्त बांड और जमा वित्तपोषण के जरिये कुल 1,353 करोड़ रुपये जुटाए हैं। अब तक सबसे बड़ी बांड भेंट बेंगलुरु नगर निगम (बीएमसी) 1997 में 125 करोड़ रुपये का बांड जारी कर चुकी है राज्य सरकार द्वारा बीएमसी के बंधन के मुद्दे की गारंटी दी गई थी, लेकिन पीएमसी के मुद्दे को राज्य सरकार द्वारा गारंटी नहीं दी गई है। पीएमसी का मुद्दा निजी और घरेलू दोनों निवेशकों के साथ निजी तौर पर रखा जाएगा। शहर के लिए एक 24x7 पानी की आपूर्ति परियोजना को निधि देने के लिए नगरपालिका निकाय अपनी बांड बिक्री से आय का उपयोग करेगी। पीएमसी 'एए +' का दीर्घकालिक क्रेडिट रेटिंग है यह यहां उल्लेखनीय है कि भारत में एए और उससे ऊपर की गई नगरपालिकाओं की संख्या काफी कम है। पीएमसी, जो संपत्ति और अन्य स्थानीय करों से अपनी आमदनी का एक बड़ा हिस्सा कमाता है, बृहन्मुंबई नगर निगम, भारत के सबसे बड़े शरीर के बाद, महाराष्ट्र में दूसरी सबसे बड़ी निगम है। 2015-16 में पीएमसी का राजस्व अधिशेष 18.5 प्रतिशत से 2,000 करोड़ रूपये हो गया इसे ध्यान में रखते हुए, यह कहना सुरक्षित है कि पीएमसी बांड को गर्म प्रतिक्रिया मिलेगी। यह भी पढ़ें: दीर्घकालिक निवेशकों के लिए पुणे रियल्टी एक गोल्डमाइन हो सकती है
त्योहारी सीजन में करें गोल्ड बांड से गोल्ड में निवेश
वित्त मंत्रालय से मिली जानकारी के अनुसार गोल्ड बांड के आवेदन 24 अक्टूबर 2016 से 2 नवंबर 2016 तक स्वीकार किए जा रहे हैं और ये बांड 17 नवंबर 2016 को जारी किए जाएंगे। गोल्ड बांड योजना के तहत यह छठा निर्गम है।
अच्छी बात यह है कि इस बार सरकार इस पर 50 रुपये प्रति ग्राम की छूट दे रही है। उल्लेखनीय है कि वर्ष 2015-16 की बजट में घोषित गोल्ड बांड योजना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते 5 नवंबर को जारी किया था।
इसके तहत निवेशक कम से कम दो ग्राम और अधिकतम एक साल में 500 ग्राम सोने के बराबर बांड की खरीदारी कर सकते हैं जो कि एक ग्राम के गुणक में आगे बढ़ता है। सरकार ने इस पर 2.75 फीसदी वार्षिक ब्याज का प्रावधान किया है जो कि साल में दो बार देय होता है।
500 ग्राम तक सोने के बराबर बांड खरीद सकेंगे निवेशक
इसके तहत निवेशक कम से कम दो ग्राम और अधिकतम एक साल में 500 ग्राम सोने के बराबर बांड की खरीदारी कर सकते हैं जो कि एक ग्राम के गुणक में आगे बढ़ता है। सरकार ने इस पर 2.75 फीसदी वार्षिक ब्याज का प्रावधान किया है जो कि साल में दो बार देय होता है।
इस बांड की अवधि 8 साल की है, लेकिन इसमें 5 साल में भी निकलने का विकल्प रहता है। बांड को जारी करने के लिए रिजर्व बैंक को अधिकृत किया गया है लेकिन इसके लिए वाणिज्यिक बैंकों और डाकघरों में आवेदन स्वीकार किए जाते हैं।
इस बांड की परिपक्वता पर बांड में निवेश कैपिटल गेन टैक्स से भी छूट मिलती है। इसी तरह सरकारी गोल्ड बांड के ट्रांसफर पर भी किसी व्यक्ति को होने वाला दीर्घकालिक कैपिटल गेन के सूचीकरण के फायदे मिलेंगे।
सरकारी बांड क्या है (What is Government Bond) –
सरकार पूंजी जुटाने के लिए निवेशकों से एक तरह से ऋण लेती है और एक निवेश पत्र जारी करती है। इसे ही सरकारी बॉन्ड (Bond) कहा जाता है।
सामान्यता सरकारी बांड पर मिलने वाले ब्याज दर 6 से 8% के बीच रहती है। रिजर्व बैंक के द्वारा ब्याज दर व सरकारी बांड की यील्ड के बीच में विपरीत संबंध पाया जाता है। अर्थात यदि ब्याज दरें बढ़ती है तो बांड की यील्ड घट जाती है।
ऑनलाइन कैसे खरीदें बॉन्ड?
ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से आसानी से बांड को खरीदा जा सकता है। कई सारे बैंक अपने निवेशकों को यह सुविधा देते है।
जैसे शेयर खरीदने के लिए डीमैट खाते की जरूरत होती है। उसी तरह बांड खरीदने के लिए भी उसे रखने के लिए डीमैट खाते की आवश्यकता होती है। जब आपका डीमैट खाता आपके बैंक बैंक क्लीयरिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से जुड़ा होता है, तब आप बैंक से सरकारी बांड ऑनलाइन खरीद और बेच सकते हैं और उन्हें अपने डीमैट खाते में भी रख सकते हैं। इसके लिए निवेशक को किसी भी प्रकार की कमीशन का भुगतान नहीं करना पड़ता है।
सरकारी बांड क्यों है निवेश के लिए सुरक्षित –
सरकारी बांड को निवेश के लिए बेहद सुरक्षित माना जाता है क्योंकि यह डेप्ट प्रतिभूतियां होती हैं। और इस पर एक निश्चित ब्याज दर निर्धारित होती है। यही वजह है कि सरकारी बॉन्ड में निवेश को निवेश करने का सबसे सुरक्षित तरीका समझा जाता है। इसमें सुरक्षा की कोई गारंटी होती है। बांड की खासियत यह है कि आप इसे मेच्योरिटी टाइम से पहले भी बेच सकते हैं।
शेयर ब्रोकर के जरिए भी आप बांड को खरीद और बेच सकते हैं। साथ ही स्टॉक मार्केट में किसी भी कारोबारी के दिन आप जब भी चाहे बांड को खरीद सकते हैं और बेच सकते हैं। यह बेहद सुरक्षित माना जाता बांड में निवेश है क्योकि इसमे ब्याजदर पहले से ही निर्धारित होती है। इस लिये इसमे रिस्क बिल्कुल नही रहता है।
गिरती इकोनॉमी के बीच फायदे का सौदा है सोने में निवेश, तीन महीने में 20 फीसदी का रिटर्न
नई दिल्ली। कोरोना वायरस की वजह से पूरी दुनिया इकोनॉमी लाल निशान पर जाती हुई दिखाई दे रही है। दुनिया की तमाम छोटी बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के इक्विटी बाजार धराशायी हो चुके हैं। जिसकी वजह से निवेशकों का झुकाव सोने की ओर देखने को मिल रहा है। न्यूयॉक और लंदन के बाजारों में सोना 8 साल के उच्चतम स्तर पर पहुंच चुका है। वहीं बात भारत की बात करें तो यहां भी सोने की कीमतों का स्तर 47 हजारी हो चुका है। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि जल्द सोना 50 हजार के करीब पहुंच जाए। जानकारों की मानें तो जनवरी से अब तक सोने की कीमतों में 20 से 25 फीसदी का रिटर्न देखने को मिल चुका है। ऐसे में निवेशकों के जरूरी हो गया है कि अपने पोर्टफोलियो में गोल्ड इंवेस्टमेंट की हिस्सेदारी को बढ़ा दें। क्योंकि आने वाले पांच सालों में यह रिटर्न 35 फीसदी तक का देखने को मिल सकता है।
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड योजना आज से शुरू: 10 बड़ी बातें
- यह योजना 8 साल के लिए वैध है, उसमें पांचवें वर्ष बांड में निवेश के बाद समय से पहले रिंडेप्शन का विकल्प होता है. इस विकल्प का लाभ उस तारीख को उठाया बांड में निवेश जा सकता है जब ब्याज देय होगा.
- गोल्ड बॉन्ड का निर्गम मूल्य ₹5,147/- (पांच हजार एक सौ सैंतालीस रुपये मात्र) प्रति ग्राम सोना होगा.
- सरकार ने भारतीय रिजर्व बैंक के परामर्श से, ऑनलाइन आवेदन करने वाले निवेशकों को नाममात्र मूल्य से कम ₹50/- प्रति ग्राम की छूट देने का निर्णय लिया है और आवेदन के लिए भुगतान डिजिटल मोड से किया जाता है.
- निवेशक वाणिज्यिक बैंकों, स्टॉक होल्डिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (एसएचसीआईएल), क्लियरिंग कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (सीसीआईएल), नामित डाकघरों (जैसा अधिसूचित किया जा सकता है), नेशनल स्टॉक एक्सचेंज और बीएसई के माध्यम से सीधे या एजेंटों के माध्यम से बांड खरीद सकते हैं.
- SGB के लिए भुगतान नकद भुगतान (अधिकतम 20,000 रुपये तक) या बांड में निवेश डिमांड ड्राफ्ट या चेक या इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग के माध्यम से किया जाएगा. ऑनलाइन भुगतान पर आपको प्रति ग्राम सोने पर 50 रुपये की छूट मिलेगी.
- एसजीबी पर ब्याज आयकर अधिनियम, 1961 (1961 का 43) के प्रावधान के अनुसार कर योग्य होगा. किसी व्यक्ति को एसजीबी के मोचन पर उत्पन्न होने वाले पूंजीगत लाभ कर में छूट दी गई है. एसजीबी के हस्तांतरण पर किसी भी व्यक्ति को होने वाले दीर्घकालिक पूंजीगत लाभ के लिए इंडेक्सेशन लाभ प्रदान किया जाएगा.
- एसजीबी की अवधि आठ वर्ष की अवधि के लिए होगी, जिसमें 5वें वर्ष के बाद समय से पहले मोचन के विकल्प का उपयोग उस तिथि पर किया जाएगा जिस पर ब्याज देय है.
- निवेशकों को नाममात्र मूल्य पर अर्ध-वार्षिक देय 2.50 प्रतिशत प्रति वर्ष की निश्चित दर से मुआवजा दिया जाएगा.
- SGBs का उपयोग ऋण के लिए संपार्श्विक के रूप में किया जा सकता है. ऋण-से-मूल्य (एलटीवी) अनुपात समय-समय पर रिज़र्व बैंक द्वारा अनिवार्य सामान्य स्वर्ण ऋण के बराबर निर्धारित किया जाना है.
- अपने ग्राहक को जानिए (केवाईसी) मानदंड भौतिक सोने की खरीद के लिए समान होंगे. केवाईसी दस्तावेज जैसे वोटर आईडी, आधार कार्ड/पैन या टैन/पासपोर्ट की आवश्यकता होगी. प्रत्येक आवेदन के साथ व्यक्तियों और अन्य संस्थाओं को आयकर विभाग द्वारा जारी ‘पैन नंबर’ होना चाहिए.