बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है

बिटकॉइन क्या है ? What is Bitcoin in Hindi
बिटकॉइन क्या है ? (What is bitcoin?)
- बिटकाइन एक डिजिटल मुद्रा है। यह पहली डिजिटल या वर्चुअल मुद्रा है | यह किसी केंद्रीय बैंक द्वारा नहीं संचालित होती।
- यह एक ऐसी करेंसी है जिसको आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं। यह केवल इलेक्ट्रॉनिकली स्टोर होती है। अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही सामान खरीद सकता है।
- बिटकॉइन एक नई इनोवेटिव टेक्नोलॉजी है जिसका इस्तेमाल ग्लोबल पेमेंट के लिए किया जा सकता है |
- पहले यह एक इलेक्ट्रॉनिक मुद्रा के रूप में थी लेकिन 2017 में इसको दो भागों में बट गई Bitcoin (BTC) और The Bitcoin Cash.
बिटकॉइन का विकास क्यों और किसने किया ?(Who Invented the bitcoin in Hindi)
- इसका विकास अक्टूबर 2008 में, सब-प्राइम के दौरान, यूएस में सातोशी नकामोतो नामक एक सॉफ्टवेयर डेवलपर ने किया था। और 2009 में यह सबसे के सामने आयी |
- बिटकॉइन का विकास कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है।
बिटकॉइन को कैसे इस्तेमाल किया जाता है ? (How to use bitcoin in Hindi)
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना किसी मध्यस्था के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है। वहीं इस डिजिटल करंसी को डिजिटल वॉलेट में रखा जाता है। बिटकॉइन को क्रिप्टोकरेंसी भी कहा जाता है।
बिटकॉइन को कैसे खरीदा जा सकता है ?(How to buy bitcoin in Hindi?)
- जिस तरह रुपए, डॉलर और यूरो खरीदे जाते हैं, उसी तरह बिटकॉइन की भी खरीद होती है। ऑनलाइन भुगतान के अलावा इसको पारम्परिक मुद्राओं में भी बदला जाता है।
- बिटकॉइन की खरीद-बिक्री के लिए एक्सचेंज भी हैं, लेकिन उसका कोई औपचारिक रूप नहीं है।
बिटकॉइन के लाभ व लोक प्रिय होने के कारण
- वर्तमान में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं। बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है
- आम डेबिट /क्रेडिट कार्ड से भुगतान करने में लगभग दो से तीन प्रतिशत लेनदेन शुल्क लगता है, लेकिन बिटकॉइन में ऐसा कुछ नहीं होता है। इसके लेनदेन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है, इस वजह से भी यह लोकप्रिय होता जा रहा है।
- इसके अलावा यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं।
बिटकॉइन के नुकसान (Loss of bitcoin)
- जिस तरह से बिटकॉइन का इस्तेमाल कारोबार के लिए बिजनेसमैन कर रहे हैं। इसका दुरुपयोग भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। क्योंकि, इसके जरिए होने वाले लेन-देन में गड़बड़ी की जिम्मेदारी किसी की नहीं होती है।
- बिटकॉइन का दुरुपयोग ड्रग्स की खरीद-बिक्री, हवाला, आतंकी गतिविधियों को वित्तीय मदद, टैक्स की चोरी आदि किया जा रहा है |
- बिटकॉइन की माइनिंग में उपयोग होने वाली बिजली के कारण भी इसकी आलोचना की गयी है। एक बिटकॉइन के संचालन सौदे में अनुमानित 300 kwh बिजली लगती है जो 36000 केतलियों में पानी गर्म करने में लगनी वाली उर्जा के बराबर है |
बिटकॉइन बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है का लेन देन कैसे किया जाता है (How to transact bitcoin)
- बिटकॉइन के लेन देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है। कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन देन कर सकता है।
भारत में बिटकॉइन की उपयोगिता और भविष्य (Utility and future of bitcoin in India)
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी। इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है।
- 1 फरवरी 2017 और 5 दिसम्बर 2017 को रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी।
बिटकॉइन माइनिंग क्या है ? (What is bitcoin mining in Hindi)
- बिटकॉइन माइनिंग का मतलब एक ऐसी प्रोसेस है जिसमें कंप्यूटिंग पावर का इस्तेमाल कर ट्रांजैक्शन ट्रांजैक्शन प्रोसेस किया जाता है, नेटवर्क को सुरक्षित रखा जाता है साथ ही नेटवर्क को सिंक्रोनाइज भी किया जाता है |
- बिटकॉइन माइनिंग की सफलता का ट्रांजैक्शन प्रोसेस करने पर जो पुरस्कार मिलता है वह बिटकॉइन होता है।
- माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता हो, ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा।
बिटकॉइन की कीमत (Bitcoin price)
- दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बिटकॉइन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी बन गई है. फिलहाल एक बिटकॉइन की ऑनलाइन या बाजार कीमत करीब 2.69 लाख रुपये से भी ज्यादा है|
- कम्प्यूटर नेटवर्कों के जरिए इस मुद्रा से बिना बैंक के ट्रांजेक्शन किया जा सकता है. वहीं, इस करेंसी को डिजिटल वॉलेट में भी रखा जाता है|
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जानिए क्या है क्रिप्टोकरेंसी या बिटकॉइन
क्रिप्टोकरेंसी एक प्रकार की आभासी (वर्चुअल) मुद्रा है. आभासी से मतलब है कि अन्य मुद्रा की तरह क्रिप्टोकरेंसी का कोई भौतिक स्वरुप नहीं है. क्रिप्टोकरेंसी को आप ना तो देख सकते हैं और न ही छू सकते हैं. यह एक डिजिटल करेंसी है. बिटकॉइन, इथीरियम, रिप्पल, लाइटकॉइन इत्यादि कुछ प्रमुख क्रिप्टोकरेंसी हैं.
बिटकॉइन को विश्व की पहली और सबसे चर्चित क्रिप्टोकरेंसी माना जाता है. अगर किसी के पास बिटकॉइन है तो वह आम मुद्रा की तरह ही इसका उपयोग कर कोई सामान खरीद सकता है. बिटकॉइन को सिर्फ ऑनलाइन ही इस्तेमाल किया जा सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास
बिटकॉइन का विकास सातोशी नकामोतो नामक एक अभियंता (इंजिनियर) ने 2008 में किया था. सातोशी का यह छद्म नाम है. 2009 में ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर के रूप में इसे जारी किया गया था. इसकी शुरुआत 3 जनवरी 2009 को हुई थी. बिटकॉइन पहली विकेन्द्रीकृत डिजिटल मुद्रा है. विकेन्द्रीकृत से इसका अर्थ यह है कि यह किसी केंद्रीय बैंक (सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी) द्वारा संचालित नहीं होती. कंप्यूटर नेटवर्किंग पर आधारित भुगतान हेतु इसे निर्मित किया गया है.
बिटकॉइन की वैल्यू
बिटकॉइन की वैल्यू दिन-प्रतिदिन बदलती रहती है. आज (जनवरी 2018) की बात करे तो 1 बिटकॉइन की कीमत कीमत लगभग 752865 रुपये है. बिटकॉइन खरीदने के लिए यह जरूरी नहीं है कि 1 बिटकॉइन ही खरीदा जाये. दरअसल बिटकॉइन की सबसे छोटी यूनिट सातोशी (Santoshi) है और 1 बिटकॉइन = 10,00,00,000 सातोशी होता है.
बिटकॉइन वॉलेट
चुकी बिटकॉइन एक आभासी मुद्रा है इसलिए इसे अपने घर या पॉकेट में नहीं रख सकते. बिटकॉइन को रखने के लिए बिटकॉइन ऑनलाइन वॉलेट अकाउंट की जरुरत होती है. इन्टरनेट के माध्यम से वॉलेट अकाउंट बनाया जा सकता है. प्रत्येक बिटकॉइन वॉलेट अकाउंट का एक विशिष्ट एड्रेस होता है.
बिटकॉइन खरीदने से पहले उस विशिष्ट वॉलेट एड्रेस की जरूरत होती है. जिसमे बिटकॉइन को रखा जाता है. बिटकॉइन वॉलेट में रखे बिटकॉइन को बेचा या अपनी बैंक अकाउंट में ट्रान्सफर किया जा सकता है.
बिटकॉइन माइनिंग और माइनरस
चूकि बिटकॉइन का कोई भोतिक रूप नहीं है इसलिए इसकी माइनिंग का मतलव इसके निर्माण से है. अर्थात बिटकॉइन को कैसे बनाएं नई बिटकॉइन बनाने के तरीके को बिटकॉइन माइनिंग कहा जाता है. बिटकॉइन माइनिंग का काम करने वाले ऑपरेटर को बिटकॉइन माइनरस कहते है.
माइनिंग का काम वही लोग करते हैं जो जिनके पास के पास विशेष गणना वाले कंप्यूटर और गणना करने की उचित क्षमता (तीव्र पप्रोसेसिंग वाले शक्तिशाली कंप्यूटर) हो ऐसा नहीं होने पर माइनरस केवल इलेक्ट्रिसिटी ही खर्च करेगा और अपना समय बर्बाद करेगा.
जिस प्रकार प्रत्येक देश में नोट छापने की एक सीमा होती है उसी प्रकार बिटकॉइन बनाने की भी एक सीमा होती है. और इसकी सीमा ये है कि मार्केट में 21 मिलियन से ज्यादा बिटकॉइन नहीं आ बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है सकते है. अभी तक मार्केट में लगभग 13 मिलियन बिटकॉइन आ चुके हैं.
बिटकॉइन के लोकप्रिय होने के कारण
- इसके लेन-देन में कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगता है.
- यह सुरक्षित और तेज है जिससे लोग बिटकॉइन स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित हो रहे हैं.
- क्रेडिट कार्ड की तरह इसमें कोई क्रेडिट लिमिट नहीं होती है बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है न ही कोई नगदी लेकर घूमने की समस्या है.
- खरीदार की पहचान का खुलासा किए बिना पूरे बिटकॉइन नेटवर्क के प्रत्येक लेन-देन के बारे में पता किया जा सकता है.
- बिटकॉइन को आप दुनिया में कही भी बेच या खरीद सकते है.
- बिटकॉइन में सरकार आप पर नजर नहीं रखती है.
- वर्तमान बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है में लोग कम कीमत पर बिटकॉइन खरीद कर ऊंचे दामों पर बेच कर कारोबार कर रहे हैं.
बिटकॉइन कैसे खरीदे?
बिटकॉइन के लेन-देन के लिए बिटकॉइन एड्रेस का प्रयोग किया जाता है. कोई भी ब्लॉकचेन में अपना खता बनाकर इसके ज़रिये बिटकॉइन का लेन-देन कर सकता है. बिटकॉइन की सबसे छोटी संख्या को सातोशी कहा जाता है. एक बिटकॉइन में 10 करोड़ सातोशी होते हैं. यानी 0.00000001 बिटकॉइन (BTC) को एक सातोशी कहा जाता है.
बिटकॉइन खरीदने के निम्नलिखित तीन तरीके है:
1. बिटकॉइन को आप अपने बैंक अकाउंट से ऑनलाइन पेमेंट कर ख़रीदा जा सकता है.
2. किसी सेवा या किसी चीज के बदले बिटकॉइन लिया जा सकता है.
3. किसी वेबसाइट या एप्लीकेशन की मदद से बिटकॉइन माइनिंग कर कमाया जा सकता है.
बिटकॉइन के क्या नुकसान है?
बिटकॉइन में कोई सेंट्रलाइज कंट्रोलिंग अथॉरिटी, बैंक, या कोई सरकार बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है अधिकृत की प्रणाली नहीं है जिसकी बजह से इसकी कीमत कम ज्यादा होती रहती है.
अगर बिटकॉइन अकाउंट हैक हो जाता है तो इसमें जमा बिटकॉइन बापस नहीं बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है लिया जा सकता क्यूंकि इसके लिए कोई कंट्रोलिंग अथॉरिटी या कोई सरकारी एजेंसी नहीं है जहाँ इसकी शिकायत किया जा सके.
आलोचना और चेतावनी
कई अर्थशास्त्रियों द्वारा बिटकॉइन को पोंज़ी स्कीम घोषित किया गया है. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा 24 दिसम्बर 2013 को बिटकॉइन जैसी वर्चुअल मुद्राओं के सम्बन्ध में एक प्रेस प्रकाशनी जारी की गयी थी. इसमें कहा गया था की इन मुद्राओं के लेन-देन को कोई अधिकारिक अनुमति नहीं दी गयी है और इसका लेन-देन करने में कईं स्तर पर जोखिम है. हाल ही में रिजर्व बैंक ने पुन: इसके बारे में सावधानी जारी की थी.
बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है
बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है ?
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बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है बिटकॉइन के फायदे और नुकसान क्या है – what is bitcoin what is the history of bitcoin how does bitcoin work what are the advantages and disadvantages of bitcoin
बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसपर ना तो किसी देश की सरकार का नियंत्रण है और ना ही किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण है बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है यह दुनियां की सबसे पहली क्रिप्टोकरेन्सी है बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है क्योंकि बिटकॉइन करेंसी को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में देख सकते है यह फॉर्मेट लैपटॉप हो सकता है, मोबाइल हो सकता है, कंप्यूटर हो सकता है, टेबलेट हो सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास क्या है?
किसी ना किसी चीज को बनाने के पीछे कई कारण होते है जैसे की 2008 में ग्लोबली इकॉनमिक प्रॉब्लम, 8 November 2016 इंडियन में 500 और 1000 के नॉट अचानक से अमान्य, बैंक प्रॉब्लम तो इसी चीज को देखकर बिटकॉइन का निर्माण हुआ बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी को Satoshi Nakamoto ने बनाया और इसे Jan. 3, बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है 2009 को लॉन्च कर दिया जब बिटकॉइन मार्किट में आया था तो इसका मूल्य काफी कम था इस पर किसी गवर्नमेन्ट अथॉरिटी का हस्क्षेप नहीं था और ना ही कोई कानून था इसलिए इंटरनेट यूजर इस करेंसी पर ज्यादा ट्रस्ट नहीं करते थे जिस तरह रूपये करेंसी को भारत सरकार नियंत्रण करती है , डॉलर करेंसी काअमेरिका सरकार नियंत्रण करती है, रूबल करेंसी को रूस देश नियंत्रण करता है लेकिन बिटकॉइन को दुनियां का कोई भी देश नियंत्रण नहीं करता है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते है सभी बिटकॉइन हिस्सेदार का एक पब्लिक अकाउंट होता है जिसे Ledger खाता कहते है इस Ledger खाते की कॉपी हर एक ब्लैकचैन के कंप्यूटर में डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर होती है जो लोग ब्लॉकचैन से जुड़े कंप्यूटर को हैंडल करते है उन्हें Miners कहते है Miners का काम होता है बिटकॉइन की हर लेनदेन को वेरीफाई करते रहना
जैसे की अ से ब को 5 बिटकॉइन लेना बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है है तो ब को कैसे पता चलेगा की अ पास 5 बिटकॉइन है तो यह पता लगाने के लिए Miners की हेल्प लेनी होती है Miners आपको बता देगें वास्तव में अ के पास बिटकॉइन उपलब्ध है देने के लिए की नहीं Miners जब यह काम करते है तो उनको कुछ काम के बदले रिवॉर्ड मिलते है जो बिटकॉइन के फॉर्मेट में होते है
बिटकॉइन का इन्वेस्टमेंट को समझे
जब हमें किसी चीज में इन्वेस्ट करना होता है तो हमारा केवल एक ही उद्देश्य होता है की कैसे भी करके अपने इन्वेस्ट से ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कामना वैसा ही इन्वेस्ट बिटकॉइन में किया जाता है जब आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेगें तो आपको बिटकॉइन खरीदने के लिए काफी रकम देनी पड़ेगी क्योंकि अभी 1 बिटकॉइन की कीमत 43191.20 डॉलर है यानी 3296253.04 इंडिया रूपये और इसका अमाउंट समय-समय पर कम-ज्यादा होता रहता है जब आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेगें तो आपको इसमें फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी हो सकता है बिटकॉइन का प्रॉफिट बड़ी-बड़ी कंपनी पर निर्भर भी करता है अगर बड़ी-बड़ी कंपनी बिटकॉइन को अपने प्रोडक्ट या सर्विस में मान्य कर देती है तो एक दम से बिटकॉइन का मूल्य बढ़ जायेगा और वहीं किसी बड़ी कंपनी ने बिटकॉइन को लेने से मना कर दिया तो एक दम से बिटकॉइन का मूल्य गिर जायेगा।
बिटकॉइन का निर्माण कैसे होता है
बिटकॉइन क्या है बिटकॉइन का इतिहास क्या है बिटकॉइन कैसे काम करता है ?
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बिटकॉइन क्या है?
बिटकॉइन एक डिजिटल करेंसी है जिसपर ना तो किसी देश की सरकार का नियंत्रण है और ना ही किसी वित्तीय संस्था का नियंत्रण है बिटकॉइन सबसे पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है यह दुनियां की सबसे पहली क्रिप्टोकरेन्सी है बिटकॉइन को वर्चुअल करेंसी भी कहा जाता है क्योंकि बिटकॉइन करेंसी को हम स्पर्श नहीं कर सकते है केवल किसी भी डिजिटल फॉर्मेट में देख सकते है यह फॉर्मेट लैपटॉप हो सकता है, मोबाइल हो सकता है, कंप्यूटर हो सकता है, टेबलेट हो सकता है.
बिटकॉइन का इतिहास क्या है?
किसी ना किसी चीज को बनाने के पीछे कई कारण होते है जैसे की 2008 में ग्लोबली इकॉनमिक प्रॉब्लम, 8 November 2016 इंडियन में 500 और 1000 के नॉट अचानक से अमान्य, बैंक प्रॉब्लम तो इसी चीज को देखकर बिटकॉइन का निर्माण हुआ बिटकॉइन क्रिप्टोकोर्रेंसी को Satoshi Nakamoto ने बनाया और इसे Jan. 3, 2009 को लॉन्च कर दिया जब बिटकॉइन मार्किट में आया था तो इसका मूल्य काफी कम था इस पर किसी गवर्नमेन्ट अथॉरिटी का हस्क्षेप नहीं था और ना ही कोई कानून था इसलिए इंटरनेट यूजर इस करेंसी पर ज्यादा ट्रस्ट नहीं करते थे जिस तरह रूपये करेंसी को भारत सरकार नियंत्रण करती है , डॉलर करेंसी काअमेरिका सरकार नियंत्रण करती है, रूबल करेंसी को रूस देश नियंत्रण करता है लेकिन बिटकॉइन को दुनियां का कोई भी देश नियंत्रण नहीं करता है.
बिटकॉइन कैसे काम करता है?
बिटकॉइन ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी पर काम करती है ब्लॉकचैन टेक्नोलॉजी में कंप्यूटर एक-दूसरे से जुड़े होते है सभी बिटकॉइन हिस्सेदार का एक पब्लिक अकाउंट होता है जिसे Ledger खाता कहते है इस Ledger खाते की कॉपी हर एक ब्लैकचैन के कंप्यूटर में डिजिटल फॉर्मेट में स्टोर होती है जो लोग ब्लॉकचैन से जुड़े कंप्यूटर को हैंडल करते है उन्हें Miners कहते है Miners का काम होता है बिटकॉइन की हर लेनदेन को वेरीफाई करते रहना
जैसे की अ से ब को 5 बिटकॉइन लेना है तो ब को कैसे पता चलेगा की अ पास 5 बिटकॉइन है तो यह पता लगाने के लिए Miners की हेल्प लेनी होती है Miners आपको बता देगें वास्तव में अ के पास बिटकॉइन उपलब्ध है देने के लिए की नहीं Miners जब यह काम करते है तो उनको कुछ काम के बदले रिवॉर्ड मिलते है जो बिटकॉइन के फॉर्मेट में होते है
बिटकॉइन का इन्वेस्टमेंट को समझे
जब हमें किसी चीज में इन्वेस्ट करना होता है तो हमारा केवल एक ही उद्देश्य होता है की कैसे भी करके अपने इन्वेस्ट से ज्यादा से ज्यादा प्रॉफिट कामना वैसा ही इन्वेस्ट बिटकॉइन में किया जाता है जब आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेगें तो आपको बिटकॉइन खरीदने के लिए काफी रकम देनी पड़ेगी क्योंकि अभी 1 बिटकॉइन की कीमत 43191.20 डॉलर है यानी 3296253.04 इंडिया रूपये और इसका अमाउंट समय-समय पर कम-ज्यादा होता रहता है जब आप बिटकॉइन में इन्वेस्ट करेगें तो आपको इसमें फायदा भी हो सकता है और नुकसान भी हो सकता है बिटकॉइन का प्रॉफिट बड़ी-बड़ी कंपनी पर निर्भर भी करता है अगर बड़ी-बड़ी कंपनी बिटकॉइन को अपने प्रोडक्ट या सर्विस में मान्य कर देती है तो एक दम से बिटकॉइन का मूल्य बढ़ जायेगा और वहीं किसी बड़ी कंपनी ने बिटकॉइन को लेने से मना कर दिया तो एक दम से बिटकॉइन का मूल्य गिर जायेगा।