समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश

- देश की भू-तापीय ऊर्जा का लाभ उठाने के लिए शहर को कोंचागुआ ज्वालामुखी के पास बनाया जाएगा. शहर और क्रिप्टोकरेंसी खनन दोनों को शक्ति देने के लिए ज्वालामुखी की एनर्जी का इस्तेमाल किया जाएगा.
संसद टीवी संवाद
क्रिप्टोकरेंसी वर्तमान वित्तीय दुनिया में हो रहे बहुत सारे तकनीकी परिवर्तनों में से एक का उदाहरण है और अब नई चुनौतियों को स्वीकार करने के साथ-साथ प्रतिभूति बाज़ार सहित मुद्रा बाज़ारों के लिये एक नए एकीकृत विनियमन की अनुमति देने का मौका है।
यह डिजिटल तकनीक में एक नई क्रांति पैदा कर सकती है जिसे भारत खोना नहीं चाहेगा, लेकिन साथ ही वह आंतरिक सुरक्षा और अन्य संबंधित मुद्दों को लेकर भी जोखिम नहीं उठा सकता है।
Cryptocurrency News : ‘कैरेबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया’ जैसी है क्रिप्टोकरेंसी.. जानिए क्यों देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार ने ऐसा कहा?
कैरिबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया जैसी है क्रिप्टोकरेंसी
नई दिल्ली: मुख्य आर्थिक सलाहकार (Chief Economic Advisor) वी अनंत नागेश्वरन (V Ananth Nageswaran) ने गुरुवार को कहा कि एक केंद्रीकृत नियामक प्राधिकरण के अभाव में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) ‘कैरेबियाई समुद्री लुटेरों की दुनिया’ जैसी है। उन्होंने साथ ही कहा कि क्रिप्टो को ‘फिएट करेंसी’ बनने की परीक्षा पास करनी अभी बाकी है। फिएट करेंसी सरकार द्वारा समर्थित मुद्रा है और यह किसी कीमती धातु की जगह सरकार में भरोसे पर टिकी होती है। उन्होंने कहा कि फिएट करेंसी के विपरीत, क्रिप्टो मुद्राएं निहित मूल्य, व्यापक स्वीकार्यता और मौद्रिक इकाई जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती हैं।
क्रिप्टो कोई इनोवेशन है या कुछ और?
नागेश्वरन ने विकेंद्रीकृत वित्त (DFI) का जिक्र करते हुए कहा, ‘हालांकि, इसे नवाचार माना जाता है, लेकिन मैं अपना निर्णय सुरक्षित रखूंगा कि क्या यह वास्तव में नवाचार है या यह कुछ ऐसा है, जिसका हमें पछतावा समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश होगा।’ उन्होंने एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि वह रिजर्व बैंक (RBI) के डिप्टी गवर्नर टी रवि शंकर (T Ravi Shankar) से सहमत हैं, जो कह रहे हैं कि क्रिप्टो करेंसी और विकेंद्रीकृत वित्त के संबंध में यह नियामक मध्यस्थता का मामला अधिक लग रहा है, बजाय कि वास्तविक वित्तीय नवाचार के।
क्रिप्टो में होना चाहिए नीहित मूल्य
उन्होंने कहा, ‘फिएट मुद्राओं के विकल्प के रूप में क्रिप्टो करेंसी को कई उद्देश्यों को पूरा करना होगा। इसमें निहित मूल्य होना चाहिए। इसकी व्यापक स्वीकार्यता होनी चाहिए और यह एक मौद्रिक इकाई होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इस लिहाज से क्रिप्टो या डीएफआई जैसे नए नवाचार को अभी परीक्षा पास करनी बाकी है।’
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परामर्श पत्र लाने पर काम कर रही सरकार
सरकार क्रिप्टो करेंसी के संबंध में एक परामर्श पत्र पर काम कर रही है और विश्व बैंक तथा अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) सहित विभिन्न हितधारकों से सुझाव ले रही है। उन्होंने कहा कि सरकार यह सुनिश्चित करने के लिए पुरजोर कोशिश कर रही है कि पिछले चार वर्षों की वृद्धि, मुद्रास्फीति तथा रुपये की स्थिरता के रूप में मिला लाभ कम न हो।
चार चीजों पर काम कर रही सरकार
नागेश्वरन ने अर्थव्यवस्था के बारे में कहा कि सरकार चार चीजों- राजकोषीय घाटा, आर्थिक वृद्धि, गरीब व कम आय वाले परिवारों के लिए आजीविका की लागत को कम रखना और रुपये को बहुत अधिक कमजोर होने से रोकने के बीच संतुलन बनाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है।
'पैसे लगाओ, खूब पैसे बनाओ', जानें फर्स्ट Bitcoin City के बारे में 5 खास बातें
- नई दिल्ली,
- 24 नवंबर 2021,
- (अपडेटेड 24 नवंबर 2021, 12:15 PM IST)
- El Salvador ने किया ऐलान
- जल्द बनेगी पहली Bitcoin City
भारत में Bitcoin समेत कई प्राइवेट क्रिप्टो करेंसी पर बैन लगने की खबरों के बीच दुनिया का एक देश अपने यहां First Bitcoin City बनाने की तैयारी कर रहा है. इस देश का नाम है El Salvador. राष्ट्रपति नायब बुकेले का कहना है कि यहां निवेश करें और अपनी इच्छानुसार खूब पैसे कमाएं.
अल साल्वाडोर ने दुनिया का पहला 'बिटकॉइन सिटी' बनाने की योजना बनाई है, जिसे शुरू में बिटकॉइन-समर्थित बॉन्ड द्वारा वित्त पोषित किया गया था. राष्ट्रपति नायब बुकेले ने शनिवार को कहा, 'मध्य अमेरिकी देश में निवेश को बढ़ावा देने के लिए क्रिप्टो मुद्रा का उपयोग करने के लिए अपनी शर्त को दोगुना कर दिया.'
Bitcoin City की तर्ज पर सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक बनाएगा Sango नाम का Crypto हब
CAR सरकार समर्थित क्रिप्टो वॉलेट भी डेवलेप करना चाहता है
खास बातें
- Prospera के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में बिटकॉइन एक मान्य करेंसी है
- क्रिप्टो बिजनेस और अन्य गतिविधियों के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर होगा तैयार
- डिजिटल आइडी और ऑनरशिप सॉल्यूशंस पर भी काम किया जाएगा
Bitcoin City की तर्ज पर सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक Sango नाम का Crypto हब बनाने की प्लानिंग कर रहा है जिसकी जानकारी ट्विटर पर शेयर की गई है. सेंट्रल अफ्रीकन रिपब्लिक (CAR) एक डेडीकेटेड क्रिप्टो हब लॉन्च करने की प्लानिंग कर रहा है. इसका नाम सांगो (Snago) होगा. बीते दिनों अप्रैल में ही CAR ने बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाने की घोषणा की थी. ऐसा करने वाला अफ्रीका का यह पहला देश था. CAR के राष्ट्रपति फॉस्टिन आर्चेंज टुआडेरा ने अधिकारिक रूप से ट्विटर पर सांगो की घोषणा की. साथ में एक वेबसाइट एड्रेस को शेयर किया गया है जिस पर आप सांगो प्रोजेक्ट के लिए योगदान दे सकते हैं या इसकी वेट लिस्ट में जाकर रजिस्टर कर सकते हैं.
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क्रिप्टो बिजनेस और संबंधित गतिविधियों को चलाने के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने के अलावा, CAR सरकार समर्थित क्रिप्टो वॉलेट भी डेवलेप करना चाहता है. इसके अलावा डिजिटल आइडी और ऑनरशिप सॉल्यूशंस पर भी काम किया जाएगा.
प्रेजेंटेशन में कहा गया है कि CAR सांगो मेटावर्स और एनएफटी प्लेटफॉर्म भी लॉन्च करेगा. देश में 50 लाख के लगभग आबादी है और देश अपने आपको क्रिप्टो गतिविधियों के लिए अनुकूल बनाना चाहता है. देश के क्रिप्टो सपोर्टिव कानून अब कथित तौर पर व्यापारियों और व्यवसायों को क्रिप्टो पेमेंट्स की अनुमति देते हैं. इसके अलावा अधिकारिक संस्थाओं द्वारा क्रिप्टोकरेंसी में टैक्स पेमेंट लागू करने के लिए भी रास्ता तैयार किया जा रहा है.
बिटकॉइन को अब तेजी से अपनाया जा रहा है, इसी को देखते हुए Prospera के स्पेशल इकोनॉमिक जोन में बिटकॉइन एक मान्य करेंसी है. इसके अलावा फॉरन इनवेस्टमेंट को आकर्षित करने के लिए Honduras की म्यूनिसिपल्टीज (नगर पालिकाएं) अब बिटकॉइन में बॉन्ड भी जारी कर सकती हैं. सितंबर 2021 में अल सल्वाडोर दुनिया का पहला ऐसा देश बना था जिसने बिटकॉइन को लीगल टेंडर के रूप में अपनाया था. देश के राष्ट्रपति नायिब बुकेले ने नवंबर में ही टैक्स फ्री बिटकॉइन सिटी बनाने की घोषणा कर दी थी.
क्या क्रिप्टोकरेंसी को देश में कानूनी मान्यता मिल चुकी है, यहां जानिये इससे जुड़े सवालों के जवाब
Cryptocurrency: इस साल क्रिप्टोकरेंसी के भारत में लीगल टेंडर यानी वैधानिक होने की खूब चर्चाएं थीं। सभी कारोबारी व निवेशक यह जानना चाह रहे थे कि सरकार इस पर मुहर लगाती है या नहीं। इसके चलते आम बजट पर सभी की निगाहें थीं। वित्त मंत्री निर्मला समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश सीतारमण के आभासी संपत्तियों पर कर लगाने के प्रस्ताव ने भारत में क्रिप्टोकरेंसी की वैधता पर बहस छेड़ दी है। जबकि कई लोगों ने डिजिटल मुद्राओं पर कर लगाने के निर्णय का स्वागत किया है, यह सोचकर कि यह आभासी मुद्राओं को पहचानने का पहला कदम है, सरकार ने अभी तक यह समर्थित क्रिप्टोकरेंसी देश स्पष्ट नहीं किया है कि क्या भारत में बिटकॉइन जैसी मुद्राओं को कानूनी निविदा माना जा सकता है। आखिर सरकार ने इस विषय पर अपना पक्ष भी स्पष्ट कर दिया था। गत 1 फरवरी को पेश केंद्रीय बजट 2022-23 में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस करेंसी से होने वाली आय पर सरकार कर जरूर लगाएगी लेकिन इसे देश में लीगल टेंडर किया जाना अभी तय नहीं है। हालांकि सरकार ने यह भी साफ कहा था कि इस पर फिलहाल प्रतिबंध नहीं लगाया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने इस आभासी डिजिटल संपत्ति के हस्तांतरण से होने वाली आय पर 30 प्रतिशत कर लगाने का भी प्रस्ताव रखा था। जानिये इसके बारे में कुछ खास बातें।