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Mukhyamantri Work From Home Yojana 2022 राजस्थान वर्क फ्रॉम होम योजना

Mukhyamantri Work From Home Yojana 2022 | Rajasthan Work From Home Yojana 2022 | CM | महिलाओं के लिए सरकारी योजनाएं राजस्थान में | मुख्यमंत्री वर्क फ्रॉम होम योजना | उदेश्य | पात्रता | आयु सीमा | आवेदन.

Mukhyamantri Work From Home Yojana 2022: राजस्थान सरकार के द्वारा राज्य की महिलाओ को रोजगार प्रदान करने के लिए राजस्थान वर्क फ्रॉम होम योजना का संचालन किया गया है। इस योजना के माध्यम से राज्य की महिला घर बैठे कार्य कर सकेंगी और एक अच्छी आमदनी अर्जित कर सकेंगे।

Rajasthan Work From Home Yojana 2022

राजस्थान वर्क फ्रॉम होम योजना 2022 का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। रोजगार व आजीविका के क्षेत्र में महिलाओं के योगदान को बढाने, महिलाओं को आत्मनिर्भर व स्वावलम्बी बनाने के लिए महिलाओं को वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाये जाने के उद्देश्य से वित्तीय वर्ष 2022-23 में ऐसी महिलायें जो Work from Home कर अपने परिवार की आजीविका में योगदान दे सकती हैं, उनके लिए राजस्थान में मुख्मंत्री वर्क फ्रॉम होम जॉब वर्क योजना शुरू कर दी है।

Mukhyamantri Work From Home Yojana 2022

23 फरवरी 2022 को राजस्थान सरकार ने अपने राज्य की महिलाओं के लिए राजस्थान वर्क फ्रॉम होम योजना की शुरुआत की है। राजस्थान वर्क फ्रॉम होम स्कीम के तहत राज्य की महिलाओं को घर से ही काम करने के लिए रोजगार प्रदान किया जाएगा। प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत जी के द्वारा यह भी जानकारी प्रदान की गई है कि इस योजना के तहत सरकार द्वारा 100 करोड़ों रुपए के बजट का आवंटन किया गया है। प्रदेश की लगभग 20000 महिलाओं को इस योजना के तहत लाभान्वित किया जाएगा।

Mukhyamantri Work From Home Yojana 2022 Mukhyamantri Work From Home Yojana 2022 राजस्थान वर्क फ्रॉम होम योजना

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CM Work From Home Yojana 2022 के अंतर्गत किए जाने वाले कार्य

विभिन्न विभागो जैसे वित्त विभाग, महिला अधिकारिता विभाग, कार्मिक विभाग, विद्यालय एवं उच्च व तकनीकि शिक्षा और सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग के स्तर से वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से करवाएं जा सकने वाले कार्यों यथा टाईपिंग, डिक्टेशन, डॉक्यूमेंटेशन इत्यादि का चिन्हिकरण कर निर्देश जारी करना।

  • वित्त विभाग- समस्त राजकीय विभागों, स्वायत्तशासी निकायो, राजकीय एजेन्सियों एवं सार्वजनिक उपक्रमों में सीए ऑडिट अकाउटिंग से सम्बंधित कार्य महिलाओं से वर्क फ्रॉम होम – जॉब वर्क के रूप में करवाये जा सके इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश जारी किये जायेगे।
  • सूचना प्रौधोगिकी एवं संचार विभाग– सूचना प्रौधोगिकी से सम्बन्धित कार्य यथा प्रोग्रामिंग, software designing, data analysis, Web Designing, ई मित्र आवंटन में महिलाओ को प्राथमिकता देना तथा शुल्क मे छूट प्रदान कर इन्हे प्रोत्साहित करना ।
  • विद्यालय एवं उच्च व तकनीकि शिक्षा – नियमित अध्ययनरत तथा दूरस्थ शिक्षा से जुड़े हुए विद्यार्थियो को महिला विषय विशेषज्ञों से ऑन लाईन प्रशिक्षण, विद्यार्थियों को दी जाने वाली स्कूल ड्रेस की सिलाई, राजकीय छात्रावासों में उपयोग में लिये जाने वालें वस्त्रों बेडसीटो, पद, इत्यादि की धुलाई.
  • कार्मिक विभाग – विभिन्न विभागो के स्तर से वर्क फ्रॉम होम के माध्यम से करवाएं जा सकने वाले कार्यों तथा टाईपिंग, डिक्टेशन, डॉक्यूमेंटेशन इत्यादि का चिन्हिकरण कर निर्देश जारी करना।
  • महिला अधिकारिता विभाग – विभाग के अन्तर्गत काउंसलिंग सेवाएं वर्क फ्रॉम होम- जॉब वर्क के तहत करवाना।

Rajasthan CM Work From Home Yojana 2022

ऐसे कार्य जिनका चिन्हीकरण किया जायेगा तथा दुसरे चरण में उन्हें वर्क फॉर्म होम जॉब वर्क के रूप में करवाए जाने के बाबत कार्यवाही की जाएगी । इस हेतु खर्चा विभाग द्वारा अपने यहाँ विद्यमान योजनाओ हेतु आवंटित बजट में से किया जायेगा। विस्तृत जानकारी के लिए ऑफिशियल नोटिफिकेशन को देखे लिंक नीचे दिया हुआ है।

  • Medical Health and Family Welfare Department: महिला विशेषज्ञ चिकित्सको से ऑनलाइन परामर्श सेवा, ट्रांसक्रिप्संन, चिकित्सालयों मिएँ उपयोंग में लिए जाने वाले वस्त्रो की सिलाई का कार्य इसमें जिनको प्रशिक्षण नही है उन्हे प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • Department of Skill, Employment and Entrepreneurship: रोजगार मेलो/शिविरों का आयोजन कर इनसे ऐसे नियोजनकर्ता की भागीदारी सुनिश्चित करना जो वर्क फॉर्म होम जॉब वर्क के रूप में रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाते है।
  • Rajasthan Skill Development and Livelihood Development Corporation: राजस्थान कौशल विकास एवम आजीविका विकास निगम द्वारा ट्रेनिंग पार्टनर के माध्यम से करवाए जा रहे प्रशिक्ष्ण प्राप्त महिलाओ में से कम से कम 10% महिलाओ को वर्क फॉर्म होमने जॉब वर्क से जोड़ना।
  • Rajasthan Co-operative Dairy Federation (RCDF): दुग्ध एवम दुग्ध से बने उत्पादों के प्रसस्करण एवम विपणन सबंधित कार्यो में महिलाओ को वर्क फॉर्म होम जॉब वर्क से जोड़ना।CM Work for Home Scheme

Work From Home Yojana 2022 Rajasthan Guidlines

  • विभाग द्वारा प्रदत्त लक्ष्यों के अनुरूप महिलाओं को वर्क फ्रॉम हॉम-जॉब वर्क से जोड़ना।
  • तकनीकी / कौशल एवं अन्य किसी क्षेत्र में दक्ष महिलाओं को जो वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क करने की इच्छुक है उनके अधिकाधिक आवेदन आमंत्रण हेतु प्रयास करना।
  • पोर्टल पर प्राप्त डाटा का विश्लेषण तथा रिपोर्ट जनरेशन।
  • सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के नियोजकों से सम्पर्क एवं समन्वय कर उनके यहाँ उपलब्ध वर्क फ्रॉम हॉम- जॉब वर्क के अवसरों की पहचान करना तथा महिलाओं को इनसे जोड़ना।
  • योजना के प्रचार–प्रसार हेतु आईईसी सामग्री तैयार करना।
  • योजना से औद्योगिक संस्थाओं को जोड़ने तथा उनके संवेदीकरण हेतु कार्यशाला, सेमिनार इत्यादि का आयोजन।
  • योजना के माध्यम से वर्क फ्रॉम हॉम–जॉब वर्क से लाभान्वित महिला की समय-समय पर ट्रेकिंग, मोनिटरिंग कर विभाग को रिपोर्ट करना।
  • पोर्टल पर प्राप्त डाटा का विश्लेषण करते हुए विभाग को नवाचार संबन्धी सुझाव देना।

निदेशालय महिला अधिकारिता द्वारा DOiT&C के माध्यम से पोर्टल तैयार करवाया जाएगा तथा इस पोर्टल पर वर्क फ्रॉम होम-जॉब वर्क के अवसर उपलब्ध करवाने वाले नियोजनकर्ताओं को इससे जोड़ा जाएगा। तदनुसार इच्छुक महिलाओं का पंजीकरण करवाया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन हेतु निदेशालय महिला अधिकारिता में योजना क्रियान्वयन इकाई का गठन किया जाएगा। जिसके द्वारा ऊपर लिस्ट में दिए गए कार्य किये जाएगें। विस्तृत जानकारी के लिए ऑफिशल नोटिफिकेशन को देख सकते हैं, जिसका डायरेक्ट लिंक नीचे दिया हुआ है।

राजस्थान वर्क फ्रॉम होम योजना के तहत आवेदन कैसे करें?

जो आवेदक योजना के अंतर्गत आवेदन करना चाहते हैं, वह नीचे दी गयी आधिकारिक वैबसाइट के माध्यम से कर सकते है, इस योजना के लिए जनाधार और आधार कार्ड नंबर से रजिस्ट्रेशन कर सकते है।

Raj Mukhyamantri Work From Home Yojana Imp Link

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CM Work From Home Yojana 2022: FAQ’s

Q.1: क्‍या शुरुआती के लिए विस्तृत निर्देश इस योजना में ऑफलाइन आवेदन किया जा सकता है?

Ans: जी नहीं, आप वर्क फ्रॉम होम योजना में ऑफलाइन आवेदन नहीं कर सकते हैं,आपको ऑनलाइन आवेदन करना होगा ।

Q.2: वर्क फ्रॉम होम योजना के तहत जागृति फाउंडेशन की वेबसाइट पर आवेदन क्‍यों करना पड़ता है?

Ans: जागृति फाउंडेशन राजस्‍थान सरकार का Initiative है, इस योजना का क्रियान्‍यवयन महिला अधिकारिकता निदेशालय तथा जागृति फाउंडेशन संयुक्‍त रूप से कर रहे हैं।

Q.3: वर्क फ्रॉम होम योजना और बैक टू वर्क योजना में क्‍या अंतर है?

Ans: Work from Home Yojana के तहत महिलाओं को घर बैठे ही काम उपलब्‍ध कराया जाता है, जबकि बैक टू वर्क योजना में महिलायें घर से बाहर जाकर भी काम कर सकती हैं।

Q.4: जो महिलायें काम काज के लिये योग्य नहीं हैं, क्‍या वह आवेदन कर सकती हैं?

Ans: योजना के तहत आवेदन करने वाली अनस्किल्‍ड महिलायें जिन्‍होंने काम तो किया है, लेकिन पूरी तरह योग्य नहीं हैं, उन्‍हें इस योजना के तहत प्रशिक्षण उपलब्‍ध कराया जाता है।

निर्माण कार्य स्थल का औचक निरीक्षण 50 लाख जुर्माना लगाने का निर्देश: गोपाल राय

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर, 2020: दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने आज एनसीआरटीसी, विकास सदन के नजदीक और जीपीआरए कॉलोनी, नौरोजी नगर निर्माण कार्य स्थल का औचक निरीक्षण किया। एनसीआरटीसी (विकास सदन के नजदीक) के निर्माण स्थल पर दिशा निर्देशों का भारी उल्लंघन करने के कारण डीपीसीसी को 50 लाख जुर्माना लगाने का निर्देश दिया। इस दौरान उन्होंने निर्माण साइट से धूल को उड़ने से रोकने के लिए दिल्ली सरकार के जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन करने का निर्देश दिया। पर्यावरण मंत्री ने निरीक्षण के दौरान जीपीआरए कॉलोनी ,नौरोजी नगर में चल रहे निर्माण कार्य पर नियमों का उल्लंघन नहीं पाया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर धूल उड़ने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने एंटी डस्ट अभियान शुरू किया है। इसके तहत दिल्ली के अंदर चल रहे सभी छोटे-बड़े निर्माण साइट्स के लिए विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए गए है, जिसे सभी को पालन करना आवश्यक है और उल्लंघन करने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, श्री गोपाल राय ने बताया कि सीएम अरविंद केजरीवाल 13 अक्टूबर को गालिबपुर गांव में बाॅयो डीकंपोजर से तैयार घोल के छिड़काव की शुरूआत करेंगे। अभी तक पूरे दिल्ली से करीब 1500 एकड़ जमीन पर घोल के छिड़काव के लिए आवेदन मिले हैं।पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने सबसे पहले जीपीआरए सेवा सदन, नेताजी नगर और आईटीडी सीईएम, कस्तुरबा नगर में चल रहे ध्वस्तीकरण कार्य का स्थलीय किया। जीपीआरए सेवा सदन, नेताजी नगर साईट पर एक ही एंटी स्माग गन लगाये गए हैं।

वहां एक और एंटी स्माॅग गन लगाने के निर्देश दिए गए हैं। दूसरे एंटी स्माॅग गन को लगाए जाने तक और साथ ही पूर्व में लगाए गए 5 लाख रुपए के जुर्माना को जमा किए बिना काम नहीं शुरू करने का निर्देश दिया गया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर धूल उड़ने से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए दिल्ली सरकार ने अभियान शुरू किया है। उसके तहत दिल्ली सरकार ने कई आवश्यक दिशा-निर्देश जारी किए हैं। दिल्ली में जहां पर भी 20 हजार वर्ग मीटर से बड़ी साइटें हैं और वहां पर निर्माण का काम चल रहा है, दिल्ली सरकार ने ऐसी बड़ी साइट्स पर एंटी स्माॅग गन लगाने के निर्देश दिए हैं। दिल्ली में ऐसे 39 निर्माण साइटों को चिंहित किया गया है, जो 20 हजार वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्रफल की हैं। इसमें से पिछले दिनों 33 साइट्स की रिपोर्ट हमारे पास आई है और रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां पर एंटी स्माॅग गन लगा दिया गया है।

छोटी निर्माण साइट्स से उड़ने वाली धूल से होने वाले प्रदूषण को रोकने के संबंध में श्री गोपाल राय ने कहा कि छोटी निर्माण साइट्स के लिए भी मानदंड बनाए गए हैं। जहां पर भी निर्माण कार्य हो रहे है, वहां पर दिए गए मानदंड का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। सभी निर्माण साइटों पर ग्रीन पार्क लगाना आवश्यक कर दिया गया है। खासतौर पर जब निर्माण साइट पर कर्मचारी मटेरियल लेकर आते-जाते हैं, उस मटेरियल को ढंक कर ले जाने और लाने का निर्देश दिया गया है। दिल्ली सरकार ने छोटी से लेकर बड़ी निर्माण साइट्स के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है। सरकार की तरफ से जारी गाइड लाइंस का निर्माण साइट्स पर पालन हो रहा है या नहीं, इसकी 14 टीमें निगरानी कर रही हैं।
श्री गोपाल राय ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अभी हमारी कोशिश यह है कि प्रदूषण को कम करने के लिए जो भी उपाय किए जा सके हैं, उसको सबसे पहले किया जाए। उन्होंने कहा कि दिल्ली में एंटी डस्ट (धूल विरोधी) अभियान चल रहा है। जाड़े के मौसम में धूल का प्रदूषण भी काफी बढ़ जाता है। दिशा निर्देशों का पालन नहीं करने के लिए जिम्मेदार व्यक्ति/एजेंसी पर नियमानुसार जुर्माना भी किया जाएग। श्री गोपाल राय ने स्पष्ट किया कि दिल्ली के अंदर कहीं पर भी निर्माण साइट पर सरकार के जारी दिशा निर्देशों का उल्लंघन किया जा रहा है, तो वहां कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले में किसी को कोई रियायत नहीं दी जा सकती है।

सीएम श्री अरविंद केजरीवाल 13 अक्टूबर से करेंगे बाॅयो डीकंपोजर से बने घोल के छिड़काव की शुरूआत
पर्यावरण मंत्री श्री गोपाल राय ने कहा कि दिल्ली के अंदर जो पराली जलती है, उसको रोकने के लिए हम लोगों ने पूसा रिसर्च इंस्टीट्यूट के साथ बाॅयो डीकंपोजर तैयार किया है। बाॅयो डीकंपोजर अब तैयार हो गया है और 13 अक्टूबर को गाजीपुर गांव में मुख्यमंत्री श्री अरविंद केजरीवाल जी घोल के छिड़काव की शुरुआत करेंगे। 13 तारीख से एंटी डस्ट अभियान के साथ-साथ दिल्ली के अंदर जहां-जहां से किसानों के आवेदन आए हैं, वहां पर हम लोग बाॅयो डीकंपोजर का छिड़काव काम शुरू करेंगे। अभी तक किसानों से करीब 1500 एकड़ जमीन पर बाॅयो डीकंपोजर के छिड़काव के लिए आवेदन आया है।

बर्थडे बॉय अगस्त्य नंदा के लिए, सिस्टर नव्या की ओर से एक नोट (और एक निर्देश)।

नव्या नवेली नंदा का अपने भाई अगस्त्य नंदा के लिए एक बहुत ही खास संदेश है। आखिर उनका जन्मदिन है। इस मौके पर नव्या ने इंस्टाग्राम पर अपने भाई-बहन की एक थ्रोबैक तस्वीर शेयर की। छवि में, अगस्त्य अपनी बहन को चूमते हुए दिखाई दे रहे हैं, जो वैसे, छवि में एक दांत गायब है। क्या किसी ने आराध्य कहा, अभी तक? फोटो शेयर करते हुए नव्या ने कहा, “जन्मदिन मुबारक हो जूनियर।” ठेठ पुराने शुरुआती के लिए विस्तृत निर्देश भाई-बहन के फैशन में, उसने एक निर्देश भी जोड़ा, जिसमें कहा गया था, “कृपया बदलाव के लिए मेरे कमरे का दरवाजा बंद कर दें।” पोस्ट का जवाब देते हुए, उनकी मां श्वेता बच्चन नंदा ने लिखा, “ठीक है।” शनाया कपूर ने लिखा, “बर्थडे बॉय एग्गी।” अभिनेत्री तिलोत्तमा शोम ने कहा, “ओह, क्या दिल निचोड़ रहा है।” अभिनेता सिकंदर खेर और महीप कपूर ने भी ‘एगी’ को अपनी शुभकामनाएं दीं। रिद्धिमा कपूर साहनी ने पोस्ट के नीचे एक लाल दिल छोड़ दिया।

अगस्त्य नंदा को भी उनके जन्मदिन पर उनकी मां श्वेता बच्चन नंदा का एक विशेष संदेश मिला। लेखक-डिजाइनर ने एक पुरानी तस्वीर भी साझा की। कैप्शन में उन्होंने कहा, “हैप्पी बर्थडे बेटा। शुरुआती के लिए विस्तृत निर्देश कोई भी दुनिया को उस तरह से नहीं देखता जैसा आप देखते हैं, इस उम्र में भी थोड़ा बहुत बुद्धिमान। आप मुझे अतिरिक्त विस्तृत मुस्कान देते हैं। कभी ना रुको।” अभिनेता चंकी पांडे और कुणाल कपूर ने टिप्पणी अनुभाग में अगस्त्य नंदा की कामना की। अभिनेत्री सोनाली बेंद्रे ने कहा, “हैप्पी बर्थडे एगी और उसकी मां को।” महीप कपूर ने कहा, ‘सबसे प्यारे लड़के को जन्मदिन की बधाई। एग्गी, आपको हमेशा शुभकामनाएं।”

अगस्त्य नंदा के चाचा, अभिनेता अभिषेक बच्चन ने भी अपने भतीजे के जन्मदिन को चिह्नित करने के लिए एक थकाऊ तस्वीर साझा की। इसके साथ उन्होंने लिखा, “हैप्पी बर्थडे एग्गी, लव यू।”

काम के मोर्चे पर, अगस्त्य नंदा जल्द ही जोया अख्तर के साथ अपनी शुरुआत करने वाले हैं आर्चीज़. खुशखबरी का जश्न मनाने के लिए, श्वेता बच्चन ने आगामी प्रोजेक्ट से एक नोट के साथ एक स्टिल साझा किया जिसमें लिखा था: “आगे बढ़ो और दिलों को जीतो युवा तुम्हारे गीत गाते हैं और तुम्हारी कहानियां सुनाते हैं। अब आपकी बारी है, इसे गिनें। जोया अख्तर, तुम अब तक की सबसे कूल पाइड पाइपर हो [heart emoji] तुम।

अगस्त्य नंदा नजर आएंगे आर्चीज़ सुहाना खान और ख़ुशी कपूर के साथ अन्य। परियोजना के साथ, वह अपने दादा-दादी जया बच्चन और अमिताभ बच्चन, चाचा अभिषेक बच्चन और चाची ऐश्वर्या राय बच्चन, सभी प्रसिद्ध अभिनेताओं के नक्शेकदम पर चलेंगे।

Amethi: बार एसोसिएशन महासचिव का मकान ढहाए जाने पर HC ने जाहिर की नाराजगी, आज फिर होगी मामले की सुनवाई

लखनऊ: इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने मंगलवार को अमेठी जिला बार एसोसिएशन के महासचिव उमाशंकर मिश्रा के मकान को बिना उनका पक्ष सुने ध्वस्त करने को लेकर जिला प्रशासन पर गहरी नाराजगी जाहिर की। पीठ ने अमेठी जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि वह मौके पर यथास्थिति बनाए रखे और बार एसोसिएशन के सदस्यों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्यवाही न करे। पीठ ने राज्य सरकार के अधिवक्ता से इस मामले पर विस्तृत निर्देश प्राप्त करने के भी आदेश दिए। अदालत मामले की सुनवाई बुधवार को करेगी।

न्यायमूर्ति डी. के. उपाध्याय और न्यायमूर्ति सौरभ श्रीवास्तव की पीठ ने अमेठी जिला बार एसोसिएशन द्वारा दायर जनहित याचिका पर यह आदेश पारित किया। पीठ ने माना कि गौरीगंज तहसील के उपजिलाधिकारी को पूर्व में दिए गए अपने उस आदेश का पुनरीक्षण करने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है जिसके तहत बार एसोसिएशन के महासचिव उमाशंकर मिश्रा और गांव की भू प्रबंधन समिति के बीच जमीन की अदला-बदली की गई थी। जनहित याचिका में आरोप लगाया गया था कि अमेठी जिला प्रशासन बार एसोसिएशन के सदस्यों को परेशान कर रहा है।

दरअसल, गौरीगंज के उप जिलाधिकारी ने 16 मई 2015 को जारी किए गए अपने उस आदेश का पुनरीक्षण किया था जिसके तहत गांव की भू प्रबंधन समिति और बार एसोसिएशन के महासचिव के बीच जमीन की अदला-बदली हुई थी और खुद को मिली जमीन पर उमाशंकर मिश्रा ने घर बनाया था। उप जिलाधिकारी ने इस भू आदान-प्रदान को एकतरफा तरीके से निरस्त कर दिया था। इसके फौरन बाद जिलाधिकारी ने राजस्व अभिलेखों में बदलाव करते हुए फौरन मौके पर जाकर बार एसोसिएशन के महासचिव का घर ध्वस्त करा दिया। शिकायतकर्ता का आरोप है कि उपजिलाधिकारी ने उनका पक्ष सुने बगैर यह एकतरफा कार्यवाही की है।

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शुरुआती के लिए विस्तृत निर्देश

देश की राजनीति में हमे विभिन मौकों पर चुनावों के पश्चात जनप्रतिनिधियों (सांसद एवं विधायक) द्वारा एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने की घटनाएँ दिखाई देती है। किसी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर किसी अन्य पार्टी को ज्वाइन कर लेना भारतीय राजनीति में आम घटनाएँ है ऐसे में देश के आम वोटर अपने को ठगा हुआ सा महसूस करते है। हालांकि इसके लिए भारतीय संसद द्वारा दल-बदल अधिनियम का प्रावधान किया गया है जिसके माध्यम से ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सके। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम भारतीय राजनीति के इसी महत्वपूर्ण टॉपिक पर चर्चा करने वाले है। आज के इस आर्टिकल के माध्यम से हम आपको बताने वाले है की दल-बदल अधिनियम क्या है (anti-defection law) एवं दल-बदल अधिनियम कब लागू होता है ? साथ ही इस आर्टिकल के माध्यम से आपको दल-बदल अधिनियम (Defection Act in Hindi) सम्बंधित सभी महत्वपूर्ण प्रावधानों की जानकारी भी प्रदान की जाएगी।

दल-बदल अधिनियम क्या है

दल-बदल अधिनियम क्या है ?

दल-बदल अधिनियम (anti-defection law) भारतीय संविधान द्वारा वर्ष 1985 में संविधान में शामिल किया गया कानून है जिसके तहत जनप्रतिनिधियों (सांसद एवं विधायक) को दल बदलने अर्थात एक पार्टी से दूसरी पार्टी को ज्वाइन करने पर रोक लगायी गयी है। दल-बदल अधिनियम के अंतर्गत किसी एक पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़कर निर्वाचित होने के पश्चात दूसरी पार्टी को ज्वाइन करने वाले जनप्रतिनिधियों की अयोग्यता से सम्बंधित प्रावधान किए गए है। इसके माध्यम से लोकतांत्रिक व्यवस्था के अंतर्गत निर्वाचित सरकार में स्थिरता लाना एवं जनप्रतिनिधियों को और जनोमुखी बनाना सुनिश्चित किया गया है। दल-बदल अधिनियम के अंतर्गत किसी पार्टी के टिकट पर निर्वाचित जनप्रतिनिधि एवं निर्दलीय जनप्रतिनिधि दोनों शामिल किए गए है।

दल-बदल अधिनियम, क्यों पड़ी आवश्यकता

वर्तमान समय में हम विभिन जनप्रतिनिधियों को सत्ता के लालच, मंत्रीपद, वित्तीय लाभ एवं अन्य प्रकार के लाभ प्रस्तावों के लिए एक पार्टी से दूसरी पार्टी में जाने की घटनाओं को प्रतिदिन देखते है। जनप्रतिनिधि द्वारा चुनाव एक पार्टी के टिकट पर लड़ा गया एवं इसके बाद जनप्रतिनिधि ने अपनी पार्टी बदल दी, इस प्रकार की घटनाएँ चुनावों के पश्चात आम है। हालांकि दल-बदल अधिनियम की शुरुआत 60 के दशक में हुयी थी जब दल-बदल की राजनीति अपने जोरों पर थी।

वर्ष 1967 में हरियाणा से विधानसभा सदस्य विधायक ‘गया लाल’ द्वारा एक दिन में ही 3 पार्टी बदलने के कारण उस दौर में ‘आया राम, गया राम’ कहावत मशहूर थी यही कारण रहा की सरकारों को अस्थिरता से बचाने एवं दल-बदल को हतोत्साहित करने के लिए वर्ष 1985 में संशोधन के द्वारा संविधान में 10वीं सूची के रूप में दल-बदल अधिनियम जोड़ा गया जिससे की देश में दल-बदल की राजनीति की हतोत्साहित किया गया।

दल-बदल अधिनियम सम्बंधित मुख्य प्रावधान

भारतीय संसद द्वारा वर्ष 1985 में दल-बदल अधिनियम को भारतीय संविधान में शामिल किया गया था। भारतीय संविधान में दल-बदल अधिनियम को 52वें संविधान द्वारा वर्ष 1985 में जोड़ा गया था जिससे की दल-बदल को हतोत्साहित किया जा सके। भारतीय संविधान की 10वीं अनुसूची दल-बदल अधिनियम से सम्बंधित है जिसके तहत निर्वाचित सदस्यों के दल-बदल सम्बंधित प्रावधानों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है। वर्ष 1991 एवं वर्ष 2003 में दल-बदल अधिनियम में संशोधन के माध्यम से इस कानून को और भी मजबूत बनाया गया है।

anti-defection law कब लागू होता है ?

किसी भी निर्वाचित सदस्य पर दल-बदल अधिनियम निम्न परिस्थितियों में लागू होता है :-

  • निर्वाचित सदस्य द्वारा अपनी पार्टी को छोड़ दिया जाए
  • निर्दलीय सदस्य द्वारा निर्वाचन के पश्चात कोई राजनीतिक पार्टी ज्वाइन करने पर
  • निर्वाचित सदस्य द्वारा अपनी ही पार्टी की नीतियों के खिलाफ हो जाना
  • सदस्य द्वारा पार्टी के सचेतक द्वारा जारी निर्देशों का पालन ना करना, पार्टी के निर्देश विरुद्ध मतदान
  • मनोनीत सदस्य द्वारा 6 माह पश्चात किसी राजनैतिक पार्टी को ज्वाइन कर लेना

निम्न परिस्थितियों में किसी भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि के विरुद्ध anti-defection law के तहत कार्यवाही की जाती है।

दल-बदल अधिनियम का प्रभाव

दल-बदल अधिनियम के अंतर्गत यदि किसी निर्वाचित जनप्रतिनिधि को दोषी पाया जाता है तो उसके विरुद्ध दल-बदल अधिनियम के अंतर्गत कार्यवाही की जाती है। यदि सम्बंधित जनप्रतिनिधि के विरुद्ध दल-बदल के आरोप सिद्ध हो जाते है तो सम्बंधित जनप्रतिनिधि की सदस्यता को समाप्त कर दिया जाता है। इसके अतिरिक्त वित्तीय लाभ, मंत्रीपद हेतु अनुचित खरीद-फरोख्त के लिए निषेध हेतु भी दल-बदल अधिनियम प्रभावी भूमिका निभाता है।

दल-बदल अधिनियम के अपवाद

दल-बदल अधिनियम के तहत यदि पार्टी के दो तिहाई से ज्यादा जनप्रतिनिधि किसी अन्य पार्टी को ज्वाइन करना चाहते है तो उन पर दल-बदल अधिनियम के तहत कार्यवाही नहीं की जाएगी। साथ ही किसी पार्टी के दो तिहाई सदस्य यदि अपनी स्वतंत्र पार्टी बनाना चाहते तो इस स्थिति में भी उन पर दल-बदल अधिनियम लागू नहीं होगा। वर्तमान समय में दल-बदल अधिनियम में वर्तमान परिस्थितियों के मद्धेनजर पुनः संशोधन की आवश्यकता को महसूस किया जा रहा है।

दल-बदल अधिनियम सम्बंधित अकसर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

दल-बदल अधिनियम भारतीय संसद द्वारा वर्ष 1985 में भारतीय संविधान के शामिल किया गया कानून है जिसके तहत निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के दल-बदल को प्रतिबंधित करने हेतु उचित प्रावधान बनाये गए है।

निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के मध्य दल-बदल की प्रकृति को हतोत्साहित करने एवं मंत्रीपद, वित्तीय लाभ के लालच एवं हॉर्स ट्रेडिंग जैसी राजनैतिक बुराईयों को दूर करने हेतु दल-बदल अधिनियम को लागू करना आवश्यक है।

दल-बदल अधिनियम को संविधान में वर्ष 1985 में 52वें संविधान संसोधन के द्वारा शामिल किया गया है। दल-बदल अधिनियम के तहत जनप्रतिनिधियों के मध्य वित्तीय लाभ के लिए दल-बदलने की प्रवृति पर अंकुश लगाया गया है साथ ही इसमें जनप्रतिनिधियों के अयोग्यता सम्बंधित प्रावधानों का विस्तृत वर्णन किया गया है।

भारत के संविधान की 10वीं अनुसूची दल-बदल अधिनियम से सम्बंधित है जिसे की वर्ष 1985 में 52वें संविधान संशोधन द्वारा संविधान में शामिल किया गया है।

anti-defection law लागू होने सम्बंधित विस्तृत जानकारी के लिए ऊपर दिया गया लेख पढ़े। यहाँ आपको दल-बदल अधिनियम लागू होने सम्बंधित विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी है।

दल-बदल अधिनियम के तहत यदि कोई भी निर्वाचित जनप्रतिनिधि दल-बदल अधिनियम के तहत दोषी पाया जाता है तो ऐसी स्थिति में सम्बंधित जनप्रतिनिधि की सदस्यता को समाप्त किया जा सकता है।

हाँ। निर्वाचन के पश्चात किसी पार्टी को ज्वाइन करने पर निर्दलीय जनप्रतिनिधियों पर दल-बदल अधिनियम लागू किया जाता है।

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