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क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है?

क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है?

ASBA : जानिए शेयर बाजार में निवेश करने वालों को कैसे फायदा पहुंचाएगा

आइए अब इस प्रस्तावित प्रणाली के बारे में विस्तार से जानते हैं:

ASBA क्या है?

ASBA (Application Supported by Blocked Amount), एक खास तरह का पेमेंट सिस्टम है जिसका इस्तेमाल आईपीओ के लिए अर्जी लगाने के दौरान होता है। वर्ष 2008 से यह उपयोग में है। इससे पहले, निवेशकों को आईपीओ के लिए आवेदन करते समय या तो पैसा चेक से जमा करना होता था या आईपीओ के उद्देश्य से बनाए गए एस्क्रो खाते (escrow account) में अपने खाते से ऑनलाइन पैसा ट्रांसफर करना पड़ता था।

उस समय, एक आईपीओ के बंद होने और शेयरों के आवंटन के बीच की समयावधि 10 दिनों से अधिक थी। नतीजतन, पैसा एक निवेशक के बैंक खाते से डेबिट हो जाता था, भले ही उसे शेयर का आवंटन हुआ हो या नहीं।

ASBA के आने के साथ ही पेंमेंट की पूरी प्रक्रिया बदल गई। इस सिस्टम के तहत आईपीओ के लिए अर्जी देते समय केवल एक निवेशक के बैंक खाते में पैसा अवरुद्ध (ब्लॉक) रहता है। शेयरों के आवंटन के मामले में, आवश्यक धनराशि डेबिट हो जाती है जबकि आवंटन नहीं होने की स्थिति में पूरी ब्लॉक्ड राशि अनब्लॉक्ड हो जाती है।

सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA क्यों?

फिलहाल semi-ASBA जैसी प्रणाली उन निवेशकों के लिए पहले से ही मौजूद है जिनके पास 3-इन-1 बैंक खाता है। इस तरह की सुविधा आमतौर पर ऐसे ब्रोकरेज हाउस देते हैं, जिनकी खुद (यानी प्रमोटर की) की बैंकिंग सेवाएं हैं। 3-इन-1 खाते में एक बचत बैंक खाता (सेविंग बैंक अकाउंट), एक डीमैट खाता और एक ट्रेडिंग खाता शामिल होता है।

यहां ऑर्डर देने के समय आवश्यक फंड डेबिट हो जाता है। ऑर्डर देने से पहले फंड के भुगतान की जरूरत नहीं होती। यह इसलिए संभव है क्योंकि बैंक ब्रोकरेज हाउस, जो इसकी सहायक कंपनी है, को अपने कोर बैंकिंग प्लेटफॉर्म तक पहुंच प्रदान करता है।

हालांकि, एक बैंक तीसरे पक्ष के ब्रोकरेज हाउस के लिए ऐसा नहीं करता है। नतीजतन, निवेशकों को अपने ट्रेड से पहले भुगतान (फंड ट्रांसफर) करना होता है।

सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA जैसी प्रणाली के लागू होने के बाद, निवेशक केवल यह सुनिश्चित करके आदेश दे सकेंगे कि उनके बैंक खाते में पर्याप्त धनराशि है। आईपीओ की तरह, पैसा तभी निकलेगा जब ट्रेड की पुष्टि हो जाएगी।

दुरुपयोग पर लगाम

हाल के वर्षों में, ब्रोकर्स द्वारा निवेशकों की प्रतिभूतियों का दुरुपयोग करने के कई उदाहरण सामने आए हैं। ब्रोकर पहले अपने क्लाइंट की प्रतिभूतियों को एक ट्रेडिंग खाता खोलते समय प्राप्त पॉवर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) के माध्यम से एक्सेस करने में सक्षम थे। इतना ही नहीं ब्रोकर्स की पहुंच ग्राहकों द्वारा रेहन के रूप में गिरवी रखी प्रतिभूतियों तक भी थी।

इस तरह के कदाचार को रोकने के लिए, सेबी ने ‘pledge and re-pledge’ नामक एक तंत्र की शुरुआत की और पॉवर ऑफ अटॉर्नी (पीओए) के चलन क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? को क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? भी समाप्त कर दिया।

नई प्रणाली के तहत, निवेशक ब्रोकर्स को उनकी प्रतिभूतियों तक सीधे पहुंच की अनुमति के बिना, अपनी गिरवी प्रतिभूतियों का उपयोग जमानत के तौर पर कर सकते हैं। इस सिस्टम के तहत निवेशकों के प्रतिभूतियों के दुरुपयोग पर लगाम लगा है।

सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA यह सुनिश्चित करेगा कि ब्रोकर्स को भी निवेशकों के धन तक पहुंच प्राप्त न हो। वर्तमान में, ब्रोकर अपने पास पड़े निवेशकों के पैसे पर फ्लोट (float) का उपयोग कर कमाते हैं। इसके अलावा, ऐसे भी उदाहरण हैं जब ब्रोकरों ने सेबी के आदेशानुसार 30 दिनों या 90 दिनों की अवधि के बाद उनके पास पड़े बेकार धन को वापस नहीं किया।

हालांकि, जून में सेबी द्वारा जारी एक सर्कुलर का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना था कि ब्रोकर निवेशक के रनिंग अकाउंट का सेटलमेंट निर्धारित समय अवधि के भीतर सुनिश्चित करें।

कार्यान्वयन को लेकर चुनौतियां

सेबी ने अभी तक सेकेंडरी मार्केट के लिए ASBA के कार्यान्वयन को लेकर न तो कोई सर्कुलर जारी किया है या कोई समय सीमा निर्धारित की है। इस सप्ताह एक कार्यक्रम में सेबी की अध्यक्ष माधबी पुरी बुच ने कहा कि चुनौतियों के बावजूद, नई प्रणाली कुछ महीनों में तैयार हो जाएगी।

इंडस्ट्री प्लेयर्स का कहना है कि आईपीओ बाजार के लिए ASBA के अमल में आए हुए एक दशक से भी अधिक का समय हो गया है, लेकिन इसे सेकेंडरी मार्केट में लाने पर अधिक जटिल चुनौतियों का सामना करना पड सकता है।

ग्राहक द्वारा एक दिन में किए जाने वाले कई ट्रेड के लिए पैसे को ब्लॉक करने और अनब्लॉक करने के बहुत सारे उदाहरण होंगे। इसके अलावा, ASBA में भी, विफलता दर और ब्लॉक करने में अधिक समय लगने जैसे मुद्दे हैं।

5पैसा के सीईओ प्रकाश गगदानी कहते हैं, 'वहीं इसका सकारात्मक पक्ष यह है कि, पूरी फंड ट्रांसफर की प्रक्रिया क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? मानकीकृत होगी। मुझे लगता है कि बैंकों, ब्रोकर्स और अन्य बिचौलियों के बीच परिचालन कार्यान्वयन में लगने वाले वक्त के मद्देनजर इसे लागू होने में कुछ समय लगेगा।'

एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज मेंबर्स ऑफ इंडिया (एएनएमआई) के अध्यक्ष कमलेश शाह कहते हैं, 'मार्जिन सिस्टम को नई प्रणाली के साथ संबद्व करने की आवश्यकता होगी। फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस (एफएंडओ) में, केवल मार्जिन कलेक्ट किया जाता है। नई प्रणाली के के तहत निवेशक द्वारा बैंक को कई निर्देश देने की आवश्यकता हो सकती है। कई इंट्राडे ट्रेड करने वाले लोगों के लिए यह एक चुनौतीपूर्ण काम होगा।'

Options Trading: क्‍या होती है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग? कैसे कमाते हैं इससे मुनाफा और क्‍या हो आपकी रणनीति

Options Trading: निश्चित ही ऑप्‍शंस ट्रेडिंग एक जोखिम का सौदा है. हालांकि, अगर आप बाजार के बारे में जानकारी रखते हैं और कुछ खास रणनीति बनाकर चलते हैं तो इससे मुनाफा अर्जित कर सकते हैं.

By: मनीश कुमार मिश्र | Updated at : 18 Oct 2022 03:40 PM (IST)

ऑप्‍शंस ट्रेडिंग ( Image Source : Getty )

डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) भारतीय बाजार के दैनिक कारोबार में 97% से अधिक का योगदान देता है, जिसमें ऑप्शंस एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनता है. निवेशकों के बीच बाजार की जागरूकता बढ़ने के साथ, ऑप्शंस ट्रेडिंग (Options Trading) जैसे डेरिवेटिव सेगमेंट (Derivative Segment) में रिटेल भागीदारी में उछाल आया है. इसकी मुख्‍य वजह उच्च संभावित रिटर्न और कम मार्जिन की आवश्यकता है. हालांकि, ऑप्शंस ट्रेडिंग में उच्च जोखिम शामिल है.

क्‍या है ऑप्‍शंस ट्रेडिंग?

Options Trading में निवेशक किसी शेयर की कीमत में संभावित गिरावट या तेजी पर दांव लगाते हैं. आपने कॉल और पुष ऑप्‍शंस सुना ही होगा. जो निवेशक किसी शेयर में तेजी का अनुमान लगाते हैं, वे कॉल ऑप्‍शंस (Call Options) खरीदते हैं और गिरावट का रुख देखने वाले निवेशक पुट ऑप्‍शंस (Put Options) में पैसे लगाते हैं. इसमें एक टर्म और इस्‍तेमाल किया जाता है स्‍ट्राइक रेट (Strike Rate). यह वह भाव होता है जहां आप किसी शेयर या इंडेक्‍स को भविष्‍य में जाता हुआ देखते हैं.

जानकारी के बिना ऑप्शंस ट्रेडिंग मौके का खेल है. ज्‍यादातर नए निवेशक ऑप्शंस में पैसा खो देते हैं. ऑप्शंस ट्रेडिंग में जाने से पहले कुछ बुनियादी बातों से परिचित होना आवश्यक है. मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज के हेड - इक्विटी स्ट्रैटेजी, ब्रोकिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन हेमांग जानी ने ऑप्‍शंस ट्रेडिंग को लेकर कुछ दे रहे हैं जो आपके काम आ सकते हैं.

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धन की आवश्यकता: ऑप्शंस की शेल्फ लाइफ बहुत कम होती है, ज्यादातर एक महीने की, इसलिए व्यक्ति को किसी भी समय पूरी राशि का उपयोग नहीं करना चाहिए. किसी विशेष व्यापार के लिए कुल पूंजी का लगभग 5-10% आवंटित करना उचित होगा.

ऑप्शन ट्रेड का मूल्यांकन करें: एक सामान्य नियम के रूप में, कारोबारियों को यह तय करना चाहिए कि वे कितना जोखिम उठाने को तैयार हैं यानी एक एग्जिट स्‍ट्रेटजी होनी चाहिए. व्यक्ति को अपसाइड एग्जिट पॉइंट और डाउनसाइड एग्जिट पॉइंट को पहले से चुनना होगा. एक योजना के साथ कारोबार करने से व्यापार के अधिक सफल पैटर्न स्थापित करने में मदद मिलती है और आपकी चिंताओं को अधिक नियंत्रण में रखता है.क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है?

जानकारी हासिल करें: व्यक्ति को ऑप्शंस और उनके अर्थों में आमतौर पर इस्तेमाल किए जाने वाले कुछ जार्गन्स से परिचित होने का प्रयास करना चाहिए. यह न केवल ऑप्शन ट्रेडिंग से अधिकतम लाभ प्राप्त करने में मदद करेगा बल्कि सही रणनीति और बाजार के समय के बारे में भी निर्णय ले सकता है. जैसे-जैसे आप आगे बढ़ते हैं, सीखना संभव हो जाता है, जो एक ही समय में आपके ज्ञान और अनुभव दोनों को बढ़ाता है.

इलिक्विड स्टॉक में ट्रेडिंग से बचें: लिक्विडिटी बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह व्यक्ति को ट्रेड में अधिक आसानी से आने और जाने की अनुमति देता है. सबसे ज्यादा लिक्विड स्टॉक आमतौर पर उच्च मात्रा वाले होते हैं. कम कारोबार वाले स्टॉक अप्रत्याशित होते हैं और बेहद स्पेक्युलेटिव होते हैं, इसलिए यदि संभव हो तो इससे बचना चाहिए.

होल्डिंग पीरियड को परिभाषित करें: वक्‍त ऑप्शंस के मूल्य निर्धारण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रत्येक बीतता दिन आपके ऑप्शंस के मूल्य को कम करता है. इसलिए व्यक्ति को भी पोजीशन को समय पर कवर करने की आवश्यकता होती है, भले ही पोजीशन प्रॉफिट या लॉस में हो.
मुख्‍य बात यह जानना है कि कब प्रॉफिट लेना है और कब लॉस उठाना है. इनके अलावा, व्यक्ति को पोजीशन की अत्यधिक लेवरेज और एवरेजिंग से भी बचना चाहिए. स्टॉक ट्रेडिंग की तरह ही, ऑप्शंस ट्रेडिंग में ऑप्शंस खरीदना और बेचना शामिल है या तो कॉल करें या पुट करें.

ऑप्शंस बाइंग के लिए सीमित जोखिम के साथ एक छोटे वित्तीय निवेश की आवश्यकता होती है अर्थात भुगतान किए गए प्रीमियम तक, जबकि एक ऑप्शंस सेलर के रूप में, व्यक्ति बाजार का विपरीत दृष्टिकोण रखता है. ऑप्शंस को बेचते वक्त माना गया जोखिम मतलब नुकसान मूल निवेश से अधिक हो सकता है यदि अंतर्निहित स्टॉक (Underlying Stocks) की कीमत काफी गिरती है या शून्य हो जाती है.

ऑप्शंस खरीदते या बेचते समय कुछ नियमों का पालन करना चाहिए:

  • डीप-आउट-ऑफ-द-मनी (OTM) विकल्प केवल इसलिए न खरीदें क्योंकि यह सस्ता है.
  • समय ऑप्शन के खरीदार के खिलाफ और ऑप्शन के विक्रेता के पक्ष में काम करता है. इसलिए समाप्ति के करीब ऑप्शन खरीदना बहुत अच्छा विचार नहीं है.
  • अस्थिरता ऑप्शन के मूल्य को निर्धारित करने के लिए आवश्यक कारकों में से एक है. इसलिए आम तौर पर यह सलाह दी जाती क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? है कि जब बाजार में अस्थिरता बढ़ने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस खरीदें और जब अस्थिरता कम होने की उम्मीद हो तो ऑप्शंस बेचें.
  • प्रमुख घटनाओं या प्रमुख भू-राजनीतिक जोखिमों से पहले ऑप्शंस बेचने के बजाय ऑप्शंस खरीदना हमेशा बेहतर होता है.

नियमित अंतराल पर प्रॉफिट की बुकिंग करते रहें या प्रॉफिट का ट्रेलिंग स्टॉप-लॉस रखें. अगर सही तरीके से अभ्यास किया जाए तो ऑप्शंस ट्रेडिंग से कई गुना रिटर्न्स प्राप्‍त किया जा सकता है.

(डिस्‍क्‍लेमर : प्रकाशित विचार एक्‍सपर्ट के निजी हैं. शेयर बाजार में निवेश करने से पहले अपने निवेश सलाहकार की राय अवश्‍य लें.)

Published at : 18 Oct 2022 11:42 AM (IST) Tags: Options Trading Derivatives Call Option Put Option Trading in Options Stop loss हिंदी समाचार, ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें abp News पर। सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट एबीपी न्यूज़ पर पढ़ें बॉलीवुड, खेल जगत, कोरोना Vaccine से जुड़ी ख़बरें। For more related stories, follow: Business News in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स

शेयर मार्केट के किसी भी सेगमेंट में निवेश करके मुनाफा कमाने के लिए उससे जुड़े प्रत्येक टर्म की जानकारी होना आवश्यक है, जैसे ऑप्शन ट्रेडिंग। कई ट्रेडर्स और निवेशक ऑप्शन ट्रेडिंग को काफी जोखिम भरा मानते है और इनके अनुसार इस ट्रेडिंग सेगमेंट में नुकसान की संभावना ज्यादा रहती है। कई क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? ट्रेडर नुकसान की संभावना को कम करने के लिए अक्सर सही ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स की तलाश में रहते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग (option trading in hindi) का मतलब आप विशेष सिक्योरिटी को विशेष दिन पर विशेष कीमत पर बेचने या खरीदने का अवसर पाते हैं। लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग के पीछे का विचार यह होता है की यह काफी जटिल और जोखिम भरा है।

लेकिन असलियत में इसे समझना और मुनाफा कमाना काफी आसान है। इसलिए, आज हम ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स के बारे में चर्चा करेंगे। जिसका अनुसरण करके आप आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं।

Option Trading Tips in Hindi

ऑप्शन ट्रेडिंग की जटिलता और इससे जुड़े जोखिम की संभावना को खत्म करने के लिए आपको ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स का अनुसरण करना जरुरी है। आप ऑप्शन ट्रेडिंग टिप्स को समझकर आसानी से मुनाफा कमा सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग के 5 टिप्स इस प्रकार हैं:-

1. स्टॉक ट्रेडिंग के अलावा ऑप्शन ट्रेडिंग आपके लिए बेहतर विकल्प हो सकता है

स्टॉक ट्रेडिंग के दौरान ट्रेडर अक्सर इस समस्या का सामना करते हैं की स्टॉक्स को रखें या बेच दें?

चाहे कोई नया ट्रेडर हो या अनुभवी ट्रेडर, उसे अक्सर इस परेशानी का सामना करना पड़ता है।

लेकिन समस्या का शिकार वैसे लोग होते हैं जिन्हें ऑप्शन ट्रेडिंग के बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि ऑप्शन ट्रेडिंग में आप ऑप्शन का उपयोग करके आप अपनी पोजीशन को हेज (Hedging meaning in Hindi) कर सकते हैं।

स्टॉक ट्रेडिंग में आप स्टॉक्स खरीदते हैं और उसके कीमत में बढ़ोतरी होने पर आप उसे बेच देते हैं।

लेकिन ऑप्शन ट्रेडिंग में शेयर मार्केट की अस्थिरता (Volatility) के बावजूद आप सही रणनीति का उपयोग करके लाभ कमा सकते हैं।

स्टॉक ट्रेडिंग में स्टॉक की दिशा का सही अनुमान लगाना आपके अनुभव पर निर्भर करता है। वहीं दूसरी ओर ऑप्शन में आप कम निवेश और कम जोखिम के साथ लॉन्ग टर्म या शार्ट टर्म के लिए ट्रेड कर सकते हैं। यह विकल्प आपको स्टॉक ट्रेडिंग में नहीं मिलता है।

ऑप्शन ट्रेडिंग उनलोगों के लिए बेहतर विकल्प है जो कम निवेश और कम जोखिम की संभावना के साथ ट्रेड करना चाहते हैं।

2. स्टॉक ट्रेडिंग की तुलना में आप ऑप्शन ट्रेडिंग से ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं

आप विश्वाश करें या नहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में आप नुकसान की स्थिति में भी मुनाफा कमा सकते हैं।

जब आप एक स्टॉक खरीदते हैं, उसके बाद आप स्टॉक की कीमत में बढ़ोतरी होने पर ही मुनाफा कमाते हैं। स्टॉक के शार्ट सेल के समय आप केवल स्टॉक की कीमत में गिरावट आने पर मुनाफा कमाते हैं।

कल्पना करें की आपकी पोजीशन शेयर मार्केट में बुलिश (Bullish) हैं, आप तभी पैसा कमा सकते हैं यदि स्टॉक के कीमत में बढ़ोतरी हो। लेकिन अगर स्टॉक स्थिर हो या उसमें गिरावट की संभावना होती है तब आप मुनाफा नहीं कमा सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग में चाहे मार्केट तेजी (Bullish), मंदी (Bearish) या स्थिर हो, आप फिर भी लाभ कमाने का अवसर पाते हैं।

3. डर और लालच से भी ऑप्शन ट्रेडर ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं

प्रसिद्ध स्टॉक मार्केट निवेशक ‘वारेन बुफेट’ का यह कहना है की “जब लोगों के बीच डर हो तब आप लालची बन जाओ और जब लोग लालच करें तब आप डर जाओ” । मुनाफेदार स्टॉक चुनने के लिए इस तथ्य का उपयोग किया जा सकता है।

कोविड के समय स्टॉक मार्केट पूरी तरह क्रैश हो गया था उस समय काफी लोग डरे हुए थे, लेकिन कुछ ऑप्शन ट्रेडर ऐसे भी थे जिन्होने उस समय उस पुरे साल के बराबर मुनाफा कमा लिया। जब शेयर मार्केट में गिरावट हुई थी तब बहुत लोग डर की वजह से अपने शेयर्स बेच रहे थे और वहीं दूसरी ओर कई लोग बहुत ज्यादा निवेश कर रहे थे।

इसका मतलब यह की जब लोगों के बीच डर हो तब आप ज्यादा मुनाफा कमाने का अवसर पाते हैं।

जैसाकि हम जानते हैं की खबर के आधार पर शेयर मार्केट के शेयर प्राइस में गिरावट और उछाल आती है। इस मामले में ऑप्शंस का सही उपयोग करके आप मुनाफा कमा सकते हैं, आपको लालच और भय को समझकर इसमें अवसर देखने की जरुरत होती है।

अनुभवी ट्रेडर बाजार की अस्थिरता का उपयोग करके अक्सर अच्छा कमाते हैं।

4. ऑप्शन पोर्टफोलियो को बढ़ा सकते हैं, इसके जैसा कोई दूसरा टूल उपलब्ध नहीं है

स्टॉक ट्रेडिंग में कई बार ऐसी स्थिति आ जाती है, जब शेयर मार्केट क्रैश होने लगता है। अगर आपने अपने पोर्टफोलियो में लॉन्ग टर्म के लिए स्टॉक रखे हैं, जिससे आपके पोर्टफोलियो पर क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? भी काफी ज्यादा असर पड़ता है और आपके पोर्टफोलियो में भी गिरावट आने लगती है।

लेकिन पोर्टफोलियो को बढ़ाने का यह अर्थ नहीं की आप जोखिम जोड़ रहें है बल्कि इसका अर्थ यह हो सकता है की आप ऑप्शंस का उपयोग करके जोखिम को कम और पोर्टफोलियो में आय डालते हैं लेकिन यह स्टॉक ट्रेडिंग में संभव नहीं है।

स्टॉक ट्रेडिंग में गिरावट आने से आपके पोर्टफोलियो में भी गिरावट आने लगती है। आप शेयर मार्केट क्रैश

होने पर नुकसान को नहीं रोक सकते हैं, लेकिन अगर आप अपने पोर्टफोलियो में रखे हुए स्टॉक का ऑप्शन खरीदकर आपकी नुकसान की संभावना खत्म हो जाती है।

5. धैर्य ऑप्शन ट्रेडिंग में मुनाफा कमाने का जरिया है

ट्रेडिंग में अच्छे ट्रेड होते हैं, खराब ट्रेड होते हैं, कुछ जीतने वाले अच्छे ट्रेड होते हैं, जो नुकसान में बदल जाते हैं, कुछ ख़राब ट्रेड होते हैं, जो लाभ में बदल जाते हैं। लेकिन ये सभी तथ्य आपके धैर्य पर निर्भर करता है।

स्टॉक ट्रेडर और ऑप्शन ट्रेडर के बीच एक बात सामान्य है, धैर्य। ट्रेडिंग के दौरान सक्रिय (Active) रहना

जरुरी है क्योंकि सही समय पर सही निर्णय लेना फायदेमंद होता है। लेकिन अगर आप धैर्य के साथ

निर्णय लेते हैं, तब आपके नुकसान की संभावना काफी कम हो जाती है।

अगर आपके पास कोई योजना नहीं है और आप ट्रेडिंग के दौरान सक्रिय नहीं रहते हैं, तब आपके नुकसान होने की संभावना ज्यादा रहती है।

स्मार्ट ट्रेडिंग पर ध्यान केंद्रित करके आप अच्छे और बुरे ट्रेडिंग के बीच अंतर को आसानी से समझ सकते हैं।

विशेषज्ञ हमेशा कहते हैं “Time is Money” और यह वाक्य ऑप्शन बेचने वालों पर सही बैठती है, अब हम जानते हैं की धैर्य से लाभ को बढ़ा सकते हैं लेकिन यह सिर्फ ऑप्शन बेचने वालों के लिए है।

ऑप्शन खरीदने वालों के लिए समय सबसे बड़ा दुश्मन है। क्योंकि ऑप्शन होल्ड करने से समय के साथ ऑप्शन की कीमत कम होती जाएगी।

आप ऑप्शन ट्रेडिंग की जटिलताओं को कम करने के लिए आप ऊपर में बताए गए सभी शेयर मार्केट टिप्स का अनुसरण कर सकते हैं।

स्टॉक ट्रेडिंग में ट्रेडर मार्केट की अस्थिरता के आधार पर मुनाफा कमाते हैं, जिससे उन्हें कई बार नुकसान का भी सामना करना पड़ता है। लेकिन आप ऑप्शन ट्रेडिंग में अस्थिरता होने पर उचित रणनीति का उपयोग करके मुनाफा कमा सकते हैं।

ऑप्शन ट्रेडिंग में मार्केट की स्थिति चाहे तेजी (Bullish) हो, मंदी (Bearish) हो, या स्थिर हो आप मुनाफा कमा सकते हैं।

आप मार्केट की सही स्थिति का पता लगाकर भी शेयर मार्केट में मुनाफा कमा सकते हैं। शेयर मार्केट में गिरावट आने पर भी आप स्टॉक के ऑप्शन चुनकर आप मुनाफा कमा सकते हैं।

आपके ट्रेडिंग के दौरान सक्रिय रहने और धैर्य रखने से आप शेयर मार्केट में मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन आप ऑप्शन बेचने समय ही धैर्य रखें, इससे आपके लाभ में बढ़ोतरी की संभावना रहती है। लेकिन ऑप्शन खरीदने वालों के लिए धैर्य रखना नुकसान दायक होता है क्योंकि ऑप्शन की कीमत समय के साथ कम होती जाएगी।

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बिना रिस्क Stock Market से की जा सकती है कमाई, ये है इसका 'खास' तरीका

शेयर बाजार ही एकमात्र साधन है, जिसकी मदद से कम पूंजी के जरिए बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है, क्योंकि शेयर बाजार ने ही लंबे पीरियड में बेहतरीन रिटर्न दिया है.

शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है.

शेयर बाजार हमेशा से जोखिम भरा रहा है. शेयरों में उतार-चढ़ाव आम आदमी के समझ नहीं आते. लेकिन, बाजार की रिकॉर्ड ऊंचाई और लगातार मिलने वाला बड़ा रिटर्न आकर्षित जरूर करता है. शेयर बाजार ही एकमात्र साधन है, जिसकी मदद से कम पूंजी के जरिए बड़ी पूंजी बनाई जा सकती है, क्योंकि शेयर बाजार ने ही लंबे पीरियड में बेहतरीन रिटर्न दिया है. अगर आप भी शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहते हैं, लेकिन पैसा खोने का डर है तो रिस्क फ्री कमाई का एक तरीका है. इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं. हम शेयर बाजार में निवेश करके पैसा कमाने के कुछ खास तरीके बता रहे हैं, जिनकी मदद से बिना जोखिम अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

ट्रेडबुल्स सिक्योरिटीज के डायरेक्टर और सीओओ ध्रुव देसाई के मुताबिक, पिछले साल शेयर बाजार ने 18 फीसदी तक रिटर्न दिया है. लिहाजा नए निवेशक बाजार में कुछ छोटी पूंजी से शुरुआत कर सकते हैं. बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है. लिहाजा निवेश करने के लिए यह सही समय है. अच्छे शेयरों में लंबी अवधि का निवेश हमेशा फायदेमंद रहता है. इक्विटी में निवेश अच्छा विकल्प है. इसे एक अच्छे निवेश साधन के रूप में देखना चाहिए.

लंबी अवधि के लिए लगाएं दांव
शेयर बाजार के एक्सपर्ट्स बताते हैं कि शेयर बाजार में आप जितने कम समय के नजरिए से पैसे लगाते हैं. आपका जोखिम उतना ही अधिक होता है. अगर आप किसी शेयर में कुछ घंटों या कुछ दिनों के लिए पैसे लगा रहे हैं तो यह जुए की तरह है यानी शेयर बाजार में जोखिम कम करने का सबसे पहला तरीका यह है कि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करें. यहां लंबी अवधि कहने से मतलब कम से कम तीन साल है. इससे अधिक आप कितने साल तक बने रहते हैं, यह आपकी इच्छा पर निर्भर है.

इन शेयरों से बनाएं दूरी
शेयर बाजार में आपको ढेरों ऐसे शेयर मिल जाएंगे, जिनकी कीमत काफी कम है. आपको एक रुपए से कम के भी ढेरों शेयर मिल जाएंगे. ऐसे शेयर देखकर काफी लोग लालच में पड़ जाते हैं. निवेशकों को लगता है कि 50 पैसे का शेयर कुछ ही दिनों में एक रुपए का हो सकता है. इस तरह कुछ ही दिनों में उनकी पूंजी दो गुनी हो जाएगी. लेकिन आपके लिए यह जानना जरूरी है कि अगर ये शेयर आज इतने कम भाव में मिल रहे हैं, तो उसकी वजह यह है कि फंडामेंटल रूप से इनकी कंपनियां मजबूत नहीं है. ऐसे में बेहतर यही होगा कि आप ऐसे शेयरों से दूर रहें.

समझ आने पर ही करें निवेश
अक्सर आपने अपने दोस्तों, परिचितों को यह कहते सुना होगा कि फ्यूचर्स और ऑप्शंस में उन्होंने काफी पैसे कमाए हैं. ऐसे ही लोग यह भी कहते हैं कि मार्जिन पर काम करके आप कम पैसे में अधिक पूंजी बना सकते हैं, लेकिन अगर आप अपने आप को जोखिम से बचाना चाहते हैं तो इन भुलावों में न पड़ें. इन तरीकों का इस्तेमाल केवल तभी करना चाहिए, जब आपको इनके बारे में काफी अच्छी जानकारी हो. तब आप इनके फायदे और नुकसान दोनों से परिचित हो जाते हैं.

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जानकारी बढ़ेगी, रिस्क घटेगा
आप कोई छोटा से छोटा काम भी करते हैं, तो उसके बारे में पूरी जांच पड़ताल करते हैं. आप बाजार से सब्जी भी खरीदने जाते हैं तो पूरा मोलभाव करते हैं. लेकिन जब आप शेयर बाजार में पैसे लगाते हैं तो कुछ परिचितों के या ब्रोकर के कहने पर ही ऐसा कर देते हैं. जरूरी है कि आप शेयर बाजार क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? से संबंधित जानकारी बढ़ाते जाएं. जैसे-जैसे आपकी जानकारी बढ़ती जाएगी, आप खुद ही यह पाएंगे कि आपका जोखिम घटता चला जाएगा.

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें

हर कोई अपने निवेश से मुनाफा कमाना चाहता क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है.

फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस क्या हैं? निवेश करने से पहले आसान भाषा में समझें

TV9 Bharatvarsh | Edited By: राघव वाधवा

Updated on: Sep 16, 2022 | 5:35 PM

हर कोई अपने निवेश से मुनाफा कमाना चाहता है. मार्केट (बाजार) में निवेश के कई विकल्प मौजूद हैं. आज हम वित्तीय साधनों (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) के बारे में बात करेंगे, जिन्हें फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के तौर पर जाना जाता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस के जरिए न केवल शेयरों में, बल्कि सोने, चांदी, एग्रीकल्चर कमोडिटी और कच्चे तेल (क्रड ऑयल) सहित कई अन्य डेरिवेटिव सेगमेंट में भी कारोबार करके पैसा कमाया जा सकता है. फ्यूचर्स एंड ऑप्शंस को समझने से पहले उस क्या ट्रेडिंग ऑप्शंस से पैसा कमाना संभव है? मार्केट को समझना जरूरी है, जिसमें ये प्रोडक्ट्स खरीदे और बेचे जाते हैं.

इन दोनों प्रोडक्ट का डेरिवेटिव मार्केट में कारोबार होता है. ऐसे कई प्लेटफॉर्म हैं, जहां से ये ट्रेड किए जा सकते हैं. अगर आप भी इसमें शुरुआत करना चाहते हैं, तो 5paisa.com (https://bit.ly/3RreGqO) वह प्लेटफॉर्म है जो डेरिवेटिव ट्रेडिंग में आपका सफर शुरू करने में मदद कर सकता है.

डेरिवेटिव्स क्या होते हैं?

डेरिवेटिव वित्तीय साधन (फाइनेंशियल इंस्ट्रूमेंट) हैं, जो एक अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) या बेंचमार्क से अपनी कीमत (वैल्यू) हासिल करते हैं. उदाहरण के लिए, स्टॉक, बॉन्ड, करेंसी, कमोडिटी और मार्केट इंडेक्स डेरिवेटिव में इस्तेमाल किए जाने वाले कॉमन एसेट हैं. अंतर्निहित परिसंपत्ति (अंडरलाइंग एसेट) की कीमत बाजार की स्थितियों के मुताबिक बदलती रहती है. मुख्य रूप से चार तरह के डेरिवेटिव कॉन्ट्रेक्ट हैं – फ्यूचर (वायदा), फॉरवर्ड, ऑप्शन और स्वैप.

फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट (वायदा अनुबंध) क्या है?

फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट के जरिए खरीदार (या विक्रेता) भविष्य में एक पूर्व निर्धारित तिथि पर एक पूर्व निर्धारित मूल्य पर संपत्ति खरीद या बेच सकता है. वायदा कारोबार (फ्यूचर ट्रेडिंग) करने वाले दोनों पक्ष अनुबंध (कॉन्ट्रैक्ट) को पूरा करने के लिए बाध्य होते हैं. इन अनुबंधों का स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार होता है. वायदा अनुबंध की कीमत अनुबंध खत्म होने तक मार्केट के हिसाब से बदलती रहती है.

एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (विकल्प अनुबंध) क्या है?

ऑप्शन एक अन्य तरह का डेरिवेटिव कॉन्ट्रैक्ट है, जो खरिदार (या विक्रेता)को भविष्य में एक खास कीमत पर एक अंतर्निहित परिसंपत्ति को खरीदने या बेचने का अधिकार देता है, लेकिन उस तारीख पर शेयर खरीदने या बेचने की कोई बाध्यता नहीं होती है. इस स्थिति में अगर जरूरी हो, तो वह किसी भी समय ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट (विकल्प अनुबंध) से बाहर निकल सकता है. लेकिन फ्यूचर कॉन्ट्रैक्ट (वायदा अनुबंध) में ऐसा करना संभव नहीं है. आपको फ्यूचर डिलीवरी के समय कॉन्ट्रैक्ट (अनुबंध) पूरा करना होगा. दो तरह के ऑप्शन (विकल्प) हैं. पहला है कॉल ऑप्शन और दूसरा है पुट ऑप्शन. कॉल ऑप्शन संपत्ति (एसेट) खरीदने का अधिकार देता है जबकि पुट ऑप्शन बेचने का अधिकार देता है.

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