शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में

अब एनडीटीवी अडाणी ग्रुप के पास है। इस चैनल को सरकार के मुखर विरोधियों में माना जाता रहा है। खासकर एनडीटीवी हिंदी के मैनेजिंग एडिटर रवीश कुमार के प्रोग्राम से सरकार समर्थक काफी नाराज रहते रहे हैं। अभी ये पता नहीं है कि नई कंपनी के तहत रवीश कुमार काम करेंगे या नौकरी छोड़कर कहीं और जाएंगे। चर्चा इसकी है कि रवीश कुमार नौकरी छोड़कर अपना यूट्यूब चैनल शुरू कर सकते हैं। हालांकि, इस बारे में रवीश ने अब तक चुप्पी साधे रखी है।
दुबई में सोना खरीदने पहुंचीं मशहूर टीवी अभिनेत्री, मार्केट की कराई सैर
मुंबई. टीवी अभिनेत्री दीपिका कक्कड़ इन दिनों दुबई घूम रही हैं. टीवी की दुनिया से दीपिका अपने ब्लॉग पोस्ट करती रहती हैं. ब्लॉग के जरिए दीपिका लगातार चीजें शेयर करती रहती हैं. दुबई पहुंचकर दीपिका सोने के मार्केट में पहुंची.
यहां सोने की दुकानों के एक्सप्लोर करते हुए दीपिका ने ज्वैलरी के दाम भी साझा किए हैं. दीपिका अपना यूट्यूब चैनल चलाती हैं. चैनल के जरिए दीपिका अपनी जिंदगी से जुड़ी चीजें भी शेयर करती रहती हैं. साथ ही अपने ट्रेवल्स के भी वीडियो बनाकर अपने फैन्स के साथ शेयर करती हैं.
दुबई के फैमस सोने के मार्केट में पहुंची दीपिका
दुबई का सोना भारत में काफी फेमस है. दुबई से लोग सोने की ज्वैलरी खरीदना पसंद करते हैं. लोगों का मानना रहता है कि दुबई में सोने के दाम भारत से कम होते हैं. यही कारण है कि आए दिन दुबई से सोने के तस्कर भी एयरपोर्ट पर पकड़े जाते हैं.
Prannoy Roy And Radhika Roy: अडाणी ग्रुप ने NDTV का टेकओवर किया पूरा, प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने डायरेक्टर पद छोड़ा, रवीश के बारे में अटकलें
अडाणी ग्रुप ने एनडीटीवी की प्रमोटर कंपनी आरआरपीआर होल्डिंग प्राइवेट लिमिटेड में 99.5 फीसदी शेयर हासिल कर लिए हैं। एनडीटीवी के नए बोर्ड में मशहूर पत्रकार संजय पुगलिया और सेंथिल चेंगलवारायण को नया डायरेक्टर बनाया गया है।
November 30, 2022
नई दिल्ली। एनडीटीवी की स्थापना करने वाले और कंपनी के डायरेक्टर प्रणय रॉय और राधिका रॉय ने इस चैनल को चलाने वाली कंपनी RRPR के डायरेक्टर पद से इस्तीफा दे दिया है। राधिका रॉय की बहन सीपीएम की नेता वृंदा करात हैं। प्रकाश करात, प्रणय रॉय के साढ़ू हैं। एनडीटीवी के नए बोर्ड ने प्रणय और राधिका के इस्तीफे मंजूर कर बाजार नियामक सेबी और शेयर मार्केट को जानकारी भी दे दी है। बता दें कि मशहूर उद्योगपति गौतम अडाणी ने बीते दिनों एनडीटीवी के 29 फीसदी शेयर खरीद लिए थे। गौतम अडाणी ने कंपनी के शेयर होल्डर्स को ओपन ऑफर भी दिया है। इसके तहत उनको 29.18 फीसदी की और हिस्सेदारी मिल जाएगी। ओपन ऑफर के तहत अब तक 53 लाख शेयर अडाणी की कंपनी को मिल गए हैं। बाजार में एनडीटीवी के कुल 1.67 लाख शेयर थे। ओपन ऑफर 5 दिसंबर को बंद होगा।
एलआईसी जीवन लाभ प्लान: LIC Jeevan Labh 936 लाभ, कैलकुलेटर, रिव्यू
जब भी हम बीमा खरीदने की बात करते हैं तो हमारी पहली पसंद भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) ही बनती है क्योंकि एलआईसी एक सरकारी बीमा कंपनी है इस लिए लोग इसमें निवेश करते हैं। LIC अपने ग्राहकों के लिए समय-समय पर कई तरह की पॉलिसी पेश करता है। जिसमें निवेश करके ग्राहक अपने भविष्य को आर्थिक रूप से सुरक्षित कर सकते हैं। ऐसी ही स्कीम LIC की जीवन लाभ पॉलिसी है। जिसमें आप हर महीने 233 रूपए जमा कर 17 लाख का मोटा फंड पा सकते हैं। साथ ही आप को भारतीय जीवन बीमा निगम की इस पॉलिसी में कई तरह के बेनिफिट भी मिलते हैं। आज हम आपको इस आर्टिकल के माध्यम से LIC Jeevan Labh Policy के बारे में जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
LIC Jeevan Labh Policy 2022
भारतीय जीवन बीमा निगम ने LIC जीवन लाभ पॉलिसी को साल 2020 शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में में लांच किया था। यह सीमित प्रीमियम भुगतान के साथ नॉन लिंक्ड प्रॉफिट प्लान है। इस पॉलिसी के तहत मैच्योरिटी पूरा होने पर पॉलिसी धारक को मोटा पैसा दिया जाता है। अगर पॉलिसी धारक की मृत्यु हो जाती है तो उसके परिवार को आर्थिक मदद प्रदान कराती है। आपको बता दें कि नॉन लिंक्ड की वजह से इस पॉलिसी का शेयर मार्केट से कोई संबंध नहीं है। मार्केट ऊपर जाए या नीचे इसका असर आपके पैसों पर बिल्कुल नहीं होता। जिसका मतलब है कि इस पॉलिसी में आपका पैसा पूरी तरह से सुरक्षित रहता है। LIC Jeevan Labh Policy एक लिमिटेड प्रीमियम प्लान है। जिसे बच्चों की शादी, पढ़ाई और प्रॉपर्टी की खरीदारी को ध्यान में रखकर बनाया गया है। इस पॉलिसी में निवेश करने वालों को कवर के साथ सेविंग बेनिफिट भी दिया जाता है।
कितने साल का है LIC Jeevan Labh Plan
भारतीय जीवन बीमा निगम ने इस पॉलिसी को 2020 में लांच किया था। जीवन लाभ पॉलिसी में निवेश करने की मिनिमम राशि 2 लाख रुपए है। अधिकतम राशि निवेश को लेकर LIC द्वारा कोई लिमिट तय नहीं की गई है। मैच्योरिटी के लिए इस पॉलिसी में अलग-अलग अवधि तय की गई है। इस पॉलिसी में कोई भी व्यक्ति 16 साल, 21 साल और 25 साल की मैच्योरिटी की अवधि के लिए निवेश कर सकता है। प्रीमियम राशि जमा करने की अवधि 10 साल, 15 साल और 16 साल की है। पॉलिसी धारक द्वारा प्रीमियम का भुगतान मासिक, तिमाही, छमाही शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में और सालाना के आधार पर किया जा सकता है। एलआईसी जीवन लाभ पॉलिसी को खरीदने की न्यूनतम आयु 8 साल और अधिकतम आयु 59 साल है। 59 साल की आयु वाले नागरिक 16 साल की मैच्योरिटी टर्म के आधार पर जीवन लाभ पॉलिसी ले सकते हैं। किसी भी पॉलिसी धारक की आयु इस पॉलिसी के अनुसार मैच्योर होने तक 70 साल से अधिक नहीं होनी चाहिए।
बेस्ट सेक्टर चुने
शेयर मार्केट निवेशकों के सामने ऐसे बहुत सारे सेक्टर होते हैं जहां पर वह निवेश कर करता है। इन सेक्टरों में कौन सा सबसे अच्छा क्षेत्र होगा जो निवेशकों को छोटी और लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न दे सके इस बात को बता पाना किसी के लिए भी मुश्किल भरा काम है। यह काम और अधिक मुश्किल हो जाता है शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में जब देश की अर्थव्यवस्था सही न हो और विश्व आर्थिक संकट से गुजर रहा हो। ऐसे स्थिति में विशेषज्ञों की सलाह होती है कि मिड कैप स्टॉक को चुनें क्योंकि ऐसी परिस्थितियों में लार्ज कैप स्टॉक बहुत ही ज्यादा गोता लगाते हैं।
निवेश करने वाले व्यक्ति के मन में पहला सवाल होगा कि शेयर मार्किट में निवेश कैसे किया जाए ? सबसे पहले ये तय करें कि आप जो भी निवेश करना चाह रहे हैं। उसकी आपको जरूरत कब है इसमें समय का ज्यादा महत्व होता है, क्योंकि इससे आप लंबी और छोटी अवधि के शेयरों का चुनाव कर सकते हैं। निवेश करने के लिए आप जिस कंपनी का शेयर लेंगे उसके बारे में आप अच्छी तरह से जानकारी कर लें। इसके लिए आप शेयर मार्केट सलाहकारों की मदद ले सकते हैं। यह जरूरी नहीं है कि आप एक ही कंपनी में निवेश करें। आप एक से अधिक कंपनियों में भी निवेश कर सकते हैं.
स्टॉक मार्केट के लिए डीमैट अकाउंट है जरूरी
शेयर मार्केट में निवेश के लिए आपके पास डीमैट अकाउंट होना जरूरी है इसके लिए आपको किसी भी बैंक, रिलायंस मनी और इंडिया इन्फोलाइन जैसी शेयर ब्रोकरेज कंपनियों से संपर्क करना पड़ेगा। आजकल के दौर में आप आसानी से किसी भी बैंक से डीमेट अकाउंट खुलवा सकते है।
कुछ समय पहले तक शेयरों की फिजिकल ट्रेडिंग होती थी। इसमें शेयर सीधे ट्रांसफर होते थे। पर अब ऐसा नहीं है। अब इनकी खरीद-बिक्री किसी बैंक या वित्तीय संस्थान के डीमैट खाते (Demat account) के जरिए होती है। आप खुद या आपके स्थान पर कोई शेयर ब्रोकिंग कंपनी शेयरों की खरीद-बिक्री कर सकती है। जैसे म्यूचुअल फंड (mutual fund)
निवेश की अवधि शेयर मार्केट की पूरी जानकारी हिंदी में कितनी होनी चाहिए
निवेशक निवेश करने के लिए दो तरह के तरीकों को अपना सकते हैं। लंबी और छोटी अवधि के लिए निवेश. छोटी अवधि में खरीदे गए शेयर को निवेशक 3 से 6 महीने के लिए अपने पास रख सकते हैं। जबकि लंबी अवधि में खरीदे गए शेयर को 6 महीने से ऊपर तक अपने पास रख सकते है। आम निवेशकों को सलाह दी जाती है कि लंबी अवधि का निवेश सही रहता है क्योंकि डे-ट्रेडिंग और छोटी अवधि के निवेश ज्यादा जोखिम भरे होते हैं।
आजकल शेयरों की ट्रेडिंग इलेक्ट्रॉनिक तरीके से होती है. यह प्रक्रिया BSE (बंबई स्टॉक एक्सचेंज) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) के जरिए की जाती है।
शेयर खरीदने का मतलब क्या होता है?
मान लीजिये कि NSE में सूचीबद्ध किसी कंपनी ने कुल 15 लाख शेयर जारी किए हैं। आप उस कंपनी के प्रस्ताव के अनुसार जितने शेयर खरीद लेते हैं आपका उस कंपनी में उतने हिस्से के मालिक बन जाते है। आप अपने हिस्से के शेयर किसी अन्य खरीदार को जब भी चाहें बेच सकते हैं।