चलने की औसत

साहित्य समाज का दर्पण है – इससे अभिप्राय यही है कि साहित्य समाज का न केवल चित्र प्रस्तुत करता है, अपितु समाज के प्रति वह अपना दायित्व निर्वाह भी करता है। समाज में फैली अनैतिकता, अराजकता, निरंकुशता जैसे अवांछनीय तत्त्वों के दुष्प्रभावों को साहित्य बड़े ही मर्मस्पर्शी रूप में हमारे समक्ष लाता है । हिंदी साहित्य की आदिकाल से लेकर आधुनिक काल तक रचित प्रायः सभी रचनाओं द्वारा तत्कालीन समाज की परिस्थिति, विचार व कार्य व्यापार की पूरी जानकारी प्राप्त होती है। यह भी सही है कि यदि साहित्य वास्तव में केवल समाज का दर्पण होता, तो कवि या साहित्यकार समाज की विसंगतियों या विडंबनाओं पर प्रहार नहीं करता और उसे अपेक्षित दिशा बोध देने के लिए भी प्रयत्नशील नहीं रहता । समाज के प्रति साहित्यकार का दायित्व आशा का संचार करना, उत्साह व कर्तव्यबोध को दिशा देना आदि है । प्राचीन काल से लेकर आज तक के साहित्यकारों की यही गौरवशाली परंपरा रही है कि समाज की रूपरेखा को कल्याणकारी व सुखद मार्ग द्वारा प्रस्तुत करने से सत्साहित्य का रचनाकार कभी पीछे नहीं हटता है । साहित्य में वह शक्ति है जो तोप तथा तलवारों में भी नहीं होती।
बिहार की जलवायु (MCQ)
Q13. बिहार के मैदानी भागों में चलने वाली गर्म हवा जिसे “लू” कहा जाता है, उसकी रफ्तार कितनी होती है ?
(A) 10-16 किमी० प्रति चलने की औसत घंटा
(B) 10-14 किमी० प्रति घंटा
(C) 8-16 किमी० प्रति घंटा
(D) 12-16 किमी० प्रति घंटा
Q14. वर्षा ऋतु में बिहार में किस मानसून का प्रभाव रहता है?
(A) दक्षिणी-पश्चिमी मानसून
(B) पूर्वी मानसून
(C) दक्षिणी मानसून
(D) दक्षिणी-पूर्वी मानसून
Q15. मानसून प्रत्यावर्तन के समय, बिहार के मैदानी इलाकों में कौन सी हवा चलती है।
(A) ठंडी पछुआ और उत्तरी हवा
(B) ठंडी पूर्वी और उत्तरी हवा
(C) ठंडी पछुआ और दक्षिणी हवा
(D) ठंडी पूर्वी और दक्षिणी हवा
UPSSSC PET exam paper 15 October 2022 – Shift 1 Answer Key
ज्ञान राशि के संचित कोश को ही साहित्य कहा जाता है । साहित्य जहाँ समाज को प्रभावित करता है, वहीं वह समाज से प्रभावित भी होता है । व्यक्ति समाज और साहित्य दोनों की रचना करता है । साहित्य से ही हमें अपने गौरवशाली इतिहास की जानकारी मिलती है। प्रत्येक युग का साहित्य अपने युग के प्रगतिशील विचारों द्वारा किसी न किसी रूप में अवश्य प्रभावित होता है। साहित्य हमारी कौतूहल एवं जिज्ञासा वृत्तियों और ज्ञान की पिपासा को तृप्त करता है । साहित्य से ही किसी राष्ट्र का इतिहास, गरिमा, संस्कृति और सभ्यता, वहाँ के पूर्वजों के विचारों एवं अनुसंधानों, प्राचीन रीति-रिवाजों, रहन-सहन और परंपराओं आदि की जानकारी प्राप्त होती है । किस काल में देश के चलने की औसत किस भाग में कौन सी भाषा बोली जाती थी, उस समय की वेशभूषा क्या थी, रहन-सहन कैसा था, सामाजिक और धार्मिक विचार कैसे थे, यह सब कुछ उस समय के साहित्य अध्ययन से ज्ञात होता है।
चलने की औसत
ग्वालियर के उत्तर – पूर्व में 26 ° 34’50 “अक्षांश और 78 ° 48’05” रेखांश पर अवस्थित भिंड मध्य प्रदेश का सबसे उत्तरी जिला है । यह क्वारी तथा पहुज नदियों के मध्य चंबल और सिंध की घाटियों में स्थित है। जिला 25 ° 54’5 ” उत्तर से 26 ° 47’50 ” उत्तर और 78 ° 12’45 ‘पूर्व से लेकर 79 ° 8’30’ ’79 डिग्री 8’30’ ‘पूर्व तक फैला हुआ है ।
उत्तर पूर्व की तरफ उभरा हुआ यह जिला अर्धवृत्ताकार है । भिंड जिले की सबसे बड़ी लंबाई दक्षिण पूर्व से उत्तर पश्चिम तक 105 किमी चलने की औसत है l
भिंड जिला उत्तर दिशा में उत्तर प्रदेश के आगरा और इटावा जिलों चलने की औसत और दक्षिण में ग्वालियर और दतिया जिलों से घिरा हुआ है । इसकी पूर्वी सीमा उत्तर प्रदेश के इटावा, औरैया और जालौन जिलों द्वारा बंद की जाती है जबकि पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी सीमाएं मुरैना जिले द्वारा साझा की चलने की औसत जाती हैं। उत्तर पश्चिमी सीमा आसन और क्वारी नदियों द्वारा चिह्नित की जाती है तथा उत्तरी और पूर्वी पर चंबल और पहुज नदियाँ बहती हैं।
जलवायु :
दक्षिण-पश्चिमी मानसून मौसम के अलावा भिंड का मौसम सामान्य तौर से सूखा रहता है। वर्ष को 4 ऋतुओं में विभाजित किया जा सकता है l शरद ऋतु दिसंबर से फरवरी तक और ग्रीष्म ऋतु मार्च से लगभग मध्य जून तक रहती हैं । जून के मध्य से सितंबर के अंत तक की अवधि दक्षिण-पश्चिम मानसून के मौसम है। अक्टूबर और नवंबर मानसूनोत्तर माह हैं l
भिंड की औसत वार्षिक वर्षा 668.3 मिमी है। जिले की स्थानिक भिन्नता बहुत अधिक नहीं है। दक्षिण-पश्चिम मानसून के महीनों में वार्षिक वर्षा का लगभग 92% प्राप्त होता है। औसतन एक वर्ष में 33 बरसात के दिन होते हैं। 6 सितंबर, 1910 को भिंड में जिले में किसी भी स्थान पर दर्ज 24 घंटों में सबसे भारी वर्षा 295.9 मिमी थी।
भिंड में कोई मौसम संबंधी वेधशाला नहीं है l फरवरी के बाद तापमान मई तक लगातार बढ़ता है जब औसत दैनिक तापमान 46 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 28 डिग्री सेल्सियस रहता है। जून में औसत तापमान दो डिग्री से अधिक हो सकता है। गर्मियों में अति तीव्र गर्मी होती है और अक्सर चलने वाली धूल भरी व झुलसाने वाली हवाएं अति कष्टकारी होती हैं । जून के मध्य में मॉनसून की शुरूआत के साथ तापमान में एक सुखद गिरावट आती है। अक्टूबर के बाद दिन और रात के तापमान में तेजी से गिरावट आती है l अधिकतम औसत तापमान 23 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम औसत तापमान 5 डिग्री सेल्सियस के साथ जनवरी सबसे ठंडा महीना है l 2003 में न्यूनतम तापमान 2-3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था l ठंड के मौसम में पश्चिमी हवायेन एवं शीत लहर जिले को प्रभावित करती हैं और न्यूनतम तापमान पानी के हिमांक से भी लगभग एक डिग्री नीचे गिर जाता है।
ये हैं भारत की सबसे तेज रफ्तार ट्रेन, देखें किस Train की कितनी है Speed
ऑटो डेस्क । भारतीय रेल (Indian Railways) देश में विभिन्न स्थानों की दूर कम करने के लिए ट्रेनों की स्पीड बढ़ाने की दिशा में पर लगातार काम कर रही है। इसमें रेल पांतों को भी बदला जा रहा है। दूरी कम करने के लिए नई रेल लाइन बिछाई जा रहीं हैं। सिग्नल सिस्ट को बहुत पहले अपडेट किया जा चुका है। वहीं देशमें बुलेट ट्रेन का काम भी बहुत तेज गति से चल रहा है। ऐसी उम्मीद है कि साल 2024 तक देश में पहली बुलेट ट्रेन दौड़ने लगेगी। मौजूदा समय की बात करें तो देश में कई ट्रेनें (India top speed train) हैं जो 150 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से अधिक तेजी से दौड़ती हैं। इसमें टॉप पर वंदे भारत एक्सप्रेस (Vande Bharat Express) से लेकर दूरंतो एक्सप्रेस (Duronto Express) तक शामिल है। देखें सबसे तेज भागने वाली ट्रेनों की क्या है स्पीड.
हवाई जहाज 1 लीटर में कितना माइलेज देता है?
हवाई जहाज से यात्रा करना सबको पसंद है और अधिकतर लोग आजकल इसका उपयोग कर रहे है. ये एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से और कम समय में पहुंचा देता है. परन्तु क्या अपने कभी सोचा है कि हवाई जहाज का माइलेज क्या है या 1 लीटर ईंधन में यह कितना चलता है. आइये इस लेख के माध्यम से अध्ययन करते हैं.
जब भी हम बाइक, कार या कोई व्हीलर खरीदते हैं तो हमेशा ये जरुर पूछते हैं कि ये कितना माइलेज देता है, उसमें तेल की कितनी खपत होती है. एक वक्त था जब सिर्फ अमीर लोग हवाई यात्रा करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं है. हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ रही है. हवाई जहाज में बाकी व्हीलर की तरह ही ईंधन का इस्तेमाल होता है. हवाई जहाज भी एक खास तरह के ईंधन से चलता है. जिस प्रकार हम देखते हैं कि बाइक या कार कितना एवरेज या माइलेज देती है उसी प्रकार क्या आपने कभी सोचा है कि हवाईजहाज 1 चलने की औसत चलने की औसत लिटर में कितना माइलेज देता है यानी 1 लीटर ईंधन में कितना चलता है. हवाई यात्रा करते समय क्या आपके मन में ये सवाल कभी आया है? अगर हाँ! तो आइये इस लेख के माध्यम से इसका उत्तर जानते हैं.