ट्रेंड मूवमेंट क्या है?

'बायकॉट चाइना' मूवमेंट से घबराया चीन, इस तरह देने लगा है धमकी, पढ़े रिपोर्ट
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में बढ़े तनाव के बाद देशभर में इसका गुस्सा देखा जा सकता है। पूरा देश चीन के बहिष्कार की मांग करने लगा है और चीनी सामानों के इस्तेमाल करने पर रोक लगाए जाने की मांग की जा रही है।
इसी बीच चीन को भी जब भारत की तरफ से लोगों के रोष और नाराजगी का पता चला तो चीनी सरकार घबरा गई। चीनी सरकार इस बात से काफी टेंशन में आ गई है कि भारत जो चीन से 1000 से ज्यादा सामान और कई जरूरी वस्तुओं को इम्पोर्ट करता है वो चीनी बहिष्कार के बाद खत्म हो जाएगा।
चीनी सरकार की धमकी
ऐसे में चीनी सरकार की तरफ से चीन के सरकारी मीडिया अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को धमकी दी है। इस बारे में ग्लोबल टाइम्स में एक लेख पब्लिश हुआ है जिसमें भारत पर चीन ने आरोप लगाए हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग भारतीयों को चीन के खिलाफ भड़का रहे हैं। ये लोग झूठे राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। इस लेख से ये साफ़ पता लगता है कि चीन भारत द्वारा 'बायकॉट चाइना' मुहीम से घबरा गया है इसलिए इस तरह के आरोप और धमकी दे रहा है।
बहिष्कार से टूटेगी कमर
ग्लोबल टाइम्स में छपे आर्टिकल में इंडियन आर्मी के रिटायर अधिकारी रंजित सिंह का नाम लिया गया है। लिखा है कि कुछ लोग समझते है कि चीनी सामान के बहिष्कार से चीन की कमर टूट जाएगी, तो यह गलत सोच है। जबकि भारत को चीन जैसे साथ देने वाले की जरूरत है जो आर्थिक और सामरिक रूप से साथ आ सके।
भारतीय न बने मूर्ख
चीन ने यहां ये भी कहा है कि दूसरों के बहकावे में आ कर भारत के लोग मूर्ख न बने और चीनी सामान का विरोध न करें। चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है और भारत के विकास में चीन का हाथ है क्योंकि चीन का भारत में बड़ा निवेश हिस्सा है।
चीन ने दावा किया कि भारत के 30 बड़े स्टार्टअप में से 18 में चीन ने ही अपना पैसा लगाया है यानी निवेश किया है। इसके अलावा भारत चीन से घरेलू सामन, टीवी, माइक्रोवेव, एयरकंडीशनर, मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसी सभी ज़रूरी चीजें काफी सस्ते में इल जाती है, ऐसे में अगर भारत कहीं और से ये सब लेना चाहता है तो उसकी भारत को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
पड़ोस में दुश्मन से अच्छा दोस्त
चीन ने इस लेख में ये भी दावा किया है कि भारत में मेड इन इंडिया इक्विपमेंट के जरिए 4G इंटरनेट उपलब्ध कराने की बात झूठी है क्योंकि भारत में एक भी ऐसा टेलिकॉम प्रदाता नहीं है जो कि 3G या 4G इंटरनेट के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स को बनाता हो।
चीन ने भारत को सलाह दी है कि भारत के पड़ोसी पाकिस्तान से भी रिश्ते ठीक नहीं हैं और अब चीन से भी बिगाड़ ली है ऐसे में भारत को ये तनाव उसे काफी भारी पड़ सकता है। चीन ने धमकी देते हुए कहा है कि पड़ोस में दुश्मन के रहने से अच्छा होता है कि कोई दोस्त रहे।
VVIP security: अब यूपी में वीवीआइपी मूवमेंट पर सुरक्षा में तैनात होंगे काउंटर स्नाइपर
जेएनएन, बरेली : जम्मू कश्मीर में लगातार स्नाइपर हमले के बाद चुनाव प्रचार के लिए आने वाले वीवीआइपी की सुरक्षा पर सवाल खड़े हो गए हैैं। यही वजह है, किसी भी स्थिति से निपटने के लिए वीवीआइपी मूवमेंट में स्थानीय प्रशासन की डिमांड पर काउंटर स्नाइपर उपलब्ध कराए जाएंगे। डीजीपी ने इसके लिए सभी जिलों को पत्र भेजकर जरूरत पूछी है।
क्या है स्नाइपर
स्नाइपर रायफल ऐसा हथियार है, जो दो किमी दूरी से सटीक निशाना लगा सकती है। मूल रूप से यह एक लांग बैरल रायफल होती है। जिसमें टेलीस्कोप साइट्स लगाई जाती है। इसमें ऐसे स्कोप भी आते हैं, जिनके जरिये रात में भी टारगेट हिट किया जा सकता है।
वातावरण से प्रभावित होती है स्नाइपर
स्नाइपर रायफल की प्रभावशीलता का अंदाजा आप इससे भी लगा सकते हैं कि इसके इस्तेमाल के दौरान हवा के बहाव, वातावरण की नमी, रोशनी व बारिश आदि का भी अहम प्रभाव होता है।
स्नाइपर से बचने का उपाय
स्नाइपर यानी खास निशाने वाली रायफल चलाने वाला जवान बेहद ट्रेंड होता है। वह वहीं से हमला कर सकता है जहां से उसे टारगेट दिखाई दे। इसीलिए अक्सर स्नाइपर छिपे रहते हैैं।
ऊंचाई का करते इस्तेमाल
स्नाइपर हमलावर हमेशा ऊंचे स्थान को टारगेट के लिए चुनते हैं। इसलिए सुरक्षा के लिए पानी की टंकी, टॉवर, ऊंची बिल्डिंग को खाली कराकर उनपर पुलिस तैनात की जाती है ताकि वहां कोई पहुंच न सके।
प्रदेश पुलिस के पास नहीं हाईटेक सिस्टम
पत्र में यह भी बताया गया है कि स्नाइपर से निपटने के लिए लेजर के साथ कई अपडेट प्रणालियां हैं, जिससे स्नाइपर को डिटेक्ट कर सकते हैं लेकिन यूपी पुलिस के पास यह सिस्टम उपलब्ध नहीं हैं। इसलिए केवल डिमांड पर उपलब्ध कराए जाएंगे। किसी बड़े इलाके में स्नाइपर से खतरा है, वहां काउंटर स्नाइपर का प्रयोग किया जाएगा।
तीन दिन पहले करनी होगी डिमांड
अधिकारियों से कहा गया है कि काउंटर स्नाइपर्स की संख्या सीमित है। इसलिए विशिष्ट महानुभावों की सुरक्षा व्यवस्था में जरूरत पर ही डिमांड की जाए।
'बायकॉट चाइना' मूवमेंट से घबराया चीन, इस तरह देने लगा है धमकी, पढ़े रिपोर्ट
नई दिल्ली/टीम डिजिटल। भारत और चीन के बीच गलवान घाटी में बढ़े तनाव के बाद देशभर में इसका गुस्सा देखा जा सकता है। पूरा देश चीन के बहिष्कार की मांग करने लगा है और चीनी सामानों के इस्तेमाल ट्रेंड मूवमेंट क्या है? करने पर रोक लगाए जाने की मांग की जा रही है।
इसी बीच चीन को भी जब भारत की तरफ से लोगों के रोष और नाराजगी का पता चला तो चीनी सरकार घबरा गई। चीनी सरकार इस बात से काफी टेंशन में आ गई है कि भारत जो चीन से 1000 से ज्यादा सामान और कई जरूरी वस्तुओं को इम्पोर्ट करता है वो चीनी बहिष्कार के बाद खत्म हो जाएगा।
चीनी सरकार की धमकी
ऐसे में चीनी सरकार की तरफ से चीन के सरकारी मीडिया अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को धमकी दी है। इस बारे में ग्लोबल टाइम्स में एक लेख पब्लिश हुआ है जिसमें भारत पर चीन ने आरोप लगाए हैं।
ग्लोबल टाइम्स ने आरोप लगाया है कि कुछ लोग भारतीयों को चीन के खिलाफ भड़का रहे हैं। ये लोग झूठे राष्ट्रवाद के नाम पर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं। इस लेख से ये साफ़ पता लगता है कि चीन भारत द्वारा 'बायकॉट चाइना' मुहीम से घबरा गया है इसलिए इस तरह के आरोप और धमकी दे रहा है।
बहिष्कार से टूटेगी कमर
ग्लोबल टाइम्स में छपे आर्टिकल में इंडियन आर्मी के रिटायर अधिकारी रंजित सिंह का नाम लिया गया है। लिखा है कि कुछ लोग समझते है कि चीनी सामान के बहिष्कार से चीन की कमर टूट जाएगी, तो यह गलत सोच है। जबकि भारत को चीन जैसे साथ देने वाले की जरूरत है जो आर्थिक और सामरिक रूप से साथ आ सके।
भारतीय न बने मूर्ख
चीन ने यहां ये भी कहा है कि दूसरों के बहकावे में आ कर भारत के लोग मूर्ख न बने और चीनी सामान का विरोध न करें। चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक पार्टनर है और भारत के विकास में चीन का हाथ है क्योंकि चीन का भारत में बड़ा निवेश हिस्सा है।
चीन ने दावा किया कि भारत के 30 बड़े स्टार्टअप में से 18 में चीन ने ही अपना पैसा लगाया है यानी निवेश किया है। इसके अलावा भारत चीन से घरेलू सामन, टीवी, माइक्रोवेव, एयरकंडीशनर, मोबाइल फोन, लैपटॉप जैसी सभी ज़रूरी चीजें काफी सस्ते में इल जाती है, ऐसे में अगर भारत कहीं और से ये सब लेना चाहता है तो उसकी भारत को बड़ी कीमत चुकानी पड़ सकती है।
पड़ोस में दुश्मन से अच्छा दोस्त
चीन ने इस लेख में ये भी दावा किया है कि भारत में मेड इन इंडिया इक्विपमेंट के जरिए 4G इंटरनेट उपलब्ध कराने की बात झूठी है क्योंकि भारत में एक भी ऐसा टेलिकॉम प्रदाता नहीं है जो कि 3G या 4G इंटरनेट के लिए जरूरी इक्विपमेंट्स को बनाता हो।
चीन ने भारत को सलाह दी है कि भारत के पड़ोसी पाकिस्तान से भी रिश्ते ठीक नहीं हैं और अब चीन से भी बिगाड़ ली है ऐसे में भारत को ये तनाव उसे काफी भारी पड़ सकता है। चीन ने धमकी देते हुए कहा है कि पड़ोस में दुश्मन के रहने से अच्छा होता है कि कोई दोस्त रहे।
सोशल मीडिया पर No Shame Campaign तो ठीक, लेकिन महिलाओं को असल में कब मिलेगा शर्मिंदगी से ट्रेंड मूवमेंट क्या है? छुटकारा?
हाल ही में एक्ट्रेस सारा अली खान No Shame Movement का हिस्सा बनी हैं। इस इवेंट में उन लड़कियों के बारे में बात की गई जिनके कंसेंट के बिना ही उनकी तस्वीरें, वीडियो, फोटो आदि इंटरनेट पर शेयर कर दिया जाता है। इस इवेंट को लेकर लॉ एंड जस्टिस मिनिस्टर किरण रिजिजू ने भी एक्ट्रेस को बधाई दी और जागरूकता बढ़ाने का काम किया। एक तरह से देखा जाए तो इस तरह के मूवमेंट्स बहुत ही खास होते हैं जहां महिलाओं के मुद्दों पर बात होती है, लेकिन क्या ये काफी है?
आज हम नो शेम मूवमेंट ट्रेंड मूवमेंट क्या है? की बात कर रहे हैं और यहां ये जानना जरूरी है कि #NoShame आखिर किस-किस चीज़ के लिए चलाया जा सकता है। छोटी बच्चियों से लेकर बुजुर्ग महिलाओं तक सभी को कई चीज़ों का सामना करना पड़ता है और उन समस्याओं को लेकर कोई भी नो शेम कैम्पेन नहीं चलती।
चलिए आज बात करते हैं उन समस्याओं की जिनके लिए नो शेम कैम्पेन बहुत जरूरी है।
शादी करने या ना करने के लिए नो शेम कैम्पेन
कोई लड़की अगर शादी ना करने का फैसला लेती है तो उसे तरह-तरह की उलाहने दी जाती है। शादी को लेकर माना जाता है कि अगर लड़की 30 पार कर गई है तो उसकी सारी जिंदगी ही व्यर्थ है। लड़की अगर कुंवारी बैठी रहे तो उसे ही नहीं उसके परिवार वालों को भी ताने दिए जाते हैं। ऐसे में एक नो शेम कैम्पेन इसके लिए भी होनी चाहिए। (शादी के बाद लड़कियों की जिंदगी में आते हैं ये बड़े बदलाव)
इमोशनल होने या ना होने के लिए नो शेम कैम्पेन
लड़कियां अगर इमोशनल हो जाएं तो उन्हें लेकर बहुत ज्यादा बातें बनाई जाती हैं। अगर वो इमोशनल ना हों तो भी बहुत ज्यादा बातें बताई जाती हैं। लड़की इमोशनल ना हो उसे पत्थर दिल मान लिया जाता है और रोना शुरू करे तो ये समझा जाता है कि बस ये तो रोती ही रहती है। इसके लिए भी एक नो शेम कैम्पेन होना चाहिए। (इमोशनल ईटिंग को कैसे रोकें)
मां बनना या ना बनना चाहे उसके लिए नो शेम कैम्पेन
अगर कोई लड़की मां बनना चाहती है तो ये उसकी मर्जी होनी चाहिए ना कि समाज के दबाव में आकर उसे ये फैसला लेना चाहिए। आजकल के ट्रेंड में अगर कोई लड़की मां ना बनना चाहे तो उसे ताने मारे जाते हैं और ये समझाने की कोशिश की जाती है कि उसकी जिंदगी तो बच्चे के बिना अधूरी है। उसपर दबाव डाला जाता है उस जिम्मेदारी के लिए जो उसे निभानी ही नहीं है। इसके लिए भी एक नो शेम कैम्पेन होनी चाहिए।
मॉर्डन कपड़े या फिर ट्रेडिशनल कपड़ों के लिए नो शेम कैम्पेन
आजकल कपड़ों को लेकर बहुत सारी बातें कही जा रही हैं। ईरान में हिजाब हटाने को लेकर आंदोलन किया जा रहा है और भारत में हिजाब पहनना जारी रखने को लेकर आंदोलन किया जा रहा है। इन दोनों ही मामलों को लोग बहुत कम्पेयर कर रहे हैं, लेकिन ये नहीं सोच रहे हैं कि आखिर यहां बात आज़ादी की है। जिसे ये पहनना है वो पहने और जिसे नहीं पहनना वो ना पहने। महिलाओं को इसकी आजादी मिलनी चाहिए कि वो चाहे मॉर्डन कपड़ों में कंफर्टेबल हो सके या फिर ट्रेडिशनल में उन्हें टोकने वाला कोई ना हो। इसके लिए भी एक नो शेम कैम्पेन जरूरी है।
Recommended Video
रात में घूमने के लिए या ना घूमने के लिए नो शेम कैम्पेन
जैसा कि हम जानते हैं कि विक्टिम ब्लेमिंग भारत की एक बहुत बड़ी समस्या है जहां पर रात में घूमने वाली महिलाओं को लेकर तरह-तरह की बातें की जाती हैं। इसके अलावा, जो लड़कियां बाहर नहीं जाती उन्हें लेकर भी तरह-तरह की बातें कही जाती हैं और उन्हें बोर माना जाता है। ऐसे में भला लड़कियां करें तो क्या करें।
ऐसे कई सारे मुद्दे हैं जिन्हें लेकर लड़कियों को गाहे-बगाहे ट्रोल किया जाता है और आइरनी यही है कि लोग ये समझना पसंद नहीं करते कि आखिर जीने की आज़ादी तो हर किसी को होनी चाहिए ना। अगर ब्रा की स्ट्रैप भी दिखने लगे तो ये माना जाता है कि लड़कियों के लिए तो ये बहुत ही गलत हो गया, लेकिन आखिर ऐसा क्यों? क्या वो उनके पहनावे का हिस्सा नहीं है? इस तरह की छोटी-छोटी बातों को लेकर रोजाना लड़कियों को परेशानी से जूझना पड़ता है और इसे लेकर रोज़ाना उन्हें शर्मिंदा किया जाता है।
Related Stories
सोचने वाली बात है कि नो शेम कैम्पेन की जरूरत कहां-कहां है। अगर आपको ये स्टोरी अच्छी लगी है तो इसे शेयर जरूर करें। ऐसी ही अन्य स्टोरी पढ़ने के लिए जुड़े रहें हरजिंदगी से।
बड़ा खुलासा: #MeToo मे कई लड़कियों ने पैसा कमाया: चाहत खन्ना ने बताया
अपने पति से तलाक की अर्जी लगाकर संजय दत्त के साथ उनकी फिल्म 'प्रस्थानम' के जरिए एक बार फिर बॉलीवुड में एंटर कर रहीं टीवी एक्ट्रेस चाहत खन्ना ने दावा किया है कि #MeToo मूवमेंट के समय कई मॉडल और एक्ट्रेस ने चेक लिए और चुप रहीं। यानी उन्होंने पीड़ित होने का फायदा उठाया और इसके जरिए पैसा कमाया।
बॅालीवुड में आज भी काम के बदले सेक्स लिया जाता है
स्पॅाटबॅाय को दिए गए इंटरव्यू में चाहत खन्ना ने कई खुलासे किए हैं। उन्होंने पिछले साल चर्चित रहे मी टू मूवमेंट पर भी पर्दे के पीछे की बात का खुलासा किया है। चाहत ने खुलासा किया कि आज भी बॅालीवुड में फिल्मों में काम दिलाने की लालच देकर यौन उत्पीड़न किया जाता है। ये अभी तक खत्म नहीं हुई है। इसी वजह से वह हमेशा से फिल्मों से दूर रही हैं।
#MeToo के समय कई लड़कियों ने चेक लिए और चुप रहीं
कास्टिग काउच बड़े पैमाने पर अपनी बातचीत में चाहत ने आगे कहा कि कास्टिंग निर्देशक भी इसका हिस्सा हैं। कौन इसे कबूल कर सकता है। कोई भी नहीं। यहां पर कास्टिंग काउच बड़े पैमाने पर मौजूद है। मैंने इस वजह से हमेशा टीवी किया। मैंने इस रास्ते को नहीं चुना। मी टू मूवमेंट पर चाहत का कहना है कि ये एक फैशन ट्रेंड बन गया है। कई लोगों ने चेक लिए और चुप रहीं। जो लोग पब्लिसिटी स्टंट करना चाहती थी, उन्होंने कर लिया। यह एक फैशन ट्रेंड की तरह था।
यदि कोई पीड़ित है तो #MeToo का इंतजार क्यों करेगा
चाहत ने दावा किया है कि मैं एक ऐसी एक्ट्रेस को जानती हूं जिन्होंने नहीं बोलना चुना लेकिन ऐसी कई एक्ट्रेसे थीं। जो चुप रह गईं। कई कलाकारों के नाम सामने आने चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। जो पीड़ित होता वो मी टू मूवमेंट जैसे प्लेटफॅार्म का इंतजार क्यों करता?