खास टिप्स

किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें?

किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें?
इन दोनों सूचकाकों को तय करने वाला सबसे बड़ा फैक्टर है कंपनी का प्रदर्शन. अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो लोग उसके शेयर खरीदना चाहेंगे और शेयर की मांग बढ़ने से उसके दाम बढ़ेंगे. अगर कंपनी का प्रदर्शन खराब रहेगा तो लोग शेयर बेचना शुरू कर देंगे और शेयर की कीमतें गिरने लगती हैं.

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LIC का शेयर 17 किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? मई को 12% प्रीमियम पर लिस्ट हुआ तो आप कमाएंगे कितना प्रॉफिट?

इस इश्यू को पॉलिसीहोल्डर्स का सबसे ज्यादा रिस्पॉन्स मिला है। इसकी वजह प्रति शेयर 60 रुपये का डिस्काउंट हो सकता है।

LIC का आईपीओ आखिरी दिन (सोमवार) करीब 3 गुना (2.93 गुना) सब्सक्राइब हुआ। अब इनवेस्टर्स की नजरें दो बातों पर होंगी। पहला, उन्हें शेयर एलॉट होते हैं या नहीं। दूसरा, स्टॉक एक्सचेंजों में 17 मई को इस शेयर की लिस्टिंग (Listing of LIC Shares) कैसी रहती है। स्टॉक मार्केट में कमजोर सेंटिमेंट की वजह से बहुत ज्यादा प्रीमियम की उम्मीद नहीं की जा सकती। फिर भी 10-15 फीसदी प्रीमियम पर इस शेयर के लिस्ट होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता।

इनवेस्टमेंट एडवाइजर संदीप सभरवाल ने फाइनेंशियल एक्सप्रेस को बताया है कि एलआईसी का शेयर 10-12 फीसदी प्रीमियम के साथ लिस्ट हो सकता है। सभरवाल का अनुमान सही साबित होने पर करोड़ों इनवेस्टर्स को 17 मई को जश्न मनाने का मौका मिल सकता है। इस इश्यू को पॉलिसीहोल्डर्स और रिटेल इनवेस्टर्स का अच्छा रिस्पॉन्स मिला है।

क्या है IPO

इनिशियल पब्लिक ऑफर बाजार से पूंजी जुटाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा लाया जाता है. यह एक प्राइवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया है. जब कंपनियों को पैसे की जरूरत होती है तो ये शेयर बाजार में खुद को लिस्ट कराती हैं. आईपीओ के ज़रिए प्राप्त पूंजी को कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है. इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने या कंपनी की तरक्की आदि में किया जा सकता है. स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की लिस्टिंग से कंपनी को अपने मूल्य का उचित वैल्यूएशन प्राप्त करने में मदद मिलती है.

यह ध्यान रखना अहम है कि सभी आईपीओ को उनके मन मुताबिक सफलता नहीं मिलती है. अतीत में ऐसे कई आईपीओ रहे हैं जो सफल नहीं हो सके जबकि कई अन्य ने काफी अच्छा प्रदर्शन किया और निवेशकों की संपत्ति में इजाफा किया. इसलिए, निवेशकों को किसी भी आईपीओ में निवेश करने से पहले इसके बारे में अच्छी तरह समझ लेना जरूरी है. आईपीओ में पैसा लगाते समय निवेशकों के लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है, जिसके बारे में हमने यहां बताया है.

DRHP को ध्यान से पढ़ें

किसी कंपनी के ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस या DRHP के ज़रिए उस कंपनी को समझा जा सकता है. इस किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? दस्तावेज को बाजार नियामक सेबी के सामने प्रस्तुत किया जाता है, जिसमें कंपनी से संबंधित अहम जानकारियां होती हैं. इसमें कंपनी के बिजनेस, पास्ट परफॉरमेंस, संपत्ति और देनदारियां, आईपीओ के किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? ज़रिए प्राप्त फंड के इस्तेमाल से संबंधित डिटेल और संभावित रिस्क फैक्टर्स जो कंपनी के प्रदर्शन को प्रभावित कर सकते हैं, आदि जानकारियां होती हैं. निवेश करने का निर्णय लेने से पहले आपको इसे अच्छी तरह से पढ़ लेना चाहिए. DRHP कई अहम जानकारी प्रदान करता है, जिसकी मदद से आप कंपनी के व्यवसाय को बेहतर ढंग से समझने और इस आधार पर निवेश का निर्णय ले सकते हैं.

इस बात पर ध्यान जरूर दिया जाना चाहिए कि कंपनी द्वारा जुटाए गए फंड का इस्तेमाल कहां किया जाना है. अगर कंपनी कर्ज के बोझ से दबी है और डीआरएचपी में उल्लेख करती है कि आय का इस्तेमाल मौजूदा कर्ज का भुगतान करने के लिए किया जाएगा, तो निवेशकों को इसमें निवेश करने में ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. हालांकि, अगर फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने के साथ-साथ कंपनी की तरक्की के मिश्रित उद्देश्य के लिए किया जाना है, तो निवेश करने पर विचार किया जा सकता है. अगर कंपनी पहले ही अच्छा परफॉर्म कर रही है और आईपीओ से प्राप्त फंड का इस्तेमाल कंपनी की तरक्की के लिए करना चाहती है तो ऐसे में इसमें निवेश करना फायदे का सौदा साबित हो सकता है.

प्रमोटरों को जानें

जो लोग कंपनी को चला रहे हैं, उन पर नजर रखनी चाहिए. इसमें फर्म के प्रमोटर और प्रबंधन के अन्य प्रमुख अधिकारी शामिल हैं. कंपनी ग्रोथ करेगी या नहीं, यह काफी हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि उसके प्रमोटर और प्रमुख अधिकारी कौन हैं. कंपनी के सभी तरह के व्यावसायिक निर्णय इन्हीं के द्वारा लिए जाते हैं. एक निवेशक को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि प्रमुख प्रबंधन अधिकारियों ने कंपनी के साथ कितने साल बिताए हैं.

कंपनी जिस सेक्टर से संबंधित है, उसमें कंपनी की स्थिति, उसकी बाजार हिस्सेदारी, उसके उत्पादों की पहुंच, भौगोलिक प्रसार, विस्तार योजनाएं, अनुमानित लाभ, सप्लाई चैन, संकट से निपटने की क्षमता जैसे फैक्टर्स पर ध्यान देना जरूरी है. इन सभी जीचों के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कंपनी भविष्य में ग्रोथ करेगी या नहीं.

जब शेयर मार्केट गिरता है तो कहां जाता है आपका पैसा? यहां समझिए इसका गणित

  • शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है
  • अगर कंपनी अच्छा परफॉर्म करेगी तो उसके शेयर के दाम बढ़ेंगे
  • राजनीतिक घटनाओं का भी शेयर मार्केट पर पड़ता है असर

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कंपनी के भविष्य को परख कर करते हैं निवेश

आपको पता होगा कि कंपनी शेयर मार्केट में उतरती हैं. इन कंपनियों के शेयरों पर निवेशक पैसा लगाते हैं. कंपनी के भविष्य को परख कर ही निवेशक और विश्लेषक शेयरों में निवेश करते हैं. जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है, तो उसके शेयरों को लोग ज्यादा खरीदते हैं और उसकी डिमांड बढ़ जाती है. ऐसे ही जब किसी कंपनी के बारे में ये अनुमान लगाया जाए कि भविष्य में उसका मुनाफा कम होगा, तो कंपनी के शेयर गिर जाते हैं.

डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है शेयर

शेयर मार्केट डिमांड और सप्लाई के फॉर्मूले पर काम करता है. लिहाजा दोनों ही परिस्‍थितियों में शेयरों का मूल्‍य घटता या बढ़ता जाता है. इस बात को ऐसे लसमझिए कि किसी कंपनी का शेयर आज 100 रुपये का है, लेकिन कल ये घट कर 80 रुपये का हो गया. ऐसे में निवेशक को सीधे तौर पर घाटा हुआ. वहीं जिसने 80 रुपये में शेयर खरीदा उसको भी कोई फायदा नहीं हुआ. लेकिन अगर फिर से ये शेयर 100 रुपये का हो जाता है, तब दूसरे निवेशक को फायदा होगा.

कैसे किसी कंपनी की मार्किट वैल्यू पता करें

यह आर्टिकल लिखा गया सहयोगी लेखक द्वारा Marcus Raiyat. मार्कस रैयत एक U.K., फॉरेन एक्सचेंज ट्रेडर हैं और ये Logikfx के संस्थापक/CEO और इंस्ट्रक्टर भी हैं | लगभग 10 वर्षों के अनुभव के साथ मार्कस सक्रिय रूप से ट्रेडिंग फोरेक्स, स्टॉक्स और क्रिप्टो में भी माहिर हैं और CFD ट्रेडिंग, पोर्टफोलियो मैनेजमेंट और क्वांटिटेटिव एनालिसिस में विशेषज्ञ हैं | मार्कस ने एस्टोन यूनिवर्सिटी से मैथमेटिक्स में BS की डिग्री हासिल की है किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? | Logikfx में इनके काम के लिए इन्हें ग्लोबल बैंकिंग और फाइनेंस रिव्यु के द्वारा "बेस्ट किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? फोरेक्स एजुकेशन एंड ट्रेनिंग U.K. 2021 के रूप में नामांकित किया गया था |

यहाँ पर 8 रेफरेन्स दिए गए हैं जिन्हे आप आर्टिकल में नीचे देख सकते हैं।

यह आर्टिकल १३,१५१ बार देखा गया है।

अगर आप किसी कंपनी में इन्वेस्ट करने की सोच रहे हैं, या फिर अपनी कंपनी बेचना चाह रहे हैं, तो उसकी कीमत का जायजा लगाना किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? अच्छा रहता है क्योंकि इससे आपको पता चलता है की आपको कितनी आमदनी होने की सम्भावना है | कंपनी की मार्किट वैल्यू इन्वेस्टर की उसकी भविष्य में होने वाली आमदनी का आंकलन होता है | [१] X रिसर्च सोर्स बदकिस्मती से, हम एक पूरे बिज़नेस को स्टॉक शेयर जैसे लिक्विड एसेट की तरह वैल्यू नहीं कर सकते हैं; लेकिन, कंपनी की मार्किट वैल्यू को सही से आंकने के लिए कई तरीके मोजूद हैं | इनमें से कुछ आसान तरीकों में आप कंपनी की मार्किट कैपिटलाइजेशन (उसकी स्टॉक वैल्यू और शेयर्स का बकाया) का जायजा ले सकते हैं, उसी प्रकार की कंपनी से तुलना का आंकलन, या पूरी इंडस्ट्री से जुड़े मल्टीप्लायरज़ की मदद से मार्किट वैल्यू पता कर सकते हैं |

IPO में निवेश पहले इन 5 बातों का जरूर रखें ध्यान, हमेशा रहेंगे फायदे में

IPO में निवेश से पहले जान लें ये जरूरी बात

  • News18Hindi
  • किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें?
  • Last Updated : January 27, 2022, 08:24 IST

नई दिल्ली. बहुत सारे रिटेल निवेशकों को आईपीओ का इंतजार होता है. ऐसे में आपको आईपीओ में निवेश करने से पहले ये जान लेना जरूरी हैं कि किन बातों को ध्यान में रखना चाहिए. आईपीओ में जितना फायदा होने का चांस होता है उतना ही नुकसान होने का भी चांस होता है. आइए जानते हैं क्या होता है आईपीओ और इसमें निवेश करने से पहले किन बातों का रखा जाता है ध्यान…

क्या है IPO?
इनिशियल पब्लिक ऑफर बाजार से पूंजी जुटाने के लिए किसी प्राइवेट कंपनी द्वारा लाया जाता है. यह एक प्राइवेट कंपनी को पब्लिक कंपनी में बदलने की प्रक्रिया है. जब कंपनियों को पैसे की जरूरत होती है तो ये शेयर बाजार में खुद को लिस्ट कराती हैं. आईपीओ के ज़रिए प्राप्त पूंजी किसी भी कंपनी को शेयर मार्केट में लिस्ट कैसे करें? को कंपनी अपनी जरूरत के हिसाब से खर्च करती है. इस फंड का इस्तेमाल कर्ज चुकाने या कंपनी की तरक्की आदि में किया जा सकता है. स्टॉक एक्सचेंजों पर शेयरों की लिस्टिंग से कंपनी को अपने मूल्य का उचित वैल्यूएशन प्राप्त करने में मदद मिलती है.

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