लोकप्रिय स्टॉक ट्रेडिंग कोर्सेज

विकल्प ट्रेडिंग

विकल्प ट्रेडिंग

गलत कीमत फीड से ट्रेडिंग में व्यवधान

कुछ निश्चित वायदा व विकल्प अनुबंधों में गलत कीमत फीड के कारण गुरुवार को ट्रेडिंग में व्यवधान हुआ, जो साप्ताहिक डेरिवेटिव के लिए एक्सपायरी का दिन था। कई ब्रोकरों ने निवेशकों को सतर्क किया और कुछ ने बैंक निफ्टी अनुबंधों में ट्रेडिंग रोक दी और इसके लिए खरीद व बिक्री भाव के बीच भारी अंतर का हवाला दिया। इंडेक्स डेरिवेटिव में ट्रेडिंग के मामले में बैंक निफ्टी का दूसरा स्थान है।

जीरोधा ने अपने क्लाइंटों को भेजी अधिसूचना में कहा है, एक्सचेंजों से बैंक निफ्टी विकल्प की कीमत के कारण विकल्प ट्रेडिंग बैंक निप्टी विकल्प अनुबंध के सभी ऑर्डर ब्लॉक हो गए। ऐसे में ग्राहक लिमिट या स्टॉप लॉस ऑर्डर का इस्तेमाल करें। सक्रिय क्लाइंट के लिहाज से देश के सबसे बड़े ब्रोकर ने अपने क्लाइंटों को कई अधिसूचना भेजी और इस तरह से निवेशकों को सतर्क किया।

एनएसई के प्रवक्ता ने कहा, ट्रेंडिंग में व्यवधान को लेकर सदस्य एक्सचेंज के पास पहुंचे हैं और हम इस मामले की जांच कर रहे हैं।

कई ट्रेडरों ने सोशल मीडिया के जरिए ट्रेडिंग और बकाया पोजीशन के निपटान में होने वाली परेशानी सामने रखी। उद्योग के प्रतिभागियों ने कहा कि डायनेमिक सर्किट फिल्टर से अनुपयुक्त कीमत पर ट्रेडिंग का क्रियान्वयन रुका। बाजार के कुछ प्रतिभागियों ने कहा कि एक्सचेंज प्राइस फीड में गड़बड़ी के कारण बैंकिंग शेयरों में काफी उतारचढ़ाव रहा। बैंक निफ्टी इंडेक्स गुरुवार को 2.63 फीसदी टूट गए और इस तरह से उसका प्रदर्शन निफ्टी से कमजोर रहा विकल्प ट्रेडिंग जिसमें महज 0.32 फीसदी की गिरावट आई। इंडसइंड बैंक, ऐक्सिस बैंक और कोटक महिंद्रा बैंक के शेयर 3.5-3.5 फीसदी से ज्यादा टूट गए।

यह पहला मौका नहीं है जब तकनीकी गड़बड़ी के कारण एनएसई को झटका लगा है। सितंबर 2019 में एनएसई के सिस्टम में गड़बड़ी देखने को मिली थी और निवेशक 15 मिनट तक ऑर्डर नहीं दे पाए थे। उस मामले में सेवा प्रदाता की तरफ से कनेक्टिविटी का मामला सामने आया था और इसी वजह से गड़बड़ी हुई थी।

Option Trading kya hotee hai | ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है

Option Trading kya hotee hai, Option Trading kaise kare

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

1) बीमा कवर प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से करते हैं सुरक्षा

Option Trading ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान कुछ प्रीमियम चुकाकर नुकसान का बीमा कवर भी लिया जा सकता है। ये बीमा कवर किसी निश्चित प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से आपकी सुरक्षा करते हैं। यह बिल्कुल उसी तरह होता है जैसे कार इंश्योरेंस लेने के बाद उसमें स्क्रेच आने, चोरी हो जाने या एक्सीडेंट हो जाने पर बीमा कंपनी नुकसान की भरपाई करती है। आसान शब्दों में कीमतों में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ऑप्शन अच्छा विकल्प है।

वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं, लेकिन सोने का भाव 1000 रुपए टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है। ऐसी स्थिति में एक लॉट पर आपको एक लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर विकल्प ट्रेडिंग आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपए प्रति दस ग्राम के हिसाब से प्रीमियम चुकाने पर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपए तक रह जाता है।

फ्यूचर बाजार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं। स्टॉपलॉस लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है, लेकिन नुकसान जरूर होता है। स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है, जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं। इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिए नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं।

शेयर बाजार में वायदा अनुबंधों के दौरान किसी कंपनी के शेयरों में निवेश किए गए भावों में अचानक गिरावट दर्ज की जाने लगे, तो ऐसी विपरीत परिस्थितियों से बचने के लिए हेजिंग का उपयोग किया जाता है। यह काम काउंटर बैलेंसिंग के जरिये किया जाता है यानी एक निवेश की हेजिंग के लिए दूसरा निवेश किया जाता है। दूसरे शब्दों में, हेजिंग दो ऐसे निवेश विकल्पों में निवेश के जरिये किया जाता है, जिनमें नकारात्मक सहसंबंध होता है।

Shiba Inu की ट्रेडिंग बढ़ाने के लिए फ्री SHIB टोकन देगा Binance

कुल 1,000 Tether टोकन्स की ट्रेडिंग कर चुके एक्सचेंज के मौजूदा यूजर्स को भी 20,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) के SHIB टोकन दिए जाएंगे

Shiba Inu की ट्रेडिंग बढ़ाने के लिए फ्री SHIB टोकन देगा Binance

SHIB को एक अज्ञात क्रिएटर Ryoshi ने लगभग दो वर्ष पहले बनाया था

खास बातें

  • SHIB टोकन रखने वाले वॉलेट्स की संख्या लगभग 11,97,988 है
  • नए यूजर्स को 80,000 डॉलर के SHIB टोकन मिलेंगे
  • फ्री टोकन्स के लिए रजिस्ट्रेशन 21 मार्च को समाप्त होगा

क्रिप्टो एक्सचेंज Binance अपने प्लेटफॉर्म पर मीम बेस्ड क्रिप्टोकरेंसी Shiba Inu की ट्रेडिंग बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इसके लिए एक्सचेंज के प्लेटफॉर्म पर रजिस्ट्रेशन कराने वाले नए यूजर्स को 80,000 डॉलर (लगभग 61 लाख रुपये) के SHIB टोकन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिए जाएंगे. कुल 1,000 Tether टोकन्स की ट्रेडिंग कर चुके एक्सचेंज के मौजूदा यूजर्स को भी 20,000 डॉलर (लगभग 15 लाख रुपये) के SHIB टोकन दिए जाएंगे.

Binance ने अपनी वेबसाइट पर यह जानकारी दी है. एक्सचेंज के यूजर्स को इन टोकन्स को प्राप्त करने के लिए अपनी नो युअर कस्टमर (KYC) डिटेल्स को पूरा करना होगा. फ्री SHIB टोकन्स को विड्रॉ करने के लिए यूजर्स को सेल्स और परचेज सहित 50 Tether (USDT) की माइनिंग ट्रेडिंग वॉल्यूम तक पहुंचने की जरूरत होगी. SHIB को एक अज्ञात क्रिएटर Ryoshi ने लगभग दो वर्ष पहले बनाया था. इसे Dogecoin को बर्बाद करने वाले टोकन के तौर पर पेश किया गया था. SHIB की ट्रेडिंग बढ़ाने की कोशिश का बड़ा कारण हाल के दिनों में इसके प्राइस में गिरावट है.

फ्री SHIB टोकन केवल उन्हीं यूजर्स को दिए जाएंगे जो Binance के स्क्रीनिंग प्रोसेस को पार करेंगे. इस बारे में एक्सचेंज ने कहा है, "Binance के पास ऐसे ट्रेड्स को अयोग्य ठहराने का अधिकार है जो अवैध बल्क एकाउंट्स से किए गए हैं." फ्री टोकन्स के लिए रजिस्ट्रेशन 21 मार्च को समाप्त होगा.

CoinMarketCap के अनुसार, SHIB टोकन का मौजूदा प्राइस 0.00002428 डॉलर (लगभग 0.0019 रुपये) है. इसका मार्केट कैप 13,333,084,438 डॉलर (लगभग 1,02,134 करोड़ रुपये) है. SHIB टोकन रखने वाले वॉलेट्स की संख्या लगभग 11,97,988 है. हाल ही में Shiba Inu ने Metaverse में उतरने की घोषणा की थी. इसमें Shiberse के लिए 99,000 प्लॉट जारी करने की योजना है. Shiberse पर प्लॉट की कीमत उसकी लोकेशन के अनुसार तय की जाएगी, जिसमें पार्क के आसपास के प्लॉट महंगे होंगे. पहले बैच के पूरी तरह से बिक जाने के बाद बाकी प्लॉट को धीरे-धीरे बेचा जाएगा. इन सभी बचे प्लॉट को खरीदने का मौका सभी को दिया जाएगा. सभी प्लॉट बिडिंग सिस्टम के जरिए बेचे जाएंगे और डिवेलपर्स का कहना है कि प्रोजेक्ट की रिलीज की तिथि के साथ ही बिडिंग सिस्टम की जानकारी दी जाएगी.

Investment Tips: गोल्ड ईटीएफ क्या है? इसमें निवेश करने की जानिए 5 वजहें

गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है।

Updated Nov 19, 2022 | 09:05 AM IST

Gold etf

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के टिप्स जानिए

यह सभी जानते हैं कि भारतीय लोग गोल्ड को पसंद करते हैं। इसके परम्परागत महत्व को देखते हुए, सदियों से विशेष रूप से विशेष अवसरों पर जैसे विवाह या त्योहारों पर गोल्ड एक पसंदीदा उपहार और निवेश रहा है। निवेश के तौर पर, यह मेटल पसंदीदा विकल्पों में आता है क्योंकि इसके साथ लिक्विडिटी की सुविधा के साथ-साथ जब मार्केट में उतार-चढ़ाव होता है, तो आपके पोर्टफोलियों को स्थिरता भी मिलती है। गोल्ड में निवेश करना अब वास्तविक रूप से गोल्ड खरीदने तक सीमित नहीं रहा है। अन्य विकल्प जो अब उपलब्ध हैं, उनसे शुद्धता के साथ समझौता किए बिना सुविधा भी प्राप्त होती है। एक प्रकार का विकल्प गोल्ड ईटीएफ है। ये क्या हैं और क्या ये आपके लिए सही विकल्प है, जानने के लिए पढ़िए।

गोल्ड ईटीएफ क्या है?

गोल्ड ईटीएफ एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) है जो वास्तविक गोल्ड की घरेलू कीमत से जुड़ा है। गोल्ड ईटीएफ के एक यूनिट की वैल्यू 1 ग्राम वास्तविक गोल्ड से जुड़ी है। स्टॉक की तरह, गोल्ड ईटीएफ को स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध किया गया है, जहां पर उन्हें डीमैट अकाउंट का इस्तेमाल करके खरीदा और बेचा जा सकता है। होल्डिंग और शुद्धता के आश्वासन के संबंध में पूर्ण पारदर्शिता के साथ, इलेक्ट्रॉनिक तरीके से गोल्ड में निवेश करने का यह एक आदर्श विकल्प है। अगर आप गोल्ड में निवेश करना चाहते हैं, तो गोल्ड ईटीएफ के जरिए ऐसा करने के पांच कारणों पर आपको विचार करना चाहिए।

वास्तविक गोल्ड द्वारा समर्थित

गोल्ड ईटीएफ 99.5% शुद्धता से समर्थित होते हैं। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट एक ग्राम वास्तविक गोल्ड की जारी कीमत के बराबर होती है। जब आप गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट को खरीदते हैं, तो कस्टोडियन द्वारा एक ग्राम वास्तविक गोल्ड खरीदा जाता है। भारत में गोल्ड ईटीएफ में कुल निवेश 20,000 करोड़ रूपये का है। जो कि पांच वर्ष पहले की तुलना में यह चार गुणा हो चुका है। यह अपवर्ड ट्रेंड इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड निवेश के तौर पर गोल्ड ईटीएफ के बढ़ते प्रचार-प्रसार को दिखाता है।

निम्न लागत- निम्न जोखिम निवेश

जोखिम और लागत के संदर्भ में, गोल्ड ईटीएफ वास्तविक गोल्ड से बढ़कर है। गोल्ड ईटीएफ डीमैट अकाउंट के माध्यम से बेचे और खरीदे जाने वाला डिजिटल निवेश है। क्योंकि इन्हें इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर किया जाता है, वास्तविक गोल्ड की तुलना में चोरी का जोखिम विकल्प ट्रेडिंग बहुत कम है। इसके अलावा, वास्तविक गोल्ड में निवेश करने की लागत उच्च है क्योंकि आभूषणों पर मेकिंग चार्ज लगाए जाते हैं। गोल्ड ईटीएफ के साथ इस प्रकार का कोई चार्ज नहीं जुड़ा है, इसलिए ये कम लागत पर निवेश का साधन हैं।

सरल ट्रेडिंग

क्योंकि गोल्ड ईटीएफ को ऑनलाइन खरीदा विकल्प ट्रेडिंग जाता है और उन्हें डीमैट अकाउंट में धारित किया जाता है, किसी भी निवेशक द्वारा कभी भी इसे खरीदा और बेचा जा सकता है। इनसे उच्च लिक्विडिटी भी मिलती है क्योंकि स्टॉक एक्सचेंज में शेयरों की तरह इनकी भी वर्तमान गोल्ड कीमत पर ट्रेडिंग की जा सकती है।

टैक्स-अनुकूल

ईटीएफ के ज़रिए गोल्ड में निवेश पर वास्तविक गोल्ड निवेश की तरह सम्पदा कर नहीं लगाया जाता है। लेकिन, गोल्ड ईटीएफ से मिलने वाले रिटर्न, इंडेक्सेशन लाभ के साथ दीर्घकालिक पूंजी लाभ के अंतर्गत आते हैं। गोल्ड ईटीएफ के लिए दीर्घकालिक पूंजी कर होल्डिंग के 36 महीनों के बाद बेचे गए यूनिट्स पर मिलने वाले लाभ पर लगाया जाता है, और इस प्रकार ये टैक्स-अनुकूल निवेश (साधन) बन जाते हैं। अल्पकालिक पूंजी लाभ- तीन वर्ष की धारिता अवधि से पहले अर्जित लाभ पर, आपकी आय में इस लाभ को जमा करने के बाद, लागू स्लैब दर के अनुसार कर लगाया जाएगा।

छोटे आकार के कारण स्वामित्व अफार्डेबल बन जाता है

गोल्ड ईटीएफ के कारण गोल्ड में निवेश करना अधिक आसान और अधिक अफॉर्डेबल बन गया है। निवेशक 1000 रूपये की निम्न राशि से एसआईपी के आधार पर गोल्ड ईटीएफ खरीद सकते हैं और समय के साथ एक बड़ा निवेश संचित कर सकते हैं। दूसरी तरफ, वास्तविक गोल्ड को केवल बड़े मौद्रिक निवेश के बाद ही खरीदा जा सकता है।

उनसे मिलने वाले अनेक लाभों के साथ, गोल्ड ईटीएफ गोल्ड में निवेश करने के लिए आदर्श विकल्प हैं। आप चाहे अनुभवी निवेशक हैं या अपने निवेश की यात्रा की शुरुआत कर रहे हैं, तो हमेशा अपने पोर्टफोलियो को डायवर्सिफाई करना याद रखें। अपने निवेश की नियमित आधार पर समीक्षा करें तथा अपने वित्तीय लक्ष्यों के आधार पर अपने पोर्टफोलियो को संतुलित करें। यदि आप गोल्ड में निवेश करने में रुचि रखते हैं, तो इसे अपने पोर्टफोलियो के 5-10% तक सीमित रखें।

(डिस्क्लेमर: ये लेख सिर्फ जानकारी के उद्देश्य से लिखा गया है। इसको निवेश से जुड़ी, वित्तीय या दूसरी सलाह न माना जाए)

Option Trading kya hotee hai | ऑप्शन ट्रेडिंग क्या होती है

Option Trading kya hotee hai, Option Trading kaise kare

यूटिलिटी डेस्क. हेजिंग की सुविधा पाते हुए अगर आप मार्केट में इनवेस्टमेंट करना चाहते हैं तो फ्यूचर ट्रेडिंग के मुकाबले ऑप्शन ट्रेडिंग सही चुनाव होगा। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आपको शेयर का पूरा मूल्य दिए बिना शेयर के मूल्य से लाभ उठाने का मौका मिलता है। ऑप्शन में ट्रेड करने पर आप पूर्ण रूप से शेयर खरीदने के लिए आवश्यक पैसों की तुलना में बेहद कम पैसों से स्टॉक के शेयर पर सीमित नियंत्रण पा सकते हैं।

1) बीमा कवर प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से करते हैं सुरक्षा

Option Trading ऑप्शन ट्रेडिंग के दौरान कुछ प्रीमियम चुकाकर नुकसान का बीमा कवर भी लिया जा सकता है। ये बीमा कवर किसी निश्चित प्रतिभूति के मूल्यों में उतार चढ़ाव से आपकी सुरक्षा करते हैं। यह बिल्कुल उसी तरह होता है जैसे कार इंश्योरेंस लेने के बाद उसमें स्क्रेच आने, चोरी हो जाने या एक्सीडेंट हो जाने पर बीमा कंपनी नुकसान की भरपाई करती है। आसान शब्दों में कीमतों में उतार-चढ़ाव से होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए ऑप्शन अच्छा विकल्प है।

वायदा कारोबार में आप 30 हजार के भाव पर गोल्ड की एक लॉट खरीदते हैं, लेकिन सोने का भाव 1000 रुपए टूट जाता है और 29 हजार तक आ जाता है। ऐसी स्थिति में एक लॉट पर आपको एक लाख रुपए का नुकसान उठाना पड़ता है। वहीं, ऑप्शन ट्रेडिंग में अगर आपने कॉल ऑप्शन खरीदा है तो 50 रुपए प्रति दस ग्राम के हिसाब से प्रीमियम चुकाने पर यह नुकसान घटकर सिर्फ 5000 रुपए तक रह जाता है।

फ्यूचर बाजार में हेजिंग का टूल नहीं है यानी इसमें सौदे को ओपन (खुला) छोड़ते हैं या फिर स्टॉपलॉस लगाते हैं। स्टॉपलॉस लगाने पर उस स्तर पर सौदा खुद ही कट जाता है, लेकिन नुकसान जरूर होता है। स्टॉपलॉस न लगाया तो नुकसान ज्यादा होता है, जबकि पुट ऑप्शन में खरीदे हुए सौदे को हेज कर सकते हैं। इसी तरह बिके हुए सौदे को कॉल ऑप्शन के जरिए नुकसान की सीमा को बांध सकते हैं।

शेयर बाजार में वायदा अनुबंधों के दौरान किसी कंपनी के शेयरों में निवेश किए गए भावों में अचानक गिरावट दर्ज की जाने लगे, तो ऐसी विपरीत परिस्थितियों से विकल्प ट्रेडिंग बचने के लिए हेजिंग का उपयोग किया जाता है। यह काम काउंटर बैलेंसिंग के जरिये किया जाता है यानी एक निवेश की हेजिंग के लिए दूसरा निवेश किया जाता है। दूसरे शब्दों में, हेजिंग दो ऐसे निवेश विकल्पों में निवेश के जरिये किया जाता है, जिनमें नकारात्मक सहसंबंध होता है।

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