शेयर मार्केट के फायदे

शेयर मार्केट में इन ग्रहों पर निर्भर करती है आपकी हार-जीत
शेयर मार्केट (Share Market) में हार-जीत का दौर तो चलता ही रहता है। आज हम आपको बताएंगें कि कुंडली (Kundali) के किन ग्रहों पर शेयर मार्केट में नफा-नुकसान निर्भर करता है और किस तरह से ये ग्रह शेयर मार्केट में आपकी किस्मत चमकाने में आपकी मदद कर सकते हैं। तो आइए एक नज़र डालते हैं कुंडली (Kundali) के ग्रहों पर जो शेयर मार्केट में फायदे और नुकसान को नियंत्रित करते हैं -:
– राहु और चंद्रमा शेयर मार्केट (Share Market) नुकसान के कारक हैं तो गुरु और बुध फायदे के कारक ग्रह माने जाते हैं।
– ग्रहों का उदय और अस्त शेयर मार्केट (Share Market) पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। वहीं ग्रहण का भी शेयर मार्केट (Share Market) पर भी असर पड़ता है।
– जन्मकुंडली (Janamkundali) का पांचवां भाव मजबूत हो तो शेयर मार्केट में सफलता मिलती है। वहीं कुंडली (Kundali) में राहु के मजबूत होने पर भी स्टॉक मार्केट में मुनाफा होता है।
– कुंडली (Kundali) में गुरु के मजबूत होने पर कमोडिटी मार्केट में मुनाफा होता है। बुध के शुभ प्रभाव में जातक शेयर मार्केट (Share Market) सलाहकार बनता है या शेयर मार्केट (Share Market) में अच्छा बिजनेस करता है।
– कुंडली (Kundali) में सूर्य और राहु, राहु और चंद्रमा या बृहस्पति और राहु की युति हो तो जातक को शेयर मार्केट (Share Market) से दूर ही रहना चाहिए। दूसरे भाव में राहु हो तो शेयर मार्केट से दूर रहें।
– यदि कुंडली (Kundali) में केंद्र में राहु हो तो जातक शेयर मार्केट (Share Market) में तो सफल होता है लेकिन किसी भी तरह से उस पर गरीबी छा जाती है।
उपाय
– शेयर मार्केट (Share Market) में किस्मत आज़माना चाहते हैं तो पन्ना रत्न इसमें आपकी मदद कर सकता है।
– सुबह-शाम राहु के मंत्र का जाप करें।
– बुधवार और शुक्रवार के दिन मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं।
– अपने साथ नीले रंग का चमकीला रुमाल रखें।
किसी भी जानकारी के लिए Call करें : 8882540540
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शेयर कब खरीदे और कब बेचे, शेयर खरीदने के नियम, Buy/Sell Time
आज हम इस पोस्ट में जानेंगे के शेयर कैसे खरीदते है और शेयर खरीदने के नियम इसके साथ ही हम यह भी जानेंगे की शेयर खरीदने का तरीका क्या होता है एवं शेयर बेचने का तरीका क्या होता है. शेयर को अच्छी तरह से खरीदने और बेचने के लिए हमे क्या क्या करना चाहिए और शेयर को खरीदने का साही समय क्या है चलिए जानते है शेयर कब खरीदे और कब बेचे.
शेयर कब खरीदे और कब बेचे और शेयर खरीदने के नियम
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शेयर खरीदने का तरीका
शेयर खरीदने के लिए आपके पास सबसे पहले एक डीमैट अकाउंट होना चाहिए. अगर आपके पास में एक डीमैट अकाउंट नहीं है तो आप शेयर नहीं खरीद सकते. अगर आप नहीं जानते है कि demat account क्या होता है तो इसके लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़े.
अगर आप demat account के बारे में जान गए है और आप अकाउंट खुलवाने के लिए प्रोसेस कर चुके हैं तो अब बारी आती है शेयर खरीदने और बेचने का तरीका जानने की.
शेयर कब खरीदे और कब बेचे
आप जिस Finance Company या bank से अपना डीमेट अकाउंट खुलबातें हैं वह आपको शेयर मार्केट के टर्मिनल पर शेयर को खरीदने और बेचने का एक सॉफ्टवेयर प्रोवाइड करते है जो की एक website या mobile app हो सकती है.
बस अब आपको उसमें जाना है और अपने डिमैट अकाउंट में पड़े पैसों की मदद से आप जिस भी कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं वह खरीद सकते हैं
जब आप terminal पर जाते हैं तो आपके पास सॉफ्टवेयर में ऑप्शन आता है. जहां पर आप किसी भी कंपनी के शेयर को सर्च कर सकते हैं. जैसे ही आप उस Share की Companyकंपनी पर जाते है तो आप उसी शेयर पर होने वाले शेयर के भाव में उतार और चढ़ाव को भी देख सकते हैं.
अगर आपने शेयर खरीदने का मन बना लिया है तो आप terminal पर शेयर को Buy करने का order लगा सकते है. जैसे ही शेयर मार्केट में आपके Buy order से किसी का sell order मैच होगा वैसे ही आपके पास आपके द्वारा buy किये गए शेयर आ जायेंगे और आपके अकाउंट में से पैसे कट जाएंगे.
शेयर खरीदने का समय
रोजाना शेयर मार्केट सुबह 9:15 AM पर खुलता है और 3:30 PM पर बंद होता है. अगर आप शेयर मार्केट के अंदर शेयर को खरीदना और बेचना चाहते है. तो आपको इसी समय के बीच में खरीदी और बेचने का काम करना होगा.
शेयर मार्केट में शेयर खरीदने और बेचने का एक निर्धारित समय होता है अगर आप शेयर मार्केट से शेयर को खरीदना या बेचना चाहते हैं तो आपको इस निर्धारित समय के बीच में ही सारे ट्रांजैक्शन करने होंगे अगर आप निर्धारित समय के बीच में ट्रांजैक्शन नहीं करते तो आपके ट्रांजैक्शन सक्सेसफुल नहीं होंगे
शेयर कैसे खरीदते है
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शेयर खरीदने के लिए आपको सबसे पहले यह तय करना होगा कि आप किस कंपनी के शेयर खरीदना चाहते हैं एक बार आपने यह तय कर लिया तो आपको शेयर खरीदने में बड़ी आसानी होगी. आप नीचे दी गई steps को follow करके शेयर खरीद सकते है.
सबसे पहले अपने डिमैट अकाउंट को ओपन कर के टर्मिनल पर जाएं
अब आप जिस कंपनी के शेयर को खरीदना चाहते हैं उसका नाम लिखकर सर्च करें
जैसे ही आपको कंपनी का नाम मिल जाए तो उसको select करें
अब आप शेयर खरीदने से पहले उस company के शेयर की कीमत में हुए उतार-चढ़ाव देख ले इससे आपको पता चलेगा कि शेयर बाजार में इस शेयर की कीमत कितने रुपए ज्यादा हुई और कितने रुपए कम हुई.
इससे आप को सबसे बड़ा फायदा यह मिलगा कि अगर आप यह जान शेयर मार्केट के फायदे जाते है कि शेयर की कम से कम कीमत कितनी जा रही है तो आप उस कीमत पर Buy Order लगा कर छोड़ सकते हैं
इससे यह होगा की जैसे ही शेयर की कीमत उतनी गिरेगी वैसे ही आपका buy order successful हो जाएगा और आपके पास उस कीमत में शेयर आ जाएंगे
आप एक sell order लगा सकते हैं. जिसमें आप उस कीमत को सेट कर सकते हैं जिस कीमत को आप पहले देख चुके है. जैसे ही आपके शेयर की कीमत बढ़ेगी आपके शेयर sell हो जायेंगे और आपको प्रॉफिट मिल जायेगा
शेयर मार्किट चार्ट कैसे समझे
शेयर खरीदने से पहले आपको शेयर की History देखना है क्योंकि अगर आप शेयर की हिस्ट्री नहीं देखेंगे तो आपको यह कभी पता नहीं चलेगा कि आप उस शेयर को खरीद कर या बेच कर अपना मुनाफा कमा सकते है या नहीं.
एक बार अगर आपको शेयर की कीमत के बारे में पता चल जाता है तो आप उस शेयर को कम से कम कीमत में खरीदकर ज्यादा से ज्यादा कीमत में बैच सकते हैं.
Share Kharidne Ka Sahi Samay
शेयर खरीदने का सही समय 2:15 PM पर होता है इस समय शेयर की कीमत में उछाल भी आ चुका होता है और शेयर की कीमत गिर भी चुकी होती है. इस समय तक शेयर एक स्थिर कीमत पर आ जाता है.
जिससे आपको बाजार में होने वाले उतार-चढ़ाव की जानकारी मिल जाती है और आप यह अंदाजा लगा सकते हैं कि शेयर को कितने भाव में खरीदना चाहिए और कितने भाव में बेचना चाहिए.
Share Kharidne Ke Fayde
शेयर खरीदने के बहुत फायदे हैं एक बार आप किसी कंपनी के शेयर को खरीद कर रख लेते हैं तो उस कंपनी के शेयर को आप चौगुनी और हजार गुना दाम में बैच सकते हैं.
बशर्ते आप ने कंपनी के शेयर को कम कीमत में खरीदा हो क्योंकि अगर आपने उस कंपनी के शेयर को ज्यादा कीमत में खरीदा और भविष्य में उस कंपनी के शेयर की कीमत और भी ज्यादा कम हो गई तब आपको ऐसी स्थिति में नुकसान उठाना पड़ सकता है.
इसलिए हमेशा किसी भी शेयर को खरीदने से पहले उसकी हिस्ट्री को जांच लें और यह पता लगा लेंगे उस शेयर की कीमत कितनी हमेशा रहती है और उसकी कितनी कम कीमत जाती है
किस कंपनी के शेयर खरीदे
कौन सा शेयर खरीदने लायक है यह बता पाना थोडा मुश्किल है क्योंकि हर रोज बदलती कीमत के कारण हर एक शेयर आपको खरीदने लायक लगेगा और उसकी कीमत बढ़ जाने पर आपको वह शेयर एक नुकसान का सौदा साबित लगेगा. इसलिए यह आप पर निर्भर करता है कि आप उस से कितना प्रॉफिट कमाना चाहते हैं.
क्योंकि अगर आपने एक बार यह तय कर लिया कि आप कितना प्रॉफिट कमाना चाहते हैं तो आप उसी प्रॉफिट की कैलकुलेशन के आधार पर किसी भी शेयर को चुन सकते हैं जो शहर आपके प्रॉफिट की कैलकुलेशन पर खरा साबित होता है. तो उसे आप खरीद सकते हैं और फिर बाद में बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं.
फिर भी अगर आप जानना चाहते हैं कि खरीदने लायक कौन से शेयर हैं तो आपको हम यही सलाह देना चाहेंगे कि आप Bank Nifty या फिर Sensex में इन्वेस्ट करें.
इससे आपका पोर्टफोलियो बढ़ेगा और आप अगर कंपनी के लिए नहीं जाएंगे तो आपको घाटा कम होगा. आप को बैंक निफ़्टी या सेंसेक्स खरीदने पर इतना ज्यादा रिसर्च करने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आप बड़ी ही आसानी से बैठे-बैठे मुनाफा कमा पाएंगे.
शेयर खरीदने के नियम
शेयर खरीदने के कुछ नियम है अगर आप उनका पालन करते है तो आप बड़ी ही आसानी से शेयर खरीद पाएंगे लेकिन अगर आप शेयर खरीदने के नियम नहीं follow करते तो आपको इसमें नुकसान उठाना पढ़ शेयर मार्केट के फायदे सकता है . शेयर खरीदने के नियम जानने के लिए आप हमारी नीचे दी गई पोस्ट को पढ़ सकते है .
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के फायदे एवं नुकसान |
हालांकि यह सत्य है की लोग अपनी कमाई करने के वशीभूत होकर ही स्टॉक मार्केट में निवेश करते भी हैं और करने की इच्छा भी रखते हैं | लेकिन सच्चाई यह है की यह जरुरी नहीं है की हर व्यक्ति इसमें निवेश करके अपनी कमाई ही करेगा बल्कि बहुत सारे लोग ऐसे भी होते हैं जो अपनी मेहनत से कमाई गाढ़ी कमाई को स्टॉक मार्केट में निवेश करके गँवा देते हैं | इसलिए इसमें निवेश करने की प्रक्रिया को जुआ खेलने की प्रक्रिया से जोड़ा जाय तो कुछ गलत नहीं होगा खास तौर पर तब जब निवेशक दैनिक आधार पर अस्थिर ट्रेडिंग करता हो |
कहने का अभिप्राय यह है की स्टॉक मार्केट में निवेश करने के लिए लोग ऑनलाइन या ऑफलाइन एक ऐसी जगह जाते हैं जहाँ शेयर ख़रीदे या बेचे जाते हैं | हालांकि निवेशक की हर बार यह कोशिश रहती है की वह शेयर कम दाम में ख़रीदे एवं अधिक दाम में बेच दे जिससे वह अपनी अधिक से अधिक कमाई कर सके, लेकिन कभी कभी निवेशक को हानि भी उठानी पड़ती है |
इन्हीं बातों को आधार मानकर कहा जा सकता है की जहाँ स्टॉक मार्केट में निवेश के फायदे होते हैं वहीँ इसके नुकसान भी होते हैं | इसलिए आज हम हमारे इस शेयर मार्केट के फायदे लेख के जरिए स्टॉक मार्केट में निवेश करने के फायदे एवं नुकसान के बारे में वार्तालाप करेंगे |
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के फायदे (Advantages of investing in Stock Market In Hindi):
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के अनेकों फायदे हैं जिनमें से कुछ मुख्य फायदों का उल्लेख नीचे किया गया है |
1. कम अवधि में अच्छी कमाई होने की संभावना:
स्टॉक मार्केट में निश्चित कुछ नहीं है, अर्थात यह अनिश्चिताओं का खेल है इसलिए इसमें कोई दो राय नहीं है की आज जो शेयर किसी निवेशक ने ख़रीदा हो | कल उसकी कीमत कितनी बढ़ जाय, इसलिए स्टॉक मार्केट में निवेश करने का सबसे बड़ा फायदा यह है की यहाँ आपको अच्छे रिटर्न प्राप्त करने के लिए वर्षों इंतजार ही करना पड़ेगा यह जरुरी नहीं है |
बल्कि बेहद कम अवधि यहाँ तक पांच दिन, दस दिन, महीने में भी आपको अच्छे रिटर्न प्राप्त हो सकते हैं | कहने का मतलब यह है की स्टॉक मार्केट में निवेश करके आप अपने आपकों रिस्क में तो डालते ही हैं लेकिन इस रिस्क के बदले बहुत अच्छा रिटर्न प्राप्त होने की भी संभावना होती है |
2. कंपनी में स्वामित्व:
कोई भी निवेशक जिस कंपनी के शेयर खरीदता है अर्थात जिस कंपनी में निवेश करता है वह अल्प रूप से ही सही लेकिन उसका स्वामी बन जाता है | हालांकि जो बात हम यहाँ पर कह रहे हैं वह सुनने में असाधारण सी लगती है की कैसे कोई आम व्यक्ति को किसी प्रसिद्ध कंपनी का स्वामित्व प्राप्त हो जाता है |
लेकिन यह सच्चाई है क्योंकि कोई भी व्यक्ति जब किसी प्रतिष्ठित कंपनी के शेयरों को खरीदने में पैसा लगाता है तो वह कंपनी का हिस्सा बन जाता है | भले ही उस व्यक्ति का सम्बंधित कंपनी में बेहद छोटा हिस्सा हो | इसलिए रिस्क कम करने के लिए निवेशक चाहे शेयर मार्केट के फायदे तो अलग अलग स्टॉक में पैसे लगा सकता है और जब चाहे अपनी मर्जी से अपने स्टॉक बेचकर कमाई कर सकता है |
3. स्टॉक मार्केट में निवेश से निवेशक को मतदान का अधिकार प्राप्त होता है |
जैसा की हम उपर्युक्त वाक्य में बता चुके हैं की स्टॉक मार्केट में निवेश करने से निवेशक उस सम्बंधित कम्पनी में हिस्सेदार बन जाता है | और यह हिस्सेदारी निवेशक को कम्पनी की बोर्ड मीटिंग इत्यादि में लिए जाने वाले निर्णयों के अनुरूप या खिलाफ मतदान करने का अधिकार प्राप्त करती है | ऐसे में यदि कंपनी द्वारा कोई ऐसा निर्णय लिया जा रहा हो जो निवेशकों के खिलाफ हो तो निवेशक इस निर्णय के खिलाफ अपना मतदान कर सकते हैं |
4. उचित निर्णयों से उचित कमाई:
स्टॉक मार्केट में निवेश करके निवेशक अपने उचित निर्णयों के माध्यम से अकूत सम्पति प्राप्त कर सकता है इसके एक नहीं कई उदाहरण हमारे सामने बीते कुछ वर्षों में प्रस्तुत हुए हैं |
कहने का मतलब यह है की स्टॉक मार्केट में निवेश करके एवं उचित समय पर उचित निर्णय लेके निवेशक न सिर्फ कमाई कर सकता है बल्कि अपने सपनों को भी इस मंच के माध्यम से उड़ान दे सकता है | और इसी के माध्यम से वह एक दिन बहुत बड़ा अमीर आदमी भी बन सकता है | जानिए कैसे स्टॉक मार्केट के जरिए राकेश झुनझुनवाला ने कमाई अकूत सम्पति |
स्टॉक मार्केट में निवेश करने के नुकसान (Disadvantages of Investing in Stock Market) :
जैसा की हम सबको विदित है की दुनिया में कोई भी वस्तु या सेवा जिसके अनेकों फायदे होंगे उसके कुछ न कुछ नुकसान भी अवश्य होंगे | कहने का अभिप्राय यह है की दुनिया में शायद ही ऐसा कुछ हो जिसके सिर्फ फायदे फायदे हों | ठीक इसी तरह स्टॉक मार्केट में निवेश करने के भी अनेकों नुकसान हैं जिनका संक्षिप्त वर्णन कुछ इस प्रकार से है |
1. स्थिरता का अभाव:
यद्यपि हम पहले भी बता चुके हैं की स्टॉक मार्केट में किया गया निवेश अस्थिर होता है अर्थात आप अनुमान नहीं लगा सकते हैं की शेयरों की कीमत बढ़ेगी या घटेगी या फिर कितनी घटेगी बढ़ेगी | एक दिन में एक ही कंपनी के शेयरों की कीमतों में बहुत बार उतार चढ़ाव देखने को मिलता है | इस तरह के उतार चढ़ाव कई बार अप्रत्याशित होते हैं जिसके कारण निवेशक को भारी हानि उठानी पड़ सकती है |
2. लाभांस में कमी:
निवेशक स्टॉक मार्केट में इसलिए निवेश करता है ताकि वह अपनी कमाई कर सके इसलिए वह किसी प्रतिष्ठित एवं अच्छा कारोबार करने वाली कंपनी का चुनाव अपनी सूझ बूझ से करता है | लेकिन जब कंपनी अच्छा लाभ प्राप्त करती है तो एक निवेशक उस कंपनी से लाभ प्राप्त करने वाला अंतिम व्यक्ति होता है | क्योंकि लाभ का अधिकतर हिस्सा कर्मचारियों, आपूर्तिकर्ताओं, लेनदारों और इंफ्रास्ट्रक्चर को बनाए रखने के लिए इस्तेमाल किया जाता है । उसके बाद ही जो बचता है उसे निवेशकों में वितरित किया जाता है |
3. अधिकारों में कमी:
यद्यपि यह सत्य है की किसी कंपनी के शेयर खरीदकर निवेशक उस कंपनी का आंशिक तौर पर मालिक बन जाता है | लेकिन वह कंपनी के सभी प्रकार के अधिकारों एवं स्वामित्व का हकदार नहीं होता है | कंपनी का कोई भी शेयर धारक किसी कंपनी के कार्यालय में प्रविष्ट होकर उस कंपनी का वित्तीय विवरण एवं प्रगति रिपोर्ट नहीं मांग सकता है | ताकि वह यह पता लगा सके की कंपनी किस दिशा की ओर अग्रसित हो रही है |
4. शेयरों की खरीदारी में ब्रोकरेज शुल्क:
स्टॉक मार्केट में निवेश के लिए जब भी निवेशक द्वारा शेयर ख़रीदे जाते हैं और उनके दाम बढ़ने पर कमाई के लिए जब भी वे बेचे जाते हैं दोनों स्थितियों में निवेशक को ब्रोकरेज कंपनी को ब्रोकरेज शुल्क देना होता है | या यूँ कहें की खरीद फरोख्त कराने वाली कंपनी स्वयं ही अपना ब्रोकरेज शुल्क काट शेयर मार्केट के फायदे लेती है तो गलत नहीं होगा इससे निवेशक को मिलने वाले लाभ में कमी आती है |
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इनका नाम महेंद्र रावत है। इनकी रूचि बिजनेस, फाइनेंस, करियर जैसे विषयों पर लेख लिखना रही है। इन विषयों पर अब तक ये विभिन्न वेबसाइटो एवं पत्रिकाओं के लिए, पिछले 7 वर्षों में 1000 से ज्यादा लेख लिख चुके हैं। इनके द्वारा लिखे हुए कंटेंट को सपोर्ट करने के लिए इनके सोशल मीडिया हैंडल से अवश्य जुड़ें।
शेयर खरीदने से पहले पीई रेशियो जरूर देख लें, ये है वजह
इस रेशियो से पता लगता है कि जिस शेयर में आप निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है
क्या है पीई रेशियो? ज्यादातर निवेशक किसी शेयर में पैसा लगाने से पहले उसका पीई रेशियो क्यों देखते हैं? कैसे निकलता है शेयर का पीई रेशियो? हमने इन सवालों के जवाब जानने की कोशिश की है. इससे आपको निवेश के लिए सही शेयर का चुनाव करने में मदद मिलेगी.
क्या है पीई रेशियो?
किसी कंपनी के शेयर की वैल्यू यानी यह पता लगाने के लिए कि वह सस्ता है या महंगा सबसे ज्यादा पीई रेशियों के पैमाने का इस्तेमाल होता है. इसे शेयर की कीमत और शेयर से आय का अनुपात कहा जा सकता है. शेयर से आय को शेयर बाजार की शब्दावली में ईपीएस कहते हैं. इसका मतलब अर्निंग प्रति शेयर है. किसी कंपनी के मुनाफे में उसके कुल शेयरों की संख्या से भाग देने पर ईपीएस निकलता है. इसके बाद शेयर बाजार में शेयर की कीमत में ईपीएस से भाग देने पर पीई रेशियो निकलता है.
इसे हम एक उदाहरण से समझ सकते हैं. मान लीजिए किसी कंपनी के शेयर की कीमत 100 रुपये है और उसका ईपीएस 10 रुपये है तो उसका पीई रेशियो 10 हुआ है.
निवेशक के लिए पीई रेशियो का महत्व
निवेश के लिए शेयर चुनते वक्त ज्यादातर निवेशक शेयर के पीई रेशियो पर गौर करते हैं. इससे उन्हें यह पता लगता है कि जिस शेयर में वे निवेश करने जा रहे हैं, वह कितना सस्ता या महंगा है.
मान लीजिए आगर आपने किसी आईटी कंपनी के शेयरों में निवेश करने का फैसला किया है तो शेयर बाजार के आईटी इंडेक्स के पीई को आप देख लें. इसके बाद उस पीई से उस आईटी कंपनी के पीई की तुलना करें जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं. इससे आपको पता चल जाएगा कि जिस कंपनी में आप निवेश करने जा रहे हैं, उसका शेयर महंगा है या सस्ता.
आप एक ही सेक्टर की कई कंपनियों के पीई रेशियो की भी तुलना कर सकते हैं. आम तौर पर अच्छी बुनियाद और ग्रोथ वाली कंपनियों के शेयरों का पीई ज्यादा होता है. वेल्थविशर्स फाइनेंशियल एडवाइजर्स एंड प्लैनर्स में चीफ प्लानर मधुपम कृष्णा के मुताबिक, पीई रेशियो से निवेशक को किसी शेयर की कीमत में होने वाली बढ़ोतरी का अंदाजा भी लग जाता है. मसलन ज्यादा पीई रेशियो वाली कंपनी से आप छोटी अवधि में कई गुना रिटर्न की उम्मीद नहीं कर सकते.
बदलता रहता है पीई रेशियो
किसी कंपनी का पीई रेशियो निश्चित संख्या नहीं होता. यह हमेशा बदलता रहता है. मान लीजिए किसी कंपनी का पीई रेशियो आज 20 है. इसका मतलब यह नहीं है कि यह हमेशा 20 रहेगा. कंपनी के प्रदर्शन और शेयर बाजार में उसके शेयर की कीमत के अनुसार यह रेशियो घटता-बढ़ता रहता है.
कंपनी के अच्छा मुनाफा कमाने पर उसके शेयरों की मांग बढ़ती है. इससे उसका पीई रेशियो बढ़ जाता है. इसी तरह अगर किसी कंपनी को नुकसान हुआ है तो इसके पीई रेशियो में गिरावट आ सकती है.