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मॉडल वर्गीकरण

मॉडल वर्गीकरण
परिणाम और चर्चा
बैक्स्कैटर शक्ति और समुद्रतल निवास के विवरण में गुणात्मक तुलना करने से परिचालन आवृत्तियों के परस्पर अंतर का पता चलता है। 210 किलो हर्टज आवृत्ति में बैक्स्कैटर शक्ति एवं मिश्रित ग्रैन अवसाद के लिये मैक्रोबेन्थिक समूह द्वारा नियंत्रित होती है, जैसे कि बाइवाल्वस और गैस्ट्रोपोडस, हालाँकि पोलीकीट्स लगभग सभी स्थानों पर पाये गये। बारीक ग्रैन अवसादों के लिये, जिसमें बायोमास कम और पोलीकीट्स ज्यादा हैं, बैकस्कैटर शक्ति कम पायी गयी। इससे ये निष्कर्ष निकलता है कि 210 किलो हर्ट्ज में बारीक अवसादों के लिये जनसंख्या घनत्व मॉडल वर्गीकरण और बैक्स्कैटर शक्ति में कोई विशेष संबंध नहीं है।

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तत्वों का वर्गीकरण

सन् 1803 ईं. में डाल्टन (Dalton) नामक रसायनज्ञ ने सापेक्ष परमाणु भारों जिसको आजकल परमाणु द्रव्यमानों के रूप में माना जाता है , की एक सारणी को परिभाषित किया था। इस सारणी ने तत्वों के वर्गीकरण के लिए एक महत्वपूर्ण नीव का कार्य किया। तत्वों के वर्गीकरण की दिशा में प्राउट (Prout 1815 ई.), डॉबेराइनर (Dobereiner 1829 ईं.) हैं ड्यूमा (Duma 1853 ईं.), न्यूलैंण्ड (Newland 1864 ई.), लोथर मेयर (Lothar Mayer, 1839 ई.) मेंडेलीफ (Mendeleef, 1869 ई.), बोर (Bohr 1913) आदि वैज्ञानिको का योगदान अत्यन्त महत्वपूर्ण हैं।

तत्वों को वर्गीकृत करने के सन्दर्भ में किए ‘गए पूर्व प्रयासों का विवरण निम्न है-

धातु तथा अधातु में विभाजन –

शुरुआत में, तत्वों को उनके गुणधर्मों के आधार पर धातु (metal) तथा अधातु (non-metal) में बांटा गया। बाद में कुछ ऐसे मॉडल वर्गीकरण तत्वों की खोज हुई, जिनके गुण धातु तथा अधातु दोनों के एक समान थे। तत्वों को ध्त्वान या उपधातु (metalloids) नाम दिया गया। आगे चलकर इस वर्गीकरण को अमान्य मान लिया गया, क्योकि यह तत्वों के मौलिक गुणों पर आधारित नहीं था।

विलियम प्राउट ने 1815 ईं. में यह अनुमान लगाया की कि सभी तत्वों के परमाणु, हाइड्रोजन परमाणुओं के सिर्फ संगठन मात्र हैं तथा सभी तत्वों के परमाणु भार, हाइड्रोजन के परमाणु भार के सरल गुणक होते है, क्यूंकि हाइड्रोजन का परमाणु भार एक मान लिया गया है, अत: नाइट्रोजन के परमाणु भार 14 का मतलब यह है कि नाइट्रोजन का निर्माण एक परमाणु हाइड्रोजन के 14 परमाणुओं से मिलकर हुआ है तथा इस आधार पर किसी तत्व का परमाणु भार हाइड्रोजन के परमाणु भार का सरल गुणक होता है। प्राउट की यह परिकल्पना गलत साबित हुईं, क्योकि कुछ तत्व ऐसे भी थे जिनके परमाणु भार सरल पूर्णांक न होकर दशमलव में थे, जैसे-क्लोरीन का परमाणु भार 35 . 5 हैं।

डॉबेराइनर के त्रिक समूह –

1829 ई० में जर्मन वैज्ञानिक डॉबेराइनर ने करीबन समान गुणधर्म वाले अनेक तत्वों को तीन – तीन के समूहों में उनके परमाणु भार में वृद्धि के क्रमानुसार विभाजित कर दिया तथा यह स्पष्ट किया कि प्रत्येक समूह के बीच वाले तत्व का परमाणु भार प्रथम एवं तृतीय तत्वों के परमाणु भारों के योग का लगभग मध्यमान होता हैँ। यह डॉबेराइनर का त्रिक नियम तथा इस प्रकार के समूह त्रिक (triad) कहलाते है। जैसे – लिथियम (Li), सोडियम (Na) एवं पोटेशियम (K)।

सन् 1884 ई० में रसायन न्यूलैण्ड ने यह स्पष्ट किया कि यदि तत्वों को उनके परमाणु भार के बढते हुए क्रम में व्यवस्थित किया जाए तो किसी तत्व से सात तत्व छोड़कर आठवाँ तत्व पहले तत्व से गुणों के समान होता है। यह समानता ठीक उसी प्रकार की होती है, जैसे संगीत में आठवाँ तथा पहला स्वर ध्वनि में समान होते हैं। इसे न्यूलैंण्ड का अष्टक नियम कहा जाता हैं।

लोथर मेयर वक्र –

1869 ई. में लोथर मेयर ने तत्वों के भारों तथा परमाणु आयतनों (atomic volumes) के बीच एक लेखाचित्र बनाया, जिसे लोथर मेयर वक्र कहा जाता हैं। इस वक्र के अनुसार तत्वों के गुण सामान्यत: उनके परमाणु भारों के आवर्त फलन हैं। इस वक्र पर समान गुण वाले तत्वों ने एक ही स्थिति में स्थान प्राप्त किया। उदाहरण –

  • शीर्ष पर प्रबल विद्युत् धनी तत्व क्षार धातु उपस्थित हैं।
  • आरोही भाग पर प्रबल विद्युत् ऋणी तत्व हैलोजेन उपस्थित हैं।
  • अवरोही भाग पर क्षारीय मृदा तत्व मौजूद हैं।
  • अष्टम समूह के तत्व वक्र के निचले भाग पर स्थित हैं।

शिक्षण के स्तर | Levels of Teaching in hindi

शिक्षण के स्तर (Levels of Teaching)

स्मृति एक मानसिक प्रक्रिया है, जो प्रत्येक प्राणी में किसी न किसी मात्रा में अवश्य पाई जाती है. वस्तुतः जब व्यक्ति किसी वस्तु, पदार्थ अथवा स्थान को देखता है तो उस वस्तु, पदार्थ अथवा स्थान के प्रतिमा अथवा चिन्ह उसके मस्तिष्क में बन जाते हैं, इन्हीं संचित चिन्हों अथवा पूर्व समय में सीखी हुई बातों को याद करना ही स्मृति कहलाती है. वुडवर्थ के अनुसार, "सीखे हुए अनुभव के सीधे उपयोग को स्मृति कहते हैं."

स्मृति की अवस्थाएं (Phases of Memory)

(1). अधिगम (Learning)- जब किसी व्यक्ति के व्यवहार अनुभव, अभ्यास और प्रशिक्षण में वांछित परिवर्तन लाया जाता है या लाने का प्रयास किया जाता है तो उसे अधिगम कहते हैं. स्मृति केवल अधिगम अथवा अनुभवों के अंकित होने पर आधारित होती है.

बौद्ध स्तर का शिक्षण (Understanding Level of Teaching)

बोध स्तर का शिक्षण, शिक्षण का मध्य स्तर हैं, इसमें उन छात्रों को सम्मिलित किया जाता है, जिनकी बुद्धि विकासशील होती है. बौद्ध स्तर के शिक्षण के लिए यह आवश्यक है कि शिक्षण पहले स्मृति स्तर पर हो चुका हो. बोध स्तर पर विद्यार्थियों को सामान्यीकरण तथा सिद्धांत एवं तथ्यों के संबंध में बोध कराने पर बल दिया जाता है। यदि शिक्षक को अपने इस प्रयास में सफलता मिलती है तो विद्यार्थियों में नियमों को पहचानने, समझने तथा उन्हें प्रयोग करने की क्षमता विकसित हो जाती है। बोध स्तर के शिक्षण में शिक्षक छात्रों के समक्ष पाठ्यवस्तु को इस प्रकार प्रस्तुत करता है कि छात्रों को बोध के लिए अधिक से अधिक अवसर मिले और छात्रों में आवश्यक सूझबूझ उत्पन्न हो।

बौद्ध स्तर के शिक्षण का प्रतिमान (Model of Understanding Level of Teaching)

  • उद्देश्य (Aim)
  • संरचना (Syntax)
  • परिपाक (Assimilation)
  • व्यवस्था (Organization)
  • वर्णन (Recitation)
  • सामाजिक व्यवस्था (Social System)
  • मूल्यांकन प्रणाली (Support System)

मॉडल वर्गीकरण

वर्गीकरण में तल्लीन करने के लिए, कई शब्दों के बीच अंतर करना आवश्यक है जो भ्रम पैदा कर सकते हैं:

  • एक सूची यह एक गणना है, आम तौर पर एक स्तंभ के रूप में, लोगों या चीजों की, और एक गणना उन भागों की क्रमिक अभिव्यक्ति है जो एक संपूर्ण बनाते हैं।
  • समूह एक समूह में इकट्ठा होना है, और एक समूह प्राणियों या चीजों की बहुलता है जो एक समूह बनाते हैं।
  • एक समूह यह लोगों या चीजों का एक समूह है।
  • सुलझाना यह कक्षाओं द्वारा कुछ ऑर्डर करना या व्यवस्थित करना है, और एक वर्ग सामान्य विशेषताओं वाले तत्वों का एक समूह है।
  • एक वर्गीकरण यह वर्गीकरण की क्रिया और प्रभाव है।
  • एक सुविधा यह वह है जो चरित्र से संबंधित है या उसके सापेक्ष है, एक गुणवत्ता के बारे में क्या कहा जाता है, जो चरित्र देता है या किसी को या किसी चीज को अपने साथियों से अलग करने का काम करता है।
  • Un मापदंड सत्य को जानना एक आदर्श है। वर्गीकरण के संदर्भ में, वर्गीकरण विशेषताओं को तय करना वर्गीकरण मानदंड तय करना है।
  • एक वर्ग यह सामान्य विशेषताओं वाले तत्वों का एक समूह है।
  • एक श्रेणी यह किसी चीज को वर्गीकृत करके स्थापित प्रत्येक वर्ग या विभाजन है।
  • एक परिवार यह वस्तुओं का एक समूह है जिसमें सामान्य विशेषताएं होती हैं जो उन्हें दूसरों से अलग करती हैं।
  • Un टाइप यह एक मॉडल, अनुकरणीय, एक प्रजाति या जीनस का विशिष्ट उदाहरण है।

समुद्रतल निवास निरूपण मॉडल वर्गीकरण में ध्वानिकी का प्रयोग

समुद्री तट

समुद्री तट सारांश
इस अध्ययन में ध्वनिक तरीके से समुद्रतल निवास की विशेषताओं का विवरण है। इसमें दोहरी (210 और 33 किलो हर्टज) बैक्स्कैटर संकेत आवृत्ति का, समुद्रतल तलछट और बेन्थिक बायोटा के साथ, परस्पर क्रिया का वर्णन है। इस प्रयोग में हमारा अन्वेषण क्षेत्र, भारत के मध्य पश्चिमी तट गोवा क्षेत्र के अपतटीय हिस्से में है, जहाँ समुद्र की गहराई 27-83 मीटर है। विभिन्न ग्रैन आकार के अवसादों के लिये दोहरी उच्च आवृत्ति प्रणालियों के परिणामों में पावर लाव प्रतिपादक का अनुमान, समुद्र तल स्थलाकृति डेटा के साथ बराबर पाया गया है। जुटना मानकों (प्रयोग गुंज चोटियों) की तुलना में बैक्स्कैटर संकेत आवृत्ति का तलछट और बेन्थिक मापदंडो के साथ बेहतर पारस्परिक संबंध पाया गया है। 210 किलो हर्ट्ज बैक्स्कैटर संकेत में रेत और कैल्शियम कार्बोनेट तलछट के लिये सही पारस्परिक संबंध पाए गए हैं एवं मेक्रोबेन्थिक बायोमास और जनसंख्या घनत्व के लिये भी सार्थक पाए गए। हालाँकि 33 किलो हर्ट्ज के लिये सही परिणाम नहीं पाए गए जो कि एक अलग बिखराव प्रक्रिया की ओर संकेत करते हैं।

ESD संवेदनशीलता वर्गीकरण स्तर

विभिन्न उपकरणों में इलेक्ट्रोस्टैटिक डिस्चार्ज, या ईएसडी के प्रति संवेदनशीलता के विभिन्न स्तर होते हैं। इस प्रकार, ईएसडी-संवेदनशील उपकरणों को उन लोगों से अलग करने का एक तरीका होना चाहिए जो ईएसडी के लिए कमजोर नहीं हैं। ईएसडी संवेदनशीलता परीक्षण में उपयोग किए जाने वाले प्रत्येक ईएसडी मॉडल में उनकी ईएसडी संवेदनशीलता के अनुसार उपकरणों को वर्गीकृत करने के लिए अपनी स्वयं की वर्गीकरण प्रणाली है।

एक डिवाइस की ईएसडी संवेदनशीलता आमतौर पर उच्चतम ईएसडी परीक्षण वोल्टेज के संदर्भ में निर्दिष्ट की जाती है जिसे यह पारित करता है और सबसे कम ईएसडी परीक्षण वोल्टेज जो यह प्रति ईएसडी मॉडल में विफल रहता है। इस प्रकार, ईएसडी संवेदनशीलता को अक्सर ईएसडी वोल्टेज की एक श्रृंखला के रूप में व्यक्त किया जाता है जिसे एक डिवाइस को सुरक्षित रूप से ईएसडी मॉडल में से प्रत्येक के लिए अधीन किया जा सकता है। निम्न तालिकाएँ प्रत्येक ESD मॉडल के लिए ESD एसोसिएशन द्वारा परिभाषित ESD संवेदनशीलता वर्गीकरण स्तर प्रस्तुत करते हैं।

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