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गोल्ड और ईटीएफ

गोल्ड और ईटीएफ
म्यूचुअल फंड द्वारा उपलब्ध कराए गए गोल्ड ईटीएफ में व्यय अनुपात कम होता है. मेकिंग या वेस्टेज चार्जेस का कोई खतरा नहीं होता है. बिना सीधे सोना खरीदे कोई भी व्यक्ति सुरक्षा और रिटर्न का लाभ उठा सकता है. व्यवस्थित निवेश योजना (एसआईपी) भी सोने के निवेश की पेशकश करती गोल्ड और ईटीएफ है. ऐसी योजनाएं मूल्य में उतार-चढ़ाव के जोखिम के बिना सुनिश्चित औसत रिटर्न प्रदान करती हैं.

गोल्ड ETF से डिजिटल सोने को मिली चमक, निवेश को मिला बढ़ावा, जानें कैसे

गोल्ड ईटीएफ ने भौतिक रूप में की गई खरीदारी की तुलना में अधिक लाभ देकर डिजिटल गोल्ड में निवेश को बढ़ावा दिया है. इन ईटीएफ को खुले बाजार में शेयरों की तरह खरीदा और बेचा जा सकता है, और बिना किसी अतिरिक्त लागत के डीमैट खातों में गोल्ड और ईटीएफ संरक्षित किया जा सकता है.

हैदराबाद : हाल के दिनों में, गोल्ड ईटीएफ (Exchange Traded Funds) ने भौतिक धातु की तुलना में निवेशकों को अधिक लाभ गोल्ड और ईटीएफ देकर डिजिटल सोने (Digital gold) में निवेश को बढ़ावा दिया है. सोना एक गोल्ड और ईटीएफ ऐसा धातु है, जो सदियों से अपने भौतिक रूप में किसी भी आर्थिक संकट का सामना करने की अपनी क्षमता साबित करता आया है. अब, अपने डिजिटल रूप में, सभी वर्गों के लोगों को विश्वास के साथ निवेश करने के लिए अधिक अवसर प्रदान करके सोना और भी मजबूत होकर उभर रही है.

गोल्ड ईटीएफ से जुलाई में 457 करोड़ रुपये की निकासी, क्या बढ़ती ब्याज दरें हैं कारण?

Published: August 9, 2022 5:03 PM IST

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गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) से जुलाई, 2022 के दौरान 457 करोड़ रुपये की निकासी हुई है. निवेशकों ने अपना पैसा अन्य परिसंपत्ति वर्गों में गोल्ड और ईटीएफ लगाया जिसके कारण यह निकासी हुई है.

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एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है. आंकड़ों के अनुसार, जून, 2022 में ईटीएफ में 135 करोड़ रुपये का शुद्ध निवेश आया था.

मॉर्निंगस्टार इंडिया में वरिष्ठ विश्लेषक कविता कृष्णन ने कहा कि बढ़ती ब्याज दरों के कारण पीली धातु की कीमतों में गिरावट के कारण गोल्ड ईटीएफ से निवेशकों ने निकासी की है.

उन्होंने कहा कि रुपये में गिरावट ने भी सोने की मांग और आपूर्ति को प्रभावित किया है. यह प्रवृत्ति वैश्विक स्तर पर भी देखी गई है, जिसमें सोने की कम कीमतों के कारण गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों ने निकासी की है.

इस निकासी के साथ गोल्ड ईटीएफ में प्रबंधन के तहत परिसंपत्तियां घटकर 20,038 करोड़ रुपये रह गई हैं, जो जून में 20,249 करोड़ रुपये थीं. हालांकि, इस श्रेणी में समीक्षाधीन अवधि में फोलियो की संख्या 37,500 बढ़कर 46.43 लाख पर पहुंच गई.

गोल्ड ईटीएफ बेहतर या सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड

हालिया दिनों कीमतों में आई नरमी के बाद निवेश के नजरिये से सोने के प्रति लोगों का रुझान बढ़ा है। लोग यह भी समझने लगे हैं कि फिजिकल गोल्ड के बजाय पेपर गोल्ड में निवेश करना ज्यादा बेहतर है। लेकिन ज्यादातर लोग इस बात को लेकर दुविधा में होते हैं कि पेपर गोल्ड गोल्ड और ईटीएफ में निवेश के दो पॉपुलर विकल्प यानी गोल्ड ईटीएफ और सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड में से किसमें निवेश किया जाए। आज अलग-अलग कसौटियों पर इन्हीं दो विकल्पों को परखते हैं ताकि निवेशकों को किसी एक विकल्प के चयन में आसानी हो सके।

निवेश की सीमा

सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ दोनो में निवेशकों को प्रति यूनिट गोल्ड में निवेश का मौका मिलता है। लेकिन इसके लिए उन्हें फिजिकल फॉर्म में सोना रखने की जरूरत नहीं होती। गोल्ड ईटीएफ और बॉन्ड दोनों में एक यूनिट की कीमत 1 ग्राम सोने की कीमत के बराबर होती है। मतलब आप सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड और गोल्ड ईटीएफ दोनों में कम से कम 1 ग्राम गोल्ड के बराबर वैल्यू की एक यूनिट में निवेश कर सकते हैं। गोल्ड ईटीएफ में अधिकतम निवेश की कोई सीमा नहीं है। जबकि सॉवरिन बॉन्ड में एक व्यक्ति एक वित्त वर्ष में अधिकतम 4 किलोग्राम सोने की कीमत के बराबर यूनिट में निवेश कर सकता है। ध्यान रहे गोल्ड ईटीएफ और सॉवरिन बॉन्ड दोनों में सोना सिर्फ अंडरलाइंग एसेट है इसलिए रिडेम्प्शन के बाद फिजिकल गोल्ड नहीं बल्कि अंडरलाइंग ऐसेट यानी सोने गोल्ड और ईटीएफ की कीमत भारतीय रुपये में मिलेगी।

Wealth Guide: अक्षय तृतीया पर गोल्ड ETF में निवेश चमका देगा आपका पोर्टफोलियो, जानिए क्या है एक्सपर्ट की सलाह

Wealth Guide: मार्केट के मुश्किल समय में इन्वेस्टर्स एक सुरक्षित ऑप्शन की तलाश करते हैं. ऐसे में सोना एक बेहतर विकल्प साबित हो सकता है.

Wealth Guide: पिछले 2 सालों में कोरोना महामारी और जियोपॉलिटिकल टेंशन ने मार्केट में जिस तरह की उथल-पुथल मचाई है, इससे इन्वेस्टर्स को बहुत डर लगता है. हालांकि मार्केट में आने वाली किसी भी अनिश्चितता में जो एक बात हमेशा सुनाई देती गोल्ड और ईटीएफ गोल्ड और ईटीएफ है, वह यह कि 'इस बार समय पहले से अलग है'. आमतौर पर ऐसे समय में निवेशक एक सुरक्षित निवेश का विकल्प तलाशते हैं और ऐसे समय में सबसे ज्यादा सोना ही चमकता है.

अक्षय तृतीया इस साल 3 मई को पड़ रही है. हिंदूओं के इस पर्व पर भी सोना खरीदने का विशेष महत्व है. अक्षय तृतीया से पहले ICICI Prudential AMC के प्रोडक्ट डेवलपमेंट एंड स्ट्रैटेजी हेड चिंतन हरिया (Chintan Haria) ने बताया कि ऐसे मुश्किल समय में एसेट क्लास में सोना क्यों चमकता है.

गोल्ड ईटीएफ

हरिया ने कहा कि व्यक्तिगत निवेश (Individual Investment) के दृष्टिकोण से, हर समय अपने पोर्टफोलियो में सोने के लिए एक मामूली आवंटन (5-10%) बनाए रखना समझदारी है. यह किसी व्यक्ति के पोर्टफोलियो में बहुत जरूरी विविधीकरण भी लाएगा. ऐसे कुछ तरीके हैं जिनके माध्यम से कोई व्यक्ति सोने में निवेश कर सकता है, जैसे फिजिकल गोल्ड खरीदना, गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) में निवेश करना, गोल्ड फंड/फंड ऑफ फंड्स, या सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड (SGB) खरीदना.

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उन्होंने समझाया, "इन सभी विकल्पों में से, जो एक पोर्टफोलियो के नजरिए से सबसे अधिक कुशल है, वह है गोल्ड ईटीएफ. Gold ETF एक ऐसा फंड है जिसका एक्सचेंज पर कारोबार होता है और यह घरेलू सोने की कीमतों को इसके आधार के रूप में ट्रैक करता है. इसलिए जब कोई निवेशक गोल्ड ईटीएफ खरीद रहा है, तो वह अनिवार्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक रूप में सोने में निवेश कर रहा है."

गोल्ड ईटीएफ में निवेश के फायदे

फिजिकल गोल्ड में निवेश की तुलना में Gold ETF में निवेश करने के कई फायदे हैं. सबसे पहले इसके लिए इन्वेस्टर्स को सिक्योरिटी और स्टोरेज के गोल्ड और ईटीएफ बारे में चिंता करने की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि Gold ETF के यूनिट डीमैट के रूप में होती हैं. इसके बाद इसे खरीदने की लागत कम होती है, क्योंकि इसमें मेकिंग चार्ज आदि कॉस्ट नहीं जुड़ते हैं. इन्वेस्टर के पास ट्रेडिंग घंटों के दौरान किसी भी समय एक्सचेंजों पर सोने की यूनिट खरीदने या बेचने की सुविधा होती है और इसके लिए किसी बड़ी रकम को जुटाने की आवश्यकता नहीं होती है.

गोल्ड ईटीएफ में निवेश करते समय, इन्वेस्टर सिर्फ एक यूनिट खरीदकर अपना निवेश शुरू कर सकते हैं, जिसकी लागत 100 रुपये से कम है. उन निवेशकों के लिए जिनके पास डीमैट खाता नहीं है, वे गोल्ड फंड का विकल्प चुन सकते हैं जो किसी अन्य म्यूचुअल फंड की तरह ही है. इन सभी कारणों से, पिछले कुछ वर्षों में गोल्ड ईटीएफ में निवेशकों की दिलचस्पी लगातार बढ़ी है.

एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ

एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ (HDFC Gold ETF) अन्य वित्तीय सेवा क्षेत्र की कंपनी है। कंपनी का कुल मूल्यांकन (मार्केट वैल्यू) ₹0 है। कंपनी के एक शेयर की कीमत बीएसई बाजार में आज ₹46.39 है और एनएसई बाजार में आज ₹46.46 है। कंपनी की स्थापना वर्ष x में की गई थी।

कंपनी द्वारा प्रदान की गई रिपोर्ट के अनुसार अंतिम वर्ष की कुल आय NaN करोड़ रुपये रही तथा कुल बिक्री NaN करोड़ रुपये रही । कंपनी का शुद्ध लाभ NaN करोड़ रुपये रहा। एचडीएफसी गोल्ड ईटीएफ ने चालू वर्ष में NaN करोड़ रुपये टैक्स का भुगतान किया हे।

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