आय के कई स्रोतों के प्रकार

यदि कोई करदाता हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) से संबंधित है, तो वह आईटीआर दाखिल करने के लिए आईटीआर-1 फॉर्म का उपयोग नहीं कर सकता है.
ITR Filing: ITR फाइल करने के लिए 31 जुलाई है Last Date, जानें- कब नहीं दाखिल किया जाता है ITR-1 फॉर्म?
Updated: July 4, 2022 4:10 PM IST
Income Tax Return Filing: वित्त वर्ष 2021-22 आय के कई स्रोतों के प्रकार और असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए 31 जुलाई 2022 तय की गई है. इसलिए, इस समय ज्यादातर सैलरीड क्लास के लोग बीते वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष के लिए अपनी आय और व्यय को स्कैन करने में व्यस्त होना चाहिए. हालांकि, करदाता को पता होना चाहिए कि विभिन्न प्रकार की कमाई करने वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न आईटीआर फॉर्म लागू होते हैं.
50 लाख से अधिक वार्षिक आय
यदि कमाने वाला व्यक्ति वेतनभोगी है और कोई अन्य आय नहीं है, लेकिन कुल वार्षिक आय 50 लाख आय के कई स्रोतों के प्रकार से अधिक है, तो ऐसे करदाता के लिए ITR-2 सही फॉर्म है.
एक से अधिक गृह संपत्ति से आय
यदि किसी के पास एक घर की संपत्ति है, तो सही आईटीआर फॉर्म आईटीआर आय के कई स्रोतों के प्रकार -1 है. लेकिन अगर एक से अधिक घर संपत्तियां हैं, तो कोई आईटीआर -1 दाखिल नहीं कर सकता है.
कृषि से होने वाली आय
हम सभी यह जानते हैं कि कृषि से होने वाली आय कर योग्य नहीं है. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय, किसी को कृषि से आय 5000 रुपये से अधिक की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है. हालांकि कृषि आय कर आय के कई स्रोतों के प्रकार योग्य नहीं है, यह सिर्फ कराधान के लिए स्लैब दर निर्धारित करने के लिए आवश्यक है. और ऐसे मामलों में ITR-1 दाखिल नहीं किया जा सकता है.
गैर-सूचीबद्ध कंपनी में इक्विटी निवेश
यदि एक वेतनभोगी करदाता एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी की इक्विटी का मालिक है, तो ऐसे मामले में, कमाई करने वाले व्यक्ति को आईटीआर -1 फॉर्म का उपयोग करके आईटीआर दाखिल करने की अनुमति नहीं है.
ITR Filing Deadline: आईटीआर फाइल करने के लिए बाकी बचे हैं केवल 17 दिन, जानिए कैसे पाएंगे टैक्स छूट का लाभ
Income Tax Return : अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं किया है, तो जल्दी करें. इसके लिए आपके पास केवल 17 दिन ही बचे हैं. इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) दाखिल करने के लिए आखिरी का इंतजार ना करें. जुलाई का आखिरी दिन वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आईटीआर दाखिल करने का डेडलाइन है. आयकर विभाग ने 31 तारीख को आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन तय की है. इस डेडलाइन से पहले से आईटीआर फाइल करने पर आप फायदे में ही रहेंगे. आखिरी समय में आईटीआर फाइल करते समय आपको काफी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
31 जुलाई है आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन
आयकर विभाग की ओर से आईटीआर दाखिल करने की आखिरी तारीख या डेडलाइन 31 जुलाई 2022 निर्धारित की गई है. इस डेट तक आयकरदाता वित्त वर्ष 2021-22 या आकलन वर्ष 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न दाखिल कर सकते हैं. आयकर विभाग की ओर से निर्धारित इस डेट के बाद आईटीआर दाखिल करने के बाद जुर्माने का भी भुगतान करना पड़ सकता है. हालांकि, आयकरदाताओं की सुविधा के लिए विभाग की ओर से आखिरी तारीख में बढ़ोतरी भी की जाती है, लेकिन यह कोई आवश्यक नहीं है कि बीते दो साल जैसा इस साल भी आखिरी डेट में बढ़ोतरी की ही जाए. कोरोना महामारी की वजह से आईटीआर दाखिल करने की आखरी तारीख में बढ़ोतरी की गई थी.
आज महंगाई के इस दौर में नौकरी-पेशा आदमी अपने रोजमर्रा के खर्च और भविष्य की बचत के लिए वेतन के अलावा कई अन्य स्रोतों से भी आमदनी करते हैं. किसी को वेतन के अलावा मकान के किराए से आमदनी होती है, तो किसी को बचत के लिए जमा कराई गई रकम,म्यूचुअल फंड या शेयरों से भी कमाई होती है. आयकर विभाग वेतन के अलावा अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी पर भी टैक्स की वसूली करता है.
आयकर विभाग ने आमदनी को पांच भागों में किया है विभाजित
आयकर कानून के अनुसार, टैक्स योग्य आमदनी को पांच भागों में विभाजित किया गया है. इनमें वेतन से होने वाली आमदनी, मकान के किराए से होने वाली कमाई, पूंजीगत लाभ (बचत योजना पर ब्याज, म्यूचुअल फंड और शेयर से होने वाला लाभ), कारोबार से होने वाली कमाई और अन्य स्रोतों से होने वाला आय शामिल हैं. वेतन से होने वाली आमदनी पर आईटीआर दाखिल करने में ज्यादा कठिनाई नहीं होती है. वेतनभोगी फॉर्म-16 भरने के बाद आईटीआर दाखिल कर सकते हैं.
कई लोग नौकरी के अलावा अन्य स्रोतों से भी कमाई करते हैं. कारोबार या पेशे से होने वाली आमदनी पर उसकी श्रेणी के बारे में बताना जरूरी होता है. अन्य स्रोतों से होने वाली आमदनी में बैंक खाता, फिक्स्ड डिपॉजिट, बीमा कंपनी से मिलने वाली पेंशन, शेयर और म्यूचुअल फंडों से मिलने वाले लाभांश शामिल हैं. कुल टैक्स योग्य रकम का पता लगाने के बाद आप 80सी और 80डी के तहत टैक्स छूट का लाभ आय के कई स्रोतों के प्रकार उठाया जा सकता है.
बीसीसीआई पैसे कैसे कमाती है? जानिए उनके आय का स्रोत, नेट वर्थ और सब कुछ
बीसीसीआई के आय का मुख्य स्रोत स्पॉन्सरशिप, टिकट की बिक्री, ब्रॉडकास्टिंग राइट्स, इत्यादि हैं। आइए जानते हैं इसके बारे में..
यह तो आप बखूबी जानते होंगे कि बीसीसीआई दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड है। पिछले कुछ सालों में उनके नेट वर्थ में काफी तेजी से उछाल देखने को मिला है। जब से भारत में आईपीएल जैसे एक बड़े T20 लीग का आयोजन होना शुरू हुआ है उसके बाद से ही यह बोर्ड दुनिया के किसी दूसरे बोर्ड के मुकाबले काफी मजबूत हो चुकी है।
बहुत सारे लोग यह सोचते होंगे कि जब बीसीसीआई अपने खिलाड़ियों को इतनी अधिक सैलरी देती है और उन पर इतना अधिक खर्चा करती है तो फिर ऐसा क्या है जो इस बोर्ड को कमाई के मामले में इतना ऊपर ले कर जाती है। तो जहां पर हम आपको बताने जा रहे हैं कि बीसीसीआई पैसे कैसे कमाती है? इसके अलावा हम आपको उनके आय के स्रोत और नेट वर्थ, इत्यादि के बारे में सभी प्रकार की जानकारी देंगे।
बीसीसीआई पैसे कैसे कमाती है?
आपने तो बहुत से लोग यह सोचते होंगे कि जब स्टेडियम में दर्शकों की उपस्थिति अधिक होती है तब बीसीसीआई को अधिक कमाई होती है। हालांकि यह बात तो पूरी तरह से सच है लेकिन यह उनके आय का मुख्य स्रोत नहीं है, क्योंकि टिकट के जरिए हुई कमाई का सिर्फ आय के कई स्रोतों के प्रकार आधा ही हिस्सा बीसीसीआई के पास जाता है जबकि आधा हिस्सा स्टेडियम और स्टेट बोर्ड के पास जाता है।
बीसीसीआई के आय का मुख्य स्रोत स्पॉन्सरशिप और टीवी राइट्स बेचने के जरिए होती है। अक्सर आप देखते होंगे कि जब कोई मैच होता है तो स्टेडियम में कई अलग-अलग कंपनियों के विज्ञापन दिखाई देते हैं। इसके अलावा किसी सीरीज या टूर्नामेंट का भी एक अलग मुख्य स्पॉन्सर होता है। स्पॉन्सरशिप के जरिए बीसीसीआई को करोड़ों का मुनाफा होता है।
हाल ही में आप ने आईपीएल के अगले 4 सालों की ब्रॉडकास्टिंग राइट्स की नीलामी के बारे में सुना होगा। टीवी राइट्स और ओटीटी राइट्स को मिलाकर बीसीसीआई को 48,390 करोड़ रुपए का मुनाफा हुआ है। 4 सालों के लिए मिली इतनी बड़ी रकम ने इस टूर्नामेंट को ब्रॉडकास्टिंग राइट्स के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा टूर्नामेंट बना दिया है।
ITR Filing: ITR फाइल करने के लिए 31 जुलाई है Last Date, जानें- कब नहीं दाखिल किया जाता है ITR-1 फॉर्म?
Updated: July 4, 2022 4:10 PM IST
Income Tax Return Filing: वित्त वर्ष 2021-22 और असेसमेंट ईयर 2022-23 के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने के लिए आय के कई स्रोतों के प्रकार 31 जुलाई 2022 तय की गई है. इसलिए, इस समय ज्यादातर सैलरीड क्लास के लोग बीते वित्तीय वर्ष और मूल्यांकन वर्ष के लिए अपनी आय और व्यय को स्कैन करने में व्यस्त होना चाहिए. हालांकि, करदाता को पता होना चाहिए कि विभिन्न प्रकार की कमाई करने वाले व्यक्तियों के लिए विभिन्न आईटीआर फॉर्म लागू होते हैं.
50 लाख से अधिक वार्षिक आय
यदि कमाने वाला व्यक्ति वेतनभोगी है और कोई अन्य आय नहीं है, लेकिन कुल वार्षिक आय 50 लाख से अधिक है, तो ऐसे करदाता के लिए ITR-2 सही फॉर्म है.
एक से अधिक गृह संपत्ति से आय
यदि किसी के पास एक घर की संपत्ति है, तो सही आईटीआर फॉर्म आईटीआर -1 है. लेकिन अगर एक से अधिक घर संपत्तियां हैं, तो कोई आईटीआर -1 दाखिल नहीं कर सकता है.
कृषि से होने वाली आय
हम सभी यह जानते हैं कि कृषि से होने वाली आय कर योग्य नहीं है. आयकर रिटर्न दाखिल करते समय, किसी को कृषि से आय 5000 रुपये से अधिक की रिपोर्ट करने की आवश्यकता होती है. हालांकि कृषि आय कर योग्य नहीं है, यह सिर्फ कराधान के लिए स्लैब दर निर्धारित करने के लिए आवश्यक है. और ऐसे मामलों में ITR-1 दाखिल नहीं किया जा सकता है.
गैर-सूचीबद्ध कंपनी में इक्विटी निवेश
यदि एक वेतनभोगी करदाता एक गैर-सूचीबद्ध कंपनी की इक्विटी का मालिक है, तो ऐसे मामले में, कमाई करने वाले व्यक्ति को आईटीआर -1 फॉर्म का उपयोग करके आईटीआर दाखिल करने की अनुमति नहीं है.
फ्रीलांसरों के लिए आयकर फाइलिंग
वेतनभोगी कर्मचारियों और फ्रीलांसरों के लिए कर दाखिल करने के बीच व्यापक अंतर है, जिसके बारे में छोटी सी छोटी चीज़ों को समझना बहुत ही ज्यादा ज़रूरी है। दरअसल, वेतनभोगी कर्मचारी एक डिज़ाइन किए गए ढांचे में होते हैं, जहाँ उनके आयकर रिटर्न दाखिल करने और औपचारिकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न प्रशासनिक मदद होती है। इस लिहाज से वेतनभोगी कर्मचारियों को अपने आयकर दाख़िल करने की ज्यादा चिंता नहीं होती है, क्योंकि उन्हें सिर्फ टैक्स दाख़िल करना होता है और बाकी चीज़ों की मदद उन्हें उनके कंपनी से आसानी से मिल जाती है, लेकिन फ्रीलांसरों के लिए यह प्रक्रिया थोड़ी सी जटिल है।