विदेशी मुद्रा व्यापार प्रणाली

चिट फंड के प्रकार

चिट फंड के प्रकार
सांकेतिक तस्वीर

चिट फंड के प्रकार

एनबीएफसी को मोटे तौर पर निम्नलिखित आधार पर वर्गीकृत किया गया है:

  1. देयताएं:
  2. जमा स्वीकार करने वाले एनबीएफसी और
  3. गैर-जमा एनबीएफसी स्वीकार करते हैं,

(गैर-जमा लेने वाले एनबीएफसी को उनके आकार के अनुसार आगे वर्गीकृत किया गया है 🙂

  • कारक
  • चिट फंड के प्रकार
  • बंधक गारंटी कंपनियां
  • निवेश क्रेडिट कंपनी
  • इन्फ्रास्ट्रक्चर डेट फंड
  • माइक्रो फाइनेंस इंस्टीट्यूशन
  • नॉन-ऑपरेटिव फाइनेंशियल होल्डिंग कंपनी
  • व्यवस्थित रूप से महत्वपूर्ण कोर निवेश कंपनी

NBFC लाइसेंस के चिट फंड के प्रकार लिए आवेदन निम्नलिखित में से किसी भी श्रेणी में किया जा सकता है:

गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां – कारक (एनबीएफसी-कारक): ये एनबीएफसी हैं जो अपने प्रमुख व्यवसाय गतिविधि के रूप में फैक्टरिंग करते हैं। फैक्टरिंग एक वित्तीय लेनदेन है। एक प्रकार का ऋणी वित्त जिसमें कोई इकाई अपने चालान या बिल (खाता प्राप्य) को किसी तीसरे पक्ष (NBFC-Factor) को छूट पर बेच सकती है। इसे आमतौर पर बिल छूट या चालान वित्तपोषण के रूप में भी जाना जाता है।

चिटफंड कंपनी के 4 डायरेक्टर राजस्थान से गिरफ्तार

बलौदाबाजार. सीएम भूपेश बघेल के निर्देश के बाद से लगातार चिटफंड कंपनियों के डायरेक्टरों की गिरफ्तारी जारी है. बलौदाबाजार-भाटापारा पुलिस ने चिटफंड कंपनी गरिमा रियल स्टेट कंपनी के 4 डायरेक्टरों को गिरफ्तार किया है. इस चिटफंड कंपनी ने रकम दोगुना करने का लालच देकर लोगों को ठगी का शिकार बनाया है. पूरे जिले में इस चिटफंड कंपनी से 27,61,80,361 रकम वापसी के लिए 9312 आवेदन आया है.

गरिमा रियल स्टेट कंपनी के विरुद्ध थाना सिटी कोतवाली एवं सुहेला में अपराध दर्ज किया गया है. चारों आरोपी डायरेक्टरों को धौलपुर जेल राजस्थान से न्यायालयीन प्रक्रिया के तहत गिरफ्तार किया गया है. इस चिटफंड कंपनी के 2 आरोपी डायरेक्टरों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

चिट फंड के प्रकार

सीधीः चिटफंड कंपनी की अचल सम्पत्ति की बिक्री पर रोक, कलेक्टर ने दिये कुर्की के आदेश

चिटफंड कंपनी की अचल सम्पत्ति की बिक्री पर रोक, कलेक्टर ने दिये कुर्की के आदेश

सीधीः चिटफंड कंपनी की अचल सम्पत्ति की बिक्री पर रोक, कलेक्टर ने दिये कुर्की के आदेश

सीधी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की मंशा के अनुसार चिटफंड कंपनियों पर लगातार कार्यवाही की जा रही है। चिटफंड कंपनियों की चल-अचल सम्पत्ति की कुर्की करके पीड़ित ग्राहकों को उनके द्वारा जमा की गई राशि वापस करने के प्रयास किये चिट फंड के प्रकार जा रहे हैं। कलेक्टर रवीन्द्र कुमार चौधरी ने शुक्रवार को चिटफंड कंपनी एचएनसी इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड शेयर्स इण्डिया लिमिटेड तथा उसके संचालकों की चल-अचल सम्पत्ति की बिक्री पर रोक के आदेश दिये हैं। इसके साथ ही उन्होंने कंपनी के नाम सीधी जिले में रामपुर नैकिन तहसील के ग्राम शिकारगंज में स्थित 18.75 हेक्टेयर जमीन की कुर्की के आदेश दिये हैं। इस जमीन की अनुमानित कीमत लगभग 96 लाख रुपये है।

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उक्त प्रकरण में पुलिस अधीक्षक सीधी तथा पुलिस अधीक्षक सिंगरौली के निर्देशन में पुलिस द्वारा चिटफंड कंपनी एचएनसी इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड शेयर्स इण्डिया लिमिटेड तथा उसके संचालकों के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर त्वरित एवं प्रभावी कार्यवाही की जा रही है। चिटफंड कंपनी के विरूद्ध प्रकरण दर्ज होने पर इसके संचालक सहित पांच आरोपित फरार हैं। पुलिस द्वारा इनकी सरगर्मी से तलाश की जा रही है। इस प्रकरण में कलेक्टर ने मध्यप्रदेश निक्षेपकों के हितों का संरक्षण अधिनियम 2000 के तहत प्रकरण दर्ज कर कार्यवाही की है।

सीधी जिले चिट फंड के प्रकार में वर्ष 2010 से पड़ैनिया पेट्रोल पंप के पास एचएनसी इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड शेयर्स इण्डिया लिमिटेड की शाखा संचालित है। इसके संचालक रामाधार चौधरी निवासी बोदाबाग रीवा हैं। कंपनी का मुख्यालय अनंतपुर रीवा में है। कंपनी में सतीश कुमार आर्य निवासी रघुनाथपुर जिला सतना, रामनरेश सहगल निवासी समान बेलौहन टोला रीवा मुख्यालय में कार्य कर रहे हैं। सीधी स्थित कंपनी की शाखा के ब्रांच मैनेजर अशोक चौधरी निवासी पड़रा आरटीओ आफिस के पास सीधी हैं। सीधी में ही ब्रांच मैनेजर के रूप में राजकुमार साकेत निवासी सीधी, महेन्द्र नवैत पुलिस लाइन सीधी, ओपी गुप्ता सीधी, रामरतन पाल ग्राम कोठार जिला सीधी कार्यरत थे। इनके द्वारा गांव-गांव जाकर कंपनी का प्रचार करके लोगों से पांच साल में राशि जमा होने का लालच देकर बड़ी मात्रा में राशि जमा करायी गई। जबकि कंपनी एचएनसी इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड शेयर्स लिमिटेड भारतीय रिजर्व बैंक अथवा भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड सेबी से धन जमा करने की अनुमति प्राप्त नहीं है। कंपनी द्वारा आमजनता से अवैध तरीके से धनराशि जमा करायी गई है।

हरियाणा सरकार का ऐतिहासिक फैसला, फर्जी योजनाओं का शिकार बनाने वाले चिट फंट कंपनियों पर लगाया बैन

सांकेतिक तस्वीर

चंडीगढ़। हरियाणा में चिटफंड कंपिनयों का बड़ा जाल है। कुकरमुत्तों की तरह ये शहर-शहर फैली हुई हैं। प्रदेश में गोल्डन फॉरेस्ट और फ्यूचर मेकर कंपनियों के बड़े घोटाले सामने आ चुके हैं। इनमें हजारों लोगों का करोड़ों रुपये फंसा हुआ है। अब हरियाणा सरकार ने निर्दोष लोगों को फर्जी योजनाओं का शिकार होने से बचाने के लिए चिटफंड और मनी सर्कुलेशन कंपनियों पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। नए कानून के अधिसूचित होने के बाद मनी सर्कुलेशन व्यवसाय करने वाली कंपनियां, फर्म, लोग और व्यापारिक संगठन राज्य में निवेश नहीं कर सकेंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया। कैबिनेट ने हरियाणा धन परिचारण योजना (प्रतिबंध) अधिनियम, 2022 को अपनी मंजूरी दे दी है।

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