क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है?

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अल्टकॉइन बिटकॉइन के अलावा अन्य क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) हैं। अल्टकॉइन बिटकॉइन के साथ विशेषताओं को साझा करते हैं लेकिन ब्लॉक बनाने या लेनदेन को मान्य करने के लिए एक अलग सर्वसम्मति तंत्र का उपयोग करते हैं। या, वे स्मार्ट अनुबंध या कम लेनदेन शुल्क के साथ खुद को अलग करते हैं।
कुल मार्केट कैप के प्रतिशत के हिसाब से प्रमुख क्रिप्टो परिसंपत्ति (क्रिप्टोअसेट)
उपरोक्त ग्राफ सभी असेट के कुल बाजार पूंजीकरण के सापेक्ष सबसे बड़ी दस क्रिप्टो परिसंपत्ति (क्रिप्टोअसेट) के अलग-अलग अनुपात को दर्शाता है। चूंकि BTC प्रथम असेट था, अत: यह मार्केट कैप के हिसाब से सबसे बड़ा बना रहा, यही कारण है कि बाजार में इसका प्रभुत्व एक संख्या है जिसका बहुत से लोग अनुसरण करते हैं। हम इस चार्ट में ट्रैक किए गए असेट का वर्णन क्रिप्टो परिसंपत्ति (क्रिप्टोअसेट) के रूप में करते हैं क्योंकि इसमें टोकन और स्थिर कॉइन शामिल हैं।
अल्टकॉइन के प्रकार
विभिन्न कार्यक्षमता और सर्वसम्मति तंत्र एक अल्टकॉइन बना सकते हैं। इन विविधताओं के आधार पर, अल्टकॉइन एक से अधिक श्रेणियों में आ सकते हैं। यहां कुछ अधिक महत्वपूर्ण श्रेणियों पर क्रैश कोर्स दिए गए हैं :
माइनिंग (खनन)-आधारित
माइनिंग (खनन)-आधारित अल्टकॉइन, जैसा कि नाम से पता चलता है, अस्तित्व में खनन किया जाता है और कार्य के एक सबूत (PoW) के रूप में उपयोग किया जाता है, एक ऐसी विधि जिसमें सिस्टम ब्लॉकचेन में जोड़े गए सत्यापित लेनदेन के "ब्लॉक" क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है? को पूरा करके नए कॉइन उत्पन्न करता है। माइन-आधारित अल्टकॉइन के उदाहरण लाइटकॉइन, मोनेरो और Zcash हैं।
स्थिर कॉइन
स्थिर कॉइन U.S. डॉलर या यूरो जैसे फिएट मनी के मूल्य को बारीकी से ट्रैक करते हैं। वे मूल्य स्थिरता बनाए रखते हुए उपयोगकर्ताओं को दुनिया भर में सस्ते और तेजी से मूल्य अंतरित करने की अनुमति देते हैं। BUSD USD-समर्थित स्थिर कॉइन का एक उदाहरण है।
सुरक्षा टोकन
सुरक्षा टोकन ब्लॉकचेन पर जारी किए गए डिजिटल असेट हैं जो स्टॉक मार्केट के व्यापारिक प्रतिभूतियां के समान होते हैं। कुछ स्वामित्व के रूप में इक्विटी की पेशकश करते हैं, धारकों को लाभांश भुगतान, या यहां तक कि बांड भी। सुरक्षा टोकन आम तौर पर सुरक्षा टोकन प्रस्ताव (STO) या प्रथम विनिमय प्रस्ताव (IEO) के माध्यम से लॉन्च किए जाते हैं।
उपयोगिता टोकन
उपयोगिता टोकन ICO के दायरे में जारी किए गए अधिकांश टोकन बनाते हैं। वे मुख्य रूप से कंपनियों द्वारा अपने प्रोडक्ट में रुचि बढ़ाने के लिए उपयोग किए जाते हैं और ब्लॉकचेन इकोसिस्टम में प्रदान की जाने वाली सेवाओं में आवेदन और मूल्य निर्माण के लिए उपयोग किए जाते हैं। सुरक्षा टोकन और शेयरों के विपरीत, वे कंपनी के एक हिस्से पर स्वामित्व का अधिकार प्रदान नहीं करते हैं।
नई क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी)
आसानी से और सुरक्षित रूप से अपने क्रेडिट/डेबिट कार्ड से BNB, DOGE, XRP, ETH, USDT, ADA, LTC, LINK और 100+ अन्य क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) खरीदें।
अपने बायनेन्स खाते में कोई भी असमर्थित क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) न भेजें या अपने बायनेन्स खाते का उपयोग करके ICO में भाग लेने का प्रयास न करें। ऐसा करने से विचाराधीन क्रिप्टो मुद्रा (क्रिप्टोकरेंसी) का नुकसान होगा।
क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है?
अस्वीकरण :
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RBI Digital Currency Rupee क्या है? इसके फायदे, नुकसान और इसे कैसे ख़रीदे?
आपने हाल ही के दिनों में अखबार या किसी अन्य माध्यम से यह RBI Digital Rupee के बारे में पढ़ा या किसी से सुना होगा और साथ ही आपने एक शब्द CBDC भी सुना होगा और ये सारी चीज़ें आपको कहीं न कहीं अनजान जरूर लग रही होगी की आखिर ये सब है क्या? और इसके मायने क्या है? तो ज़्यादा परेशान न हो, इस लेख के अंत तक आपको ऐसे सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे।
लेख में मौजूद सामग्री
CBDC क्या है?
अंग्रेजी में CBDC का अर्थ है Central Bank Digital Currency. CBDC मुख्यता किसी भी देश में उसके उस देश के सेंट्रल बैंक के द्वारा डिजिटल मुद्रा जारी करने से लेकर के इसके प्रचलन में लाने और उसके प्रचार-प्रसार के लिए काम करती है।
CBDC के कांसेप्ट को अगर समझने की कोशिश करें तब यह पूरी तरह से बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टो करेंसी से प्रेरित है लेकिन यह बिटकॉइन या क्रिप्टो करेंसी को सत प्रतिशत फॉलो नहीं करता।
डिजिटल करेंसी क्या है? | Digital Currency Rupee in Hindi
Digital Currencyएक प्रकार से आभासी मुद्रा है जो नोट या सिक्कों के के भौतिक रूप में न होकर आभासी रूप में होती है जिसका इस्तेमाल स्मार्टफोन या कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन लेनदेन में किया जाता है। यह किसी भी क्रिप्टोकरेंसी से बिलकुल अलग होता है क्यूंकि इसपर सरकारी और उस देश के सेंट्रल बैंक का पूर्ण रूप से नियंत्रण होता है, जो CBDC के अंतरत होती है।
डिजिटल करेंसी काम कैसे करती है?
जैसा की आप सभी जानते हैं की बिटकॉइन या फिर क्रिप्टो करेन्सी पर किसी भी देश की बैंक या वहां की सरकार का नियंत्रण नहीं होता पर CBDC द्वारा जारी किये जाने वाली डिजिटल मुद्रा पर पूर्ण रूप से उस देश की सेंट्रल बैंक और सरकार का नियंत्रण होता है और इस वजह से लेन-देन के लिए ये मुद्रा काफी ज़्यादा सुरक्षित माना जाता है।
CBDC द्वारा जारी की जानी वाली डिजिटल करेंसी, बिटकॉइन की तरह ब्लॉक चैन टेक्नोलॉजी पर आधारित नहीं होती। यह कुछ सॉफ्टवेयर प्रोग्राम के तहत अपने काल्पनिक स्तिथि में मौजूद होती है।
सेंट्रल बैंक, डिजिटल करेंसी को इस्तेमाल में लाने के लिए ज़्यादातर डाटाबेस का इस्तेमाल करती है और इन डाटाबेस में ही सारी जानकारी को सुरक्षित रूप से सेव करके रखा जाता है तथा इन डाटाबेस को हैक होने से बचाने के लिए सेंट्रल बैंक प्राइवेसी और क्रिप्टोग्राफ़ी जैसी सुरक्षा प्रणाली का इस्तेमाल करती है।
डिजिटल करेंसी प्रकार
अगर क़ानून के नजरिये से देखा जाए तब डिजिटल करेंसी दो प्रकार के होते हैं, पहला है केंद्रीयकृत करेंसी और दूसरा विकेन्द्रीयकृत डिजिटल करेंसी।
- केंद्रीयकृत करेंसी(Centralized Currency): वैसी डिजिटल करेंसी जिस पर किसी देश की सरकार या उसके संगठन का नियंत्रण होता है उसे केंद्रीयकृत करेंसी के नाम से जाना जाता है। जैसे: डिजिटल रुपया
- विकेन्द्रीयकृत करेंसी (Decentralized Currency): वैसी डिजिटल करेंसी जिस पर किसी देश की सरकार या उसके संगठन का नियंत्रण नहीं होता है उसे विकेन्द्रीयकृत करेंसी के नाम से जाना जाता है। जैसे: बिटकॉइन, डोगे कॉइन, एथेरियम इत्यादि।
डिजिटल करेंसी को अपनाने वाला सबसे पहला देश कौन था?
पुरे विश्व में अगर सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की बात करें तब चीन ने सबसे पहले CBDC के तहत डिजिटल करेंसी जारी किया था और अब भारत की सेंट्रल बैंक यानी रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया भी इस ओर अपनी कदम बढ़ा चुकी है। आने वाले कुछ महीनो में आप अपने देश भारत की डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर पाएंगे।
CBDC के तहत डिजिटल करेंसी पर काम करने वाले देश
- चीन
- बहामास
- ब्राज़ील
- यूरोपियन यूनियन
- फ्रांस
- स्विट्ज़रलैंड
- ईरान
- नॉर्वे
- रूस
- भारत
- अमेरिका
- उरुग्वे
- वेनेज़ुएला
- उक्रैन
- स्वीडन
- टर्की
- इक्वेडोर
- सऊदी अरब
डिजिटल करेंसी रूपए के फायदे
- जोखिम को कम करता है: किसी भी वस्तु या सेवा के उपयोग के पश्चात उसके बदले में किया जाने वाला पेमेंट समय पर हो सकेगा और पैमेंट में होने वाली देर को यह काफी हद तक काम करने में सक्षम होगा।
- जटिलता को काम करता है: इसमें जरिये किये गए पेमेंट को आसानी से सीधा पियर टू पियर ट्रांसफर किया जा सकेगा।
- तकनीकी दक्षता: लेनदेन के बिच में किसी बैंक के मध्यस्ता न होने के वजह से पैसों का लेनदेन रियल टाइम में किया जा सकेगा।
- वित्तीय समावेश: इस प्रक्रिया के जरिये देश में छोटे से छोटे व्यापारी वर्ग के लोग और आम इंसान आसानी से कम से कम शुल्क में पैसों का लेनदेन करने में सक्षम बनेगा और इस वजह से देश में वित्तीय समावेश को बढ़ावा मिलेगा।
- कर संग्रह: डिजिटल क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है? करेंसी क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है? के जरिये पारदर्शिता बढ़ेगी और हर एक छोटे से छोटे लेनदेन का हिसाब रखा जाएगा जिससे लोग कर की चोरी नहीं कर सकेंगे और सरकार को कर संग्रह में आसानी होगी और कर संग्रह में वृद्धि भी होगी।
- आपराधिक गतिविधियों को कम करता है: कर की चोरी बहुत हद तक रुकेगी और आपराधिक गतिविधि में क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है? संलिप्त लोगो के लेनदेन की जानकारी ऑनलाइन मौजूद होगी और इससे आपराधिक गतिविधियों में काफी हद्द तक कमी आएगी।
- लेन-देन का प्रमाण: प्रत्येक लेनदेन का प्रमाण केवल एक क्लिक में इंटरनेट के माध्यम से आप देख सकेंगे।
- भुगतान प्रणाली को सुरक्षित करता है: उच्च प्रणाली की क्रिप्टोग्राफ़ी जैसे सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर इसे सुरक्षित बनाया जाता है और इस वजह से यह भुगतान प्रणाली सुरक्षित शाबित होगा।
डिजिटल करेंसी रूपए के नुकसान या खतरे
- बैंकिंग सिस्टम से आम नागरिको का दुरी बढ़ना: डिजिटल करेंसी के आने के पश्चात आम नागरिक इसकी ओर ज़्यादा आकर्षित होंगे और तत्पश्चात लोगों का बैंकिंग सिस्टम से दुरी बनने पर बैंकिंग सिस्टम के लेखा-जोखा पर काफी ज़्यादा असर हो सकता है।
- विदेशी मुद्रा के इस्तेमाल बढ़ना: डिजिटल करेंसी का उपयोग अत्यधिक होने पर अपने देश में ही विदेशी मुद्राओं जैसे डॉलर का प्रचलन बढ़ेगा।
- संभावित सुरक्षा से जुड़े कारण: इस प्रकार के करेंसी को कितना भी सुरक्षा प्रदान कर दी जाए फिर भी इसमें खतरा बना रहेगा इसके जरिये आम डाटा और अन्य क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है? प्रकार के डाटा का लीक होने का खतरा बना रहेगा।
भारत में डिजिटल करेंसी
देश की सेंट्रल बैंक रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर ने हाल ही में अपने दिए बयान में कहा है की RBI अपना डिजिटल करेंसी को लांच करने की ओर काम कर रही है। उन्होंने अपने बयान में ये भी कहा है की हर उन पहलु को देखा जा रहा की कहाँ इसका उपयोग किया जा सकेगा और कहाँ नहीं और साथ ही इसको भारत में चरणबद्ध तरीके से लांच किया जाएगा।
प्रचलन में आने के पश्चात नोटों की छपाई में लगने वाले पैसों को बचाया जा सकेगा और इसी से आम लोग प्राइवेट करेंसी जैसे बिटकॉइन और अन्य डिजिटल करेंसी की तरह ही भारत के अपने डिजिटल करेंसी का इस्तेमाल कर सकेंगे।
चूँकि RBI द्वारा लांच की जाने वाली करेंसी पर पूर्ण रूप से RBI का नियंत्रण होगा। इसलिए इसमें वोलैटिलिटी जैसी समस्या से आम नागरिक बचेंगे और किसी प्रकार का कोई खतरा इसमें शामिल नहीं होगा।
शुरूआती दौर में CBDC के तहत जारी किया जाने वाला डिजिटल करेंसी को RBI खुदरा और थोक क्षेत्र में शुरुआत करने का विचार बना रही है।
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निष्कर्ष
इस लेख के माध्यम से आपने यह सीखा की डिजिटल करेंसी होता क्या है? यह कैसे काम करता है? इसके फायदे तथा नुक्सान और साथ ही भारत में जल्द ही लांच होने वाली डिजिटल करेंसी के बारे में पढ़ा और इसे समझा। इस लेख से जुड़ा किसी प्रकार का कोई ख्याल आपके मन में हो तब निचे कमेंट करके बताएं आपके हर एक सवालों के जवाब देने की कोशिश की जाएगी, धन्यवाद।
Q: डिजिटल करेंसी क्या है?
Ans: डिजिटल करेंसी एक प्रकार से आभासी मुद्रा है, जो केवल डिजिटल रूप में ब्लॉकचैन तकनीक पर आधारित होता है।
Q: भारत में डिजिटल करेंसी कब आएगा?
Ans: देश की सेंट्रल बैंक रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के डिप्टी गवर्नर ने हाल ही में अपने दिए बयान में कहा है की RBI अपना डिजिटल करेंसी को लांच करने की ओर काम कर रही है।
आकाश कुमार एक Tech-Enthusiast और एक Electronics and Communications Engineering Graduate हैं, और इनका Passion है ब्लॉगिंग करना और लोगो तक सही एवं शटीक जानकारी पहुँचाना। अपने फ्री समय में ये Spotify में गाना सुनना पसंद करते हैं।
CBDC और Cryptocurrency दोनों हैं बेहद अलग, जानें कैसे?
क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है.
नई दिल्ली, 6 नवंबर : क्रिप्टोकरेंसी और केंद्रीय बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) दोनों ने पूरे भारत में लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया है. डिजिटल एसेट्स के रूप में सामान्य स्थिति के बावजूद दोनों में काफी अंतर है. पूर्व वित्त सचिव एससी गर्ग का मानना है कि सीबीडीसी डीमैटरियलाइज्ड बैंक नोट की तरह होता है, क्योंकि उनका क्रिप्टोकरेंसी से कोई लेना-देना नहीं है. उन्होंने कहा, क्रिप्टोकरेंसी को दुनिया मुद्रा के रूप में स्वीकार नहीं कर सकती है. हालांकि, सीबीडीसी जैसे रेगुलेटेड डिजिटल कॉइन क्रिप्टो का भविष्य हो सकते हैं.
मैकिन्से ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में स्टेबल कॉइन के प्रचलन में तेजी से वृद्धि के साथ, केंद्रीय बैंकों ने अपनी स्टेबल डिजिटल करेंसी का पता लगाने के प्रयास तेज कर दिए हैं. सीबीडीसी, या भारतीय ई-रुपया, आरबीआई द्वारा जारी किया गया एक डिजिटल टोकन है और यह देश की फिएट करेंसी से जुड़ा हुआ है. ब्लॉकचैन विशेषज्ञों के एक समूह, ब्लॉकचैन काउंसिल का कहना है, क्रिप्टोकरेंसी और ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी के विकास ने कैशलेस सोसाइटी और डिजिटल करेंसी में रुचि बढ़ा दी है. जिसके चलते, दुनिया भर की सरकारें और केंद्रीय बैंक सरकार समर्थित डिजिटल करेंसी के उपयोग पर विचार कर रहे हैं. यह भी पढ़ें : Great news! क्वारंटाइन के बाद 2 चीतों को कुनो बाड़े में छोड़ा गया, PM मोदी ने शेयर किया शानदार VIDEO
सीबीडीसी का प्राथमिक उद्देश्य कंपनियों और उपभोक्ताओं को गोपनीयता, हस्तांतरणीयता, सुगमता और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करना है. काउंसिल का कहना है, सीबीडीसी एक जटिल वित्तीय प्रणाली के लिए आवश्यक रखरखाव को भी कम करता है, सीमा पार लेनदेन लागत में कटौती करता है, और उन लोगों को कम लागत वाले विकल्प देता है जो अब दूसरे धन हस्तांतरण विधियों का उपयोग करते हैं. केंद्रीय बैंकों द्वारा जारी डिजिटल करेंसी अपने मौजूदा स्वरूप में डिजिटल मुद्राओं के उपयोग से जुड़े खतरों को भी कम करती है. दूसरी ओर, क्रिप्टोकरेंसी बहुत अस्थिर है, उनका मूल्य हर समय बदलता रहता है. उपयोग के मामलों के संदर्भ में क्रिप्टोकरेंसी को संपत्ति और मुद्रा दोनों के रूप में वगीर्कृत किया जाता है.
क्रिप्टोकरेंसी के प्राइस पर अटकलें लगाने के लिए व्यक्ति निवेश बाजारों में हिस्सा ले सकता है. वे खुद को मुद्रास्फीति और आर्थिक अस्थिरता से बचाने के लिए बिटकॉइन जैसी विशेष परियोजनाओं का भी उपयोग कर सकते हैं. बिटकॉइन और एथेरियम का उपयोग कोई भी लेनदेन और भुगतान करने के लिए कर सकता है. काउंसिल के अनुसार, आज पहले से कहीं अधिक व्यापारी और स्टोर क्रिप्टोकरेंसी पेमेंट स्वीकार करते हैं. सीबीडीसी और क्रिप्टोकरेंसी के बीच कई विरोधाभास हैं. सीबीडीसी अधिकृत (निजी) ब्लॉकचेन पर काम करता है, जबकि क्रिप्टोकरेंसी बिना लाइसेंस (सार्वजनिक) ब्लॉकचेन पर काम करती है.
क्रिप्टोक्यूरेंसी यूजर्स के लिए एक फायदा है. सीबीडीसी ग्राहकों की पहचान मौजूदा बैंक खाते के साथ-साथ समान मात्रा में व्यक्तिगत जानकारी से जुड़ी होगी. केंद्रीय बैंक सीबीडीसी नेटवर्क के लिए नियम निर्धारित करता है. क्रिप्टो नेटवर्क में अधिकार यूजर को दिया जाता है, जो आम सहमति के माध्यम से चुनाव करता है. परिषद के क्रिप्टो करेंसी का उपयोग कैसे किया जाता है? अनुसार, सीबीडीसी का उपयोग केवल भुगतान और अन्य मौद्रिक लेनदेन के लिए किया जा सकता है. क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग सट्टा और भुगतान दोनों के लिए किया जा सकता है.